डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: मुक्तक 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 31 Mar 2024 · 1 min read जमाना है मुक्तक कमायें यार सब मिलके, बहाने से कमाना है. रहें सब यार मिलजुल के, जमाने में समाना है. हंसाने गुनगुनाने का, सलीका सीख लो यारों, मनाने औ रुलाने को, यही... Hindi · मुक्तक 44 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2024 · 2 min read अष्टांग योग दोहा मुक्तक विषय- अष्टांग योग मां शारदा की प्रार्थना , पूज्या हैं माता सभी , हृदय शारदा ध्यान। मति मेरी अति मंद मां , तदपि चाहता ज्ञान। ज्ञान चक्षु देकर... Hindi · मुक्तक 1 134 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2023 · 1 min read कर्म पथ कर्म पथ पर जो बढ़े,कर्म योग को मान। ज्ञान पथ पर जो चले ,ज्ञान योग को जान। कहते कृष्ण पुराण में ,भांति भांति के योग। धेय सभी का एक है,... Hindi · मुक्तक 1 117 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Aug 2023 · 1 min read मोबाइल फोन मोबाइल फोन कभी घंटो लगाते थे जहां , कापी किताबों में । गणित में हम उलझ करके, गिने जाते नवाबों में। हमें गूगल पढ़ाकर आज दुनिया भर घुमाता है ।... Hindi · मुक्तक 4 1 183 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Aug 2023 · 1 min read लखनऊ शहर जूझ कर जाम से हर गली हर प्रहर। झुक गया तंत्र शासन का शामो शहर। रेंगती वाहनों की कतारें कहें, यह नगर है नफासत का लखनऊ शहर। ई रिक्शे का... Hindi · मुक्तक 1 1 118 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Jul 2023 · 1 min read फनकार इस दिल में दिल का राज छुपा , किरदार बहकने लगते हैं। सब दिल वालों को आपस में , ये भार समझने लगते हैं। ये इश्क मोहब्बत क्या जानें, अंजाम... Hindi · मुक्तक 1 159 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2023 · 1 min read नमन मां गंगे नमन मां गंग ! पावन, शिव जटा से अवतरण करती। नमन मंदाकिनी! अविरल ,सदा हित वैतरण करती। यहां भागीरथी मां श्राप धोती सगर पूतों का। सरित देवी !बहो निर्मल धरा... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 68 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2022 · 1 min read शुभ करवा चौथ आँख मिचौली खेलता ,व्योम चौथ का चाँद। चंद्र चाँदनी संग दिखे, करवा लेकर चाँँ द। अर्ध्य चंद्र को दे रहीं, चंद्र मुखी पति आज। व्रत से विह्वल आज है,द्युति यामिनी... Hindi · मुक्तक 194 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2022 · 1 min read विश्व मानसिक दिवस वर्ल्ड मेंटल हेल्थ का, शुरू हुआ अभियान। खुशियाँ जो भी बाँटता, खुश है आठों याम। घर घर मानस रोग है, दुःख का है सैलाब। मानस रोगी अब कहे,कब होगा कल्याण।... Hindi · मुक्तक 1 1 217 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Oct 2022 · 1 min read बेटियां गर्भ में पल रही, एक नन्ही कली, पुष्प शतदल रही, एक नन्ही कली, मोह छूटे नहीं,लोभ टूटे नहीं, गोद में छल रही, एक नन्ही कली। हर्ष से तुम पलो,खुश रहो,खुश... Hindi · मुक्तक 3 161 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Sep 2022 · 1 min read राम लला दर्शन अद्भुत दर्शन राम का,कलयुग में हो आज। रामलला मन में बसे,करते पूरन काज। अनुपम छवि प्रभु राम की,हिय में बसती आय। भव्य दिव्य मंदिर सुखद,राम ट्रस्ट सम साज। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · मुक्तक 1 180 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Aug 2022 · 1 min read सावन की शुचि तरुणाई का,सुंदर दृश्य दिखा है। सावन की शुचि तरुणाई का , सुंदर दृश्य दिखा है। घर-आंगन की अँगड़ाई पर, सुंदर गीत लिखा है। यौवन दहका,बारिश चहकी,बूंद बूंद है महकी। तन्हाई में अब तरुणी ज्यों ,... Hindi · मुक्तक 1 416 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Aug 2022 · 1 min read स्थानांतरण परिवर्तन कर स्थान में ,नीति न समझे लोग। चले संघ धीमी गति ,मंजिल का यह जोग। महिमा मंडित लोग हैं, धन वर्षा है खूब। लक्ष्मी का दर्शन करें, सुबह शाम... Hindi · मुक्तक 210 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 17 Aug 2022 · 1 min read स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता दिवस पावन स्वतन्त्रता दिवस, पावन है वर्षगांठ। देश तिरंगा मय हुआ, आजादी का पाठ। दृढ़ निश्चय करके रहें,अपना अवगुण छोड़। शासन जब हो सात्विक ,सबकी अपनी ठाठ। डा.