रेखा कापसे Language: Hindi 84 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रेखा कापसे 8 Sep 2023 · 1 min read हिंदी दिवस विशेष *मनोरम छंद (मापनी युक्त मात्रिक छंद)* *मापनी-- 2122-2122* *विधान* --14 मात्रा/ पदांत-122 या 22, 3री व 10वीं मात्रा अनिवार्य रूप से लघु। चार चरण, क्रमागत दो-दो या चारों चरण समतुकांत... Hindi · कविता 113 Share रेखा कापसे 1 Aug 2023 · 1 min read नारी व्यथा *एक प्रयास नवगीत पर🙏* *शीर्षक -- नारी व्यथा* नारी मन की अमराई पर, दे पौरुष बल कोड़े। स्वाभिमान के अंबुज उसने, सौ-सौ बार मरोड़े।। सहर काल से नित संध्या तक,... Hindi 2 152 Share रेखा कापसे 19 May 2022 · 1 min read दोहा छंद- पिता सुखद निलय मधु मूल है, पिता धूप में छाँव। नायक शुभ परिवार का, दृढ़ ग्रहस्थ दे पाँव।।(१) नित्य दिवस निशि कर्म कर, पोषक पालनहार। उदर तृप्त परिवार का, प्रमुदित शुभ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · दोहा 14 9 922 Share रेखा कापसे 10 Feb 2021 · 1 min read दोहे.... *विधा-*दोहा लेखन* ********************** *माँ* भोली सूरत मात की,मीठे मीठे बोल। नेह भरी मूरत प्यारी, है जग में अनमोल।। *पिता* पुरा जीवन रीत गया, सुत का हो कल्याण। भाव मन में... Hindi · दोहा 5 2 554 Share रेखा कापसे 26 Dec 2020 · 1 min read विषय पंक्ति- स्वच्छ रहे परिवेश विषय पंक्ति- स्वच्छ रहे परिवेश दिन -शनिवार दिनाँक- 26/12/2020 """"""'"""""""""""""""""""""""""""""" सुंदर स्वच्छ शहर हो अपना! चलो सजाएँ मिल के सपना!! तय करे सब की जिम्मेदारी! जन-जन की हो भागीदारी!! कुड़ा-कचरा... Hindi · कविता 1 1 306 Share रेखा कापसे 16 Dec 2020 · 1 min read मेरी कविता.. *मेरी कविता* ************* मेरी कविता बहुत समझदार है, भावों का मंतव्य विस्तार है मुझ पर हक नहीं जताती है शक में नहीं भरमाती है कभी तंज नहीं कसती है मेरी... Hindi · कविता 4 10 456 Share रेखा कापसे 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना में हाल बुरा है एक विषाणु विदेशी आया, देख संक्रमण मन घबराया! घर में नजरबंद हुए सब, सकल विश्व संकट गहराया!! वक्त मानों थम सा गया है, ये कोरोना जम सा गया है! हर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 42 77 2k Share रेखा कापसे 8 Dec 2020 · 1 min read किसान... रचनाकार- रेखा कापसे "होशंगाबाद" दिन- मंगलवार दिनाँक- 1/12/2020 विधा - कविता **************************** श्वेत लहु से अवनि को, करता जो लहुलुहान है! स्वेद कण से उपजाता, अन्न वो कनक समान है!!... Hindi · कविता 3 3 507 Share रेखा कापसे 6 Dec 2020 · 1 min read स्मृतियाँ... दिल दिमाग पर असंख्य, रेखाएँ खींच जाती है! चित्त पटल पर जब , स्मृतियाँ बिछ जाती है!! खोल देती है बंद पट, बदले भावों की करवट! रीत गए जो लम्हें... Hindi · कविता 2 4 466 Share रेखा कापसे 6 Dec 2020 · 1 min read नवल किरण दैनिक रचना विषय - नवल किरण दिनाँक- 28/10/2020 दिन-बुधवार ***********"""""""""" एक नवल किरण हरती तमस, बिखेरे पुंज उजियास का! एक आस जगाए चित्त में और, अंश है सकल प्रयास का!!... Hindi · कविता 1 1 545 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read अंतर्द्वन्द रचनाकार:- रेखा कापसे दिन:- शुक्रवार दिनाँक:- 30/10/2020 ******************* एक कशमकश सी सदा बनी रहती हैं मेरे मन में! इतने उतार- चढ़ाव क्यों लिखे हैं रब ने जीवन में!! मूरत गढ़ी... Hindi · कविता 1 324 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read स्मृति,.... जागृति विषय - स्मृति दिन- शुक्रवार दिनाँक - 20/11/2020 रचनाकार- रेखा कापसे ************************ दिल दिमाग पर असंख्य, रेखाएँ खींच जाती है! चित्त पटल पर जब कभी, स्मृतियाँ बीछ जाती है!! खोल... Hindi · कविता 1 470 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read "किसान" रचनाकार- रेखा कापसे "होशंगाबाद" दिन- मंगलवार दिनाँक- 1/12/2020 विधा - कविता **************************** श्वेत लहु से अवनि को, करता जो लहुलुहान है! स्वेद कण से उपजाता, अन्न वो कनक समान है!!... Hindi · कविता 1 329 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read हमसफ़र..... दिन- गुरुवार दिनाँक- 5/11/2020 रचनाकार- रेखा कापसे जब से आए हो तुम, हमदम मेरे जीवन में! हसीं ख्वाब पलने लगे हैं, नित मेरे मन में!! लबों की हँसी तुम हो,... Hindi · कविता 2 269 Share रेखा कापसे 5 Dec 2020 · 1 min read "मौसम" यूँ तो पल पल में बदलते रहते है मौसम! नित नव क्रियाओं में, बहते हैं ये मौसम!! रश्मि सुनहरी करती सहर का आगाज! प्रति क्षण गुनीत तपिश, पहर का साज!!... Hindi · कविता 439 Share रेखा कापसे 26 Aug 2020 · 1 min read "प्रेम पथिक " रचना विषय- प्रेम पथिक रचनाकार - रेखा कापसे "रेखा_कमलेश" दिनाँक- 21/08/2020 दिन- शुक्रवार ******************************** भूल के रुख बेरुखी का, एक-दूजे को स्वीकार करे! (1) प्रेम पथिक बन हम दोनो, प्रीत... Hindi · कविता 4 4 494 Share रेखा कापसे 6 Aug 2020 · 1 min read स्त्री दैनिक रचना रचनाकार - रेखा कापसे दिन -गुरुवार दिनाँक - 6/8/2020 ********************************- स्त्री........... छोड़ आती पीहर अपना, तुम्हें अपना बनाती है हर एक कोना घर का, बड़े सलीके से सजाती... Hindi · कविता 4 3 459 Share रेखा कापसे 27 Jul 2020 · 1 min read गीत मल्हार सूखा सावन प्यासी नदियाँ बेरन फुहार बरखा लागे। (1) अनमने आस में तकते बेकल तरु सहसा लागे।। (2) बेला चंपा और चमेली, फीकी मुस्कान लिली की। (3) उर भी लेत... Hindi · गीत 6 10 466 Share रेखा कापसे 16 Jul 2020 · 1 min read तब गाँव हमें अपनाता है... रचनाकार - रेखा कापसे दिनाँक -16/07/2020 दिन - गुरुवार ****************** शहरी चकाचौंध से , जब मन घबरा जाता है। चारदीवारी कमरे में, दम घूटने लग जाता है।। अपनत्व की खोज... Hindi · कविता 5 6 280 Share रेखा कापसे 17 May 2020 · 1 min read मुकद्दर की बात है.... हर इंसां कर्मशील है पथ पर अपने आज । कल जिसको जितना मिल जाए, मुकद्दर की बात है।। हाथ में लिए फिरते है, जाम वो इश्क़ का। नशा जिसको जितना... Hindi · कविता 3 498 Share रेखा कापसे 17 May 2020 · 1 min read शायरी वाह जनाब ! बेहद वाज़िब फरमाया है आपने। नायाब लेखन शैली से, शीर्ष कमाया हैं आपने।। ?????✍️ Hindi · कविता 2 378 Share रेखा कापसे 10 May 2020 · 1 min read "माँ " सर्वप्रथम माँ के चरणों में 2 पंक्तियाँ अर्पित करती हूँ.. "हे जन्मदायिनी मात मेरी, मैं तुहिर कण तू पात मेरी। मैं चंचल सरिता वेग लिए, तू मुझको संभाले थात मेरी।।... Hindi · कविता 3 2 479 Share रेखा कापसे 24 Apr 2020 · 1 min read प्रकृति शक्ति सौम्य रूपा विषय - प्रकृति शक्ति सौम्य रूपा असंख्य वीरो की जननी, सृष्टि मानव जीवनदायिनी है। अनेकों संसाधन पूरित, समूचे खजाने की स्वामिनी है।। ममनमोहक रमणीक स्थल, सुन्दर प्रकृति की शान है।... Hindi · कविता 2 469 Share रेखा कापसे 20 Mar 2020 · 1 min read अब गले से लगा लो मुझकों बहुत कराया, इंतज़ार दिल को अब गले से लगा लो मुझकों बेचैन कर रहा, प्यार तेरा जहां से तुम, चुरा लो मुझकों यूँ न खेलो, जज्बातों से तुम अश्कों में... Hindi · कविता 4 3 311 Share रेखा कापसे 20 Mar 2020 · 1 min read मैं और मेरी कलम स्वच्छंद विचारों वाली, स्वास्थ्य की मैं शाखी हूँ! नाम मेरा रेखा, बैतूल मध्यप्रदेश की वासी हूँ!! अस्वस्थ काया मनोरोग की, पीड़ा हर जाती हूँ! परिवार दोस्तों संग, जीवन में रंग... Hindi · कविता 2 1 333 