Salil Shamshery Language: Hindi 38 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Salil Shamshery 3 Jan 2021 · 1 min read कोरोना वैक्सीन मीठी सी चुभन सीने में ठण्डक बाहों में समेटने की चाहत है ! तरसती आँखो का करार रुकी रुकी सासों की राहत है !! ख्वाब सी तुम हकीकत हो गयी... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 39 1k Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read आँखे यकीन हुआ आज सुना था, जिसके बारे में बहुत पहले ! मुहब्बत शुरू होती है, आखो से पहले पहले !! लगता है अब एक दास्तान फिर जवान होगी ! उसकी... Hindi · कविता 11 8 376 Share Salil Shamshery 9 Jul 2020 · 1 min read धुन्ध एक धुन्ध है, धुन्ध में कुछ ढूँढते है पागल जमाने में.... क्या बताये क्या मिलता है दिल लगाने में......... सलिल Hindi · शेर 8 6 555 Share Salil Shamshery 17 Jul 2020 · 1 min read कवि कर्तव्य हाई स्कूल में लिखी जीवन की प्रथम कविता । नैराश्य मग्न जन के अश्रु पोछ, करे आशा का संचार । दुविधा मे फँसे मनुष्य हेतु , करे सत्मार्ग का प्रचार... Hindi · कविता 8 6 772 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read मरीचिका छलना तुम छाया सी या शापग्रस्त कोई अप्सरा सी ! मरीचिका मेरे जीवन की फिर भी दिल की धड़कन ही सी !! उठती गिरती लहरो सी या बादल के एक... Hindi · कविता 7 6 289 Share Salil Shamshery 17 Apr 2020 · 1 min read स्त्री स्त्री सृष्टि है जननी है ममता है पालक है परिवार है अनकहे भावों को समझती है पर अक्सर उसमे उलझ जाती है पुरुष कभी नही पा सकता थाह उसके अन्तर्मन... Hindi · कविता 6 6 377 Share Salil Shamshery 12 Jul 2020 · 1 min read तुम अप्रतिम प्रतिमा सी या छन्द बद्ध कविता सी ! क्या सम्बोधित करू तुम्हे ओ झिलमिल झिलमिल मुक्ता सी !! अवगुण्ठन के बन्धन से मुक्त हुए थे तेरे वो दो नैना... Hindi · कविता 6 12 355 Share Salil Shamshery 11 Jul 2020 · 1 min read वो शाम वो शाम जब भी आँखो से गुजर जाती है जिस्म में एक सिहरन सी दौड़ जाती है ! ओस के सर्द होठों को चूमकर जैसे कोई सुबह की पहली किरण... Hindi · कविता 6 8 285 Share Salil Shamshery 11 Jul 2020 · 1 min read बातें सपनो मे बेतकल्लुफी से जो आ जाते हो तुम। नीद मे सोये हुये को हक जता, उठाते हो तुम ।। कहाँ से लाते हो इतनी बातों का पिटारा तुम। हकीकत... Hindi · कविता 6 8 539 Share Salil Shamshery 12 Jul 2020 · 1 min read अहसास कैसे रोकू इन घटाओ को जो लिपटती हैं मुझसे तेरे गेसू बन कर ! जवाब क्या दू झील के हर कमल को जो पूछते हैं मुझसे तेरी नजर बन कर... Hindi · कविता 6 4 303 Share Salil Shamshery 16 Jul 2020 · 1 min read नम हवाये भीनी बारिश, नम हवाये और बदली छायी..... इश्क की चोट फिर दुख दुख आयी....... Hindi · शेर 6 8 460 Share Salil Shamshery 18 Jul 2020 · 1 min read स्त्री मन प्रेम में स्त्रियाँ ढूँढती नही केवल सुन्दर तन... वो ढूँढती हैं ऐसा मन... जिसमें हो पिता सा बड़प्पन... जगा दे स्नेह ऐसा अपनापन.. ममता उमड़े ऐसा मासूम पन… क्योकि हर... Hindi · कविता 6 8 580 Share Salil Shamshery 21 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल मिलने की तो बात ही क्या, जब बात भी करना मुश्किल हो, बैचैनी बढ़ बढ़ जाती हो साँसे रुक रुक कर चलती हो।। हजार आंसू जब छलकते हो, कई राते... Hindi · कविता 6 4 