राकेश चौरसिया Tag: कविता 87 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "फिर उठकर चलना होगा" "फिर उठकर चलना होगा" ================= तुम्हें अकेला ही चलना होगा, हालातो से लड़ना होगा, गिर-गिर कर संभलना होगा, फिर उठकर चलना होगा। स्वार्थ में उलझा है जग, उछालते है कीचड़... Hindi · कविता 1 195 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "मर्यादा" "मर्यादा" =============== पुष्प सदा बनकर जीएं, कांटों का भी न अपमान हो, मर्यादा सबकी होती है, उस मर्यादा का सम्मान हो। जग में ऐसा काम करें, जीवन का श्रृंगार बनें,... Hindi · कविता 1 81 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "पुरखों के जमाने के हो बाबा" "पुरखों के जमाने के हो बाबा" ======================= तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा। साथ खेले खाएं, बचपन बिताए हो बाबा, प्यार, तकरार, वाद-विवाद, सब निभाए हो बाबा, तुम... Hindi · कविता 1 107 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "उत्पन्न कैसी बिमारी है" "उत्पन्न कैसी बिमारी है" =================== एक प्रश्नचिन्ह खड़ा किया तू, जीने का ढंग तलाश रहा युग, आज विश्व पर पड़ता भारी है, ये विनाशकारी महामारी है। उत्पन्न कैसी बिमारी है?... Hindi · कविता 1 82 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "जवानी" "जवानी" ================= सूरज ढला, रात्रि हुई, सुबह नई किरणें निकलेंगी, यदि हो गया सर्वस्व नष्ट, ऐ वीर पुरूष ना अधीर हो, फिर से सजा लो सपने अनमोल, है कठिन परिस्थिति... Hindi · कविता 1 106 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "अंधियारा मिटा न सके" "अंधियारा मिटा न सके" ================= अंधियारा मिटा न सके, एक ज्योति उर में जला न सके, ध्येय है कि कुछ कर जाएं, मुश्किलें, निज को तपा न सके।1 अब खिलते... Hindi · कविता 1 82 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "देशभक्ति की अलख" "देशभक्ति की अलख" ------------------------------ देशभक्ति की अलख, ह्रदय में जलाकर देख। तब तूं भी वतन का रखवाला,देशभक्त कहलायेगा। राष्ट्रप्रेंम की भावना, अंतर में जगा कर देख। अपने अन्दर भी एक,... Hindi · कविता 1 155 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "शौक से सारी दुनिया" "शौक से सारी दुनिया" ============== शौक से सारी दुनिया, खड़ी है तलवार की धार पर। विनाश काले, विपरीत बुद्धि , सुई नहीं काल है, अटल है माथे की रेखा, नाच... Hindi · कविता 1 150 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "जरूर कोई बात है" "जरूर कोई बात है" ============= बादल की ओट में, छूप रहा चांद है, विकल चांदनी उदास है, जरूर कोई बात है । बीत गया श्रेष्ठ मास, बुझ गई धरती की... Hindi · कविता 1 77 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "मेरा बचपन" "मेरा बचपन" ================ मन क्यों विचलित होता है, याद कर मेरा वो दिन, काश!लौट आता फिर से, बीत गया है, जो बचपन। बचपन की यादें सारी, अनंत टीस पहुंचाती है,... Hindi · कविता 1 115 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "बढ़ अकेला, चल अकेला" "बढ़ अकेला, चल अकेला" ================ बढ़ अकेला, चल अकेला, आया है जग में तू अकेला , बढ़ अकेला, चल अकेला। तू वांट ना देख किसी का, पांव नित्य आगे बढ़ा,... Hindi · कविता 1 193 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "अल्प मति पुरुषों की जीवन शैली" "अल्प मति पुरुषों की जीवन शैली" ====================== अल्प मति पुरुषों की जीवन शैली! स्वयं को देवता समझने लगे हैं, मच्छरों सा भिन-भिना कर, गर्व से चलने लगे हैं, बेशर्मी