शांति के लिए अगर अन्तिम विकल्प झुकना
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
क्षमा देव तुम धीर वरुण हो......
*राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
बचपन की यादों को यारो मत भुलना
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
दशहरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'