301 Share Salil Shamshery 17 Jul 2020 · 1 min read हम ना जाने कैसे लोग है यहाँ, जो भर -भर प्याले पीते हैं । एकबार पिये थे हम भी कभी अब तक बहकते रहते हैं ।। खामोश हैं हम हमेशा से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 381 Share Salil Shamshery 2 Aug 2020 · 1 min read मित्र दिवस दोस्ती का कैसे कर दे एक दिन मुकर्रर एक दिन में तो दोस्त बनते नहीं । पहले दोस्ती का छोटा सा पौधा दिलों में लगाना होता हैं। रोज प्यार के... Hindi · कविता 5 8 461 Share Salil Shamshery 4 Aug 2020 · 1 min read तुम झुरमुट में छुपे पूनम के चाँद सी तुम, दूर बहुत दूर फ़िर भी क्यों अपनी सी तुम l क्यों भिगो देती हो तन मन को, सावन की भीनी-भीनी गीली हवाओं... Hindi · कविता 5 4 455 Share Salil Shamshery 22 Apr 2020 · 1 min read तुम सुप्त निशा के स्वप्निल आंचल मे विसरित हो ज्यों स्वप्न सुनहरा.... स्मित नव किसलय की आभा सी, स्वरलहरी ज्यों छंद रुपेहरा ... मदमस्त विश्व के कोलाहल मे शांत हो तुम... Hindi · कविता 5 4 740 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read झूठे अहसास ऐ खुदा तूने दुनिया में कुछ दिया या न दिया ! जीने की तमन्ना तो दी मरने का हक तो दिया !! माना सपनों को बिखेर देने की आदत है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 10 387 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read इश्क आगाज से अन्जाम तक बस एक तड़प और है क्या ! इश्क तो एक जज़्बा है इसमें खोया क्या और पाया क्या !! बैचेनी तो रहे पर गमगीन ना हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 596 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read वादा अजीब हरकते है दिल की तुझसे किया वादा निभाने के लिए ! रोज तेरा नाम लेकर अहद लेता है तुझको भुलाने के लिए !! खण्डहर के वीरानों में मैं सकून... Hindi · कविता 4 4 524 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read उदास दिल तेरी याद में फिर उदास हुए हैं हम मजारों की तरह ! कब तक बैठेगे हम चुप यूँ ही दीवारों की तरह !! ना जाने कब उनका कोई पैगाम आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 392 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read आशियाना यूँ गुल हुए हैं चिराग महफिल के कि आसमाँ में भी कोई सितारा न हुआ ! एक अपना था जो बरसों से वो भी आज हमारा ना हुआ !! आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 347 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read अश्क अश्क मेरे अपने है कोई तेरी तरह पराये नहीं ! प्यार जताने ये खुद ब खुद चले आते हैं !! तुझ से दूर जब गम मेरे पास होते हैं !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 334 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read प्रेरणा घनीभूत बादल था मै यहाँ नही तो वहाँ बरसता ! दोष नही प्रकृति थी मेरी बिखरना था मै कही बिखरता !! स्निग्ध स्नेह से सिक्त तुम सिमटी थी किसी आँगन... Hindi · कविता 4 2 496 Share Salil Shamshery 11 Aug 2020 · 1 min read राधा कृष्ण कृष्ण जन्माष्टमी पर शुभकामनाएं राधा की परछाईं है कृष्ण राधा हंसे तो कृष्ण हंस पड़ते हैं राधा दुखी तो कृष्ण दुःखी होते हैं राधा रूठे तो मनाने लगते है मुरली... Hindi · कविता 4 4 551 Share Salil Shamshery 8 Jul 2020 · 1 min read बेवफा जमाने भर