की... Hindi · कविता 1 147 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "क्या खोया-पाया" "क्या खोया-पाया" ================= कई बार सोचा, बैठकर अकेले में, क्या खोया-पाया, अब तक जीवन में? हमने अपना बचपन खोया, खोया बचपन के खेल-खिलौने, प्यार-दुलार औ सपने खोए, सर से मां... Hindi · कविता 1 61 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "जीवन की स्मृतियां" जीवन की स्मृतियां "”""""""""""""""""""""""""""""" ओह! न हो सके सपने पूरे, रह गए सब अधूरे, अब अटपटा रही जुबान, जा रहें जग छोड़े। बचपन बीता, बीती जवानी, बीत गया चौथा पन... Hindi · कविता 1 114 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "दुर्दिन" दुर्दिन """""""""""""""""""""""""""""" वक्त के गुलाम है यहां, फिर कौन,किसको व्यथा सुनाएगा? लगता है कब ह्रदय गति! क्षणिक है रुक जाएगा। अंत काल अब शेष नहीं, तन पंचतत्व में विलीन हो... Hindi · कविता 1 83 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "बचपन" बचपन """""""""""""""""""""""""""""""" एक अद्भुत कहानी जीवन की, कैसे तुम्हें बता पाऊंगा? हृदय में उदित असीम पीड़ा, नहीं भुला पाऊंगा। भयभीत है मन अब, अपनी ही परछाई से, जो बीत गया... Hindi · कविता 1 78 Share राकेश चौरसिया 25 Dec 2022 · 1 min read "टूटते सपने" जब किसी के अनमोल सपने टूट जाते हैं, रिश्तों के बाबत,आंखों से सागर छूट जाते हैं, जब प्रतिष्ठायें, राह विमुख हो जाती हैं, तब अपना ही जीवन, बोझ से लगते... Hindi · कविता 1 137 Share राकेश चौरसिया 24 Dec 2022 · 1 min read "मुट्ठी भर खुशियां" मुठ्ठी भर खुशियां लेकर, निकल पड़े बांटने को। पीड़ा अपनी दे दो सारा, सुख, चैन मेरा ले लो, साध लगाए नयनों में, निकल पड़े खोजने को। मन में न अहंकार,... Hindi · कविता 1 79 Share राकेश चौरसिया 23 Dec 2022 · 1 min read "प्रेंम" आवाज मन्द हो रहें, हृदय में पीड़ा पनप रही, जीने का राह तलाश रहा, प्रेम सौन्दर्य क्यों हार रहा? अनंत टीस उफान हृदय में, जीने का हक छीन रहा, निकलते... Hindi · कविता 1 107 Share राकेश चौरसिया 12 Aug 2022 · 1 min read "अमृत महोत्सव" हम आंखों से कुछ देख नहीं पा रहे हैं, मेरे इन आंखों में खून कहां से आ रहे हैं। हिमालय तेरे शीश को कोई झुका रहा है, बीच में एक... Hindi · कविता 1 172 Share राकेश चौरसिया 23 Apr 2022 · 1 min read "दीप जलाओ प्यार का" दीप जलाओ प्यार का, सद्भभावना, सदाचार का, न हो किसी का अन भला, न साथ किसी के अत्याचार। वक्त के शिकंजे में , हर कोई बंधा है यहां, दिन-रात सबका... Hindi · कविता 1 149 Share राकेश चौरसिया 11 Apr 2022 · 1 min read "हमें इश्क़ ना मिला" हमें वो "इश्क़" ना मिला, हमें वो "प्यार" ना मिला, इस झूठे "संसार" में, हमें वो "यार" ना मिला। शायद हम, उस काबिल नहीं, चमकते "चांद" सा, कोई हमें दीदार... Hindi · कविता 1 126 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "कटी पतंग हूं डोर से" बंधे प्रेम के सूत्र से, कटे स्वार्थ की चोट से, वृक्ष डाल पर लटका, चीरे वस्त्र लाज के, बंधन भाव के टूटे, दूर कहीं धरातल से, मिले एक कोण से,... Hindi · कविता 1 300 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "हम अखंड देश के नागरिक हैं" हम अखंड देश के "नागरिक" हैं, अखंडता है हमारी "शान", अखंडता में ही "शान्ति" है, अखंडता में ही शक्ति है, अखंडता में है अटूट "विश्वास"। अखंडता पर "गर्व" है हमें,... Hindi · कविता 1 137 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "जब-जब जरूरत पड़ें हमारे" जब-जब जरूरत पड़ें हमारे, हार बनकर गले का मान बढ़ाया, तुम भी मेरे मर्यादा का, देखो! थोड़ा सम्मान