रामचन्द्र दीक्षित 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रामचन्द्र दीक्षित 28 Mar 2019 · 2 min read कटा टिकट नेता जी का.. कबीरा सारा रा रा रा कबीरा सारा रा रा रा कटा टिकट नेता जी का वो रहे घोंटते भंग हार गए लड़ने से पहले राजनीति की जंग कबीरा सारा रा रा रा कबीरा सारा रा रा रा *** चेहरे से... Hindi · कविता 645 Share रामचन्द्र दीक्षित 12 Mar 2019 · 1 min read दुश्मन जो देश के है घुटनों के बल चलें सेना के इस शौर्य का हम तो नमन करें धूल, वीरों के पैर की मस्तकों पे हम धरें ये निकले जिधर से भी पृथ्वी वहां हिलें दुश्मन जो देश के... Hindi · कविता 1 291 Share रामचन्द्र दीक्षित 28 Feb 2019 · 1 min read तू मेरा मारुति नंदन है... अभिनंदन तेरा अभिनंदन, तू मेरा यशोदा नंदन है । बार-बार तुमको वंदन, तू मेरा मारूति नंदन है । जला दिया सोने की लंका, मचा हुआ अब क्रंदन है । तोड़... Hindi · कविता 303 Share रामचन्द्र दीक्षित 2 Feb 2019 · 1 min read कुछ हो गए उदास हैं /////////कुछ हो गए उदास हैं //////// ***************************** इस देश की जनता इस लिए महान है सारे सितम सहे नहीं खुलती जुबान है ऐसी आबोहवा पर हमें रहता गुमान है जहां... Hindi · कविता 367 Share रामचन्द्र दीक्षित 1 Feb 2019 · 2 min read /////लोकतंत्र///// हमने बनाया लोकतंत्र इतना महान है प्रज्ञा जहां न पा सकी अपना स्थान है बगुले भी चल रहें तो हंसों की चाल है ये लोकतंत्र का बड़ा कितना कमाल है... Hindi · कविता 322 Share रामचन्द्र दीक्षित 28 Jan 2019 · 1 min read वो संख्या में चंद हैं की पते की बात तब कहने का ढंग है बांट दी खुशियां तभी होली का रंग है जब आएं मस्तियां तो मौसम बसंत है पड़ती फुहारों में अठखेलियां अनंत है... Hindi · कविता 593 Share रामचन्द्र दीक्षित 2 Jan 2019 · 1 min read सड़क का संघर्ष अब संसद में दिखा सड़क का संघर्ष संसद में दिखा बेबसी संसद की ये अच्छी लगी सवालों में घिरा औचित्य इसका ये सोचने को विवश करने लगी *** कागज़ों के गोला बनाते फेंक देते... Hindi · कविता 244 Share रामचन्द्र दीक्षित 22 Dec 2018 · 1 min read अटल एक युगदृष्टा /////////अटल एक युगदृष्टा///////// *********************** तीखा व्यंग सरल भाषा में वो कहते सब सम्मोहित हो जाते ऐसे वक्ता थे वो होठों पे मुस्कान बिखेtरे मृदभाषी कभी न टूटा जो जुड़ता वो... Hindi · कविता 291 Share रामचन्द्र दीक्षित 16 Dec 2018 · 1 min read क्षणिकाएं: नेता ////नेता//// ********* (1) मेरा ही तो मुझको देता करता कुछ अहसान नहीं क्यों नेता की निष्ठाओं पर उठता कोई सवाल नहीं ? *** (2) खुद का करें ख्याल खूब औरों... Hindi · कविता 303 Share रामचन्द्र दीक्षित 16 Nov 2018 · 1 min read "मां" जो तुम में हैं ... मैं भर झोलियां मां की यादों को लाया हूं कुछ यहां