डॉ.सीमा अग्रवाल Tag: मुक्तक 91 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ.सीमा अग्रवाल 17 Apr 2023 · 1 min read दिल की जमीं से पलकों तक, गम ना यूँ ही आया होगा। दिल की जमीं से पलकों तक, गम ना यूँ ही आया होगा। छलक पड़ा जो सावन बनकर, बादल बनकर छाया होगा । सरोकार क्या किसी गैर को, मेरी खुशी या... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 478 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Apr 2023 · 1 min read रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना। रखे हों पास में लड्डू, न ललचाए मगर रसना। भले ही लार टपके पर, नहीं इक कौर भी चखना। यही है पाठ संयम का, सदा कसना कसौटी पर, नियंत्रण में... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 303 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Apr 2023 · 1 min read आसमां पर घर बनाया है किसी ने। आसमां पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। ©... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 4 479 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Mar 2023 · 1 min read रूप का उसके कोई न सानी, प्यारा-सा अलवेला चाँद। रूप का उसके कोई न सानी, प्यारा-सा अलवेला चाँद। निहारे धरा को टुकुर-टुकुर, गोल-मटोल मटके-सा चाँद। चुपके-चुपके साँझ ढले वह, नित मेरी गली में आता। नजरें बचाकर सारे जग से,... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 388 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Mar 2023 · 1 min read न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का। न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का। खड़ी हो पैर पर अपने, प्रथम हो ध्येय नारी का। जना ब्रह्मांड है जिसने, भला कमतर किसी से क्यों... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 433 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Mar 2023 · 1 min read मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल। मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल। किस्मत उसके नाज़ उठाए, चूमे उन्नत भाल। सत्कर्मों की सबल करों से, रखता जो बुनियाद। रहती खुशबू सदा फिजां में, करें... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 191 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 12 Mar 2023 · 1 min read तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी। तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी। छुपाकर दूर इस जग से, रिदय के पास रक्खूँगी । लगी लौ नेह की तुमसे, बुझेगी क्या ज़माने से, घुमड़ घन बन चले... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 5 556 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Mar 2023 · 1 min read मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग। मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग। सखा ऋतुराज रति-काम संग ,खेल रहा है फाग। मस्त आज परिवार संग सब, मुख पर सबके हास। भंग घोटतीं सकल दिशाएँ,... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 385 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Mar 2023 · 1 min read सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में। सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में। चली आओ सभी सखियाँ,करें हुड़दंग होली में। किसी ने भाँग खायी तो, पुता आनन किसी का है, जिधर देखो वहीं... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 571 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 Jan 2023 · 1 min read माँ शारदे... नव चेतना मन में भरो, जड़ता हरो माँ शारदे। ऋत ज्ञान की वर्षा करो, अज्ञता हरो माँ शारदे। भरमा रही मन मृगतृषा, जग घोर छल केवल मृषा, कालुष्य हर मालिन्य-मन,... Hindi · मुक्तक 3 281 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 17 Dec 2022 · 1 min read एक मुक्तक.... सुसंस्कृत सभ्य शालीना, सुघड़ सोंणी सजीली-सी। सुरीली सात सुर साधे, शिवा-सी शुभ सहेली-सी। सलोनी सौम्य-सी सूरत, सुपर्णा-सी सुघड़ताई, सरलता सादगी सरसे, सहज सुखदा सुहासी-सी। - © सीमा अग्रवाल मुरादाबाद (... Hindi · मुक्तक 2 299 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Oct 2022 · 1 min read मुक्तक द्वय... खुशी में झूमते पुर- जन, ठुमकते नाचते पुर- जन। कथाएँ जो सुनीं वन की, मगन मन बाँचते पुर-जन। लला अब जल्द घर आएँ, विगत सुख लौट फिर आएँ, निकट है... Hindi · मुक्तक 3 2 159 