Comments (8)
11 Jul 2020 09:05 PM
मुझे स्वप्नलोक में खोने दो, कुछ और अंधेरा होने दो। जी भर गया दुनिया दारी से, झूंठी इस आंगनवारी से।तेज चमकती भोरों से,शोर भरी इन शामों से। कुछ पल तो मैं सपनों में ले लूं, घनघोर तिमिर जा जाने दो कुछ और अंधेरा होने दो। बहुत सुंदर सर नमस्कार धन्यवाद आपका।
Salil Shamshery
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11 Jul 2020 09:08 PM
वाह बहुत खूब
11 Jul 2020 08:40 PM
बहुत सुंदर
Salil Shamshery
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11 Jul 2020 08:44 PM
सादर आभार
11 Jul 2020 01:52 PM
हक़ीक़त के सब श़िकवे दूर कर देते हो।
जब तुम मेरे ख्व़ाबों में आकर गुफ्त़गू करते हो।
श़ुक्रिया !
Salil Shamshery
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11 Jul 2020 02:42 PM
वाह बहुत खूब
सादर आभार
Bahut sunder
बहुत बहुत धन्यवाद जी
सादर अभिनन्दन