प्रवीण कुमार... Hindi · मुक्तक 153 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Aug 2022 · 1 min read प्रियतम सीप नयन हैं अधखुले, श्याम वर्ण सम गात। खोये स्वप्नों मेंं सजन, मधुर मधुर मुस्कात। प्रिय की ऐसी प्रेरणा, आलिंगन की चाह। हँस कर बोले प्रियतमा, मधुर मिलन की बात।... Hindi · मुक्तक 1 315 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2022 · 1 min read बरसात बरसात, झूम झूम के मेघा बरसे, आयी अब बरसात हो। सावन में दिल ऐसे झूमे, माँई! दिल सरसात हो। जैसे हथिनी सूंढ़ उठा के, पानी भरभर फेंक दे। पिया बिना... Hindi · मुक्तक 1 304 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read कवि का कवि से ' कवि का कवि से सम्मान होना चाहिए। सुकवि का हृदय से आह्वान होना चाहिए। तरन्नुम में पढें या ठेठ हिन्दी में, काव्य का संविधान होना चाहिये। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,... Hindi · मुक्तक 2 665 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2022 · 1 min read पितृ स्तुति पालक पोषक है पिता,देव तुल्य सम मेव। कर्ता धर्ता आप हैं,पिता ब्रह्म मम एव। मात पिता की छांव में,जीवन स्वर्ग समान। एक सत्य ब्रह्मांश है, पिता तुल्य त्वं देव। डा.प्रवीण... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 13 14 661 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2022 · 1 min read पिता की छांव दूर क्षितिज के पार है,सपनों का इक गांव। चंद्र किरण देती वहां,नयना को इक छांव। बचपन की अठखेलियां ,घोड़े कुर्सी दौड़। पिता संग थे खेलते, खुशियां की थी ठांव ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 18 25 541 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2022 · 1 min read प्रेम की साधना "प्रेम" की साधना नित्य चलने लगी। साधकों कामना नित्य फलने लगी। कल्पना बन गई मां की आराधना । स्वार्थ की भावना हाथ मलने लगी। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,प्रेम Hindi · मुक्तक 1 363 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Mar 2022 · 1 min read मुक्तक मुक्तक न छेड़ो तार पीड़ा के दुःखे रग रग हमारा है। न खीचों तार वीणा के बजाती धुन तुम्हारा है। प्रिये, हिय में तुम्हारी वेदना के स्वर कहाँ गूंजे। न... Hindi · मुक्तक 149 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Feb 2022 · 1 min read सुमन बहकती चंचला का मन, खिला जब तन बदन चहका। बसंती रूप है पावन, खिली जब धूप तन दहका । पवन चलती सुमन महके, खिलें जब क्यारियाँ देखें। गुलाबी रंग है... Hindi · मुक्तक 232 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Feb 2022 · 1 min read श्रद्धांजलि लताजी श्रद्धांजलि, हे !महान आत्मा, हे !महान गायिका, भारत रत्न सुशोभित ,माँ भारती की अनमोल सुता अमरत्त्व को प्राप्त आदरणीया लता मंगेशकर जी।सादर शतशत नमन। ओ!