से लाया कुछ वहां से लाया हूं ढेर नादानियां कर के उस को सताया हूं न जाने बार कितनी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 104 730 Share रामचन्द्र दीक्षित 16 Oct 2018 · 2 min read ये आदमी सड़क पर... जोड़ा घटाया और खड़ा कर दिया फिर से ये झूठ का किला ढह गया क्या होना था और ये क्या हो गया ये आदमी सड़क पर क्यों मर गया ***... Hindi · कविता 4 5 302 Share रामचन्द्र दीक्षित 1 Oct 2018 · 1 min read वो मुस्कराता ही नहीं ... उसको तो जमीं मुझे आसमान भाता नहीं क्यों इन दूरियों को कोई समझ पाता नहीं *** मेरी छत पे अब कभी भी चांद आता नहीं वो भी भयभीत हैं कहीं... Hindi · कविता 3 366 Share रामचन्द्र दीक्षित 29 Jul 2018 · 2 min read वो राजनीति हो गई प्रेम करूं जिससे वो आरक्षण सी मचल गई साथ रही कभी मेरे कभी विपक्ष के संग गई *** वो रोती और बिलखती हिरनी सी उछल गई होकर फ़िदा अदाओं पे... Hindi · कविता 1 244 Share रामचन्द्र दीक्षित 24 Jul 2018 · 1 min read उसकी आंखों में मेरी हाथों की रेखा में जो-जो लिखा था मुझे उसकी आंखों में वो सारा दिखा था उसकी आंखों में पूरा एक मेला लगा था उसके अन्दर तो जाते ही मैं... Hindi · कविता 1 565 Share रामचन्द्र दीक्षित 22 Jul 2018 · 1 min read बादल भी क्या पागल हुए शिकवा शिकायत इन बादलों से रही कहीं बरस के कहीं गरज के चले गए हुए कहीं-कहीं वो रिमझिम रिमझिम कहीं-कहीं तो बूंद-बूंद को तरस गए *** कहीं-कहीं पौधें भीगे और... Hindi · कविता 289 Share रामचन्द्र दीक्षित 15 Jul 2018 · 1 min read हर कोई मुझमें हर कोई मुझमें कुछ न कुछ ढ़ूढ़ता ही रहा सकून इतना कहां से पाया पूछता ही रहा *** तुमसे हर बात में हमेशा मैं हार जाता रहा जीत तुम्हारी जश्न... Hindi · कविता 464 Share रामचन्द्र दीक्षित 13 Jul 2018 · 1 min read मैं क्या-क्या भूलूं मैं क्या -क्या भूलूं क्या-क्या याद करूं किस-किस से क्या-क्या फरियाद करुं *** उन्नति उत्कृष्ठों पे मीठा सा संवाद करूं या अवरोहों पे हरदम वाद-विवाद करूं *** आकर्षक मोहक रंग-बिरंगी... Hindi · कविता 419 Share रामचन्द्र दीक्षित 11 Jul 2018 · 2 min read वो किधर से गए? वो इधर से आए व उधर से गए ढ़ूढ़ते रह गए वो किधर से गए ? आए बनाने और बिगड़ कर गए साथ अपने दो-चार लेकर गए *** उनके जाते... Hindi · कविता 252 Share रामचन्द्र दीक्षित 9 Jul 2018 · 1 min read सुबह-शाम सुबह -शाम कभी-कभी तुम्हारे चेहरे को पढ़ लेता हूं भाव भंगिमाओं में तुमको ढ़ूढ़ने का प्रयास कर लेता हूं और अन्ततः मैं खुद के अन्दर ही तुमको ढ़ूढ़ लेता हूं... Hindi · कविता 574 Share रामचन्द्र दीक्षित 3 Jul 2018 · 1 min read हो गए तुम सत्ता सिलसिला वर्षों से पुराना रहा कहानी की तरह मैं कहता रहा तुम तूफ़ानों की तरह तो आए पेड़ों सा झुकता मैं टूटता रहा *** कुदरत का कैसा