Prakash Chandra 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prakash Chandra 26 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज खोज रही है सारी दुनिया , प्रेम समर्पण और माया । खोज रहा ना सत्य कोई , भी यही सत्य हमने पाया ।। खोज प्रेम की दुनिया करती, सच्चा प्रेम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 63 Share Prakash Chandra 26 Feb 2024 · 1 min read सूरज - चंदा सुबह सवेरे सूरज - चंदा , दोनों थे आकाश में । अरुणोदय रक्ताभ रवि था , शशि था मंद प्रकाश में ।। सूरज बोला - प्यारे चंदा सुबह हो गई... Hindi · कविता 88 Share Prakash Chandra 11 Jul 2023 · 2 min read कलियुग कलियुग सूर्य समय पर अस्त हो गया, जीव धूम्रमय मस्त हो गया । कलुषित सारा राग हो गया, तिमिर वनों में काग खो गया । । घुमड़ित घन घनश्याम हो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 252 Share Prakash Chandra 11 Jul 2023 · 1 min read साँप और इंसान साँप और इंसान साँपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे । घुस आया इंसान एक, सब डर के मारे जाग रहे । । डरता ना इंसान, साँप अब... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · दोहा 2 350 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 2 min read रेल यात्रा संस्मरण 15. रेल यात्रा संस्मरण रेल दिखाती दुनिया के सच देशी और विदेशी । थ्री टायर से फर्स्ट क्लास फिर उसके ऊपर ए सी ।। चाय बेचते बच्चे देखे दस दस... Poetry Writing Challenge · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 233 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read सौंदर्यबोध 14. सौंदर्यबोध भेज रहा हॅू फूल तुम्हारे जूड़े जूड़े में लग जाने को, या इसकी सुगन्ध से तेरे जीवन को महकाने को । बन न सका मैं मीत तुम्हारा ना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 289 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read दोहावली 12. दोहावली मधुप पी रहा मधू को कली कली मुसकाए । रस ये ऐसा प्रेम का दान पान बढ़ जाए ।। शत्रु तो बस तीन हैं, शोक रोग और भोग... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 181 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read लेखनी 25. लेखनी मुझे नहीं मालूम लेखनी लिखती है , पावक है या धूम लेखनी लिखती है । जीवन का अवसाद लेखनी लिखती है , मॉ का आशीर्वाद लेखनी लिखती है... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया · मुक्तक 1 257 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read जीवन दर्शन 24. जीवन-दर्शन गलियों के नुक्कड़ में , आँधी के छप्पर में , ऊसर की खेती में , मरुधर की रेती में , जीवन का दर्शन है । शहरी फुटपाथों में... Poetry Writing Challenge · कविता · कुण्डलिया 1 194 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read ये मौन अगर.......! ! ! 23. ये मौन अगर ..... ! ! ! ये मौन अगर मुखरित होता तो बात पुरानी बन जाती । तेरे होंठों की हलचल से एक नई कहानी बन जाती ।।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 176 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 2 min read मेरे राम २२. मेरे राम - (भजन) घुघुरू की छुन छुन से, पायल की रुनझुन तक, वीणा के तारों से, मन की झंकारों तक, बस एक ही तेरा नाम, मेरे राम तेरा... Poetry Writing Challenge · कविता 1 242 Share Prakash Chandra 18 May 2023 · 1 min read प्रेम 21. प्रेम प्रेम नाम है तेरे मद में सब कुछ खो जाने के बाद , भूल जाये मन मैं तुम सब कुछ और रहे ना कुछ भी याद । मन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 261 Share Prakash Chandra 17 May 2023 · 1 min read यूँ इतरा के चलना..... २०. गजल - यूँ इतरा के..... यूँ इतरा के चलना यूँ शरमा के जाना , यूँ सीने से पल्लू गिरा के उठाना । तेरी इस अदा पे कहूँ क्या मैं... