शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 31 May 2020 · 1 min read उँगलियाँ मात्र गिनती हैं। समेटे हुए पल उसने जूड़े में बाधा है। इसलिए वो अब बाल खुले रखती नहीं । बकबक करती घूमती थी जो आंगन में। सिर्फ सुनती है किसी को कुछ कहती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 378 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 30 May 2020 · 1 min read चाँद निकलता नहीं। बड़ी हसरत थी उन्हें राह-ए-सफर चुनने की। रहमते रब सफर में थे, आज भी सफर मे हैं। न था वास्ता जिनका इनकी-उनकी बातों से। सुना है आज कल वो हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 193 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 May 2020 · 1 min read प्रश्नों की सीमा तक जा। किस बात की परेशानी है। कैसी ये हैरानी है? तू है सार विकल्पों का। तू ही असीम ग्यानी है। अन्तर्मन में लगा के गोते। मन के मोती तू चुन ला।... Hindi · कविता 3 2 488 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 May 2020 · 1 min read ख़ामोशी सुन लो! ये खामोशी सुन लो, असीम कोलाहल स्थापित है। है शीतल ये अमृत सी, पूरा हलाहल समाहित है। उग्र है ये ज्वाला सी, लहरों सी प्रवाहित है। पढ़ लो नैन लेखनी... Hindi · कविता 4 4 326 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 10 May 2020 · 1 min read माँ "माँ" लिख पाऊं शब्दों में तुमको, वो अधिकार कहां है? गा सकूं सरगम में तुमको, वो सुर का संसार कहाँ है? गहराई नापूं मैं ममता की, इसका पारावार कहाँ है?... Hindi · कविता 2 292 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 9 May 2020 · 1 min read "ए जिंदगी!" मैं कहूं-"लिख दूं तुम्हें" तुम कहोगी-"जी नहीं"। मैं कहूं-"पढ़ लूं तुम्हें" तुम कहो "बिल्कुल नहीं"। जो कहो तुम ही कहो तुम मेरी सुनती नहीं। तुम मेरी प्यारी सखी तेरी मैं... Hindi · कविता 1 208 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 8 May 2020 · 1 min read बैर नहीं है। "सच है कि मेरा किसी से बैर नहीं हैं। सब अपने हैं कोई भी तो गैर नहीं है। सख्त हूं क्योंकि मौत दहलीज पर है , लापरवाही से जिदंगी की... Hindi · मुक्तक 1 2 405 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 7 May 2020 · 1 min read समय काश सब कर लिया होता समय से समय रहते। वो समय बीत गया तो फिर हम आज न कहते। जाने क्यों मुड़ गया रास्ता मंजिल के करीब से, वक्त कहाँ... Hindi · मुक्तक 3 339 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 7 May 2020 · 1 min read एतराज़ आज भी खुश हूं मैं लोगो को बहुत एतराज़ है। टूट गई पर बिखरी नहीं इसका एक ही राज़ है। हर सुबह एक ही बात याद रखकर जगती हूं, आज... Hindi · मुक्तक 3 2 212 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 7 May 2020 · 1 min read " सजा़वार " भरोसा कर उसकी बातों पर, हम गुनाहगार हो गये। बदली उसने अपनी फितरत, हम खतावार हो गये। यूं तो समयानुसार कई शक्लें हैं उसके किरदारों की, उसकी कमियां छिपाकर, हम... Hindi · मुक्तक 2 1 171 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 7 May 2020 · 1 min read " हार-जीत " हार-जीत तो किस्मत के सिक्के का दो पहलू है। तेरे जीवन के शतरंज का प्यादां और राजा तू है। हर चाल तेरी तुझको तेरे मंजिल तक ले जाएगी। कभी जीत... Hindi · कविता 2 1 358 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 May 2020 · 1 min read " कान्हा की उलाहना " सुनहु मात हम वैसहु नाई। जैसन ई सब नारि बताई।। मै नही चोरी माखन कीनि। कर बरजोरी मुख मलि दिनि।। पहर तलक मोहे नाच नचायो। पकरि मोहि मुरली बजवायो।। नाच-नाच... Hindi · कविता 4 455 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 May 2020 · 1 min read "मेरे दुश्मन" ये दुश्मनी मुझे हार को भी जीतने को मजबूर कर जाती है। झूठ हैं कहते सब तेरी हर नुकीली बात सच कह जाती है। तू ईर्ष्या में ही सही मेरे... Hindi · कविता 2 1 567 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 5 May 2020 · 1 min read "विधान" एक एक करके शाख से सूखे पत्ते झड़ गए। नवीन पत्ते फनगे और फिर धीरे से बढ़ गए। उत्थान और पतन तो विधान है विधाता का, वो भी मिटे जो... Hindi · मुक्तक 2 1 206 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 5 May 2020 · 1 min read "हारी नहीं हूँ" बहुत दूर चलकर लौटी हूँ तो क्या, मैं हारी नहीं हूँ । कुछ छाले और जख्म ही है पग में, मैं बेचारी नहीं हूँ। हर जिम्मेदारी का बोझ उठा लूं,... Hindi · कविता 5 6 276 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 5 May 2020 · 1 min read ताल बदल ली। हर सुर बदला मैने, हर लय-ताल बदल ली। उजाले को चिराग़ बदला, मशाल बदल ली। बस जो बदली मैं ही बदली ए जिदंगी!!, तूने तो मेरे दुःख में, तेरी हर... Hindi · मुक्तक 4 4 212 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 May 2020 · 1 min read "करतब आजमाया जाए" चल बन्दे कुछ कर कि अपना करतब आजमाया जाए। आसमान को जमीं और जमीं को आसमां बनाया जाए। कौन कहता है आग नहीं होती है दरिया के भीतर, चल आग... Hindi · मुक्तक 3 4 284 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 May 2020 · 1 min read आंँखो में झाँक कर देखो। हँसती आँखो में झाँककर देखो कोई आँसू कहीं छुपा होगा। पलको के नीचे ताककर देखो कोई सैलाब कहीं दबा हैगा। पूछो उससे इतना खामोश क्यों रहता है आजकल वो, लाज़मी... Hindi · मुक्तक 3 4 168 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 May 2020 · 1 min read त्याग "शूरवीरों" का क्षमा कर माँ तेरे पुकारने पर भी मैं आ न सका। तेरे आँचल में मेरा सिर सुकून से लिटा न सका। न थामी बापू की लड़खडा़ती कमजोर सी लाठी। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 208 Share Previous Page 2