Rekha Drolia 199 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rekha Drolia 21 Dec 2020 · 1 min read कोरोना-एक अलग पहलू जीवन के इस भाग दौड़ में आया ठहराव,तू भी रुक इस पल को जी... होठों पर मुस्कान अभिराम झंझा से ले विराम इस पल को जी अपनों के लिए हैं... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 27 41 894 Share Rekha Drolia 4 May 2022 · 1 min read हम और तुम जैसे….. हम और तुम जैसे….. हम और तुम जैसे रेल की पटरी साथ तो हैं मगर जुदा जुदा मानो तुम मुझसे मैं तुझसे कुछ ख़फ़ा ख़फ़ा या सड़क के दो किनारे... Hindi · कविता 8 12 395 Share Rekha Drolia 11 Jun 2021 · 1 min read ग़र तुम आओ तो.. ग़र तुम आओ तो.. तेरी चाहत में टूट कर बिखरना भी है मंज़ूर जो दिल जोड़ने ग़र तुम आओ तो परवाह नहीं इश्क़ में हुए रुसवा या मशहूर जो वफ़ा... Hindi · कविता 5 6 454 Share Rekha Drolia 1 Jan 2021 · 1 min read साल बीस इक्कीस साल बीस इक्कीस साल दो हज़ार बीस की टीस चुभती रही दिल में बन नासूर क़हर बनकर बरसा ये बरस कितनों के अपने हो गए दूर जो बीत गया सो... Hindi · कविता 4 7 420 Share Rekha Drolia 25 Jan 2021 · 1 min read चाह.. चाह.. चाहत ये न थी कि पतझड़ में सूखे पत्ते सी टूट कर बिखर जाऊँ चाह बस ये थी कि ख़ुशबू की तरह तेरे मन जीवन में बिखर जाऊँ चाहत... Hindi · कविता 4 5 253 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-सावन लायो संदेस घिर घिर आयो बदरा लायो पिया संदेस बिजुरी भी नैनन से देवत मिलन संकेत मृदु संगीत सी छन छन बरसत जल धारा टिप टिप की ताल पर थिरकत मन मयूरा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 654 Share Rekha Drolia 31 Jul 2021 · 1 min read किताब का गुलाब किताब का गुलाब…. जर्जर सा संदूक बंद अरमान बेताब सहेज कर रखी वो पुरानी किताब फटे पन्नों के बीच वो सूखा गुलाब मुरझाया कुम्हलाया देखता ख़्वाब एक दिन तुम आओगे... Hindi · कविता 4 5 729 Share Rekha Drolia 2 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज मैं हर पल इधर उधर न जाने किधर किधर ढूँढती रही आठों पहर सच मिले चुटकी भर कभी उसकी बातों में बेवजह मुलाक़ातों में संग गुज़ारी रातों में मोहब्बत के... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 4 50 Share Rekha Drolia 2 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज प्रत्यक्ष है पर दिखता नहीं चीखता है पर सुनता नहीं भान है पर मान नहीं निशब्द मौन हर कहीं क्यूँ है सत्य मूक क्यों नहीं कहता दो टूक क्या सुनती... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 59 Share Rekha Drolia 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी दिवस #हिंदी दिवस १.हिंद की भाषा हिंदी हिंद का अभिमान हिंदी हिंद का गर्व हिंदी हिंद का सम्मान हिंदी हिंद का दिल हिंदी हिंद की जान हिंदी २.हिंदी है देश का... Hindi · कविता 3 6 232 Share Rekha Drolia 14 Sep 2020 · 1 min read मैं औरत हूँ मैं औरत हूँ रेशम सी मुलायम कभी मोह के धागों में लिपटी मख़मल सी नरम कभी लजायी बाहों में सिमटी पानी सी सरल कभी जिधर कहो बह जाऊँगी लहरों सी... Hindi · कविता 3 4 279 Share Rekha Drolia 27 Sep 2020 · 1 min read प्रतीक्षा... प्रतीक्षा... निरन्तर बिन पलकें झपकाए प्यासे नयन टकटकी लगाये पथ बुहारें जहाँ तक जाती नज़र मूक, ढूँढे तुम्हें डगर-डगर तुम कब आओगे? बेसुध अधूरा सा श्रिंगार कसकता प्राणो का हर... Hindi · कविता 3 1 263 Share Rekha Drolia 2 Oct 2020 · 1 min read मन #मन १.