कोकिला सुरों की, ओ! साधिका लता... Hindi · मुक्तक 180 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2022 · 1 min read जनता चुन चुन भेजती, हर चुनाव के बाद। जनता चुन चुन भेजती, हर चुनाव के बाद। पर जन प्रति निधि करें, जनता को बरबाद। बाटें घर घर रेवड़ी, जब मक्खन के साथ। लूट मचे तब मानिये,नेता जिन्दाबाद। मतदाता... Hindi · मुक्तक 240 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jan 2022 · 1 min read विदाई समारोह सम्मानित दो शल्य चिकित्सक , जनता में जिनसे खुश हाली। विदा हो रहे हैं सबसे अब, यश वैभव है देखीभाली। पुनः भेंट होगी सबसे कब, कभी- कभी अब मिल पाओगे।... Hindi · मुक्तक 339 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Dec 2021 · 1 min read वह प्रीति अनोखी होती है, वह प्यार अनोखा होता है। वह प्रीतिअनोखी होती है, वह प्यार अनोखा होता है । निस्वार्थ प्रेम के बदले में ,निस्वार्थ प्रेम जब मिलता है । क्या कोई सीमा होती है, प्यारे इन रिश्ते नातों... Hindi · मुक्तक 2 2 471 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Dec 2021 · 1 min read मानक सफलता के कब तक बनोगे मानक सफलता के, कब तक बनोगे। नाम ले विफलता का,कब तक डरोगे। चरण चूम लेगी, सफलता तुम्हारी, संकल्पों का निश्चय जब तुम करोगे। कदम तुम बढा कर ,न पीछे हटाना।... Hindi · मुक्तक 429 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Dec 2021 · 1 min read श्याम रंग मन को हरे, उस पर मधु मुस्कान श्याम रंग मन को हरे ,उस पर मधु मुस्कान । नयन चतुर रस से भरे,अभिनव सी पहचान।। श्याम सलोने बाँकुरे, पाकर मन की थाह। सहज -सहज रस में घुले,खोते हिय... Hindi · मुक्तक 253 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Dec 2021 · 1 min read श्याम रंग मन को हरे, श्याम रंग मन को हरे ,उस पर मधु मुस्कान । नयन चतुर रस से भरे,अभिनव सी पहचान।। श्याम सलोने बाँकुरे, पाकर मन की थाह। सहज -सहज रस में घुले,खोते हिय... Hindi · मुक्तक 1 2 223 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Sep 2021 · 1 min read फार्मेसी दिवस जय जय 25 सितंबर, फार्मेसी दिवस जय जय। फार्मेसी, दवा ,व्यापार यह हैं तीनों अपरिहार्य । दवा, व्यापारी, रोजगार, यह तीनों हैं पर्याय। बच्चों ने जिन्होंने सीखाअपनों से, विश्व बंधुत्व व्यापार, विश्व... Hindi · मुक्तक 1 594 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Sep 2021 · 1 min read बेटियाँ माता-पिता की आन बान शान बेटियाँ घर-घर की आन बान पर कुर्बान बेटियाँ। मन मोहती सदा है मुस्कान बेटी की है मीठे बोल बोलती मासूम बेटियाँ। थी हैरान परेशान क्यों?... Hindi · मुक्तक 1 2 478 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Sep 2021 · 1 min read राखी(विधाता छंद) "राखी" (विधाता छंद) चले आओ पुकारे है ,बहन द्वारे खड़ी भैया। मना मत कर बहन राखी, लिए द्वारे खड़ी भैया। अमिट विश्वास है मेरा , जतन से बाँध दो बंधन... Hindi · मुक्तक 441 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Jun 2021 · 1 min read आषाढ़ के बादल विधा-मुक्तक(लावणी छंद) विषय-आषाढ़ केबादल ये आषाढ़ी बादल सुंदर ,घुमड़ घुमड़ कर गरजेंगे। धूप छांव का खेल खेल कर, उमड़ उमड़ कर बरसेंगे। जेठ दुपहरी आग उगलती, बेचैनी है आंखों में।... Hindi · मुक्तक 1 364 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा, मुक्तक देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा , अश्रु आँखों में छलके सदा सर्वदा । बाढ़ लीला मचाये भयंकर प्रलय , स्वप्न हैं टूटते झेलकर आपदा । रेवड़ी बाटते हो... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 3 494 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Apr 2021 · 1 min read चितायें जल रही हैं श्रद्धांजलि(विधाता मुक्तक) चिताएं जल रही हैं वेदना के स्वर सुनाती हैं। धधकती राख है प्रतिवेदना के स्वर सुनाती हैं। सदा जीवन कहें भंगुर पलों की आत्मियता को। सुलगती लकड़ियाँ संवेदना... Hindi · मुक्तक 232 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 20 Apr 2021 · 1 min read यह सखियों की खीर चंचल छंद यह सखियों की खीर। मन की हरती पीर। सुंदर छवि घायल करे। चल नैनन के तीर। यह जन्मों का लेख। अजब भाग्य की रेख। मृगनयनी घायल हुई। जीव... Hindi · मुक्तक 2 309 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Apr 2021 · 1 min read मुस्कान चंचल छंद चलें साथ में दूर। श्रम से होकर चूर। एकला चलता तेज है। साथ नहीं भरपूर। चंचल सुर की तान मोहक है मुस्कान हरती मन का चैन है। नैसर्गिक... Hindi · मुक्तक 409 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Apr 2021 · 1 min read नमन माँ गंग !