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तुम्हारी जुदाई का गम जब मुझे सालता है। तब अपने इजहार ए गम को शायरी में ढाल कर सुक़ून पा लेती हूं।
श़ुक्रिया !
बहुत धन्यवाद?
तुम्हारी जुदाई का गम जब मुझे सालता है।
तब अपने इजहार ए गम को शायरी में ढाल कर सुक़ून पा लेती हूं।
श़ुक्रिया !
बहुत धन्यवाद?