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 162 Share Prakash Chandra 17 May 2023 · 1 min read नारी 19. नारी ना ये अबला ना ये सबला ना है ये बेचारी । बेटी है ये बहन यही है माँ है यही हमारी ।। ना तो इसकी मजबूरी है, ना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 228 Share Prakash Chandra 17 May 2023 · 1 min read कलयुगी दोहावली 18. कलयुगी दोहावली सॉई इतना दीजिए, चौदह पीढ़ी खाए । कोठी ऐसी हो प्रभू करे पड़ोसी हाए ।। बकरी पाती खात है, ताको मानुष खाए । मानुष मानुष खात है,... Poetry Writing Challenge · दोहा · हास्य 1 337 Share Prakash Chandra 17 May 2023 · 1 min read ॐ 17. 🕉 ॐ आदि है ऊँ अन्त है ॐ जगत का पालनहार । ॐ सृष्टि का मूल रचयिता ॐ सृष्टि का है संहार ।। ॐ धरा है ॐ गगन है... Poetry Writing Challenge · गीत 1 160 Share Prakash Chandra 17 May 2023 · 1 min read हाइकु 16. हाइकु 1. जिन्दगी की तस्वीर शीशे का फ्रेम पत्थर की तकदीर । 2. मेरा जीवन डायरी का कोरा पन्ना बच्चे का टूटा खिलौना । 3. जाड़े के बाद गर्मी... Poetry Writing Challenge · हाइकु 1 142 Share Prakash Chandra 17 May 2023 · 1 min read धरती का बेटा 13. धरती का बेटा जेठ की दुपहरी मे , माघी शीत लहरी मे, खुले आसमान तले, जाने कौन लेटा है । बादल की छाँव मे , बरगद की ठॉव मे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 171 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read सॉप और इंसान 11. सॉप और इंसान सॉपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे । घुस आया इंसान एक सब डर के मारे जाग रहे ।। डरता ना इंसान सॉप अब... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 1 169 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read रूपसी 10. रूपसी रूपवती के सजल नयन दृश हुलसित होता हृदय हमारा । अरुणोदय की प्रखर रश्मियाँ ज्यों चमकें संग गंगा धारा ।। पलकों का उठना फिर गिरना फिर उठना फिर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 207 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 2 min read शांतिवार्ता 9. शांतिवार्ता शक्तिहीन की शांतिवार्ता कायरता कहलाती है, डोल उठे जब चक्र सुदर्शन तो गीता कहलाती है । पाक दिया और तिब्बत छोड़ा दिया चीन को भाग, और करी अब... Poetry Writing Challenge · कविता 115 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read फुटपाथ 8. फुटपाथ इलाहाबाद के फुटपाथ पर वह तोड़ती पत्थर , लिखते समय निराला को भी नही था ये भान । कि आधुनिक भारत के निर्माता करेंगे , उनकी कविता का... Poetry Writing Challenge · गीतिका 221 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read फुटपाथ 8. फुटपाथ इलाहाबाद के फुटपाथ पर वह तोड़ती पत्थर , लिखते समय निराला को नही था ये भान । कि आधुनिक भारत के निर्माता करेंगे , उनकी कविता का इतना... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · गीतिका 2 3 179 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read गोधरा 7. गोधरा ये धरा गोधरा मत बनाओ , भूखे तन पर कफन मत उढ़ाओ । गंगा जमुना कि ये सरज़मी है , गौरी गज़नी यहाॅ मत बुलाओ । ये धरा... Poetry Writing Challenge · कविता 484 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read सृजन 6. सृजन मैं सृजन का देवता हॅू ध्वंश मैं कैसे करूँ , है हलाहल कंठ में पर विष वमन कैसे करूँ । दासता की बेड़ियों में क्रान्ति का मैं बीज... Poetry Writing Challenge · गीत 206 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 2 min read