विचलित है मन तेज़ है धड़कन सूनी डगर जीवन की अगर मगर अनिश्चित काल हर पल एक सवाल समय से हारना या जीत की सम्भावना मन ही शक्की है... Hindi · कविता 3 2 290 Share Rekha Drolia 4 Oct 2020 · 1 min read अभय अभय इतना भय इतना डर क्यूँ मगर? इतनी चिंता इतनी फ़िकर क्यूँ मगर? बुरा वक़्त है टल जाएगा अच्छा समय कल ज़रूर आएगा समय का पहिया कभी रुकता नहीं अच्छा... Hindi · कविता 3 2 518 Share Rekha Drolia 9 Jan 2021 · 1 min read साजन कह-मुकरी साजन लिपटे तन मन भर दे स्पंदन कंपित अधरों पर मृदु चुंबन झंकृत हो जाते प्राणों के तार अंतर्मन शीतल सौरभ संसार सखी री साजन?नहीं री संदली पवन! सहला... Hindi · कविता 3 9 271 Share Rekha Drolia 16 Jan 2021 · 1 min read मेरा गाँव और वो मेरा गाँव और वो भोले से गाँव की भोली सी अल्हड़ छोरी ताल तलैया किनारे नैनों की जोरा जोरी मधुर चूड़ियों की खनक पायल की छनक ज्यूँ अमुआ की डाल... Hindi · कविता 3 2 442 Share Rekha Drolia 15 Feb 2021 · 1 min read ये लाल रंग.. ये लाल रंग ... जो न बहती रक्तिम धारा धारती मैं तुम्हें कैसे सारा रक्त कणों से कर सिंचित नव पुष्प खिलाती हूँ प्यारा जो बहता धमनियों में तुम्हारी रक्त... Hindi · कविता 3 6 244 Share Rekha Drolia 4 Apr 2021 · 1 min read लावा... लावा... गली के मोड़ पर खींचा था दुपट्टा कभी जकड़ा कभी कस कर पटका छटपटाती रही ज्यूँ जल बिन मीन दरिन्दे एक नहीं दो नहीं थे वो तीन बस जूझती... Hindi · कविता 3 3 560 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-बटोही बादल इन्द्रधनुष की खूँटी पर टंगा सतरंगी सपनों का बादल उड़ता नभ द्रुत पंख लगाए तितली सा अम्लान सजल भटके बटोही सा नील गगन इच्छाओं का जलद धवल मृदु स्वप्न के... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 363 Share Rekha Drolia 24 Jul 2021 · 1 min read क्षितिज क्षितिज…. क्षितिज की न करो बात था साखी मेरी प्रीति का ज्यूँ गगन और धरती का पर जब देनी थी गवाही खड़ा रहा बस मौन मूक कह सकता था दो... Hindi · कविता 3 6 387 Share Rekha Drolia 19 Aug 2021 · 1 min read कहने लगे …..कहने लगे! भीगी रातों में स्फुटित प्रेम अंकुर जब उजाले में कुम्हलाने लगे हाय बहुत कुछ ये कहने लगे मिल गया अर्थ टूटे हुए शब्दों का जब आँखों से ये... Hindi · कविता 3 371 Share Rekha Drolia 20 Jan 2022 · 1 min read स्त्रियाँ स्त्रियाँ वेग इतना कि वो पत्थर चीर निकलती है कोमल इतनी कलकल छलछल बहती है हर ढलान पे ढलती नदी सी होती हैं स्त्रियाँ दो पाटों के बीच सिमटी सी... Hindi · कविता 3 248 Share Rekha Drolia 14 Apr 2022 · 1 min read ढह गया … ढह गया … ढह गया सपनों का महल खंडहर हो गई ख्वाहिशें बेवफ़ाई की बुनियाद पर बिखरी इश्क़ की बंदिशें वीरां हुई मन की कोठरी सपनों पर लगी सीलन दहलीज़... Hindi · कविता 3 2 246 Share Rekha Drolia 18 May 2022 · 1 min read एकाकीपन एकाकीपन मैं और मेरा एकाकीपन सूना सूना सा जीवन बींध जाती अंतर्मन नीरवता की वो चुभन मौन का है हाहाकार चुप्पी काँधे पर सवार खामोशी का अंधकार कौन बोले अबकी... Hindi · कविता 3 5 459 Share Rekha Drolia 25 Jun 2022 · 1 min read उसे कभी न …… उसे कभी न …… दुख में कई साथ देंगे जो तेरी ख़ुशी में ख़ुश हो उसका हाथ थाम लेना उसे कभी