Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2021 · 1 min read

नहीं तुम सा कहीं रघुवर….

नहीं तुम सा कहीं रघुवर, दिखा हमको जमाने में।
हमें तो तुम सदा प्रभुवर, लगो अपने जमाने में।
हमारी हर कमी तुमने, सुधारी है नसीहत दे,
तुम्हारी ऋत कथाओं सा, नहीं है सार जमाने में।

भली है चेतना उनकी, दुखी मन जान लेती है।
मिटा अघ-भार रंजो गम, खुशी का दान देती है।
जगत्हितरत भगतवत्सल, नहीं उन सा मिला कोई,
चला आए शरण में जो, उसी को मान देती है।
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“मुक्तक मौक्तिक” से

Language: Hindi
2 Likes · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
गीतिका-* (रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
Shweta Soni
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
हिसका (छोटी कहानी) / मुसाफ़िर बैठा
हिसका (छोटी कहानी) / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ऐसा लगता है कि
ऐसा लगता है कि
*Author प्रणय प्रभात*
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
खुशी -उदासी
खुशी -उदासी
SATPAL CHAUHAN
खेल रहे अब लोग सब, सिर्फ स्वार्थ का खेल।
खेल रहे अब लोग सब, सिर्फ स्वार्थ का खेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रिय विरह
प्रिय विरह
लक्ष्मी सिंह
🌸दे मुझे शक्ति🌸
🌸दे मुझे शक्ति🌸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आकाश के सितारों के साथ हैं
आकाश के सितारों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
2888.*पूर्णिका*
2888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
इंसान की सूरत में
इंसान की सूरत में
Dr fauzia Naseem shad
"यह कैसा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
Desert fellow Rakesh
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
एक ही राम
एक ही राम
Satish Srijan
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
-जीना यूं
-जीना यूं
Seema gupta,Alwar
जवानी
जवानी
Pratibha Pandey
उस देश के वासी है 🙏
उस देश के वासी है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
अपने तो अपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं
Harminder Kaur
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
Arvind trivedi
mujhe needno se jagaya tha tumne
mujhe needno se jagaya tha tumne
Anand.sharma
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...