पंकज कुमार कर्ण Tag: कविता 173 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next पंकज कुमार कर्ण 18 Mar 2022 · 1 min read 'सम्मान' 'सम्मान' ___________________________________ "संस्कार के बगीचे में,सम्मान के फूल खिलते हैं; काबिलियत के टहनी पर ही , ये पुष्प मिलते हैं। पर यह सम्मानित पुष्प, हर कोई तोड़ नही पाते; नसीब... Hindi · कविता 2 603 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Mar 2022 · 1 min read "लाभ का लोभ" "लाभ का लोभ" _____________ नित्य बढ़ रहे, अब आबादी; मिली जबसे हमें , आजादी; होती , संसाधन की बर्बादी; सबमें, लाभ का ही लोभ है। फैला हुआ पूरा भ्रष्टाचार है;... Hindi · कविता 1 819 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Mar 2022 · 1 min read 'फागुन' ?फागुन? ••••••••••••••••• बीता पूस माघ, अब फाल्गुन आयेगा; अब बसंती कोयल, नित खूब गाएगा। हवा में रंग उड़ेंगे, खूब गुलाल बिखरेंगे; हर तन-मन को ही , ये फागुन भाएगा। ये... Hindi · कविता 1 530 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Mar 2022 · 1 min read 'आस्था' ?आस्था? आस्था तो सदा,एक प्रेमभाव है। जिस मन का, ईश्वर से लगाव है। ये बसे, उस निर्मल मन मंदिर में; जहां हमेशा , भक्ति का बहाव है। आस्था में,सदा आदर... Hindi · कविता 3 2 713 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Feb 2022 · 1 min read वरदान "वरदान" ?? वरदान दो,हे!'विद्यादायनी'। हम बालक हैं तेरे, अज्ञानी। बिन तेरे दया के,ज्ञान कहां; दया कर दो,हे!'हंसवाहिनी'। सभी कहे तुझे , मां भारती। करे सब जन , तेरी आरती। जन-जन... Hindi · कविता 2 2 519 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Feb 2022 · 1 min read "मां बनी मम्मी" "मां बनी मम्मी" 'मां' बन गई है , जबसे मम्मी; बाबूजी भी, बन गए हैं पापा; सनातन में,ये शब्द परिवर्तन; किसने किया है, हे! विधाता। मम्मी में, मां सी वो... Hindi · कविता 4 2 703 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Jan 2022 · 1 min read 'पतंग' 'पतंग' नाम है गुड्डी,कहलाती 'पतंग'। जब भी ये उड़े ,'हवा'करे तंग। ठंड 'मौसम'में,सदा खूब दिखे; बड़े भी झूमते ,'बच्चों के संग। कटे कभी भी,उसी की पतंग। जिसमें नहीं रहती है,... Hindi · कविता 1 520 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jan 2022 · 1 min read "गणतंत्र दिवस" "गणतंत्र दिवस" 'आजाद' होकर भी, जब 'गुलामी' थी; सन् पैंतीस की , वो विधान पुरानी थी; निज देश की, सदा बहुत बदनामी थी; हिन्दुस्तान को भी,पहचान बनानी थी। टिकी नजर,... Hindi · कविता 3 609 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jan 2022 · 1 min read "नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे" "नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे" ************?************ 'आजादहिंद' के, तुम हो प्रणेता जी; कहते सारा जग, तुम्हें ही #नेताजी'। गुलाम 'भारत' के तुम ही थे , आस; जन-जन तुझको चाहे,... Hindi · कविता 3 703 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jan 2022 · 1 min read 'सलाह' 'सलाह' सबके साथ रहना सदा, किसी भी, भीड़ में; अकेले का, शौक ना रखना; किसी तस्वीर में। खुद भी, तस्वीर देखा करो; तेरा तस्वीर, सिर्फ दूसरे देखें; ऐसा न लिखा... Hindi · कविता 2 445 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jan 2022 · 1 min read 'हिंदी' 'हिंदी' •••••• सब सुनो!'