Sharda Madra 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read सवैया किरीट (मुरलीधर) किरीट सवैया चूनर छीन गयो कित मोहन, ढूंढत हूँ तुझको मुरलीधर बांह मरोरत गागर फोड़त, आज उलाहन दूँ जसुदा घर बोलत बाल सखा घर भीतर, श्याम रहो इत ही नट... Hindi · कविता 1 1k Share Sharda Madra 13 Jan 2017 · 1 min read ईश की रचना सुता गीतिका ईश की रचना सुता मापनी- 2122 2122 2122 212 ईश की रचना सुता जन्में सभी को नाज़ हो थाल ठोको इक मधुर संगीत का सुर साज हो मार डाला... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 923 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read तन मन धन अर्पण करूं तन मन धन अर्पण करूं, ध्याऊँ तुझे नित श्याम चरणों की चेरी बनकर, करूं सेवा निष्काम छ्ल- कपट लोभ प्रपंच से सदा रहूँ मैं दूर बन वृन्दा निधिवन की मैं,... Hindi · मुक्तक 1 747 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read काव्य कल्पतरु शब्दों के जंगल में काव्य कल्पतरु की छाँव है काव्य रस पिपासा पूर्ण करने की यह ठाँव है यहां दुआ, प्रेरणा,उमंग, ज्ञान का है घट भरा लेखन का जनून जहां,... Hindi · मुक्तक 727 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी पिचकारी धरी हाथ ग्वाले भी है संग साथ राधा की वो पूछे बात द्वार कोई आया है। राधा करे अन-मन चलो चले मधुबन खेलेंगे न हम होली श्याम ने सताया... Hindi · कविता 1 698 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read चिड़िया रानी गीत चिड़िया रानी एक कहानी कहती थी बच्चों से नानी बच्चों की जब मुराद पाई औचक ख़ुशी से चहचहाई ममता में फिर तुम दीवानी ढूंढ रही थी दाना-पानी रहती थी... Hindi · गीत 678 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read सूर घनाक्षरी पत्थर पहाड़ पत्ते, तपाये तपन तपें, आग आज अजगर, सा मुख फैलाये आदमी आकुल अब, पशु- पक्षी दुखी सब, बुझाए बुझे न बुरे, हालात बनाये पंख पसारे पवन, और उसारे... Hindi · घनाक्षरी 576 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read खुदा का नूर मुकद्दर से पराजित हो बहुत मजबूर होते है तड़पते आह भरते प्यार में मशहूर होतें है पिटे जब कैस जख्मी,दर्द में लैला,सुना होगा कहो दिल से, असल में वे खुदा... Hindi · मुक्तक 1 528 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read रंग-रंगोली हुरियारिन रंग डाले हुरियारे मन भाई होली घुमा-घुमा लट्ठ मार रही, करती हंसी-ठिठोली प्रेम पगे रंग लगे जोश से बजे ढोल मृदंग हृदय के भीतर छा गई खुशियों की रंग... Hindi · मुक्तक 541 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read पिया परदेस कुछ तपन मन में और कुछ बातें अनकही कहूँ किसे पिया परदेस यही सोच रही लिखूं मैं कोरे कागज़ पर मन की बातें वो भी पढ़े विरह में, मैंने क्या-क्या... Hindi · मुक्तक 565 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read गाहे-बगाहे अनुबंध में बंध कुछ चाहे कुछ अनचाहे झेलने पड़ते वे सभी गाहे - बगाहे पग-पग समझोते का ही है नाम ज़िन्दगी मानव मन उसे दिल से चाहे या न चाहे।... Hindi · मुक्तक 556 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read बैठते न ठाले समय सारा किया परिवार के हवाले लिखें कुछ कैसे कभी बैठते न ठाले। कभी चाय बनती, बनते परांठे थोड़े हलवा गाजर का, कभी बनते पकोड़े। सब्जियां बाज़ार से पड़ती है... Hindi · कविता 2 569 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read