Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2020 · 1 min read

अनकहे रिश्तों के नाम

अनकहे रिश्तों के नाम

थोड़ी सी चाहत,
थोड़ा सा हक…
थोड़ी सी जलन,
थोड़ा सा रश्क…

थोड़ी सी बैचेनी,
थोड़े से शिकवे…
थोड़ी सी उम्मीदे,
थोड़े से झगड़े…

थोड़े से फूल
थोड़े झाड़ झंकड़…
थोड़ी सी बसन्त
थोड़ी सी पतझड़…

थोड़ी सी खुशी
थोड़ी मुस्कराहट…
थोड़ी सी हंसी
थोड़ी खिलखिलाहट

थोड़े से आँसू,
थोड़ा सा करार…
थोड़ी सी दोस्ती,
थोड़ा सा प्यार…
सलिल
12/10/20

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 516 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सँविधान
सँविधान
Bodhisatva kastooriya
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
देश हमर अछि श्रेष्ठ जगत मे ,सबकेँ अछि सम्मान एतय !
DrLakshman Jha Parimal
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
स्वच्छंद प्रेम
स्वच्छंद प्रेम
Dr Parveen Thakur
अपने बच्चों का नाम लिखावो स्कूल में
अपने बच्चों का नाम लिखावो स्कूल में
gurudeenverma198
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
💐प्रेम कौतुक-474💐
💐प्रेम कौतुक-474💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
जहां से चले थे वहीं आ गए !
जहां से चले थे वहीं आ गए !
Kuldeep mishra (KD)
मां की प्रतिष्ठा
मां की प्रतिष्ठा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में.
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में.
कवि दीपक बवेजा
सादगी
सादगी
राजेंद्र तिवारी
आप अपना
आप अपना
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
Sadhavi Sonarkar
प्राण प्रतीस्था..........
प्राण प्रतीस्था..........
Rituraj shivem verma
काला धन काला करे,
काला धन काला करे,
sushil sarna
क्या ?
क्या ?
Dinesh Kumar Gangwar
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
ओम् के दोहे
ओम् के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
Srishty Bansal
वाह ! डायबिटीज हो गई (हास्य व्यंग्य)
वाह ! डायबिटीज हो गई (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
"सच कहूं _ मानोगे __ मुझे प्यार है उनसे,
Rajesh vyas
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
" गुरु का पर, सम्मान वही है ! "
Saransh Singh 'Priyam'
Loading...