Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2016 · 1 min read

कविता

मैंने कभी अभिनय नहीं किया
माँ, बहन, बेटी, दादी होने का
रिश्तों को वास्तविकता से जिया
घिसे-पुराने पिछड़े रिवाजों से
तंग नहीं आई
इनके साथ समझोता कर
उनका नवीनीकरण किया
संयुक्त परिवार में रही
अब सब ने एकल किया
संस्कारों की कल्पना
टूटते परिवार, घरों में दीवार
आज की प्रथा है बस यही
व्यथा है बस यही
एक अबोध बालक ने दूसरे से कहा-
तुम अकेले क्यों हो?
वह बोला- माँ नौकरी करती है
तो क्या! दादी पाल लो
हमने भी पाली है
संस्कार दिवालिया हो गए हैं
नहीं जानती संवरेंगे
कब और कैसे?

Language: Hindi
1 Like · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पाप पंक पर बैठ कर ,
पाप पंक पर बैठ कर ,
sushil sarna
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
मेरा जीवन,मेरी सांसे सारा तोहफा तेरे नाम। मौसम की रंगीन मिज़ाजी,पछुवा पुरवा तेरे नाम। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोरोना तेरा शुक्रिया
कोरोना तेरा शुक्रिया
Sandeep Pande
संबंध क्या
संबंध क्या
Shweta Soni
ये नज़रें
ये नज़रें
Shyam Sundar Subramanian
.        ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
. ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
इंसान VS महान
इंसान VS महान
Dr MusafiR BaithA
तेरी हर अदा निराली है
तेरी हर अदा निराली है
नूरफातिमा खातून नूरी
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
करवा चौथ
करवा चौथ
Er. Sanjay Shrivastava
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
धार्मिक नहीं इंसान बनों
धार्मिक नहीं इंसान बनों
Dr fauzia Naseem shad
*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*
*वे ही सिर्फ महान : पाँच दोहे*
Ravi Prakash
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
कृष्णकांत गुर्जर
#प्रयोगात्मक_कविता-
#प्रयोगात्मक_कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
कू कू करती कोयल
कू कू करती कोयल
Mohan Pandey
*अक्षय तृतीया*
*अक्षय तृतीया*
Shashi kala vyas
महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
दुःख ले कर क्यो चलते तो ?
Buddha Prakash
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
goutam shaw
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
बिहार दिवस  (22 मार्च 2023, 111 वां स्थापना दिवस)
रुपेश कुमार
Loading...