मन बांधे कब बंधा मन बांधे से न बंधा, ऊँची उड़े उड़ान बाँधा जिसने है इसे, वो ही चतुर सुजान ** लोभ करना बुरी बला,जाओगे तुम डूब बनो सहारा दीन का, अच्छे बन इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read सुख दुख छोटा दुख पर्वत सा लगता,सुख का कोई नाप नहीं सुख दुख में यदि सम होंगे हम होगा फिर संताप नहीं ज्ञान से आलोकित हो यदि पथ, रहे जीवन में उजास... Hindi · मुक्तक 493 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read खिला कण कण खिला कण कण,पुष्प महके, भ्रमर बहके, आम्र बौर आये कोयल कूके,पलाश दहके, मलय समीर, रवि मुस्काये पीताम्बरी नवयौवना धरा, को करके आलिंगनबद्ध मदन मद मस्त सा कुसुमाकर, झूमकर प्रणय गीत... Hindi · मुक्तक 1 513 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read साहस उम्मीद की किरण टिमटिमाती थी टूटे सितारे में बेचारी बन न जीना चाहती, ज़िन्दगी उधारे में हौसलों के सोपान से चढ़ी छूने को वो आकाश पग को ही कर बना... Hindi · मुक्तक 469 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक No content Hindi · कविता 1 478 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read मेघा नदियाँ सूखती जाती, नाले, तालाब सब सूखे हैं इमारतें ढेरों, पेड़ ज्यों कंकाल हों रूखे निर्झर बन बरसो रे मेघा झनाझन झनाझन घन धरा धान्य से हो परिपूरित प्राणी रहें... Hindi · मुक्तक 1 472 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read हनुमंत संकट मोचन हनुमंत, शत शत तुझे प्रणाम श्रद्धा से ध्याऊँ तुझे, पूर्ण कीजे सब काम दुःख की छाया न पड़े, करूँ यही कामना मंगलमूर्ति हे प्रभुवर, आओ मेरे धाम । Hindi · मुक्तक 462 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read दाना पानी के सिलसिले दाना-पानी के सिलसिले परदेश में ले जाते बच्चे माँ-बाप से बिछड़, अपनी जीविका कमाते। बूढ़ो की अपनी मजबूरी नीरस जीवन जीते एक समय लाचार हो, शरण वृद्धाश्रम पाते। Hindi · मुक्तक 1 439 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read पत्थरों को तोड़ती वह मजदूरन पत्थरों को तोड़ती नज़रें कहीं न मोड़ती लक्ष्य को भेदती श्वेद बहाती। अथक परिश्रम मन में न गम गीत गुनगुनाती धूप चिलचिलाती ईंटें सिर पर उठाती घोलती गारा... Hindi · कविता 463 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read रोक लो प्रदूषण एक टुकड़ा बादल ,क्या प्यास बुझा देगा कटें जंगल रहो प्यासे रब सजा देगा अब रोक लो प्रदूषण बढ़ाओ हरियाली नहीं तो नीर इक दिन तुम को दगा देगा। Hindi · मुक्तक 424 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read जोड़-तोड़ जोड़-तोड़, कर जुगाड़, संवार बिगाड़ यही संसार शैशव में शिशु भी करता यही , सीखने का आधार। घटा-गुणा के चक्कर में पड़ी है देखो दुनिया सारी जप तू राम-नाम सरस,... Hindi · मुक्तक 450 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read रंगो भीगे रंगो भीगे अंग, हिय में उमंग , मारे पिचकारियाँ इत भागो उत भागो रंग डारो,बालक भरें किलकारियाँ मिले सब गले,मिटा दिये शिकवे गिले,गुजिया खिलायें होली पे सदा खिलें प्यार मनुहार... Hindi · मुक्तक 1 421 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read जीवन जीवन यज्ञशाला, परिश्रम की आहुतियाँ जरूरी रहो कर्मरत ,सब सपने और ख़्वाहिशें हो पूरी गीता का ज्ञान याद रखो , कंटक मार्ग हो सुलभ समस्याएं मिट जायेंगी, फिर न कोई... Hindi · मुक्तक 434 Share Sharda Madra 16 May 2016 · 1 min read तोल-मोल तोल-मोल के बोल ये दुनिया गोल-मोल हंसी उड़ाये पल में देगी पोल खोल शब्दों पर अंकुश हो संशय हो न कोई वाणी वचनामृत में सुधारस घोल-घोल Hindi · कविता 1 429 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read अमलतास हल्दी चढ़ी दुल्हन सरीखी सुशोभित डाल है चंदन सी सुनहरी मुस्कुराहट भी कमाल है पवन छू -छू कर करे शरारत गुलों से देखो ग्रीष्म में भी अमलतास का सौंदर्य मिसाल... Hindi · मुक्तक 1 387 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read लिपियाँ सूखे की ये जल विहीन धरा की लिपियाँ सूखे की निशानी कुंभ सिर, हाथ धर चली पीताम्बरी, भरने पानी तपती दोपहर, गर्मी का कहर , वृक्ष नदी न नहर खोजे जल रसोई... Hindi · मुक्तक 414 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read कर्म फल सपने ने मुझसे कहा पाने की सदा तमन्ना रख परिश्रम हर्ष से बोला, प्राणी! मन को न अनमना रख पुस्तक करे इशारा, देर-सवेर मिलेगा कर्म फल दिल भी तुरंत बोल... Hindi · मुक्तक 465 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read वृक्ष आनन फानन में मैं चली गई इक कानन में दृश्य सुन्दर, पवन संगीत बजा इन कानन में कटते रहे यदि वृक्ष तो क्या होगा इस जीवन का न वन्यजीवन, न... Hindi · मुक्तक 406 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read सूखा ये जल विहीन धरा की लिपियाँ सूखे की निशानी कुंभ सिर, हाथ धर चली पीताम्बरी, भरने पानी तपती दोपहर, गर्मी का कहर , वृक्ष नदी न नहर खोजे जल रसोई... Hindi · मुक्तक 391 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read मात पिता मात-पिता श्रद्धेय सदा, पूज्य ईश समान उनके इर्द-गिर्द बसे,अपना सकल जहान कलयुगी सुत कर रहे, अपमान उनका घोर करोगे जैसा भरोगे , लीजिये यह जान । Hindi · कविता 406 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read पुष्प रोशन बहार तू, दिलकश श्रृंगार तू मौसम की अदा, भंवरे का प्यार तू चंदन रंग खुशबू पराग सिंचित कर पंखुड़ी खोले कोमल सा अकार तू। Hindi · मुक्तक 458 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read उपवन प्रकृति रचित, मानव सिंचित, श्रमिक का श्रमदान अधिक सुहावन, मन लुभावन, पावन उद्यान ओस बिन्दु, तितलियाँ भँवरें, सुगन्धित स्थान नयनाभिराम, रोमांच तन, कुसमित मुस्कान। Hindi · मुक्तक 389 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read शारदे माँ शारदे माँ सज रही तुम, आज वीणा बजाती संगीत में रमी तुम, हर तान है लुभाती तू ज्ञान का समुद्र,दो बूँद चाहती मैं झोली भरो कृपा कर, तेरी सुता कहाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 418 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read उड़ान पवन मेरी सीढ़ी बने, वितान पर हो इक मकान रवि से बाते करूँ, शशि तारे हों मेरे मेहमान बादलों के पोत चढूँ और नक्षत्रों पर विचरूँ शोध कर उतरूं पृथ्वी... Hindi · मुक्तक 356 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read कलम अलबेली कलम अलबेली मेरी सहेली, साथ सदा रहती मेरे दिल की ये धड़कन इसे हर बात मैं कहती खिला देती कागज़ के फूल, भरती रंग अनेक कभी श्रृंगार, वीर, रौद्र कभी... Hindi · मुक्तक 376 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read तदबीर इक सोना धरो मत हाथ पर यूं हाथ, है तदबीर इक सोना मलोगे हाथ फिर तुम ही, रहेगा व्यर्थ का रोना