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जाने कितने देवालय को,नालन्दा से विद्यालय को,
raijyoti47.

नौ माह का समय बीता कर पुनः पृथ्वी पर आई हैं
raijyoti47.

ज़बरी क़ब्जा की गई जमीं पर सजदा ही नाजायज़ है,
raijyoti47.

अग्नि से ना जलने का था जिस होलिका को वरदान,
raijyoti47.

संस्कारों का ताज़ केवल औरत के सिर पर रखा गया,
raijyoti47.

संस्कारों का बोझ सदा क्यूं औरत ही संभालेगी,
raijyoti47.

जाति धर्म का रंग चढ़ा है ऐसा मेरे समाज पर
raijyoti47.

"ना पीर से पूछते हैं ना फ़क़ीर से पूछते हैं,
raijyoti47.