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 17 Oct 2022 · 1 min read एक मुक्तक... १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ कृपा करना अहोई माँ, वरद निज हस्त सर रखना। न करना कोप संतति पर, न माँ टेढ़ी नजर रखना। अगर दुख दे हमें देना, न पाएँ... Hindi · मुक्तक 2 133 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Oct 2022 · 1 min read मुक्तक द्वय... 1222 1222 1222 1222 परम प्रभु श्रीराम के चरणों में सादर समर्पित... भगत का मान तुम रखते, विपद् हर निज कृपा करते। अहर्निश 'राम' अधर मेरे, यही इक नाम जपा... Hindi · मुक्तक 2 287 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 15 Oct 2022 · 1 min read दो मुक्तक .... हमें है आन झंडे की, इसे ऊँचा उठाएँगे। बनेंगे आत्मनिर्भर हम, सभी के काम आएंँगे। हमारी संस्कृति है क्या, बताएँगे जमाने को, कुटुंबी सब धरा वासी, अलख जग में जगाएँगे।१।... Hindi · मुक्तक 2 136 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Oct 2022 · 1 min read कुछ मुक्तक... मुक्तक-माल 1222 1222 1222 1222 (१) भरे जो नेह की हाला, न प्याला वो कभी फूटे। सिखाती जो सबक सच के, न शाला वो कभी छूटे। खुशी जिनसे छलकती हो,जुड़ें... Hindi · मुक्तक 2 285 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 Jul 2022 · 1 min read तस्मै श्री गुरवे नमः आज गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री गुरू के चरणों में समर्पित एक मुक्तक - 1222 1222 1222 1222 महज दे ज्ञान पुस्तक का, नहीं पढ़ना सिखाते हैं। सहारा... Hindi · मुक्तक 5 2 393 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jun 2022 · 2 min read कुछ कहमुकरियाँ... कहमुकरी एक बहुत ही पुरानी और लुप्तप्राय काव्य विधा है । अमीर खुसरो द्वारा विकसित इस विधा पर भारतेंदु जी ने भी स्तरीय काव्य सृजन किया है । यह अत्यंत... Hindi · मुक्तक 2 186 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 Nov 2021 · 1 min read नाचे वन में मोर.... सरसी छंद... देख बरसते बादल नभ से, नाचे वन में मोर। सोता देखे जब जग सारा, हुलसे मन में चोर। चंदा की मेघों से नभ में, खूब चले तकरार, कभी... Hindi · मुक्तक 4 2 258 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 Sep 2021 · 1 min read सजाकर स्वप्न आँखों में.... सजाकर स्वप्न आँखों में, मुझे भेजा यहाँ तुमने। पलटकर भूल से भी फिर, नहीं देखा कभी तुमने। तुम्हारे जिगर का टुकड़ा, तुम्हारा अंश हूँ मैं भी, कहाँ किस हाल में... Hindi · मुक्तक 4 261 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Aug 2021 · 1 min read लुभाता चाँद पूनम का.... समां है क्या गजब देखो, जड़े नभ में सितारे हैं। धरा भी है सजी-सँवरी, बड़े मोहक नजारे हैं। गुराए अंग रजनी के, रजत धवला वदन दमके, लुभाता चाँद पूनम का,... Hindi · मुक्तक 3 395 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jul 2021 · 1 min read जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ.... जहाँ तुम हो वहाँ मैं हूँ, तुम्हारा अंश हूँ मैं भी। जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम हो, अतः निश्चिंत हूँ मैं भी। न छूटे साथ रघुवर ये, कृपा मुझपे सदा... Hindi · मुक्तक 4 2 307 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jul 2021 · 1 min read धरा के छोर सब रोशन.... उगा प्राची दिशा सूरज, धरा के छोर सब रोशन। कहाँ ठहरे निशा बोलो, नहीं दिखता कहीं तम कन। बड़ी हलचल मची जग में, जगी आशा-किरन मन में, चले आओ मिरे... Hindi · मुक्तक 3 516 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 Jul 2021 · 1 min read नहीं तुम सा कहीं रघुवर.... नहीं तुम सा कहीं रघुवर, दिखा हमको जमाने में। हमें तो तुम सदा प्रभुवर, लगो अपने जमाने में। हमारी हर कमी तुमने, सुधारी है नसीहत दे, तुम्हारी ऋत कथाओं सा,... Hindi · मुक्तक 2 316 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jul 2021 · 1 min read किन्नर व्यथा....2 १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ १-हमें भी तो जना तुमने, पिता का खून थे हम भी। कलेजा क्यों किया पत्थर, सुनें तो माँ जरा हम भी। दिखा दो एक भी ऐसा,... Hindi · मुक्तक 2 383 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Jul 2021 · 1 min read न रोको तुम किसी को भी.... १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ न रोको तुम किसी को भी, न टोको तुम किसी को भी। करे जो जी करे जिसका, न बोलो कुछ किसी को भी। हमारा काम समझाना,... Hindi · मुक्तक 4 476 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 19 Jul 2021 · 1 min read फलक पर चाँद आया है.... 