Share रेखा कापसे 17 Mar 2020 · 1 min read व्यथित मन की जुबानी... मशगूल है हर कोई खुद में, मतलब के साथी लगते हैं! रिश्तों से मतलब नहीं बस, मतलब से रिश्ता रखते है!! कौन चाहे किसको जाने, मतलब से सब पहचाने! मन... Hindi · कविता 3 256 Share रेखा कापसे 23 Feb 2020 · 1 min read "सफर की शाम हो गई " देखते देखते, सफर की शाम हो गई देख ये फिर से, तेरे ही, नाम हो गई कोशिश तो बहुत की,तुझे भुलाने की तेरी यादें कमबख़्त, सरेआम हो गई तू लौट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 277 Share रेखा कापसे 17 Feb 2020 · 1 min read तेरी चाहत का असर मोहब्बत,बेइंतहा हैं तुमसे चाहतों का रंग, गहरा है दिल में भी तुम हो, और बाहर तेरा ही पहरा है भूला नहीं पाई,अबतक तुम्हें, इस दिल से, तेरी बातों का असर... Hindi · कविता 4 317 Share रेखा कापसे 28 Jan 2020 · 1 min read "जय गणतंत्र, जय संविधान " एक राष्ट्र, एक विधि-विधान । रचा बाबा साहब, ने संविधान।। दिए अनिवार्य मौलिक अधिकार। सबकी सुरक्षा, सबका सम्मान।। स्वतंत्र देश, धार्मिक स्वतंत्रता।। मौलिक कर्तव्य,स्वेच्छिक मतदान।। जाति-धर्म सभी,जहाँ एक समान। ऐसा... Hindi · कविता 7 231 Share रेखा कापसे 28 Jan 2020 · 1 min read इतना मुश्किल भी नहीं .... इतना मुश्किल भी नहीं हैं ख्वाबों का पलना सूरज का ढलना चांद तारो का निकलना एक एक कर तोड़ लाओ फलक से तारे तुम रोशनाईं रहे जहां में चांद को... Hindi · कविता 6 1 338 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read "अब तुम नहीं याद आते हों" अब तुम कम याद आते हो! क्या तुम मुझे भूल पाते हो!! तन्हाईं में वक्त,कहाँ बिताते हों! होते जब जिद्दी,किसे सताते हो!! कहाँ ढुँढते खुशियाँ,गम किसे बताते हों! यूँ अकेले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 411 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read कविता मुझे बहुत प्रिय था वो,और स्थिर सा उसका शूरूर। धड़का था दिल मेरा उसमें, थी मैं उसका गुरुर। अल्फ़ाज़ उसके,साँसे मेरी,दिल उससे ही धड़कता था। मैं उसके मन की मल्लिका,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 758 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read लिखते रहेंगे कुछ न कुछ लिखते रहेंगे यूँ ही चंद अलफ़ाज़ साँसों में हैं जब तक तेरा साज बदल गए हैं दिल के सुर-ताल आ जाओ बनकर फिर एक ख्वाब तुम बिन,कब तक बहेगी दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 354 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read दुरियाँ सोचा न था,दुरियाँ होगी,संग तेरे जज्बातों की। वो लम्हें रीत गये,यादों से उन मुलाकातों की।। रेखा"कमलेश " होशंगाबाद मप्र Hindi · कविता 4 2 301 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read "सपनों की दुनियाँ " सपनों की दुनियाँ हमारी,हकीकत में बहुत सच्ची थी तेरी- मेरी बातें,एक-दूजे को लगती सबसे अच्छी थी जग ने दूर किया तो क्या, रब फिर हमें मिलाएगा हमारे इश्क़ की गहराई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 302 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read भूली हुई कहानी भूली हुई कहानी, रीते लम्हें, वो बीते हुए पल। याद बहुत आता हैं, संग तेरे गुजरा हुआ कल।। जादुगरी सी बातें तेरी,खुशनुमा से वो एहसास। मेरी खामोश निगाहें पढ़ कर,स्नेह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 381 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read 4243 रेखा"कमलेश "आती वक्त बे वक्त तेरी याद समझाये कैसे,किससे करे दिल अपनी फरियाद रेखा " कमलेश " होशंगाबाद मप्र Hindi · कविता 3 640 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read न रोके कोई, मुझे न रोके कोई, मुझे