Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2022 · 2 min read

राष्ट्रभाषा

राष्ट्रभाषा

देश की विडम्बना ये हिन्द देशवासी आज,
निज राष्ट्रभाषा के दिवस हैं मना रहे ।

हिन्दी का दिवस कम हिन्दी पखवाड़ा छोड़,
हिन्दी का बरस हिन्दवासी हैं मना रहे ।

लाज नहीं आती आज कहते हुए इन्हें,
हिन्दी में हो काम तो इनाम होना चाहिए ।

पाँच दस साल कर आधी सदी बीत गई,
काम अंग्रेजी मे हराम होना चाहिए।

हिन्द देश के निवासी बोलते हैं अंग्रेजी,
इतना न हमें बेईमान होना चाहिए ।

बदला चुकाना हो गुलामी का अगर हमें,
अंग्रेजी हिन्दी की गुलाम होना चाहिए ।

राष्ट्रध्वज राष्ट्रगीत राष्ट्रचिन्ह अपना है,
राष्ट्रभाषा अपनी जुबान होना चाहिए।

शैली कीट मिल्टन कितना ही लिख डालें,
तुलसी और सूर ही महान होना चाहिए ।

छोटी बड़ी बहनें हैं कितनी भाषाएँ यहाँ,
हिन्दी को ही माता का सम्मान होना चाहिए।

राज्य प्रान्त देश की सीमाएँ सभी लाँघकर,
हिन्दी का तो सारा ये जहान होना चाहिये।

गुणों की हैं खान इस देश की भाषाएँ सभी,
हिन्दी उन सबमें महान होना चाहिए।

हिन्द की है माटी यहाँ हिन्द का है पानी यहाँ.
अंग्रेजी में न कोई काम होना चाहिए।

राष्ट्रभाषा का चितेरा यू एन ओ में हिन्दी बोले,
अटल सा नेता ही महान होना चाहिए

रूस चीन कोरिया जापान की भाषाएँ निज,
हिन्द की भी हिन्दी पहचान होना चाहिए।

भारती के भाल पे चमक रही बिन्दिया सी,
उसी हिन्दी भाषा को प्रनाम होना चाहिए ।

बात जहाँ आन की या देश के सम्मान की हो,
हिन्दी पे ये जान कुर्बान होना चाहिए ।

आसमां पे विश्व के तिरंगा लहराना हो तो,
हिन्दी पे ही हमें स्वाभिमान होना चाहिए ।

प्रकाश चंद्र
(M) : 8115979002

Language: Hindi
1 Like · 168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Prakash Chandra
View all
You may also like:
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
Srishty Bansal
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
डाल-डाल तुम हो कर आओ
डाल-डाल तुम हो कर आओ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
रंगों का नाम जीवन की राह,
रंगों का नाम जीवन की राह,
Neeraj Agarwal
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
लाचार जन की हाय
लाचार जन की हाय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
*Author प्रणय प्रभात*
तप त्याग समर्पण भाव रखों
तप त्याग समर्पण भाव रखों
Er.Navaneet R Shandily
बटोही  (कुंडलिया)
बटोही (कुंडलिया)
Ravi Prakash
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
surenderpal vaidya
बावला
बावला
Ajay Mishra
हो गया तुझसे, मुझे प्यार खुदा जाने क्यों।
हो गया तुझसे, मुझे प्यार खुदा जाने क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
शेखर सिंह
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
Sandeep Pande
अपने वजूद की
अपने वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
Rj Anand Prajapati
चन्दा लिए हुए नहीं,
चन्दा लिए हुए नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
Loading...