न जाने देना जान देने वाले कई मिलेंगे जो... Hindi 3 2 276 Share Rekha Drolia 28 Oct 2022 · 1 min read सफलता जो हो कभी निराश छूट जाए सब आश बैठे हताश सब कुछ हार जीना लगता बोझिल बेकार चहुँ ओर तम का घेरा लगे न कोई अपना मेरा सब कुछ लगता... Hindi 3 2 205 Share Rekha Drolia 21 Apr 2024 · 1 min read संवेदना -जीवन का क्रम जीवन का क्रम आना जाना तू पल पल छिन छिन जी ले उम्मीदों की लौ बुझ रही आस का दीपक सा बर ले इंसानियत की ज्योत जला जगती के हर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 28 Share Rekha Drolia 12 Sep 2020 · 1 min read सुंदरता सुंदरता तुम बहुत सुंदर हो क्या यही मेरी पहचान इसमें मेरा क्या योगदान क्यों नहीं दिखती तुम्हें मेरी अस्तित्व की लड़ाई कठिन रास्तों की चढ़ाई मेरे कामयाबी के शिखर बुद्धिमत्ता... Hindi · कविता 2 2 345 Share Rekha Drolia 18 Sep 2020 · 1 min read मन रे..तू धीरज धर! मन रे .. तू धीरज धर! क्षण, प्रति़क्षण एक आस बेताब अरमानों की प्यास सब कुछ तो है पास फिर निरंतर किसकी तलाश मन रे .. तू धीरज धर बेदाग़... Hindi · कविता 2 3 540 Share Rekha Drolia 19 Sep 2020 · 1 min read कानन कानन (वन,जंगल ) जंगल वन उपवन कानन धरा सुसज्जित इन आभूषण लिपटे धरती से ज्यूँ भीगी लट धारण धरणी को हरियला पट जीव जन्तु खग विहग पक्षी पखेरू औषधी लकड़ी... Hindi · कविता 2 268 Share Rekha Drolia 21 Sep 2020 · 1 min read अंत... अंत.. १.तू आदि-अंत,तू गीता का सार मनुष्य भी तू ,तू विष्णु अवतार २.अंत का परिणाम क्या होगा युद्ध का अंजाम क्या होगा जो देख पाते तनिक तुम जीवन संग्राम न... Hindi · कविता 2 2 418 Share Rekha Drolia 29 Sep 2020 · 1 min read स्त्री स्त्री ! टूटी हूँ बिखरी हूँ सहमी हूँ सिसकी हूँ पिघली हूँ ढली हूँ कटी हूँ जली हूँ फिर भी खड़ी हूँ सम्मान पे अड़ी हूँ हक़ से जुड़ी हूँ... Hindi · कविता 2 4 249 Share Rekha Drolia 30 Sep 2020 · 1 min read पशुता बार बार,हर बार,लगातार.... क्यों? पशुता ये कैसी पशुता ? कैसा भेद-भाव ? धर्म का,कर्म का रंग का,जाती का ताक़त का,हैसियत का या इंसानियत का अभाव। Hindi · कविता 2 232 Share Rekha Drolia 3 Oct 2020 · 1 min read दुलार दुलार १.तेरे दुलार की वो थपकियाँ सुकून की वह नींद अरसा हो गया चैन से सोए हुए २.माँ का प्यार पिता का दुलार संपूर्ण हो जाता मेरा संसार ३.तेरे आंगन... Hindi · कविता 2 4 191 Share Rekha Drolia 5 Oct 2020 · 1 min read दर्द का पारावार नहीं .. दर्द का पारावार नहीं.. मैं तुम और वो दोस्त यार या रिश्तेदार दर्द रिश्तों में पनपता है वरना इसका अपना वजूद कहाँ कभी मीठा सा अहसास बन तो कभी पैनी... Hindi · कविता 2 3 219 Share Rekha Drolia 8 Oct 2020 · 1 min read हे कृष्ण! हे कृष्ण! सृष्टि के तुम शिल्पकार तुझमें लय है सारा संसार जीवन तुझसे,तू ही संहार शांतिदूत तू ,तू ही हुंकार तू ही कण,तू ब्रह्माण्ड अपार धरती भी तू ,तू व्योम... Hindi · कविता 2 372 Share Rekha Drolia 12 Oct 2020 · 1 min read तुम मेरे कौन तुम मेरे कौन क्यूँ पुछते तुम मेरे कौन द्रिगु बोलते तो क्या मैं मौन हृदय कब पूछता धड़कन से क्या बादल पूछते पवन से ज्योति से कब पूछता दीप क्या... Hindi · कविता 2 2 256 Share Rekha Drolia 15 Oct 2020 · 1 min read नववधू प्रभा नववधू प्रभा विस्तृत नभ ने प्रात पट खोले स्वर्णिम आभा चहूँ ओर छायी पूरब उदित रश्मिरथी प्रभाकर