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4 Oct 2020 · 1 min read

अभय

अभय

इतना भय
इतना डर
क्यूँ मगर?
इतनी चिंता
इतनी फ़िकर
क्यूँ मगर?
बुरा वक़्त है
टल जाएगा
अच्छा समय
कल ज़रूर आएगा
समय का पहिया
कभी रुकता नहीं
अच्छा या बुरा
कभी टिकता नहीं
तू कोशिश तो कर
बन निर्भय बन निडर
समय को फेर बदल
हो अभय हो मुखर
रात कितनी भी
गहरी हो अंधेरी हो
भोर का उजाला
तो निश्चित है

रेखा

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 517 Views
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