Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 18 Nov 2018 · 1 min read मां गंगा युगों युगों से इस धरती पर अपना प्यार लुटाती गंगा || अमृत जैसे जल को देकर तन मन शुद्ध बनाती गंगा || उपजाऊ मैदान बनाकर सोने को उपजाती गंगा ||... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 41 1k Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 4 Jul 2020 · 1 min read पौध लगाएं कविता "पौध लगाएं" ---------------------------------- पौध लगाए पौध लगाएं अपना हम कर्तव्य निभाएं लालच और स्वार्थ में घिरकर प्रकृति को कितना है नोचा क्या होगी इसकी परिणति कभी बैठ कर इसे... Hindi · कविता 6 5 721 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 19 Nov 2018 · 1 min read उड़न खटोला गांव में आया आसमान से धीरे-धीरे धूल उड़ाता नीचे आया देखा सबने शोर मचाया उड़न खटोला गांव में आया || उड़न खटोले से जो उतरे खादी के कपड़े पहने थे सर पर टोपी... Hindi · कविता 4 1 678 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 28 Apr 2020 · 2 min read खतरा किससे (लघु कथा ) " खतरा किससे" ------------------------------------------------------------------------ मनकू दवे पैरों से जैसे ही घर से बाहर निकला रास्ते में खड़े एक पुलिस वाले ने उसको डांटना शुरू कर दिया बोला... Hindi · लघु कथा 3 1 689 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 31 Mar 2020 · 1 min read लॉकडाउन को चलो भुनाएं जो संकट हम पर आया है वह भी एक अवसर लाया है आओ इसका लाभ उठाएं लॉकडाउन को चलो भुनाएं दिनचर्या हम करें नियंत्रित सूक्ष्म योग व्यायाम करें हम घर... Hindi · कविता 2 2 659 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 5 Apr 2020 · 1 min read ऐसे हार नहीं मानेंगे हार जीत तो लगी रही है सदियों पहले से इस जग में फूलों के संग कांटे भी हैं जीवन पथ की हर एक डग में हंस कर आगे बढ़ जाएंगे... Hindi · कविता 4 2 578 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 25 May 2021 · 1 min read आ ही गई बरसात लो आज आ ही गई बरसात कब से इंतजार में बैठे थे हम और तुम गुमसुम गुमसुम प्यासे पशु पक्षी कितना परेशान थे आशा में जिंदा थे दिखते बेजान थे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 7 606 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 3 Mar 2023 · 1 min read रोज मरते हैं रोज मरते हैं यहां पर जिंदगी की चाह में पर समझ न पाए अब तक क्या रखा इस आह में? ________________ "सत्य" Quote Writer 1 770 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 19 Nov 2021 · 1 min read किस नाम से याद करूं हे ईश्वर तुमको याद करूं तो बता किस नाम से याद करूं हे ईश्वर हे ईश्वर हे ईश्वर तुझे राम कहूं या रहीम कहूं तुझे कृष्ण कहूं या करीम कहूं... Hindi · गीत 1 4 476 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 16 Jun 2022 · 1 min read "पिता" मन की कोख में बड़ा करते हैं बच्चों को मरते दम तक पर प्रसव वेदना को छुपा लेते हैं पिता करके असीमित प्रेम परिवार से अल्प संसाधनों में गुजारा करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 5 2 513 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 16 Dec 2022 · 4 min read अक्षत और चूहों की बस्ती बाल कथा 'अक्षत और चूहों की बस्ती' लेखक डॉ. रीतेश कुमार खरे "सत्य" ------------------------------------------------------- अक्षत के लिए मम्मी ने पराठा रखा और किचन में चली गई अक्षत खेल में बिजी... Hindi · Story 4 4 518 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 22 Oct 2021 · 1 min read जीवन बीत रहा "गीत" *जीवन बीत रहा* ==================== कष्ट यही है जीवन में यह पल, पल- पल में बीत रहा है डर है बस इस बात का मन को प्रेम का सोता रीत... Hindi · गीत 477 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 14 Apr 2020 · 1 min read वक्त की रफ्तार वक्त की रफ्तार कितनी तेज है जिंदगी तो मौत की इक सेज है मारकर खुद को जीना है हमें जिंदगी इक दर्द पीना है हमें एक पल भी रुकना समझो... Hindi · मुक्तक 1 430 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 26 Oct 2019 · 1 min read क्यों न पेड़ लगाते हो? तेज धूप है हवा गरम बहा पसीना निकला दम धूल भरी आंधी में घिर कर रोते हो चिल्लाते हो क्यों ना पेड़ लगाते हो? चौमासा दस दिन में बीता ताल... Hindi · कविता 4 1 360 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 13 Jan 2021 · 1 min read लॉकडाउन को चलो भुनाएं जो संकट हम पर आया है वह भी एक अवसर लाया है आओ इसका लाभ उठाएं लॉकडाउन को चलो भुनाएं दिनचर्या हम करें नियंत्रित सूक्ष्म योग