करो तुम कर्म साहस से,बनो कर्मठ अरे मानव मिलेगा फल तुम्हें... Hindi · मुक्तक 366 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read प्रेम धार निराशा न घेरे कभी बार-बार दिलासा सभी को सभी को दुलार नमी हो दिलों में बहे ज्ञान गंग न शिकवे गिले हों बहे प्रेम धार। Hindi · मुक्तक 332 Share Sharda Madra 26 Jun 2018 · 1 min read गीतिका गीतिका मात्रा 16,14 बैठी हूँ ये आस लिए नयन सरोवर कमल खिले दो, मौसम का अहसास लिए यादों की पंखुड़ियां फैली, मन में इक विश्वास लिए ****** दिल की धड़कन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 361 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read मन चंचल मन चंचल, अधीन हम,पल-पल में भटकाये कभी चढ़ाये पर्वत , कभी धरा पटकाये ज्ञान की डोरी से अंकुश लगा यदि बांधे तिनके प्रस्तर सम,जीवन संतुलित हो जाये। Hindi · मुक्तक 337 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read प्रीत तेरी प्रीत ने हमें दीवाना बना दिया रीते दिल को देखो महखाना बना दिया मदहोश हुए प्यार की मय पीने के बाद जलती हुई शमा का परवाना बना दिया। Hindi · मुक्तक 1 329 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read भोला भाला रूप भोला-भाला रूप बना कुछ साधू फैंके जाल कथा-कहानी सुनके जनता दंग,करते वो कमाल असलियत खुली, गुनाह सामने, उन्हें मिलती जेल अंधास्था, अन्धविश्वास कभी न करो, रखो ख्याल Hindi · मुक्तक 1 342 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read कविता मैंने कभी अभिनय नहीं किया माँ, बहन, बेटी, दादी होने का रिश्तों को वास्तविकता से जिया घिसे-पुराने पिछड़े रिवाजों से तंग नहीं आई इनके साथ समझोता कर उनका नवीनीकरण किया... Hindi · कविता 1 316 Share Sharda Madra 28 May 2016 · 1 min read गीतिका कारे-कारे कजरारे बदरा रे नीर बहा रे तड़पे तपती धरती भी माटी की तपन बुझा रे पक्षी प्यासे भटक रहे जल देकर प्राण बचा रे त्रास मची गरमी भीषण शीतल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 306 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read खट्टे-मीठे खट्टे-मीठे अनुभवों को आत्मसात रख कुछ कडुवा भी मिले यदि मैले न जज़्बात रख दिल को न अंगार बना,संयम बहुत ज़रूरी शांतिपूर्वक सामने आकर अपनी बात रख। Hindi · मुक्तक 339 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read प्रथम शिक्षक ज्ञान के रोशन सितारे वो करे साख नैतिकता सुज्ञानी ही धरे पाठ स्कूलों में बड़ा चाहे पढ़े माँ प्रथम शिक्षक गुण शिशु में'भरे। Hindi · मुक्तक 310 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read बो रहा कोई विष बीज ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ बो रहा कोई विद्रोही विष बीज, पनपने मत दो देशद्रोह, आतंक का तावीज़ पहनने मत दो जागो राष्ट्र प्रेमियों बुलंद अपनी वाणी करो दंभियों का दंभ तोड़ एकता बिखरने... Hindi · मुक्तक 1 313 Share Sharda Madra 16 Jun 2016 · 1 min read ;ज़िन्दगी ज़िन्दगी की खूबसूरत परिभाषा लिख हर बात को बढ़ाकर न तू तमाशा लिख मौज में रहकर बीते जीवन अनमोल निराशा को त्याग नित नवीन आशा लिख। Hindi · मुक्तक 312 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read प्रेम खुमारी पावन सदा पुनीत मृदुल सा जहान हो सुरभित पवन,रंगीन प्रकृति रूपवान हो रिश्ते प्रगाढ़, प्रेम खुमारी बनी रहे कोई न हो गरीब सभी का मकान हो। Hindi · मुक्तक 286 Share Page 1 Next