हिंदी' की 'कहानी' सदा ये,'भाषा' की 'महारानी' खुद में ग्यारह 'स्वर' है समेटे; तैंतीस 'व्यंजन', यह है लपेटे; शामिल,अंत:स्थ' व 'उष्ण'हैं; 'वर्ण', फिर क्ष,त्र,ज्ञ,श्र जानो; चार है... Hindi · कविता 4 577 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jan 2022 · 2 min read "यादों के झरोखे से".. "यादों के झरोखे से".. °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "यादों के झरोखे से", मैं क्या-क्या बताऊॅं, क्या-क्या याद करूॅं और क्या भूल जाऊॅं। अपना बचपन था,जैसे समुंदर की हों लहरें; मस्ती थी, सस्ती; बगीचों... Hindi · कविता 6 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 7 Jan 2022 · 1 min read कल रहूॅं-ना रहूॅं... कल रहूॅं-ना रहूॅं... ----------------- 'पिता' कहे , सुन 'पुत्र' तू मेरा; तू देखे , नित ही 'नया-सबेरा'; चाहूॅं मैं,सुखद हो तेरी 'जिंदगी'; मैं हर-पल साथ रहूॅं ,सदा तेरा; हमेशा यही,निज... Hindi · कविता 4 568 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jan 2022 · 1 min read 'काव्य-शतक' 'काव्य-शतक' °°°°°°°°°°°° फिर आज , ऐसी बेला आई; काव्य जगत में खुशियां छाई; उत्कृष्ट लेखन की, मची होड़; कइयों ने दिया लिखना छोड़; कुछ कवि,भटके व भटकाए; कोई रोए ,... Hindi · कविता 5 3 786 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jan 2022 · 1 min read "धर्म से बड़ा कर्म" "धर्म से बड़ा कर्म" भले , धर्म से बड़ा कर्म है; हरेक धर्म का,यही मर्म है। पर , निजधर्म मत त्यागो; अपने धर्म से, तू न भागो। जो धर्म छोड़े... Hindi · कविता 3 869 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Jan 2022 · 1 min read "रईस का कुत्ता" "रईस का कुत्ता" वो 'कुत्ता',कितना खुशनसीब; जो रहता , रईस के ही करीब; ये 'कुत्ता' होता, कई नाम का; मिलता ये,लाखों के दाम का; मगर नहीं ये, किसी काम का;... Hindi · कविता 4 2 593 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jan 2022 · 1 min read "पप्पू का बकरा" "पप्पू का बकरा" डरा सहमा बैठा है , कोने में; लगा पिछला याद,संजोने में; बीते नववर्ष, बहुत छोटा था; जब उसका परिवार टूटा था। बड़ा होकर,इस चिंता में डूबा; टूटे... Hindi · कविता 4 505 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jan 2022 · 1 min read 'मुर्गे की गलती' ??? 'मुर्गे की गलती' ???? मुर्गे की, बस यही गलती; है ये एक, सीधा सा पक्षी; भरता नहीं , ऊंची उड़ान; और मुर्गा है,इसका नाम। सीखो, अब तू भी मुर्गे से;... Hindi · कविता 6 561 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jan 2022 · 1 min read सन् "बीस सौ बाईस" "बीस सौ बाईस" ^^^^^^^^^^^^^ ?२०२२? आया है , सन् 'बीस सौ बाईस'; पूरी होंगी अब,सबकी ख्वाईस; चांद पे अब, निज भारत होगा; हर क्षेत्र में , खुद महारथ होगा; बाइस... Hindi · कविता 4 720 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Dec 2021 · 1 min read 'पहचान' 'पहचान' °°°°°°°° आया,'पहचान' जानने का वक्त; 'पहचान' जानो अब,तुम हमारी; हमको है , अपनी ही राष्ट्र प्यारी; हम निज भारत के हैं,'राष्ट्रभक्त'; आया, पहचान जानने का वक्त। सबकी होती है,... Hindi · कविता 5 560 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Dec 2021 · 1 min read 'शीतलहर' 'शीतलहर' ------------ मौसम बदला, ठिठुरा शहर; फिर से आई है, 'शीतलहर'; पूरा दिन हो या हो, दोपहर; दिखाए मौसम अपना कहर; कोई मत जाना, इधर-उधर; फिर से आई है, 'शीतलहर'।... Hindi · कविता 3 626 Share पंकज कुमार कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read किसकी 'क्रिसमस' किसकी 'क्रिसमस' आज है, 'अटल' जन्मदिवस; पर सब हैं , मनाने को बेबस; मेरी क्रिसमस, तेरी क्रिसमस; है आखिर,किसकी क्रिसमस; क्यों सब पर, भारी क्रिसमस; पच्चीस दिसंबर, प्यारा होता; हाथ... Hindi · कविता 3 2 539 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Dec 2021 · 1 min read "बदलते भारत की तस्वीर" "बदलते भारत की तस्वीर" ०००००००००००००००० निज भारत की , सुनो दास्तान; ये छुए, नित्य ही नई आसमान; सर उठा , हम ही आगे चल रहे; देख , सारे दुश्मन हाथ... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 16 Dec 2021 · 1 min read 'ताश का पत्ता" 'ताश का पत्ता" मानव, 'ताश' के जैसा है; हर चरित्र, 'ताश-पत्ता' है; कोई , नहले पर दहला है; तो कोई , सत्ते पे सत्ता है; कोई इक्का बन , बैठा... Hindi · कविता 5 4 2k Share पंकज कुमार कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read 'सच्ची बात' 'सच्ची बात' -------------- जमीर बेच, जो बने अमीर; उसकी भला,क्या तकदीर; बसती इसमें, मौकापरस्ती; मिलते ये, हर बस्ती बस्ती। जितना मिला , उतने में ही; निज जीवन , जीना सिखो;... Hindi · कविता 3 554 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Dec 2021 · 1 min read "वीर जवान" "वीर जवान" ---------------- ऐ मेरे देश के, वीर जवानों, तुम ये मानो , या ना मानों; कोई , कितना भी इतराले; तुम ही हो, सबके रखवाले; तुझसे ही , सब... Hindi · कविता 5 4 738 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Nov 2021 · 1 min read 'बेटी की विदाई' 'बेटी की विदाई' ~~~~~~~~ अजीब क्षण,इस विदाई का; गम है, 'खुशी' के जुदाई का; खुशियां टपकती, आंसू बन; हल्का होता , अब भारी मन; हर आंखों में ही , अश्रु... Hindi · कविता 11 9 826 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Nov 2021 · 1 min read 'नया बाल दिवस' 'नया बाल दिवस' ______________ आखिर क्यों हुएं , इतने बेबस; आज ही मनाए , 'बाल दिवस'। चौदह नवंबर थे , जन्मे 'नेहरू'; बाकी दिन जैसे,आए ऐरू-गैरु। सब ही करते थे... Hindi · कविता 3 545 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Nov 2021 · 1 min read "जाड़े की धूप" "जाड़े की धूप" ग्रीष्म बीता, बीती वर्षा; ठंडक ऐसे, मुंह फैलाए; जैसे फैलाती है,'सुरसा'; फिर से , मौसम बदला; बीता सब , पर्व त्योहार; बदल गई है , दिनचर्या; बदला,सबका... Hindi · कविता 5 797 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Nov 2021 · 1 min read "छठ की बात" "छठ की बात" 🙏🌄🙏 अब जानो सब ही, 'छठ की बात'; कद्दूभात से हो , पर्व की शुरुआत; अगले दिन आए , खरना की रात; व्रती रहते, इन दिनों पूरा... Hindi · कविता 7 4 963 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Nov 2021 · 1 min read 'गोवा की सैर' 'गोवा की सैर' _______________ गोवा की आंखो में,बसे मोती; बाकी आंख, अग्निवर्षा होती; हर जगह दिखता है,गिद्धराज; गोवा में बसता सिर्फ,सरताज; सब जगह घूमो, लबादा ओढ़; गोवा जाओ, पर मत... Hindi · कविता 6 4 678 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read "चित्रांश" "चित्रांश" हम "चित्रांश" रूप में जाने जाते, वर्णों में, उत्तम वर्ण माने जाते। चित्रगुप्त के वंशज हैं, हम; गुरु हमारे हैं, यम। हमारे लेखनी में है, इतना दम; सबके भविष्य... Hindi · कविता 5 925 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read भगवान चित्रगुप्त भगवान चित्रगुप्त _____?_____ ब्रह्मा के काया का,तुम आकार हो; तुम ही तो , 'यम'के सलाहकार हो; हर जीवन-मरण के, रचनाकार हो; हे 'चित्रगुप्त',तेरी जय जयकार हो; तुम ही हो,एकमात्र लेखक... Hindi · कविता 7 1k Share पंकज कुमार कर्ण 4 Nov 2021 · 1 min read 'दीपक-चोर'? 'दीपक-चोर'? कभी न , दीप चुराना; बुझने से, उसे बचाना; ये जो जगह से हटेगा, तब यह, बुझ जायेगी; प्रकाश नही फैलाएगी, ये बात सदा सताएगी, फिर नहीं, यह जलेगा;... Hindi · कविता 4 752 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Nov 2021 · 1 min read 'राम-राज' 'राम-राज' जब घर-घर, दीपक जले आज। हर मन , कर रहे धरम के काज। सब जन , भक्ति- भाव में डूबे हैं; क्यों नहीं आता , तब राम-राज। जरूर ही... Hindi · कविता 4 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 3 Nov 2021 · 1 min read 'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔 'तिमिर पर ज्योति' 🪔🪔🪔🪔🪔 फिर फैलेगी, तिमिर पर ज्योति। धरा चमकेगी, जैसे चमके मोती। होगी हर जगह, खूब साफ-सफाई। सब खुशियां मनाएंगे, नभदीप लटकाएंगे। मचेगी धूम-धड़ाका, फूटेगा पटाखा। अमावस आकाश... Hindi · कविता 4 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 1 Nov 2021 · 1 min read 'समानता' समानता संविधान की शोभा बनी समानता, आज कोई