डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Language: Hindi 482 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Apr 2024 · 1 min read सत्य साधना -हायकु मुक्तक साधना रत, हम पथिक जन, सत्यपथ के. सत्य साधक, सभी आविष्कारक, तथ्यपथ के. मन मयूरा, नाचता बेशर्म हो, अनवरत. शांत चित्त हों, हम पथिक जन, नृत्य पथ के. डॉ प्रवीण... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · हाइकु 2 36 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 31 Mar 2024 · 1 min read जमाना है मुक्तक कमायें यार सब मिलके, बहाने से कमाना है. रहें सब यार मिलजुल के, जमाने में समाना है. हंसाने गुनगुनाने का, सलीका सीख लो यारों, मनाने औ रुलाने को, यही... Hindi · मुक्तक 44 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Mar 2024 · 1 min read जय हो माँ भारती जय हो मां भारती, जय माँ वागेश्वरी, माँ जय जग राता हूं. जय हो माँ भारती,जय माँ ही गाता हूं. बलखाते झरनों के,निर्झर प्रवाह में, इठलाती सरिता के,उत्कल प्रभाव में,... Hindi · गीत 32 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Mar 2024 · 1 min read गौरैया दिवस पर हायकु धूल में नहा, चहकती गौरिया, थी सुहावन. आंगन में थी फुदकती गौरैया, हर सावन. झारोखों में है, घोंसला थी बनाती, गौरैया आती. चीं चीं करके, चुन चुन चुगती, दाना... Hindi · हाइकु 28 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Mar 2024 · 3 min read संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी का योगदान, तात्विक विश्लेषण "संविधान में हिंदी की स्थिति, राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी का योगदान" भारतीय भाषाएं बोलने वालों की संख्या के आधार पर प्रथम द्वितीय एवं तृतीय भाषा (2011 की जनगणना के... Hindi · निबंध 33 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Mar 2024 · 1 min read ऋतुओं का राजा आया पतझड़ का मौसम पतझड़ का मौसम आया, वृक्षों ने ली अंगड़ाई. अब मौसम हुआ सुहाना, सूरज में गर्मी आयी. लगी पत्तों की अब ढेरी, करती भू से अठखेली. बासंती मौसम... Hindi · गीत 43 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2024 · 4 min read राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियाँ और संभावनाएं राष्ट्रभाषा -स्वरूप,चुनौतियां और संभावनाएं. भाषा मानव सभ्यता का अभिन्न अंग है और राष्ट्र को एक पहचान देती है राष्ट्रभाषा राजनीतिक आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से राष्ट्र को सुदृढ़ बनती है,और,... Hindi · निबंध 46 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2024 · 2 min read राम चरित 20 दोहे रामचरित मातु शारदा दीजिए, ज्ञान चक्षु वरदान। सुष्मित लेखन से करूं, कृपा सिंधु का ध्यान।(1) मति मेरी अति मंद मां ,किस विधि करूं बखान। कृपा आपकी चाहिए, विधिवत... Hindi · दोहा 1 76 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2024 · 2 min read अष्टांग योग दोहा मुक्तक विषय- अष्टांग योग मां शारदा की प्रार्थना , पूज्या हैं माता सभी , हृदय शारदा ध्यान। मति मेरी अति मंद मां , तदपि चाहता ज्ञान। ज्ञान चक्षु देकर... Hindi · मुक्तक 1 133 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2023 · 1 min read कर्म पथ कर्म पथ पर जो बढ़े,कर्म योग को मान। ज्ञान पथ पर जो चले ,ज्ञान योग को जान। कहते कृष्ण पुराण में ,भांति भांति के योग। धेय सभी का एक है,... Hindi · मुक्तक 1 117 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2023 · 1 min read संजय ने धृतराष्ट्र से कहा - संजय ने धृतराष्ट्र से कहा - कौरव पांडव सेनापति अब, बार-बार कर शंखनाद। रथ सेना के बीच ले चलें ,करना है किससे विवाद। वादी मैं हूं या भीष्म हैं ,करना... Hindi · गीत 1 144 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Dec 2023 · 2 min read पात्रता विद्या ददाती विनयम , विनयाद याति पात्र ताम। पात्रत्वात धन मापनोती धनात धर्म तत: सुखम् । विद्या हमें विनम्रता प्रदान करती है विनम्रता से योग्यता आती है और योग्यता से... Hindi · लेख 164 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Dec 2023 · 1 min read दान योग्य सुपात्र और कुपात्र दान योग्य सुपात्र और कुपात्र । धार्मिक पूजा स्थल हमारी आस्था का केंद्र हैं ।