करिश्मा रहा तुम... Hindi · कविता 314 Share रामचन्द्र दीक्षित 3 Jul 2018 · 1 min read वो सियासत के हो गए अब मेरे आंसू भी तो मुझसे बेवफा हो गए हैं जिस पे मैं फिदा था उसी पर फिदा हो गए हैं *** मेरी बगावत के सुर अचानक से बदल गए... Hindi · कविता 1 281 Share रामचन्द्र दीक्षित 1 Jul 2018 · 1 min read मेरी इस बस्ती के सभी घर है थका मजबूर जिनका पथ सुगम दूर हो कुछ पल तो साथ उनके भी बिताया करो *** माना तुम हिमालय से भी ऊंचे शिखर हो समन्दर की गहराइयों को भी... Hindi · कविता 259 Share रामचन्द्र दीक्षित 30 Jun 2018 · 1 min read आंख से ही इशारा करो जब तुम्हारी गली से सुबह -शाम निकलूं मुझे एक बार नजरें उठाकर निहारा करो *** तुम्हारे बोलने पर पहरा पर पहरा लगा है बोलकर न सही आंख से ही इशारा... Hindi · कविता 1 247 Share रामचन्द्र दीक्षित 28 Jun 2018 · 1 min read कभी-कभी कभी -कभी तुम्हारा चेहरा भी पढ़ लेता हूं तुम्हारे अंदर के भाव सागर सा बहे नदी सा मैं भी मिल लेता हूं और मैं भी तो सागर हो लेता हूं... Hindi · कविता 551 Share रामचन्द्र दीक्षित 27 Jun 2018 · 1 min read जय-जय भारत हो दिल से कहो एक बार यह देश मुबारक हो हम सब भारतवासी है जय-जय भारत हो *** आचार विचार सही रखे न हानिकारक हो तुम सदा बनो संयम शुचिता के... Hindi · कविता 1 1 466 Share रामचन्द्र दीक्षित 25 Jun 2018 · 1 min read चूड़ियां सिन्दूर पिता हैं मेरी अम्मा की चूड़ियां सिन्दूर पिता हैं उनके सोच में रहते हर दस्तूर पिता हैं अम्मा का रोना-धोना व वजूद पिता हैं उनकी हर बात में सदा मौजूद पिता हैं... Hindi · कविता 306 Share रामचन्द्र दीक्षित 24 Jun 2018 · 1 min read सुबह-सुबह सुबह-सुबह किसी अजनबी से मैं मिल लेता हूं कभी-कभी उसका भी चेहरा पढ़ लेता हूं उसके चेहरे पर चांदनी सी फैली हुई अपार खुशियों से थोड़ी सी मैं ले लेता... Hindi · कविता 572 Share रामचन्द्र दीक्षित 21 Jun 2018 · 1 min read कभी-कभी कभी-कभी तुम्हारा चेहरा भी पढ़ लेता हूं मन को ऐसा लगा कि आसमान छू लेता हूं एक पल ही सही मैं भी तो पहाड़ हो लेता हूं मन में जमा... Hindi · कविता 484 Share रामचन्द्र दीक्षित 17 Jun 2018 · 1 min read जहां में हर किसी को रहता मेरा खजाना भरा जिसे खर्च करता कहां ज़हां में हर किसी को सारा इतना मिलता कहां *** चाहत पे शक था उसे इधर-उधर भटकाता रहा हर बार खाकर ठोकरें... Hindi · कविता 304 Share रामचन्द्र दीक्षित 13 Jun 2018 · 1 min read उच्चतम हो गए हो मेरे जीवन में जब से तो तुम आ गए हो रिक्त आकाश घने बादल सा छा गए हो बरस सावन की फुहारों सा तुम गए हो हृदय के अन्दर हरियाली... Hindi · कविता 271 Share रामचन्द्र दीक्षित 9 Jun 2018 · 1 min read मैं तो प्रकृति हूं पहिचानिए मुझको सभी मैं तो प्रकृति हूं मैं ही सबका जीवन और सबकी मृत्यु हूं राग द्वेष