SAGAR 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 SAGAR 17 Apr 2020 · 1 min read मुहब्बत में क्या शिकायत करें मुहब्बत में खामुशी जब है अपनी आदत में साथ होने का तो दिखावा है साथ होते नहीं हकीकत में चाल कोई चले सभी जायज इक मुहब्बत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 289 Share SAGAR 10 Apr 2020 · 1 min read छेड़ मत ज़ज्बात मेरे छेड़ मत ज़ज्बात मेरे हैं बुरे हालात मेरे तन्हा हो तो मिलना हमसे अच्छे हैं ख्यालात मेरे अब अकेला मैं नहीं हूँ साथ है जुल्मात मेरे काम कोई भी न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 544 Share SAGAR 9 Apr 2020 · 1 min read साफ़ चेहरा दिल में काला आज भी है साफ़ चेहरा दिल में काला आज भी है आदमी कितना निराला आज भी है डर गया मुंसिफ ज़माना क्या करेगा बेबसी के मुँह पे ताला आज भी है कौन सच्चाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 341 Share SAGAR 3 Apr 2020 · 1 min read करेगा याद मेरे बाद मुझको करेगा याद मेरे बाद मुझको किया है जिसने भी बर्बाद मुझको मुसलअल आ रही हैं हिचकियाँ क्यों वो शायद कर रहा है याद मुझको उसी से चल रही है साँस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 335 Share SAGAR 1 Apr 2020 · 1 min read ठिकाने से रहा बच गया वो जो ठिकाने से रहा दूर कुछ दिन इस ज़माने से रहा लग गई जो तस्वीर जो दीवार पर ज़िंदगी में फिर तो आने से रहा Hindi · मुक्तक 1 227 Share SAGAR 1 Apr 2020 · 1 min read ठिकाने से रहा बच गया वो जो ठिकाने से रहा दूर कुछ दिन इस ज़माने से रहा लग गई जो तस्वीर जो दीवार पर ज़िंदगी में फिर तो आने से रहा Hindi · मुक्तक 1 498 Share SAGAR 31 Mar 2020 · 1 min read कोरोना कैसा ये सन्नाटा पसरा है यहाँ कोई दहशत गर्द गुजरा है यहाँ आदमी को आदमी से डर लगे जिंदगी को आज खतरा है यहाँ शह्'र हो या गाँव फैली ख़ामुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 481 Share SAGAR 23 Mar 2020 · 1 min read चीखते चीखते कहा जैसे चीखते चीखते कहा जैसे मेरा मुझमें न कुछ रहा जैसे सिसकियाँ दर्द की सुनी उसकी तीर अन्दर कोई लगा जैसे है जरूरत मुझे तेरी कितनी आज महसूस ये हुआ जैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 270 Share SAGAR 14 Mar 2020 · 1 min read बहुत याद आया वो जाने के बाद बहुत याद आया वो जाने के बाद मिला था मुझे जो ज़माने के बाद जिन्हें देख कर मुस्कुराते थे हम उसी ने रुलाया हंसाने के बाद किसी और के हमसफ़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 259 Share SAGAR 10 Mar 2020 · 1 min read ऐसी भी बरसात होती गर कोई ऐसी भी बरसात होती गर कोई टूट कर बरसे कहीं अम्बर कोई खामुशी ने शोर इतना कर दिया रह न पाया फिर मेरे अंदर कोई पूछना था आपसे ये इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 288 Share SAGAR 10 Mar 2020 · 1 min read देश लूटने का दर्द एक पत्ते से पूछो उसके टूटने का दर्द ज़िंदगी में अपनों का साथ छूटने का दर्द ये वतन नहीं बिकने दूँगा मेरा वादा है बेच वो रहा सब कुछ समझो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share SAGAR 7 Mar 2020 · 1 min read खूब बारिश है हर समा तर है साथ है उसका फिर तो क्या डर है वो खुदा ही तो मेरा रहबर है रात से ही नहीं खुला मौसम खूब बारिश है हर समा तर है चेहरे खिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share SAGAR 3 Mar 2020 · 1 min read ठीक हूँ तन्हा जो हुआ अच्छा हुआ इंकार से ठीक हूँ तन्हा किसी लाचार से सीखकर मुझसे मुहब्बत देखिए बेवफ़ाई कर गया वो यार से फूल से ही ज़ख्म इतने खायें हैं डर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 255 Share SAGAR 22 Feb 2020 · 1 min read तेरी मेरी कहानी तेरी मेरी जो ये कहानी है जन्म जन्मों से भी