सनातन धर्म में धन संग्रह का निषेध किया गया है, अतः दोष निवारण हेतु दान दक्षिणा... Hindi · लेख 169 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Oct 2023 · 1 min read युद्ध घोष युद्ध घोष शोकाकुल व्याकुल तरूणी मुख, देख देख अकुलाऊं। जला रही शोकाग्नि है तन मन, मुख कैसे दिखलाऊं । मृत्यु भयावह नर्तन करती , रण मुद्रा में भारी । खंड-खंड... Hindi · गीत 1 85 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read लखनऊ शहर हसरतों को लिए लखनऊ का शहर। झुग्गियों से भरा बाग तक का सफर। गोमती तीर पर आ बसी झुग्गियां। नींद से जागिये अब फँसी मुर्गियां। शोहदे ,मनचले अब जो टकरा... Hindi · कविता 1 104 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read घुटने का दर्द उम्र बढे तो साथ में, बढे जोड़ का दर्द । साथ छड़ी ले हाथ में ,चलें टेक बेदर्द। घुटनों की मालिश करा , स्वस्थ हो रहे लोग । वजन करें... Hindi · दोहा 1 148 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Sep 2023 · 1 min read हरतालिका तीज सावन का माह मान, शिव का विवाह करें। करें हरी चूड़ियों में, शिव का श्रृंगार है। हरियाली तीज में जो , रखें व्रत निर्जला जो । करें मनोकामना को ,पूर्णता... Hindi · कविता 103 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2023 · 6 min read एकाकीपन दुनिया की भागम भाग में रिश्तों की निकटता कहीं खो रही है। पति को पत्नी के लिए, पत्नी को पति के लिए ,और माता-पिता को बच्चों के लिए समय निकालना... Hindi · कहानी 1 166 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Aug 2023 · 1 min read मोबाइल फोन मोबाइल फोन कभी घंटो लगाते थे जहां , कापी किताबों में । गणित में हम उलझ करके, गिने जाते नवाबों में। हमें गूगल पढ़ाकर आज दुनिया भर घुमाता है ।... Hindi · मुक्तक 4 1 182 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 6 min read 84कोसीय नैमिष परिक्रमा नैमिषारण्य की 84 कोसी परिक्रमा का अंतरराष्ट्रीय महत्व है। यह परिक्रमा पौराणिक काल से चली आ रही है ।इसमें देश के विभिन्न प्रांतों एवं अन्य देशों जैसे नेपाल से तीर्थयात्री... Hindi · निबंध 1 180 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 1 min read नारी सम्मान नारी का सम्मान कर,करता राष्ट्र विकास। अपमानित वह देश जो , करे सभ्यता नाश। करे सभ्यता नाश, दुष्टजन की मनमानी। हुआ कलंकित देश, नीचता की हद जानी। कहें प्रेम कविराय... Hindi · कुण्डलिया 145 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 1 min read लखनऊ शहर जूझ कर जाम से हर गली हर प्रहर। झुक गया तंत्र शासन का शामो शहर। रेंगती वाहनों की कतारें कहें, यह नगर है नफासत का लखनऊ शहर। ई रिक्शे का... Hindi · मुक्तक 1 1 117 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 1 min read नसीहत योगी सीएम ने कहा ,न्याय करो भरपूर। भ्रष्टाचारी दांव पर , हो प्रहार सब दूर। हो प्रहार सब दूर, भेद सबमें मत करिए। जातिवाद को त्याग, प्रेम से मिलकर रहिए।... Hindi · कुण्डलिया 174 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Jul 2023 · 1 min read फनकार इस दिल में दिल का राज छुपा , किरदार बहकने लगते हैं। सब दिल वालों को आपस में , ये भार समझने लगते हैं। ये इश्क मोहब्बत क्या जानें, अंजाम... Hindi · मुक्तक 1 158 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Jul 