मोह माया सभी से मैं उन्मुक्त हूं इस अनन्त का मैं ही तो... Hindi · कविता 260 Share रामचन्द्र दीक्षित 4 Jun 2018 · 1 min read उम्मीदें ही काफी रही अपेक्षाएं नहीं किसी से कुछ भी पाने के लिए उम्मीदें ही काफी रही उमर बीत जाने के लिए *** वो तो आए सुबह-सुबह केवल बताने के लिए उनकी जंग जारी... Hindi · कविता 452 Share रामचन्द्र दीक्षित 30 May 2018 · 1 min read मैं तो प्रकृति हूं मैं सब में हूं सबकी हूं सबको समर्पित हूं प्रभु की अनमोल सौगात मैं तो प्रकृति हूं *** अकूत अनगिनत वरदानों से अलंकृत हूं मैं ही तो नीले गगन में... Hindi · कविता 270 Share रामचन्द्र दीक्षित 29 May 2018 · 1 min read न दुआएं असर करती दिखी न दुआएं असर करती दिखी अब बुजुर्गों की न चाहत रही तो किसी को पुराने तजुर्बों की ** नहीं रहीं जरुरत छाया फलों से लदें पेड़ों की घरों की क्यारियों... Hindi · कविता 590 Share रामचन्द्र दीक्षित 22 May 2018 · 1 min read न थकी हूं मैं नदी हूं मैं इस शहर की इकलौती नदी हूं न साल दो साल एक पूरी सदी हूं चेहरों पर थिरकती रहती हंसी हूं शहर की तो सबसे बड़ी खुशी हूं *** शहर... Hindi · कविता 255 Share रामचन्द्र दीक्षित 19 May 2018 · 2 min read कविता: तुम्हें तो याद करता तुम्हें तो याद करता अपना ईश मानकर है जिसने रखा मेरी यादों को संभालकर जब थक गया था बियाबानों में भागकर लौटाया सही राहों पे मुझको पुकारकर *** हंसती रही... Hindi · कविता 313 Share रामचन्द्र दीक्षित 17 May 2018 · 2 min read मां की यादों को लाया हूं झोला भर कर मां की यादों को लाया हूं तोहफा अनमोल दिल से इन्हें लगाया हूं उन्हें अनजाने में शैतानियां से सताया हूं नादानियों से कई बार मां को रुलाया... Hindi · कविता 402 Share रामचन्द्र दीक्षित 15 May 2018 · 1 min read जब जब लिखता तेरा नाम पुंज प्रकाश हृदय में भरता जब जब लिखता तेरा नाम रोम रोम पुलकित हो जाता चित पाता है अबिरल विराम *** है नाच उठा मन मयूर मेरा बरस गए बन... Hindi · कविता 517 Share रामचन्द्र दीक्षित 14 May 2018 · 1 min read न दुआएं असर करती दिखी न दुआएं असर करती दिखी अब बुजुर्गों की न चाहत रही तो किसी को पुराने तजुर्बों की ** नहीं रहीं जरुरत छाया फलों से लदें पेड़ों की घरों की क्यारियों... Hindi · कविता 287 Share रामचन्द्र दीक्षित 13 May 2018 · 1 min read मेरे शहर की सड़क मेरी शहर की सड़क को क्या हो गया जिसे देखो वही इस पर फिदा हो गया है हरजाई सा इसका स्वाभाव हो गया जिसको भी अच्छी लगी संग सो गया... Hindi · कविता 290 Share रामचन्द्र दीक्षित 13 May 2018 · 2 min read मां के आंचल को ओढ़ना सीखा तुम्हीं से दूसरों के सुखों को सहेजना अपने हिस्से में केवल दुःख दर्दों को बांटना तुम्हें सहज था मेरी हर जरूरत को जानना असहज हो गई जब था अपने... Hindi · कविता 319 Share