पुरानी है दूर बैठे हो अजनबी से तुम पास आओ भी रुत सुहानी है उड़ रही जुल्फ़ जो हवाओं में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 289 Share SAGAR 16 Feb 2020 · 1 min read हमारे नेता अपने बारे में सोचता देखो वोट लेकर खुदा बना देखो आज वो बात भी नहीं सुनता कल था कदमों में जो पड़ा देखो जितना चाहे अमीर हो जाए हर घड़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 318 Share SAGAR 12 Feb 2020 · 1 min read सारे गुनाह तेरे मैं आज माफ़ कर दूँ सारे गुनाह तेरे मैं आज माफ़ कर दूँ ये क़ायनात सारी अपने ख़िलाफ़ कर दूँ जीने नहीं ये देती यादें अगर रही तो अच्छा यही रहेगा इनको ही साफ़ कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 374 Share SAGAR 5 Feb 2020 · 1 min read कौन आए ये बताने के लिए क्या सही है इस ज़माने के लिए कौन आए ये बताने के लिए खाने वाले घर में सौ होंगे मगर आदमी इक ही कमाने के लिए साँस से बढ़कर नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share SAGAR 2 Feb 2020 · 1 min read ज़िंदगी से क्या शिकायत दोस्तो ज़िंदगी से क्या शिकायत दोस्तो है खुदा की ये इनायत दोस्तो हो रही है गुदगुदी ये सोचकर कर न बैठें हम मुहब्बत दोस्तो जुल्फ़ उड़ती ये हवा में देखिए कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 319 Share SAGAR 2 Feb 2020 · 1 min read तेरी तस्वीर तेरी तस्वीर पीछा नहीं छोड़ती बात करने का मौका नहीं छोड़ती मेरे अंदर समाई है तू इस क़दर साँस आने का रस्ता नहीं छोड़ती हर घड़ी सामने मेरे रहने लगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 280 Share SAGAR 4 Nov 2019 · 1 min read सारा नशा उसका उतर गया होगा । सारा नशा उस का उतर गया होगा । जब वो किसी और के घर गया होगा ।। हर कोई माफ़ नहीं करता नादानी । मुमकिन है वो अब सुधर गया... Hindi · कविता 1 231 Share SAGAR 14 Oct 2019 · 1 min read दहेज जब आसमान से परी सी आई । सब ने मिलकर खुशी मनाई । बेटी ने घर में जन्म लिया था । अब एक बहन थी एक था भाई । बाप... Hindi · कविता 2 2 255 Share SAGAR 11 Oct 2019 · 1 min read वो परिंदे थे ये दौर भी मुसलसल जाना ही था । तहरीर नसीबो का निभाना ही था ।। हम दरख़्त से थे इंतजार में फ़क़त । वो परिंदे थे उन्हें जाना ही था... Hindi · मुक्तक 1 421 Share SAGAR 11 Oct 2019 · 1 min read गहरा और नीला समंदर इस धरती से मिलता वो अम्बर देख। ये गहरा और नीला समंदर देख।। अब भी कुछ समझना बाकी रहा अगर। खुद से मिल आईने के अंदर देख।। Hindi · मुक्तक 1 1 240 Share SAGAR 11 Oct 2019 · 1 min read अपनी बातें अपनी बातें सब करें, जग की करे न कोय । मिलकर सारे काज हो, विपदा कभी न होय ।। देखन आए दूर से, मकसद लेकर खास । हँसता मुखड़ा देख... Hindi · दोहा 1 499 Share SAGAR 11 Oct 2019 · 1 min read दोहा राजनीती छल कपट और झूठ से, नेता चाहें राज। जीत कर ये शेर बनें,भीगी बिल्ली आज।। Hindi · दोहा 1 202 Share SAGAR 11 Oct 2019 · 1 min read शिक्षा की लाचारी शिक्षा तेरी लाचारी देख, उजड़ रही फुलवारी देख । कल जो शिक्षक गुरुजी थे, आज बना कर्मचारी देख।। ज्ञान ज्योति जलाने वाला, सबको राह दिखाने वाला। सबके आज निशाने पर... Hindi · कविता 2 237 Share SAGAR 10 Oct 2019 · 1 min read बुलंद उड़ान बुलंद हौसला बुलंद उड़ान पर नज़र है। नीले बादलों में उस जहान पर नज़र है।। जहाँ सबको रोटी,शिक्षा और मकान मिले। मेरी उस सुनहरे हिंदुस्तान पर नज़र है।। इन कोशिशों... Hindi · कविता 1 336 Share SAGAR 24 Jul 2019 · 1 min read नज़रों में नहीं गिरता झुक जाता हूँ मगर पैरों में नहीं गिरता नज़र में रहता हूँ नज़रों में नहीं गिरता हमेशा रहता है माँ की दुआ का साया थक जाता हूँ मगर रास्तों में... Hindi · कविता 1 203 Share SAGAR 19 Jul 2019 · 1 min read दीवाने थे ना