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25 Jul 2021 · 1 min read

किन्नर व्यथा….2

१२२२ १२२२ १२२२ १२२२

१-हमें भी तो जना तुमने, पिता का खून थे हम भी।
कलेजा क्यों किया पत्थर, सुनें तो माँ जरा हम भी।
दिखा दो एक भी ऐसा, कमी कोई नहीं जिसमें,
अधूरे हम चलो माना, कहाँ पूरे कहो तुम भी।

२-हमें किन्नर कहा जग ने, किया सबसे अलग हमको।
किया छलनी सवालों से, कहा बंजर नसल हमको।
हमें घर से निकाला क्यों, दिए आँसू खुशी लेकर ?
हमारे वो खुशी के पल, करो वापस कभी हमको।
– © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 358 Views
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