करो। यहां-वहां ना फेंकों मुझे, राहों में कुचला जाता हूं मेरे कोमल... Hindi · कविता 1 145 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "बीच सभा द्रौपदी पुकारे" बीच सभा, द्रौपदी पुकारे, हे गिरधर! तुम कहां पधारे ? है समर्पित सब हाथ तुम्हारे, तुम बिन संकट कौन उबारे? दुष्ट दुशासन, खींच रहा चीर , बेबस अबला तन हारे... Hindi · कविता 1 206 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा" तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा। साथ खेले खाए, बचपन बिताए हो बाबा, प्यार, तकरार, वाद-विवाद, सब निभाए हो बाबा, तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा।1... Hindi · कविता 1 155 Share राकेश चौरसिया 2 Apr 2022 · 1 min read "नन्हें-मुन्हें प्यारे बच्चों" नन्हें- मुन्हें,प्यारे बच्चों, तुम दिल के हो न्यारे बच्चों, अपने प्यारी-प्यारी बातों से, सबके मन को भाते हो, तुम्हें बुलायें मम्मी-पापा, दौड़ बाहों में लिपट जाते हो, उंगली पकड़, मम्मी-पापा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 115 Share राकेश चौरसिया 21 Mar 2022 · 1 min read "तूने चंद क्षणों में" तूने चंद क्षणों में, जीवन भर की खुशी दे दी, मन का एहसास बदल दिया, होठों पर हंसी दे दी। आज लग रहा ऐसा कि, साकार हुए मेरे सपने, इससे... Hindi · कविता 2 363 Share राकेश चौरसिया 21 Mar 2022 · 1 min read "डरता हूँ-------------" डरता हूँ--------------------------- कहीं आकाश छूने के कोशिश में धरती न छूट जाये। इसलिए न तो आकाश को छू पाता हूँ, न तो धरती पर रह पाता हूँ। बस--------------------------------- आकाश और... Hindi · कविता 1 136 Share राकेश चौरसिया 17 Mar 2022 · 1 min read "सखी री देखो, आई होली" मोहि मन भावैंं, स्नेह की बोली, सखी री देखो, आई होली, गोरी की रंग रेशमी चोली, लाल कपोल मिठी बोली, कोयल गान अति प्रिय लागैं, गली-गली हुड़दंग मचावै टोली, सखी... Hindi · कविता 2 682 Share राकेश चौरसिया 15 Mar 2022 · 2 min read "गांव से दूर" जब मार्च-जून महीने में, मन के एहसास बदलते हैं। जब मध्याह्न पीपल के नीचे, सर-सर तेज हवा की धुन सुनाई देती हैं। जब दूर खड़ी दोपहरीया, झिलमिल-झिलमिल करती हैं। जब... Hindi · कविता 1 361 Share राकेश चौरसिया 4 Mar 2022 · 1 min read "उत्पन्न कैसी बिमारी है" एक प्रश्न चिह्न खड़ा किया तू, जीने का ढंग तलाश रहा युग, आज विश्व पर पड़ता भारी है, ये विनाशकारी महामारी है। उत्पन्न कैसी बिमारी है? मन में भय, संशय... Hindi · कविता 1 183 Share राकेश चौरसिया 4 Mar 2022 · 1 min read "चांद है पर्याय हमारा" हमें सुला लो ऐ! उपवन, अपने बेदाग सायें में। दाग लगा मुझ पर, चांद सा , बेदाग अपने राहों में । इसलिए जल रहा ये चांद, देखकर उस चांद को,... Hindi · कविता 1 188 Share राकेश चौरसिया 2 Mar 2022 · 1 min read "नेताओं के झूठे वादें" तुम चाहे जितने झूठे वादें कर लो, हम रुख़ हवा की समझते हैं। फिर भी अमूल्य वोट देकर अपना, फ़र्ज़ अदाईं करते है। चाहे तुम कुछ करो, ना करो, देशहित... Hindi · कविता 1 569 Share राकेश चौरसिया 1 Mar 2022 · 1 min read "सावन की अद्भुत छटा" सावन तेरी अद्भुत छटा, देख, मन हर्षे, घन गरजे, बिजली तड़के, भू तल, शून्य प्रति ध्वनि गूंजे। प्यास धरती की बुझाती, रिमझिम सावन बरसे, काली-काली,घोर घटाएं, बूंद बन आंगन में... Hindi · कविता 1 282 Share राकेश चौरसिया 28 Feb 2022 · 1 min read "मेरे सपने, मेरा चांद" मेरे सपने, मेरा चांद, बाकी उसके बाद है, मेरी परिकल्पना का सागर, मेरा जीवन पथ का श्रृंगार है। मेरे जीवन का अथक परिश्रम, सबके नयनों से ओझल है, अनजान बने... Hindi · कविता 1 1 197 Share Previous Page 2