के दर्द की तर्जुमानी कैसे करू मैं ! अपना दर्द तक तो मैं सम्भाल पाता नहीं !! ना जाने सारी दुनिया को अपना कह देते है है लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 536 Share Salil Shamshery 12 Oct 2020 · 1 min read अनकहे रिश्तों के नाम अनकहे रिश्तों के नाम थोड़ी सी चाहत, थोड़ा सा हक... थोड़ी सी जलन, थोड़ा सा रश्क... थोड़ी सी बैचेनी, थोड़े से शिकवे... थोड़ी सी उम्मीदे, थोड़े से झगड़े... थोड़े से... Hindi · कविता 3 2 525 Share Salil Shamshery 7 Jul 2020 · 1 min read मुलाकात मुद्दतों बाद तुम अगर कहीं मिल जाओ तो कदम तुम्हारे तब भी क्या लड़खड़ायेगे ! थरथराते होठों से उभरेगे क्या कुछ लफ्ज पुराने निगाहें तुम्हारी क्या फिर मुड़ मुड़ जायेगी... Hindi · कविता 3 631 Share Salil Shamshery 30 Oct 2020 · 1 min read शरद पूर्णिमा चंचल सा चन्द्र चंचल चन्द्रिका चन्द्र की आभा चमकीली मुक्ता जीवन की सुधा... चन्दन सी महक यौवन की दहक कोयल की चहक मिलन की कसक मनवा जाये बहक... शरद पूर्णिमा... Hindi · कविता 2 4 293 Share Salil Shamshery 9 Sep 2021 · 1 min read ख्वाहिशे ख्वाहिशे कुछ अधूरी रहे तो अच्छा है हर वक्त एक बेकरारी हो तो अच्छा है कुछ मासूम से गुनाह करे तो अच्छा है हर वक्त फरिश्ते से रहना क्या अच्छा... Hindi · मुक्तक 2 278 Share Salil Shamshery 11 Nov 2020 · 1 min read करार ज़िंदगी मुझसे अब एक करार कर ले... उसके सारे ग़म मुझ पर उधार कर ले... चुकाता रहुँगा मैं दर्द की हरेक किस्त... उस चेहरे की रौनक बस बरकरार रख ले...... Hindi · कविता 1 448 Share Salil Shamshery 9 Sep 2021 · 1 min read लकीर बस एक मुहब्बत ही ना कर पाये बाकी सब हुनर तो हमारे पास थे कभी फुर्सत हुयी पूछेंगे किसी से इसमें कौन से रंग इतने खास थे लकीर भी होती... Hindi · गीत 1 371 Share Salil Shamshery 9 Sep 2021 · 1 min read दिलों दिमाग तुझ को देखे ज़माने हुए अपने से भी बेगाने हुए बदले हैं हम इस कदर मसखरे से, सयाने हुए दिलो दिमाग मे हो हरदम न मिलने के ये बहाने हुये... Hindi · कविता 1 426 Share Salil Shamshery 16 Oct 2021 · 1 min read ख़ामोशी मेरी तुम्हारी कहानी में किरदार तो वही है बस कुछ पन्ने अधूरे हैं कुछ जो कहा मैंने और तुमने सुना ही नहीं और कुछ वो सुना जो मैंने कभी कहा... Hindi · कविता 1 272 Share Salil Shamshery 14 Nov 2020 · 1 min read दीपोत्सव दीपोत्सव पर अनन्त मंगल कामनाए अनन्त दीपक,अनन्त ज्योति.... अनन्त ऊष्मा, अनन्त रश्मि .... अनन्त वैभव,अनन्त समृद्धि .... अनन्त इच्छा,अनन्त संतुष्टि.... अनंत अमृत, अनन्त शक्ति... अनन्त प्रेम,अनन्त आसक्ति.... अनंत जीवन, अनन्त... Hindi · कविता 2 404 Share Salil Shamshery 9 Sep 2021 · 1 min read कमी जिंदगी फिर एक करवट ले रही है आज सूखे फ़ूलों में भी है ख्वाबों की सुगबुगाहट अंकुरित हो रही है मधु मालती की बेल ज़िंदगी शायद फिर खेल रही है... Hindi · कविता 248 Share Salil Shamshery 9 Sep 2021 · 1 min read हुनर बस एक मुहब्बत ही ना कर पाये बाकी सब हुनर तो हमारे पास थे कभी फुर्सत हुयी पूछेंगे किसी से इसमें कौन से रंग इतने खास थे लकीर भी होती... Hindi · कविता 283 Share Salil Shamshery 16 Oct 2021 · 1 min read दो कदम दो चार कदम ही और चल लेते, कौन सी एक उम्र गुजारनी थी ! छोटा सा सफर मुसाफिर सब, रेत पर निशानी धुल जानी थी !! Hindi · मुक्तक 305 Share