Comments (4)
11 Aug 2020 06:36 PM
अतिसुंदर प्रस्तुति ।
राधा ही कृष्ण कृष्ण ही राधा
राधा की परछाई हैंं कृष्ण
तो कृष्ण की परछाई है राधा
कृष्ण शरीर है तो राधा है उनकी आत्मा
कृष्णा इच्छा है तो उसकी पूर्ति है राधा
जन-जन के हृदय में बसे हैं कृष्ण
तो कृष्ण के हृदय में बसी है राधा
राधा और कृष्ण तो एक दूसरे के पूरक हैं
राधा बिन अधूरे हैं कृष्ण तो कृष्ण बिन अधूरी राधा
धन्यवाद !
Salil Shamshery
Author
12 Aug 2020 07:36 AM
सादर आभार
Vr nice sir
सादर आभार