SATPAL CHAUHAN 62 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SATPAL CHAUHAN 6 May 2022 · 1 min read मां की महानता कैसा सुंदर प्यारा प्यारा , मां से ही तो है जग सारा l मां जन्म देती ममता को, मां ही बनती पालनहारा ।। मां के आंचल में ही पलते, शेर... Hindi · कविता 8 9 839 Share SATPAL CHAUHAN 9 May 2022 · 1 min read बड़ा भाई बोल रहा हूं हेलो हेलो हां भाई छोटे तेरा बड़ा भाई बोल रहा हूँ । बहुत अर्से बाद में दिल की गहराई से बोल रहा हूँ।। याद आए आज मुझे भी तेरे बचपन... Hindi · कविता 2 2 747 Share SATPAL CHAUHAN 1 May 2022 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Hindi · कविता 2 1 453 Share SATPAL CHAUHAN 5 Sep 2022 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Hindi · कविता 3 1 466 Share SATPAL CHAUHAN 18 Apr 2022 · 1 min read पिता एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना गदगद हो जाता है तन -मन दिल के तार -तार में होती है कंपन बच्चे के पैदा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 9 372 Share SATPAL CHAUHAN 7 May 2023 · 1 min read सागर की हिलोरे सागर की हिलोरे चल रे मन बन पँछी उड़ आकाश भावना को मत दबा, अटखेलिया करता मन क्या नाप सकेगा सागर की थाह? रोजगार की तलाश मे निकले मन मे... Quote Writer 443 Share SATPAL CHAUHAN 6 Jan 2023 · 1 min read राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निन्दाना(महम) राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निंदाना(महम) शिक्षक का नाम- सतपाल( जे.बी.टी. निंदाना) विद्यालयका नाम-रा.क.प्रा.पाठशालानिंदाना(16983) कर्मचारी पहचान संख्या-2009243 बालगीत शीर्षक- रिश्ते- नाते समाहित दक्षता- रिश्ते नातों का सामाजिक ज्ञान सीखने के प्रतिफल-... Hindi · Poem 325 Share SATPAL CHAUHAN 7 Apr 2022 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Hindi · कविता 3 262 Share SATPAL CHAUHAN 17 Apr 2022 · 1 min read अर्थी चली कंगाल की अर्थी चली कंगाल की हाय ! रे बेहाल की चार जन उठाए हुए थे, मंदी मंदी चाल थी। नैनो से आंसू टपक रहे थे, आंखें हो गई लाल थी ।।... Hindi · कविता 2 1 193 Share SATPAL CHAUHAN 20 Apr 2022 · 1 min read भूमि दिवस भूमि दिवस पर भूमि मां का , मिलकर सब गुणगान करें । हाथ जोड़कर दोनों हम सब , धरती माता को प्रणाम करें।। धरती माता ही हम सब का, पालन... Hindi · कविता 2 4 168 Share SATPAL CHAUHAN 6 Apr 2022 · 1 min read मन मन मानो मन- मन है , वास्तविकता जन- जन है । खोवत पावत रचत बिगाड़त, खेल विधाता का तन -तन है । सोचत सोचत तन -बन तिनका , मीत मिला... Hindi · कविता 2 166 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read चंचल मोर सा मन चंचल मोर सा मन मेरा पंछी बन ऊड जाता है, आसमान के तारों में। कभी गुम हो जाता है, वादियों के नजारों में । ऊथल पुथल मच जाती, सागर- सी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 18 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो... मासूमों को ठूंस -ठूंस कर स्कूलों में ले जाते हैं , ऐसे हादसे हो जाते हैं काल का ग्रास बन जाते हैं। सिर्फ पैसा और पैसा यही तो सारा नाच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 17 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read ग़म के सागर में किस्तियो का लहराना खलता है मन रूपी सागर में उथल पुथल मच जाती है दर्द होता है विचारों में यूं ही रैना बीत जाती है विचारों के भवसागर में फंस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read बात बढ़ाना ठीक नहीं बात बढ़ाना ठीक नहीं नजरे चुराना ठीक नहीं बात बनाना ठीक नहीं कोई बहाना ठीक नहीं कोई रीत ठीक नहीं क्या प्रीत ठीक नहीं क्या रिझाना ठीक नही यूं चले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 21 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read खुद से भाग कर कहां जाओगे जाने वाले दिल अपना तड़पाने वाले गमों के दौर यूं ही आते हैं पर क्या यूं भागे जाते हैं देख जरा तो पीछे मुड़कर अपनी धडकन को पकड़कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 15 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read सही ग़लत का फैसला.... किसी गम्भीर मुद्दे पर तर्कहिन संवाद, बिगाड़ देता है जिव्हा की लय। थरथराते होठ शब्दो की सार्थकता खो बैठते है, कहना कुछ चाहते है उच्चारण गलत कर बैठते है। शब्द... Poetry Writing Challenge-3 17 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read बेरंग सी जिंदगी...... बेरंग सी ज़िंदगी कहां ले जाएगी किस मोड़ पर मुड़ेगी जाकर । समय थोड़ा दूर मंजिल रुक गए थक हार कर।। क्या यूं पार कर पाएंगे अपनो से यू दूर... Poetry Writing Challenge-3 18 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read हाँ !