1222 1222 1222 1222 फलक पर चाँद आया है, सितारे साथ लाया है। धरा मदहोश तकती है, निखर अब नूर आया है। झुका नजरें लजाती है, मधुर सपने सजाती है।... Hindi · मुक्तक 3 1 299 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Jul 2021 · 1 min read नहीं लगता कहीं अब मन.... पड़ी हूँ अनमनी कबसे, नहीं लगता कहीं अब मन मगर बस याद ये तेरी , नहीं छोड़े कभी दामन नयन में ख्वाब हैं तेरे, रिदय में ख्याल तेरा है उमड़ते... Hindi · मुक्तक 3 260 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 17 Jul 2021 · 1 min read न खाते फल... न खाते फल तरू अपने, न पीती जल नदी अपना । बरसते मेघ परहित में, न रखते स्वार्थ ये अपना । गगन में चाँद सूरज भी, जगत हित रोज आते... Hindi · मुक्तक 3 2 271 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 17 Jul 2021 · 1 min read अजब जग के नजारे हैं... कहीं सूखा कहीं बाढ़ें, अजब जग के नजारे हैं कहीं घनघोर बारिश है, कहीं सूखे किनारे हैं उजालों औ अँधेरों में, छुपा है सार जीवन का धरा आकाश मिल दोनों,... Hindi · मुक्तक 3 2 251 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक... वक्त इधर काटे न कटे, उस पर है वक्त की कमी छूने चला वो आसमां, यहाँ पाँव तले सरकी जमीं उस बिन दुनिया वीरान, इस सच से वो अंजान है... Hindi · मुक्तक 3 2 316 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Jul 2021 · 1 min read चलो उस पार चलते हैं.... चलो उस पार चलते हैं, जहाँ गम का निशां ना हो जहाँ कल-कल नदी बहती, हवा का खूब आना हो न हों छल-छद्म के कंटक, सभी सुख से रहें मिलकर... Hindi · मुक्तक 2 4 334 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Jul 2021 · 1 min read नदी उस पार बहती है.... उधर देखो झुपड़पट्टी, वहाँ इक नार रहती है। धरा सिर बोझ है उसके, धरा सा भार सहती है। घटा घुमड़ जब आती है,भिगोकर खूब जाती है; इधर आँसू बरसते हैं,... Hindi · मुक्तक 2 340 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Jul 2021 · 1 min read अजब जग के नजारे हैं.... कहीं सूखा कहीं बाढ़ें, अजब जग के नजारे हैं। कहीं घनघोर बारिश है, कहीं सूखे किनारे हैं। उजालों औ अँधेरों में, छुपा है सार जीवन का, धरा आकाश मिल दोनों,... Hindi · मुक्तक 2 443 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Jul 2021 · 1 min read बड़े दुर्लभ सुजन ऐसे.... नहीं रोते कभी गम में, खुशी पाकर न हँसते हैं रखें मन शांत सुख-दुख में,निभाते खूब रिश्ते हैं जमाने के सभी वैभव, सदा फीके लगें जिनको बड़े दुर्लभ सुजन ऐसे,... Hindi · मुक्तक 2 211 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Jul 2021 · 1 min read न जागी हूँ न सोई हूँ.... एक मुक्तक.... 1222 1222 1222 1222 न जागी हूँ न सोई हूँ, पड़ी हूँ बस उनींदी- सी। तुम्हें ही सोचती हरपल, लिए आँखें पनीली- सी। तुम्हारी याद भी क्या है,... Hindi · मुक्तक 2 4 624 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Jul 2021 · 1 min read सभी गम से गुजरते हैं... एक मुक्तक... 1222 1222 1222 1222 न रोको तुम किसी को भी, न टोको तुम किसी को भी करे जो जी करे जिसका, न बोलो कुछ किसी को भी हमारा... Hindi · मुक्तक 2 1 220 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Jul 2021 · 1 min read सुन लो प्रभु जी.... दुर्मिल सवैया छंद 32 मात्राएँ, 24 वर्ण व आठ सगण 112 सुन लो प्रभुजी दुखते मन की, कर जोड़ करूँ विनती तुम से भव ताप हरो अघ भार हरो, मन... Hindi · मुक्तक 6 2 451 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 5 Jul 2021 · 1 min read कभी थे फूल से कोमल.... एक मुक्तक... 1222 1222 1222 1222 कभी थे फूल से कोमल, मगर अब शूल से लगते। हुए जो दिल कभी इक जां, नदी के कूल से लगते। तराने प्रेम के... Hindi · मुक्तक 3 322 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Jul 2021 · 1 min read एक मुक्तक मात्राभार- 1222 1222 1222 1222 कभी गलती करूँ मैं तो, मुझे उसकी सजा देना चलूँ दुर्गम पहाड़ों पर, प्रभो रस्ता दिखा देना निवेदन आप से बस ये, दिखा दर्पण सचाई... Hindi · मुक्तक 2 2 299 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 14 Jun 2021 · 1 min read सँभल जा मानव... स्वार्थ-ग्रसित हो सीने में प्रकृति के, नित खंजर तूने भोंके हैं । पग- पग चेतावनी देकर उसने, पग बढ़ने से तेरे रोके हैं । नामुमकिन है कुदरत को तेरा, वश... Hindi · मुक्तक 5 4 503 Share Previous Page 2