नववधू प्रभा ने उठ ली अंगड़ाई खोल अलसित नयनों के द्वार कनक रश्मि... Hindi · कविता 2 228 Share Rekha Drolia 17 Oct 2020 · 1 min read धात्री धात्री (माँ) अग्नि जल वायु अम्बर धरा पंच तत्व की पावन काया धात्री मलय बयार सी शीतल निर्मल निर्झर स्नेह बरसाये जन्मदात्री ललाट फैली बिंदी उलझे केश कमर खोंसती आँचल... Hindi · कविता 2 2 454 Share Rekha Drolia 19 Oct 2020 · 1 min read बाली उमर बाली उमर बाली उमर,सरल,सजग,बेख़बर इठलाती,मचलाती बेसुध बेफ़िकर निश्छल बहती जैसे जल की धारा चंचल मतवाली मानो ढूँढे किनारा अनछुई मासूमियत,बावरा मन मुक्त छंद सा भोला अल्हड़पन पेंगे भरती उन्मुक्त गगन... Hindi · कविता 2 2 396 Share Rekha Drolia 2 Nov 2020 · 1 min read इस पल को जी.. इस पल को जी.. जीवन के इस भाग दौड़ में आया ठहराव,तू भी रुक इस पल को जी... होठों पर मुस्कान अभिराम झंझा से ले विराम इस पल को जी... Hindi · कविता 2 2 459 Share Rekha Drolia 9 Nov 2020 · 1 min read मिल पार करेंगे मिल पार करेंगे .. मैं जोगन इस तट खड़ी तुम बहती तरणी सवार जाने कब उर झंकृत हुए प्रीत लय वीणा के तार मन की नौका बाँध ली विश्वास की... Hindi · कविता 2 2 231 Share Rekha Drolia 13 Nov 2020 · 1 min read मैं तुलसी.... मैं तुलसी.... मैं तुलसी माँ के आंगन की तुझ संग ब्याह यहाँ सज गयी निंबोलियाँ सहेलियाँ सब बिछड़ी बाबुल का चौबारा भी तज गई लक्ष्मी स्वरूपा मैं हरिप्रिया तुम विष्णु... Hindi · कविता 2 4 408 Share Rekha Drolia 11 Dec 2020 · 1 min read गुलाब गुलाब सुर्ख़ अधरों पे लाली गुलाब सी माथे सोहे लाल बिंदी गुलाब सी जुड़े में गुँथा गजरा गुलाब का अदाओं में नज़ाकत गुलाब सी तेरी प्रीत की ख़ुशबू गुलाब सी... Hindi · कविता 2 4 442 Share Rekha Drolia 26 Dec 2020 · 1 min read तुम्हें क्या पता ... तुम्हें क्या पता ... वो सवाल जो होठों पर सिले हैं वो मौन जो अंतर्मन से चीखता है वो निस्पंद आखें जो बेबस बोलती हैं वो दिल जो इंतेज़ार में... Hindi · कविता 2 8 218 Share Rekha Drolia 8 Feb 2021 · 1 min read बर्फ़ीला क़हर बर्फ़ीला क़हर हिमखंड टूटा भाग्य फूटा लापता लोग उजड़े घर ज़िंदगी को झकझोरने आ गया बर्फीला क़हर उमड़ती नदी वेग विकराल मानस जीवन उथल पुथल हिमस्खलन प्रलय मचा गया जित... Hindi · कविता 2 1 216 Share Rekha Drolia 7 Apr 2021 · 1 min read दर्द दर्द दर्द का पारावार नहीं आ बसता हर कहीं बंद करो कपाट लगा दो सौ ताले एक टूटी फाँक भी खोज निकाले नहीं चाभी का मोहताज घुसपैठिया आँगन करे नाच... Hindi · कविता 2 267 Share Rekha Drolia 4 May 2021 · 1 min read उम्मीद उम्मीद इंसां तुझे बनाकर ख़ुदा हो गया शर्मसार तेरी हरकतों पे हो रही मौत भी शर्मिंदा है हे मालिक तुम भी तो केवल दृष्टा निकले जमीं पे बस दुःख दर्द... Hindi · कविता 2 7 270 Share Rekha Drolia 5 May 2021 · 1 min read जीवन का क्रम.. जीवन का क्रम... उम्मीदों की चिता जल रही आस का दीपक सा बर ले इंसानियत की लौ जलाकर जगती के हर तम को हर ले जीवन का क्रम आना जाना... Hindi · कविता 2 6 534 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बदरा और बरसात इंद्र का वर जलद अम्बर करे वास अवनी की तपती साँसों का उच्छ्वास समीर यान जंच विचरे व्योम विस्तार उमड़ घुमड़ गरज बरसाए जलधार मृदु स्वप्न धरा के फूटे अंकुर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 309 Share Page 1 Next