देश गान 5. देश गान उठो जवानों आज भारती माँ ने तुम्हें पुकारा है, पवनपुत्र के सोये बल को रावण ने ललकारा है । जब जब आया शत्रु विदेशी पार नहीं वो... Poetry Writing Challenge · गीत 193 Share Prakash Chandra 16 May 2023 · 1 min read यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते 4. यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते मॉ भी तुम हो बेटी भी तुम पत्नी बहन सभी तुम हो , फूलों में तुम कमल सरीखी मौसम में फागुन तुम हो । अग्नि से... Poetry Writing Challenge · कविता 176 Share Prakash Chandra 15 May 2023 · 1 min read स्वाधीनता संग्राम 3. स्वाधीनता संग्राम दिग् दिगंत दप दप दमकती तलवार थी, चपला चमकती चपल चमकार थी । तूफानों के वेग से प्रचंडती प्रहार थी, भारती भवानी की विकट ललकार थी ।।... Poetry Writing Challenge · गीत 105 Share Prakash Chandra 15 May 2023 · 2 min read राष्ट्रभाषा 2. राष्ट्रभाषा देश की विडम्बना ये हिन्द देशवासी आज, निज राष्ट्रभाषा के दिवस हैं मना रहे । हिन्दी का दिवस कम हिन्दी पखवाड़ा छोड़, हिन्दी का बरस हिन्द वासी हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 165 Share Prakash Chandra 15 May 2023 · 1 min read माँ वाणी की वन्दना 1. मॉ वाणी की वन्दना वीणापाणि मॉ की आज आरती उतारूँ और , कर जोड़ कहूँ माता मुझे वरदान दो । असुरों पे घात किया सुरों को निजात दिया, माता... Poetry Writing Challenge · कविता 170 Share Prakash Chandra 14 May 2023 · 1 min read तेरी धड़कन मेरे गीत सबरंग जीवन के । Poetry Writing Challenge · कविता 273 Share Prakash Chandra 12 Sep 2022 · 2 min read राष्ट्रभाषा राष्ट्रभाषा देश की विडम्बना ये हिन्द देशवासी आज, निज राष्ट्रभाषा के दिवस हैं मना रहे । हिन्दी का दिवस कम हिन्दी पखवाड़ा छोड़, हिन्दी का बरस हिन्दवासी हैं मना रहे... Hindi 1 188 Share Prakash Chandra 1 Sep 2022 · 1 min read स्वाधीनता संग्राम स्वाधीनता संग्राम दिग् दिगंत दप दप दमकती तलवार थी, चपला चमकती चपल चमकार थी I तूफानों के वेग से प्रचंडती प्रहार थी, भारती भवानी की विकट ललकार थी ।I गंग... Hindi 275 Share Prakash Chandra 20 Jul 2022 · 1 min read माँ वाणी की वंदना वीणापाणि माँ की आज आरती उतारूं और , कर जोड़ कहूँ माता मुझे वरदान दो । असुरों पे घात किया सुरों को निजात दिया, माता आज मुझ अधमी पे कुछ... Hindi 2 447 Share Prakash Chandra 30 Jun 2022 · 1 min read सृजन सृजन मैं सृजन का देवता हूँ ध्वंस मैं कैसे करूं, है हलाहल कंठ में पर विष वमन कैसे करूँ । दासता की बेड़ियों में क्रान्ति का मैं बीज हूँ, पर... Hindi 2 4 642 Share Prakash Chandra 29 Jun 2022 · 1 min read यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते माँ भी तुम हो बेटी भी तुम पत्नी बहन सभी तुम हो, फूलों में तुम कमल सरीखी मौसम में फागुन तुम हो । अग्नि से विकराल ज्वाल... Hindi 4 4 630 Share Prakash Chandra 28 Jun 2022 · 1 min read तुम्हारी नज़रों से तुम्हारी नज़रों से मेरे जीवन की इस सूनी बगिया में, मधुरस की बौछार तुम्हारी नज़रों से। तेरे अधरों के कंपन की गुंजन से, हिले हृदय के तार तुम्हारी नज़रों से।... Hindi 3 5 143 Share Prakash Chandra 27 Jun 2022 · 1 min read कलयुगी दोहावली साँई इतना दीजिए. चौदह पीढ़ी खाए। कोठी ऐसी हो प्रभु करे पड़ोसी हाए ।। बकरी पाती खात है, ताको मानुष खाए। मानुष मानुष खात है, तबहूँ स्वर्ग सिधाए ।। गुरु... Hindi 2 2 158 Share Prakash Chandra 26 Jun 2022 · 1 min read सांप और इंसान साँप और इंसान साँपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे। घुस आया इंसान एक, सब डर के मारे जाग रहे ।। डरता ना इंसान, साँप अब इंसानों से... Hindi 1 398 Share