पावन नमन मां गंग ! पावन, शिव जटा से अवतरण करती। नमन मंदाकिनी! अविरल ,सदा हित वैतरण करती। यहां भागीरथी मां श्राप धोती सगर पूतों का। सरित देवी !बहो निर्मल धरा... Hindi · मुक्तक 2 527 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Apr 2021 · 1 min read पायल पायल विधा-विधाता मुक्तक सजी पायल बजे घुंघरू,करे छम छम सुहाती है । बजी पायल करे घायल ,सजे पग में लुभाती है । चुराए मन मयूरा थाम लो उड़ती उमंगों को।... Hindi · मुक्तक 1 402 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Mar 2021 · 1 min read होली सुनहरा रंग उपवन में, बसंती रुप छाया है। वसंती छा गया मौसम, रुपहला रुप पाया है। जहां कोयल पपीहा मोर नाचे नित्य सुध बुध खो, वनों मे सुंदरी भटके, निखर... Hindi · मुक्तक 2 255 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Mar 2021 · 1 min read सुनहरा रंग उपवन में, मित्रों, सादर समर्पित है। विषय-होली विधा-विधाता मुक्तक छंद सुनहरा रंग उपवन में, बसंती रुप छाया है। वसंती छा गया मौसम, रुपहला रुप पाया है। जहां कोयल पपीहा मोर नाचे नित्य... Hindi · मुक्तक 1 2 401 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Feb 2021 · 1 min read पलक भिगा कर पलक भिगाकर ओ प्रिये , अश्रु बरसाती प्रीत। अंतर्मन की पीर को ,दर्शाने की रीत । बचपन बीता गोद में, अद्भुत नन्हे बोल। खुशियों से झोली भरुँ, ओ मेरे मन... Hindi · मुक्तक 5 6 315 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चहकते थिरकते झूमकर आइये, अब नये साल को चूमकर जाइये। ये नया साल है काल का इक नशा, हैं युवा होश में घूम कर छाइये। खनकते चमकते चहकते आइये। झूमते... Hindi · मुक्तक 476 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चहकते थिरकते झूमकर आइये, अब नये साल को चूमकर जाइये। ये नया साल है काल का इक नशा, हैं युवा होश में घूम कर छाइये। खनकते चमकते चहकते आइये। झूमते... Hindi · मुक्तक 2 6 383 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 1 min read रक्तदान मित्रों सादर समर्पित है मुक्तक। चढ़ा वो खून है पानी अगर इसमें सियासत है । बहा दो खून नाली में अगर इसमें शिकायत है। क्यों जीता शान से डोनर जो... Hindi · मुक्तक 1 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 1 min read रक्तदान मित्रों सादर समर्पित है मुक्तक। चढ़ा वो खून है पानी अगर इसमें सियासत है । बहा दो खून नाली में अगर इसमें शिकायत है। क्यों जीता शान से डोनर जो... Hindi · मुक्तक 1 176 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Aug 2020 · 1 min read श्याम राधा कान्ह राधा आइये। मुक्तक श्याम राधा कान्ह राधा आइये। प्रेम राधा काम आधा पाइये।, सगुण मन से प्रेम निश्छल सीख कर, कृष्ण राधे गोप राधे गाइये। गोप ग्वाले, ब्रज कुमारी साज है। गोप... Hindi · मुक्तक 4 3 225 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन दोहा मुक्तक सावन बरसे झूम के, कोयल गाये गीत। पिया अभी आओ मिलो, सुन बिरहा के गीत। क्यों चातक की टेर, को नहीं सुनें भगवान, धानी चूनर ओढ़ ली,धरती ने... Hindi · मुक्तक 2 628 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Jul 2019 · 1 min read कारगिल पर जब मुझे आदेश सीमा का मिला । मुक्तक मित्रों ! शहीद मनोज पांडे की स्मृति में कारगिल दिवस पर एक मुक्तक सादर समर्पित है । कारगिल पर जब मुझे आदेश सीमा का मिला , गर्व से सीना... Hindi · मुक्तक 196 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2019 · 1 min read सत्य पथ के हम पथिक हैं. मध्य जीवन या मरण के ज्ञान हम चुनते रहें। मित्र !तूफानों में कश्ती हम सहज खेते रहें। है सनातन सत्य केवल जीव या जीवात्मा। सत्य पथ के हम पथिक हैं... Hindi · मुक्तक 264 Share Page 1 Next