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22 Oct 2021 · 1 min read

जीवन बीत रहा

“गीत”
जीवन बीत रहा
====================
कष्ट यही है जीवन में
यह पल,
पल- पल में
बीत रहा है

डर है बस
इस बात का
मन को
प्रेम का सोता रीत रहा है

न खोने का गम है बाकी
न पाने की खुशी बची है
न सुर न संगीत बचा है
और न कोई गीत रहा है

अपने हुए आज बेगाने
बात बात में देते ताने
चुपके से सब दूर हो गए
पास न कोई मीत रहा है

कष्ट यही है जीवन में
यह पल,
पल- पल में
बीत रहा है
=================
डॉ. रीतेश कुमार खरे “सत्य”

Language: Hindi
Tag: गीत
478 Views
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