काँटों से दुश्मनी थी ना फूलों के दीवाने थे कुछ गम थे नसीब की तहरीरों में जो हमें निभाने थे खिलता गुलशन ग़रूर कर बैठा नाजुक से फूलों पर... Hindi · कविता 1 463 Share SAGAR 11 Jul 2019 · 1 min read ऐ ज़िंदगी तूने मुझे दिया क्या ? दिल से चाहा वो मिला क्या ? ऐ जिंदगी तूने मुझे दिया क्या ? ना जब कोई पास था । पर मिलने का विश्वास था । हर पल देखा सपना... Hindi · कविता 2 2 616 Share SAGAR 8 Jul 2019 · 1 min read भला आग से आग बुझाते हैं क्या भला आग से आग बुझाते हैं क्या आंधियों से दीये जलाते हैं क्या जो पीर दर्द के मायने बदल दे उस दर्द पर मरहम लगाते हैं क्या नज़र महफ़िल में... Hindi · कविता 2 2 615 Share SAGAR 8 Jul 2019 · 1 min read हम अपने दर्द को जब गज़लों में गाने लगे हम अपने दर्द को जब गज़लों में गाने लगे सारे परिन्दें रो पड़े फूल मुरझाने लगे यूँ मासूमियत से ज़िंदगी कान में कह गई तुम पहले अपने थे अब ज़रा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 387 Share SAGAR 7 Jul 2019 · 1 min read वो चेहरा जो रोज़ ख्वाबों में आता है खामोशी और सन्नाटा नज़र आता है जो रस्ता इस दिल से उस दिल को जाता है जाने कौन है और क्या लगता है मेरा वो चेहरा जो रोज ख्वाबों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 222 Share SAGAR 5 Jul 2019 · 1 min read क्या बन जाओगे तुम अब बिगड़ी सुधार कर क्या बन जाओगे तुम । बेवफ़ा हो बेवफ़ा ही कहलाओगे तुम ।। ना आएगा परिंदा झूठ के झांसे में । डालते डालते दाना थक जाओगे तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 346 Share SAGAR 4 Jul 2019 · 1 min read हाँ टूटा जरूर हूँ मगर बिखरा नहीं हूँ हाँ टूटा जरूर हूँ मगर बिखरा नहीं हूँ। थोड़ा समझ गया हूँ मगर निखरा नहीं हूँ। दूसरों को हँसाने में भी खुशी मिलती है। कुछ लोगों को ही ऐसी जिंदगी... Hindi · कविता 1 306 Share SAGAR 4 Jul 2019 · 1 min read दीया वो हवाओं से भी मुझे बचाता है । वो दुआओं में भी मुझे जलाता है ।। मैं भी दीया हूँ मेरा काम है जलना । तभी वो अँधेरे में देख... Hindi · मुक्तक 1 339 Share SAGAR 4 Jul 2019 · 1 min read मेरा खास था मेरा खास था पर दुनिया के लिए आम था मेरी नजरों से दूर वो बड़ा बदनाम था कितनी बार टूटा हूँ मन्नतें निभाने को मैं कोई सितारा था या कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 350 Share SAGAR 1 Jul 2019 · 1 min read जुनून जुनून बन गई थी जब से मुहब्बत लाज़मी था उसका छोड़ के जाना Hindi · मुक्तक 1 502 Share SAGAR 1 Jul 2019 · 1 min read गुनाह हो गया किसी को चाहना जैसे गुनाह हो गया। पतंगा भी फूलों पर फना हो गया।। जिनके वादे थे संग जीने मरने के। उनका अपना अलग कैसे जहां हो गया।। सागर Hindi · मुक्तक 1 216 Share SAGAR 1 Jul 2019 · 1 min read उस रोज तम्हें देखा उस रोज तुम्हें देखा फिर रोज तुम्हें देखा हर पल तेरा चेहरा देखा पलता ख्वाब सुनहरा देखा कुछ देख के नजर झुकाई थी कुछ पल को फिर शरमाई थी कुछ... Hindi · कविता 1 308 Share SAGAR 30 Jun 2019 · 1 min read कुछ पल थे राही बनकर आए खुशियों के कुछ पल थे। वापस लौट गए वो जो आए कुछ पल थे।। मुसाफिर थे वो अब कहां रुकने वाले थे। इंतजार बहुत रहा मगर रुके... Hindi · मुक्तक 1 369 Share SAGAR 30 Jun 2019 · 1 min read खुद को आजमाया है अपनी बर्बादी पर भी जश्न मनाया है। वो चाहते थे जितना खुद को गिराया है।। वहम न रह जाए दिल में तेरा होने का। तेरी नफरतों से खुद को आजमाया... Hindi · मुक्तक 1 510 Share SAGAR 30 Jun 2019 · 1 min read इक कतरा वफ़ा इक बद्दुआ के बदले मिली खूब दुआएं थी। बुझ न पाया चिराग जिसके साथ हवाएं थी।। जिस पर खेलें फल खाए वो शज़र सूखा क्यों। किसने ये जड़ काटी किसकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 227 Share Previous Page 2