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Tag: मुक्तक
85 posts
सुन लो प्रभु जी....
सुन लो प्रभु जी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सँभल जा मानव...
सँभल जा मानव...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तस्मै श्री गुरवे नमः
तस्मै श्री गुरवे नमः
डॉ.सीमा अग्रवाल
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
नाचे वन में मोर....
नाचे वन में मोर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सजाकर स्वप्न आँखों में....
सजाकर स्वप्न आँखों में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ....
जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
न रोको तुम किसी को भी....
न रोको तुम किसी को भी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
साज सजाए बैठा जग के, सच से हो अंजान।
साज सजाए बैठा जग के, सच से हो अंजान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक द्वय...
मुक्तक द्वय...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चलो मतदान कर आएँ, निभाएँ फर्ज हम अपना।
चलो मतदान कर आएँ, निभाएँ फर्ज हम अपना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी थे फूल से कोमल....
कभी थे फूल से कोमल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
लुभाता चाँद पूनम का....
लुभाता चाँद पूनम का....
डॉ.सीमा अग्रवाल
धरा के छोर सब रोशन....
धरा के छोर सब रोशन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ सच्ची संवेदना....
माँ सच्ची संवेदना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
फलक पर चाँद आया है....
फलक पर चाँद आया है....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नहीं लगता कहीं अब मन....
नहीं लगता कहीं अब मन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
न खाते फल...
न खाते फल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अजब जग के नजारे हैं...
अजब जग के नजारे हैं...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ शारदे...
माँ शारदे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
छंद घनाक्षरी...
छंद घनाक्षरी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक मुक्तक
एक मुक्तक
डॉ.सीमा अग्रवाल
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना।
डॉ.सीमा अग्रवाल
न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
डॉ.सीमा अग्रवाल
किन्नर व्यथा...
किन्नर व्यथा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कृपाण घनाक्षरी....
कृपाण घनाक्षरी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ कहमुकरियाँ...
कुछ कहमुकरियाँ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किन्नर व्यथा....2
किन्नर व्यथा....2
डॉ.सीमा अग्रवाल
चलो उस पार चलते हैं....
चलो उस पार चलते हैं....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नदी उस पार बहती है....
नदी उस पार बहती है....
डॉ.सीमा अग्रवाल
अजब जग के नजारे हैं....
अजब जग के नजारे हैं....
डॉ.सीमा अग्रवाल
नहीं तुम सा कहीं रघुवर....
नहीं तुम सा कहीं रघुवर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दो मुक्तक ....
दो मुक्तक ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक द्वय...
मुक्तक द्वय...
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक मुक्तक....
एक मुक्तक....
डॉ.सीमा अग्रवाल
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सभी गम से गुजरते हैं...
सभी गम से गुजरते हैं...
डॉ.सीमा अग्रवाल
न जागी हूँ न सोई हूँ....
न जागी हूँ न सोई हूँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
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