कुछ करने से न टोके कोई मुझे कुछ कहने से प्रेम मेरा क्षणिक भी कम न होगा यूँ कोसो दूर भी, तुझसे रहने से कहा रोक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 492 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read गुमशुदा हैं कौन मुझमें गुमशुदा हैं कौन मुझमें महसूस करती हूँ,खुद को तुझमें सच हैं या, हैं सरासर झूठ कोई खबर करती,हवाएँ मुझे सूद में न बात,न हुई मुलाकात तुमसे कोई शक हैं सबको,खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 534 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read शायरी हर लम्हा मुझे, तू इस तरह हर पल में, न महसूस कर बेचैन सी ये हिचकियाँ,लेती हैं जां खामोशियाँ मेरी, कुछ तो मकसूद कर रेखा "कमलेश " होशंगाबाद मप्र Hindi · कविता 2 422 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read कविता मन तो नादान परिंदा है, ख्वाहिशें इसकी, कभी खत्म नहीं होती उल्फ़त बहुत हैं राहों में, तू कभी ये न कहना हसरतों की जुस्तजू,हर वक़्त पूरी नहीं होती कभी यादें... Hindi · कविता 2 2 447 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read तुमने कहा था..... दिल को तेरे मैं ही भाती हूँ, तुमने कहा था मैं सिर्फ तेरी परी हूँ,मुझसे तुमने कहा था क्यूँ साथ ले गए, मुस्कराहट और हँसी मेरी फबती ये खूब मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 362 Share रेखा कापसे 22 Jan 2020 · 1 min read गज़ल करीब हो मगर, करीब दिखते नहीं ख्वाब खुशबू से, तेरी महकते नहीं यादों के महल, छोड़ दिये तुमने बनाना हिचकी की सुद से,जज्बात बहकते नहीं ये कैसा प्यार था,जो पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 379 Share रेखा कापसे 21 Jan 2020 · 1 min read "नारी तू कब तक देगी परीक्षा " नारी तू कब तक देगी परीक्षा सुनेगी, कब तलक सबकी इच्छा। कर खुद, खुद ही की समीक्षा दे कोख में ही, संतति को दीक्षा।। ले प्रण,करेगी स्वयं ही संरक्षण भक्षक... Hindi · कविता 4 2 240 Share रेखा कापसे 21 Jan 2020 · 1 min read बहुत भगा लिया...... बहुत भगा लिया, तूने ए जिंदगी! कुछ पल का, अब तो ठहराव दे!! होंगे गिले-शिकवे तुझे भी, मुझसे! सबब से पार पाने,पतवार ए नाव दे!! कठपुतली हैं हर इंसां,रब तेरे... Hindi · कविता 3 1 457 Share रेखा कापसे 22 Sep 2019 · 1 min read आज फिर यादों में खोने का मन... आज फिर यादों में खोने का मन करता है गोद में उनकी,सुकून से सोने का मन करता हैं पलटे पन्नो से ,धूल हटाने का मन करता है सोए हुए मन... Hindi · कविता 3 2 259 Share रेखा कापसे 14 Sep 2019 · 2 min read "हिंदी" देश का गौरव चार लाईन:-- गौरव है हमारा, हमारी राष्ट्रभाषा,सबसे सरल है, हिंदी की परिभाषा इसमें ही राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत है,हिंदी ही तो, कवियों के मन का मीत है कविता:---- हिंदी गीत है,... Hindi · कविता 2 1k Share रेखा कापसे 4 Sep 2019 · 1 min read वो वक्त भी क्या वक्त था बचपन की गलियों में,सदा मन यूँ ही खोया रहता है सपना जो देखा था कभी,वो मन में संजोये रहता है गिल्ली-डंडे,छूप्पम-छूपाई,कंचो पर, वक्त का पहरा सख्त था वो वक्त भी... Hindi · कविता 3 4 335 Share रेखा कापसे 19 Aug 2019 · 1 min read बरखा रानी का आगमन चारो तरफ हरियाली छाई बरखा आई बरखा आई बादल गरजा, गड़-गड़-गड़ बारिश आई छम-छम-छम धरा का रुप हैं, अनुपम बिखरा चारो ओर, रंग हरा हैं पसरा उँचे पर्वतो से, बाते... Hindi · गीत 3 258 Share रेखा कापसे 19 Aug 2019 · 1 min read मायका और जायका न फीका होता हैं कभी जायका जब भी आओ, खुशहाल कर देता हैं, मायका माँ की ममता,खुब बरसती पापा के मन में खुशियाँ लहरती भाई हर बात का रखता ध्यान... Hindi · कविता 2 434 Share Page 1 Next