भाई हाँ मैं मुखिया हूँ ! भाई हाँ हाँमैं मुखिया हूँ किसी राष्ट्र या सरकारी तंत्र का प्रधान नहीं हूँ , ना ही किसी उच्च निजी संथान का मुखिया हूँ। कमर तोड़ मेहनत कर बाँटता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read रूप अनेक अनजान राहों मे रूप अनेक अनजान राहों मे जो बार-बार है बदलता । चंचल मन मोर- सा चंचल विचार , बहती हुई सी सरिता।। जीवन है वह नाम इसी का, विचारों का ताना-बाना।... Poetry Writing Challenge-3 13 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read चमचा चमचा ही होता है....... एक चमचा सोने का होता, एक चमचा चांदी का होता है, एक चमचाअद्भुत -सा होता,एक चमचा अमूर्त भी होता है। एक चमचा कीमती होता,एक चमचा कीमती कम होता है। इन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read घर अंगना वीरान हो गया जिस घर में मां बाप का नहीं साया समझो वह जहां सुनसान हो गया घर अंगना विरान हो गया..... सुबह उठ अंगना मां साफ करती थी आज वह अंगना ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read मेरा दोस्त बड़ा दिलवाला कसम खाता है क्या कोई? दोस्ती के पाक नाम की, मैं बातें करता हूं सिर्फ ,अपने दोस्त के इमान की। हो जाता हूं मैं गर्व वाला।। मेरा दोस्त बड़ा दिलवाला।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 13 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read कहानी कोई भी हो चांद सी चमक क्षितिज में जाकर भी चमकते रहना। विपरीत परिस्थितियों में यू ही हरदम दमकते रहना ।। कोई देखता क्या कभी मुरझाए हुए फूल की तरफ। खिले हुए फूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read पिता का प्रेम एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना गदगद हो जाता है तन-मन दिल के तार-तार में कंपन पैदा होती है बच्चे का जन्म होने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read कागज कागज कागज ही होता है जब तक उस पर अल्फाज नहीं उकेरे जाते कागज का महत्व ही बदल जाता है अल्फ़ालो के बदलने के साथ किसी की अश्नु धारा बहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 23 Share SATPAL CHAUHAN 3 May 2024 · 1 min read प्रिय किताब मैं शुक्रगुजार हूं आपकी तरफ मैने हाथ बढ़ाएं मैंने हाथो के सहारे गगन को छू लिया मैंने अपने पुरखों का इतिहास पढ़ा मन में बहुत सारे विचारो का अंधकार तुम्हारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 22 Share SATPAL CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read बिछड़ गए साथी सब बिछड़ गए साथी सब स्कूल रौनकों का मेला था। हंसी- खुशी समय गुजरा आखिर तो यह होना था।। बात-बात पर खिल खिलाना समय को ना गवार था, गुस्सा कभी हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share SATPAL CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read खेत खलियान खेत खलियान की पगडंडी मेढ हो गई विरान । पढ़े लिखे सब हो गए किया शहर को प्रस्थान।। बचपन में जब तुम आते थे करते थे यहां काम । आवाज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 19 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read होली होली के रंग अपनों के संग और निखरआते हैं। निश्छल प्रेम और निस्वार्थ भाव से खेले जाते हैं।। दूर देश से आए विहंग जब अपना राग सुनाते हैं। मधुर ताल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read वक्त रेत सा है खोज ले इन्सान अपने मन रुपी मीर को, क्या तू जानता नहीं है मन की तासीर को। उधेड़ बून लगा रहता कोसता तकदीर को, समय समय का खेल है बनाता... Poetry Writing Challenge-3 2 1 20 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read साल के आख़िरी किनारे पर नव वर्ष की वेला पर विगत वर्ष हो गया हू, सोचत हूं कब नया था कब पुराना हो गया हू। वक़्त की तासीर यही खुद ही पुराना हो गया, नया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 26 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read यादें जेहन में रहती है बातें अपनों की अपन्तव से, चाहे हम रहे ना रहे विचारों में जिंदा रहेंगे जरुर। जिंदगी की कसमाकस मे उलझे बेशक है हम, पर