Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

मां की ममता

माँ से ही ममता महान है,माता का आभूषण जानो।
बिन ममता नारी वैसे है, जैसे बिन पल्लव तरु मानो।

शस्यश्यामला बसुन्धरा ने,सबको जीवन दिया अनोखा।
सदा हिरण्यगर्भा माता ने ,निज ममता से पाला पोषा।
ममता नैसर्गिक होती है,उसकी क्षमता को पहचानों।
माँ का ऋण सबसे महती है,माँ के पय का ऋण पहचानों।
बिन ममता नारी वैसे है,जैसे बिन पल्लव तरु मानो।
माँ से ही ममता महान है,माता का आभूषण जानो।

माँ की गोद सुखद होती है, माँ का प्यार अभय देता है।
माँ की वाणी सुख देती है,शिशु सपने में खुश होता है।
निज स्वार्थ माँ प्रेम ना करती,अनमोल स्नेह को पहचानों।
माँ शिशु का जीवन सँवारती,वृद्धा का जीवन सँवार दो।

बिन ममता नारी वैसे है, जैसे बिन पल्लव तरु जानो।
माँ से ही ममता महान है, माता का आभूषण मानो।

नर जीवन जो रहे अधूरा, नर -नारी के बिना अधूरे।
पूरक एक दूसरे के वो,पर संतति के बिना अधूरे।
माँ होती है वीणा पाणी,माँ को सब परमेश्वर मानो।
माँ होती है ज्ञान दायनी,माँ को वरदानी सब जानो।
बिन ममता नारी वैसे है, जैसे बिन पल्लव तरु जानो।
माँ से ही ममता महान है,माता का आभूषण मानो।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,
संयुक्त जिला चिकित्सालय, बलरामपुर।271201

Language: Hindi
121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all
You may also like:
"चिन्तन"
Dr. Kishan tandon kranti
The Nature
The Nature
Bidyadhar Mantry
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आदिवासी
आदिवासी
Shekhar Chandra Mitra
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
बस एक गलती
बस एक गलती
Vishal babu (vishu)
कुछ पाने के लिए
कुछ पाने के लिए
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
बड़ा सुंदर समागम है, अयोध्या की रियासत में।
जगदीश शर्मा सहज
वह देश हिंदुस्तान है
वह देश हिंदुस्तान है
gurudeenverma198
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
सपने सारे टूट चुके हैं ।
सपने सारे टूट चुके हैं ।
Arvind trivedi
माईया पधारो घर द्वारे
माईया पधारो घर द्वारे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक उम्र
एक उम्र
Rajeev Dutta
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
Abasaheb Sarjerao Mhaske
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
भारत
भारत
नन्दलाल सुथार "राही"
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
// प्रीत में //
// प्रीत में //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
जिक्र क्या जुबा पर नाम नही
पूर्वार्थ
डर  ....
डर ....
sushil sarna
-- अंतिम यात्रा --
-- अंतिम यात्रा --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
यह दुनिया भी बदल डालें
यह दुनिया भी बदल डालें
Dr fauzia Naseem shad
सरकार बिक गई
सरकार बिक गई
साहित्य गौरव
लालची नेता बंटता समाज
लालची नेता बंटता समाज
विजय कुमार अग्रवाल
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
SPK Sachin Lodhi
........
........
शेखर सिंह
सृष्टि की उत्पत्ति
सृष्टि की उत्पत्ति
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...