2023 · 1 min read प्रतिशोध प्रतिशोध, जल रही विरह की ज्वाला में, नियति से लेना है प्रतिशोध मुझे। प्रेमाग्नि मुझे झुलसाती है, इसका होता अब बोध मुझे। दीपक बाती का रिश्ता जो, होता ये गहरा... Hindi · गीत 145 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jun 2023 · 1 min read दिल हमारा तुम्हारा धड़कने लगा। नृत्य में गीत तुम गुनगुनाने लगी, दिल हमारा तुम्हारा थिरकने लगा । हाथ लो हाथ में प्यार से ऐ सखी, दिल हमारा तुम्हारा धड़कने लगा । लोचनों ने कहा कुछ... Hindi · गीत 1 1 349 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read मेघ सागर गहरे राज समा कर जीवन को, अपनाता है । मेघ रूपहले राज छुपा कर जीवन को, हरसाता है। प्रातः धरती की प्यास बढ़ाने सूरज नभ में आता होगा। जल... Poetry Writing Challenge 3 207 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read भारत के लाल जन्म हुआ दो अक्टूबर को,लाल बहादुर बाल हुये। लाल बहादुर औ गाँधी जी,भारत के दो लाल हुये। सीमा पर जो युद्ध छिड़ा था, भारत पाकिस्तानी में, बलिदानी थे वीर सिपाही,सीमा... Poetry Writing Challenge 2 2 98 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read पुष्प वाटिका में श्री राम का समर्पण नजरों की परिभाषा समझो,चंचल चितवन वहाँ बसेरा। नयनों की भाषा जो समझे,नयनों का है वही चितेरा। नयनों की चितवन के कायल, राम वाटिका में अटके हैं। पलकों के तीरों से... Poetry Writing Challenge 106 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read मां की ममता माँ से ही ममता महान है,माता का आभूषण जानो। बिन ममता नारी वैसे है, जैसे बिन पल्लव तरु मानो। शस्यश्यामला बसुन्धरा ने,सबको जीवन दिया अनोखा। सदा हिरण्यगर्भा माता ने ,निज... Poetry Writing Challenge 124 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read होली पथरायी सूनी आँखों में, खोया प्यार जगा दे होली। खोये खोये सपनों को भी ,सच में यार जगा दे होली। सपनों के लुट जाने का दुःख ,दुःख कर अहसास हुआ... Poetry Writing Challenge 133 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read विकास कोसे हरियाली बंजर को,क्यों विकास इतना करती। फलस्वरूप बंजर धरती को,कंक्रीट है क्यों भरती?। क्यों मानवता हरित धरा को,अपमानित कर रहती है? कंक्रीट का जंगल लेकर, खुशियाँ पाकर कर सहती... Poetry Writing Challenge 192 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read यशोधरा के प्रश्न यशोधरा के नयनों को, क्या गौतम पढ़ पायेगें। अश्रु पूरित व्यथा- कथा को,मौन कभी गढ़ पायेगें। गौतम भामिनि होकर तुमने ,क्या पाया पति को खोकर। हुये तथागत वो गौतम से,तुमने... Poetry Writing Challenge 1 225 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read प्रेम गीत प्रेम के गीत हम गुनगुनाएँ सदा , प्रीत की रीत को हम निभाएँ सदा । मैं चकोरा बनूँ तुम बनो चंद्रिका , कल्पना मे तेरी भावनाएं सदा । मन मचलने... Poetry Writing Challenge 113 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read क्यों?विषधर जीवन की बगिया में साथी , संग संग जीना मरना है । फूलों की घाटी में साथी , भर उमंग से जीना है । खेल खेल में इस जीवन के,... Poetry Writing Challenge 1 102 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read जाति बंधन जाति बन्धन हमेशा सलामत रहे, भेदभाव की मंशा नदारद रहे, मित्र मिल जुल रहें प्यार उनमें अमिट, देश में एकता अब सलामत रहे ।1। मित्र निज देश हित भक्ति वरदान... Poetry Writing Challenge 126 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read न्याय की तुला न्याय की है तुला ,तौल रिश्ते बना, सात फेरे नहीं, कामना से बना झूलता ,डोलता ,आज विश्वास है, कौन किसका यहाँ, कौन किसका बना ।