व्यायाम करें हम घर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 14 341 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 25 Sep 2020 · 1 min read व्यर्थ की उम्मीदें पीड़ित व्याकुल मन के भीतर क्यों ये दर्द भरे हो रोगी तन-मन लिए पड़े हो ये क्या हाल करे हो दिल क्यों खंडहर बना रखा है साफ करो ये भ्रम... Hindi · मुक्तक 2 1 329 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 9 Mar 2020 · 1 min read मन की संवेदना **मन की संवेदना** मन की संवेदना छिपाकर जीना सीख गया मैं हंसना सीख गया मैं गम को पीना सीख गया मैं इस दुनिया में श्रेष्ठ भावना यूं ही मर जाती... Hindi · कविता 1 325 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 11 Sep 2020 · 1 min read काश हम भी झुमका होते काश हम भी झुमका होते उनके ठुमके पर झूम झूम जाते गोरे गोरे गालों को चूम चूम जाते काश हम भी झुमका होते उनके लंबे बालों में उलझ उलझ जाते... Hindi · कविता 2 2 324 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 20 Nov 2018 · 1 min read रोकें बाल मजूरी बच्चे सीधे सच्चे होते पल में हंसते पल में रोते फूलों सा हरदम मुस्काते तारों सा घर को चमकाते इनकी शिक्षा बहुत जरूरी आओ रोकें बाल मजूरी || खेलकूद बच्चों... Hindi · कविता 6 1 304 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 7 Apr 2020 · 1 min read जीतेगा विज्ञान हमारा आज विश्व में अंधकार है छिपे शत्रु का तेज वार है घायल है मानवता सारी भयाक्रांत दिखते नर नारी मजबूरी है घर पर रहना सामाजिक दूरी को सहना आज धैर्य... Hindi · कविता 1 295 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 6 Sep 2020 · 1 min read मेरी टीचर बाल कविता "मेरी टीचर" ------------- सबसे प्यारी मेरी टीचर सबसे न्यारी मेरी टीचर मीठे मीठे गीत सुनाकर मुझे पढ़ाती मेरी टीचर प्यारे-प्यारे खेल खिलाकर खूब हंसाती मेरी टीचर अच्छे और... Hindi · कविता · बाल कविता 4 317 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 11 Apr 2023 · 1 min read बंदरा (बुंदेली बाल कविता) आ गव बंदरा आ गव बंदरा पको पपीतो खा गव बंदरा डंडा लेके दद्दा दौरे डर गव और घबरा गव बंदरा Hindi 397 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 2 May 2022 · 1 min read मुक्त होना चाहता हूं थक गया हूं जीवन की दौड़ से आदमी की आदमी से होड़ से बस तुमसे युक्त होना चाहता हूं मैं मुक्त होना चाहता हूं =============== "सत्य" Hindi · मुक्तक 141 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 11 Aug 2023 · 1 min read जीने नहीं देते जीने नहीं देते --------------------------- मुझे चैन से जीने नहीं देते हैं लोग चाहता हूं सब गम अकेले पी जाऊं पर पीने नहीं देते हैं लोग मुझे चैन से जीने नहीं... Hindi 228 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 31 Jan 2024 · 1 min read अच्छा खाना कहते हैं मेरे नाना खाए हम अच्छा खाना हरी हरी सब्जियां खाएं मौसम के फल हमको भाएं दालें खाएं, फलिया खाएं अपना तन-मन स्वस्थ बनाएं पिज़्ज़ा बर्गर नहीं जरूरी फास्ट... Hindi · बाल कविताएंँ 59 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 29 Feb 2024 · 1 min read अबके रंग लगाना है अबके रंग लगाना है -------------------------------- होली के दिन, चुपके से तुम पास मेरे जब आते हो। और हौले से , गाल को मेरे लाल-हरा कर जाते हो तब मेरा मन... Hindi 95 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 22 Mar 2024 · 1 min read "सत्य" "सत्य" ------------------------- सत्य तो है सत्य पर जो सत्य से घबराएगा झूठ का उसको सहारा आप ही मिल जाएगा झूठ का लेकर सहारा जग को दे देगा यकीन अपनी अंतरआत्मा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 4 634 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 3 Apr 2024 · 1 min read जिंदा है हम न बची दम न बचा खम बस खुश है कि जिंदा है हम खोया सम पाया विषम बस खुश है कि जिंदा है हम खुशियां कम ज्यादा गम बस खुश... Hindi 3 815 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 9 Apr 2024 · 1 min read वोट डालने जाएंगे वोट डालने जाएंगे हम वोट डालने जाएंगे संविधान की ताकत है यह जन-जन का है स्वाभिमान हम चुनते अपनी सरकारें इस पर है हमको अभिमान लोकतंत्र के महापर्व में अपना... Hindi · मतदाता जागरूकता अभियान 114 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 2 May 2024 · 1 min read मन की संवेदना मन की संवेदना छिपाकर जीना सीख गया मैं हंसना सीख गया मैं गम को पीना सीख गया मैं इस दुनिया में श्रेष्ठ भावना यूं ही मर जाती है सपनों की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 20 Share