आंखों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 1 22 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read अकेलेपन का अंधेरा अफसोस नहीं है अकेले जाने का मुझे गम है इस जमाने का कहते हैं गिरगिट रंग बदलता है परंतु उसका यह ढंग है अपने आप को बचाने का अगर पैमाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read नफरत की आग हाँ जरुरत नहीं है मुझे दावानल की तेरी रुसवाई ही काफी है मेरी हस्ती मिटाने को हाँ गैरो ने ही सँभाला है मुझको अँधेरो मे ठोकरे खाता रहा तेरे दीदार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share SATPAL CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read वाक़िफ़ तेरी नजाकत और उल्फत से वाकिफ हूं, मेरे सब्र का इंतिहान आजमाने की कोशिश ना कर। बिखर जाएगा तेरा गुरूर यूं पतझड़ की तरह तिनका तिनका।। आखिर कब तक छुपा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 127 Share SATPAL CHAUHAN 29 Jan 2024 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 140 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read जिंदगी को बोझ नहीं मानता जिंदगी को बोझ नहीं मानता, बोझ तन पर मन पर l जिम्मेदारी का क्यों ना हो? अकेले ही चला जाना है l जिंदगी की कटीली पथरीली , कंकरीली राहों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 126 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read गर जानना चाहते हो गर जानना चाहते हो, जाओ उस गरीब की रसोई में। जाकर देखो आखरी बार, चूल्हा कब जला था।। ध्यान से देखना उन जालो को , जो धूसर से हो गए... Poetry Writing Challenge-2 1 131 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read स्त्री एक कविता है रूप अनेक अनजान राहों मे जो बार-बार है बदलता । चंचल मन मोर- सा चंचल विचार , बहती हुई सी सरिता।। जीवन है वह नाम इसी का, विचारों का ताना-बाना।... Poetry Writing Challenge-2 1 118 Share SATPAL CHAUHAN 30 Jan 2024 · 1 min read बस हौसला करके चलना दूर-दराज क्षितिज में , मानो छिपते हुए सूर्य के। आगोश में लुप्त हो जाना , कतार मय उडते पंछियों का ।। दाना - दुनका चुगकर रैन बसेरे को , अपने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 83 Share SATPAL CHAUHAN 2 Feb 2024 · 2 min read विरह वेदना फूल तितली ठाठ-बाट न बाट जोह तितली की फूल, नतमस्तक, नमनिव्स्था गिरा धूल । कोई न खेला, फूल अकेला, भारी वेला, हुई भूल, मजार उपवन, विल्पित सुमन, किस्तमत आघाती रूष्ट कूल।। इजहार... Poetry Writing Challenge-2 3 541 Share SATPAL CHAUHAN 2 Feb 2024 · 1 min read ममतामयी मां ममतामयी मां ने ममता के कारण , दिया जन्म ममता को मरणावस्था में। ममता जीवित रही किया ममता रूप धारण। शनै-2 काल चक्कर चला, चेता मां ने ममता को, संकट... Poetry Writing Challenge-2 3 88 Share SATPAL CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read अनजान राहें अनजान पथिक अनजान राहें अनजान पथिक मिलन कैसा । विहड़ विरान विक्राल व्याघ्र वाल तिमिर जैसा। क्षण भर का मिलन ,उम्र भर का जलन, रहेगे फफोले , दिल का तार तार... Poetry Writing Challenge-2 3 115 Share SATPAL CHAUHAN 3 Feb 2024 · 1 min read फूल फूल और फूल अरे ओ! फूल ,फूल को कहना ,फूल ने फूल कर , मुझ फूल को तुझ फूल को भेंट किया हूँ चूम कर। तारा-गण, शशी, भान, प्रभा, डाल- पात झुक कर... Poetry Writing Challenge-2 3 126 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम 1 प्रभात कालीन ब्रह्म सरोवर, अजब छटा निराली थी, ठण्डक मन्दक शीतल पवन, चारो और हरियाली थी। संत सज्जन करे मनन,करे स्नान हो आत्म संतुष्टि, देख दृश्य करे कवि कविताई... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 2 85 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read भूमि दिवस भूमि दिवस पर भूमि मां का , मिलकर सब गुणगान करें । हाथ जोड़कर दोनों हम सब , धरती माता को प्रणाम करें।। धरती माता ही हम सब का, पालन... Poetry Writing Challenge-2 3 99 Share SATPAL CHAUHAN 4 Feb 2024 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 87 Share SATPAL CHAUHAN 8 Feb 2024 · 1 min read बिगड़ता यहां परिवार देखिए........ बिगड़ता यहां परिवार देखिए, बिगड़ता यहां संस्कार देखिए। बिगड़ता यहां बचपन देखिए, बिगड़ता यहां बड़प्पन देखिए।। बिगड़ता यहां आचार देखिए, बिगड़ता यहां व्यवहार देखिये। बिगड़ता यहां मिलाप देखिए, बिगड़ता यहां... Poetry Writing Challenge-2 3 115 Share Page 1 Next