Sharda Madra 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read पालनहार मैं खड़ी यहां,तू छिपा कहाँ, ढूंढूं इत उत, पार करो नैया पालनहार तारनहार कहाँ पतवार ओ जीवन के' खवैया कण कण में तुम कहाँ हुए ग़ुम वन पर्वत नदिया साँसों... Hindi · मुक्तक 277 Share Sharda Madra 9 Feb 2018 · 1 min read गीतिका वन्दित हरी- भरी वसुंधरा , रंग रूप कमाल है प्रहरी उत्तुंग शिखर है अडिग रक्षक वो विशाल हैं *** मेखला पावनी नदियां जो निरंतर सस्वर बहें विविध बोलियां भाषाओं से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share Sharda Madra 26 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक छिन्न -भिन्न अस्त -व्यस्त ये शब्द न जीवन में भाते कृत्य सर्व सुखाय करें सन्तोष मिले न अकुलाते उत्तम भाव त्याग समर्पण कर सुखी मन मस्त रहे जिंदगी है बहती... Hindi · मुक्तक 286 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read कलम का वार तीखा हो डुबोने नाव भारत की कई गद्दार बैठे हैं मिटाने राष्ट्र गरिमा को लिए हथियार बैठे हैं। रगो में खून खोले देख कर भद्दे इरादों को भगाने दुश्मनों को देश से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 274 Share Sharda Madra 24 Jun 2016 · 1 min read बेटियाँ आकांक्षाओं के पंख फैलाये बेटियाँ मन भाएं कामनाएं जब पूरी हो इनकी तब ये चहचहायें अपने बाबुल के घर आँगन की हैं ये सुंदर परियां उम्रभर आदर्शों संस्कारों के तहत... Hindi · मुक्तक 242 Share Sharda Madra 16 Jul 2016 · 1 min read रेखाओं के खेल लक्ष्मण रेखा तोड़कर सिया के उर थी पीर रेखाओं के खेल ये कौन बंधाता धीर कुछ हद तक बंधन भी उचित हुआ करते हैं आज तो मानव खुद लिख रहे... Hindi · मुक्तक 233 Share Previous Page 2