1,। भामिनी ना सगी , पुत्र... Poetry Writing Challenge 1 178 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read रात की कालिमा रात की कालिमा छा गयी थी जहां , प्रात की लालिमा छा गयी थी वहाँ । चाँद का नूर खोया कहीं गुम हुआ , ढूंढते ढूंढते चाँदनी फिर कहाँ ।... Poetry Writing Challenge 182 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read प्यार का सार प्यार का सार है त्याग की भावना , प्रेम रस धार है प्रीत की कामना । जिंदगी मिल गयी प्यार जिसने किया , प्यार से मिट गयी खोखली वासना ।... Poetry Writing Challenge 180 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read ना हमें काम है ना तुम्हे काज है ना हमें काम है ना तुम्हें काज है , है कहाँ नौकरी ये अजब राज है । राज की बात है राज जिसने किया , दांव पर दांव दे ,... Poetry Writing Challenge 135 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read होली सुनहरा रंग उपवन में, बसंती रुप छाया है। वसंती छा गया मौसम, रुपहला रुप पाया है। जहां कोयल पपीहा मोर नाचे नित्य सुध बुध खो, वनों मे सुंदरी भटके, निखर... Poetry Writing Challenge 118 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read पायल सजी पायल बजे घुंघरू,करे छम छम सुहाती है । बजी पायल करे घायल ,सजे पग में लुभाती है । चुराए मन मयूरा थाम लो उड़ती उमंगों को। बड़ी चालाक है... Poetry Writing Challenge 90 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read आषाढ़ के बादल ये आषाढ़ी बादल सुंदर ,घुमड़ घुमड़ कर गरजेंगे। धूप छांव का खेल खेल कर, उमड़ उमड़ कर बरसेंगे। जेठ दुपहरी आग उगलती, बेचैनी है आंखों में। काले मेघा यदि ना... Poetry Writing Challenge 82 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read बेटियां माता-पिता की आन बान शान बेटियाँ घर-घर की आन बान पर कुर्बान बेटियाँ। मन मोहती सदा है मुस्कान बेटी की है मीठे बोल बोलती मासूम बेटियाँ। थी हैरान परेशान क्यों?... Poetry Writing Challenge 1 65 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read श्रद्धांजलि लता जी ओ!कोकिला सुरों की, ओ! साधिका लता जी। वरदान शारदा का ,हृद धारिका लताजी। माँ !भारती सुनाती ,सुर ताल की कहानी। शत् वंदना तुम्हारी ,लय सर्जिका लता जी। मंगेशकर लता जी... Poetry Writing Challenge 119 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read सुमन बहकती चंचला का मन, खिला जब तन बदन चहका। बसंती रूप है पावन, खिली जब धूप तन दहका । पवन चलती सुमन महके, खिलें जब क्यारियाँ देखें। गुलाबी रंग है... Poetry Writing Challenge 126 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read न छेड़ो तार वीणा के न छेड़ो तार पीड़ा के दुःखे रग रग हमारा है। न खीचों तार वीणा के बजाती धुन तुम्हारा है। प्रिये, हिय में तुम्हारी वेदना के स्वर कहाँ गूंजे। न सूझे... Poetry Writing Challenge 72 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read बरसात बरसात, झूम झूम के मेघा बरसे, आयी अब बरसात हो। सावन में दिल ऐसे झूमे, माँई! दिल सरसात हो। जैसे हथिनी सूंढ़ उठा के, पानी भरभर फेंक दे। पिया बिना... Poetry Writing Challenge 221 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read नमन मां गंगे नमन मां गंग ! पावन, शिव जटा से अवतरण करती। नमन मंदाकिनी! अविरल ,सदा हित वैतरण करती। यहां भागीरथी मां श्राप धोती सगर पूतों का। सरित देवी !बहो निर्मल धरा... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 67 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read जिंदगी राम से है बड़ी ,राम की बंदगी। फिर फटेहाल क्यों ,आम ये जिंदगी।1। बाढ़ में बह गया, है जुनुं प्यार का मुफलिसी में कटी , नाम है जिन्दगी।2। रोटियां जो... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 59 Share Page 1 Next