नही, इसे कहीं मानता; चौदह की ये , संवैधानिक चतुराई; अब हो गई है , ये सिर्फ पीर पराई; जब है ,... Hindi · कविता 4 492 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Oct 2021 · 1 min read मतदान मतदान मत करना तुम , 'मतदान' अगर तुममें नहीं है , ज्ञान; चून नही सकते हो, अगर; किस प्रत्याशी में है जिगर; कौन है सच्चा, कौन झूठा; किसने निज देश... Hindi · कविता 5 2 572 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Oct 2021 · 1 min read सुख-दुःख सुख-दुःख °°°°°°°°°° 'सुख-दु:ख' तो आती , साथ में, सबकी किस्मत लिखी, हाथ में, मत घबराओ , किसी हालत में; धैर्य धरे, जब 'कली' भी रात में; पुष्प बनने के, अथक... Hindi · कविता 7 887 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Oct 2021 · 1 min read "बेटा-बेटी" "बेटा-बेटी" °°°°°°°°°° चाहे 'बेटा' हो या 'बेटी' दोनों , 'माता-पिता' के; 'आंखों' की है, 'ज्योति' 'बेटा', कुल का दीपक; तो बेटी, घर की रौनक; 'बेटी' अगर, 'ममता' है; 'बेटा' मारक... Hindi · कविता 5 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Oct 2021 · 1 min read कायस्थ✍️ कायस्थ✍️ एक जाति'कायस्थ'हैं, वंशज, 'चित्रगुप्त' के; विद्या, उनकी पूंजी है, 'कलम' उनकी शक्ति; बारह हैं,'भ्राता' इनके; सब के सब हैं , प्यारे; 'श्रीवास्तव','अस्थाना' सुरजध्वज, 'सक्सेना' बाल्मीकि, 'भटनागर' निगम, कुलश्रेष्ठ,गौड़, अम्बष्ठ,... Hindi · कविता 6 4 689 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Oct 2021 · 1 min read 'इंसान' बनो 'इंसान' बनो ********** हे, 'मनुज-जन' बनो महान; मत करो कभी , 'अभिमान' 'जीवन' मिला , मुश्किल से; पूरे कर लो , सारे 'अरमान'। 'जिंदगी' है ये,कठिन सफर; 'सुख- दुख'है ,... Hindi · कविता 4 638 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Oct 2021 · 1 min read "सब टेबुल लैंप है" "सब टेबुल लैंप है" **************** बल्ब से, जितना रोशनी फैलता है; कोई, अपना प्रकाश फैलाता कहां; परोपकारी जीवन, अपनाता कहां; अब तो घर घर, 'सब टेबुल लैंप है' अपने परिवार... Hindi · कविता 3 389 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Oct 2021 · 1 min read फेकूराम "फेकूराम" """""""""""" अपना घर तो , संभलता नही; ये , दूसरों का घर संभालते है। अपनी जो ,चोरी पकड़ी जाए; तो ,गैरों का बंगला झांकते हैं। रहे मुंह में ,... Hindi · कविता 5 6 783 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Oct 2021 · 1 min read 'किस्मत' 'किस्मत' ________ बहुत बड़ी चीज है , किस्मत; कोई खुद , किस्मत लिखता; कोई , रेडिमेड किस्मत पाता; कहीं ये है , वैधानिक उपहार; कहीं , माता -पिता का प्यार;... Hindi · कविता 3 541 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Oct 2021 · 1 min read 🙏विजयादशमी🙏 "विजयादशमी" °°°°°🙏°°°°° विजया दशमी की, बेला आयी; देवी मां ने ही , दुर्गा रूप बनाई; आज बनी मां , दस भुजा धारी; सिंह को बनाया, अपनी सवारी; माता की, नौ... Hindi · कविता 5 1k Share पंकज कुमार कर्ण 14 Oct 2021 · 1 min read 🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏 मॉं सिद्धिदात्री .......🙏...... हे जगदम्बे , 'नवदुर्गा' की नौवीं रूप; 'भक्तों' को भाये, तेरा 'सिद्धिस्वरूप' 'माता' तू ही , जग की 'अधिष्ठात्री' है; हर 'सिद्धि की देवी', "सिद्धिदात्री" है; तू... Hindi · कविता 7 14 2k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Oct 2021 · 1 min read 🙏महागौरी🙏 "महागौरी" ***🙏*** जय जय माॅं , 'अम्बे गौरी'; ध्यान दे, 'भक्तों' पर थोड़ी, 'मॉं' तू देवी है, 'सौंदर्य' की; 'नारी-शक्ति' व 'ऐश्वर्य' की; नवदुर्गा में,'मॉं' तू अष्टम् है; 'महाष्टमी', होती... Hindi · कविता 5 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 12 Oct 2021 · 1 min read 🙏मॉं कालरात्रि🙏 "मॉं कालरात्रि" ****🙏**** जय जय महामाया, स्याहवर्ण है तेरी काया; तू माता जगतप्यारी,तेरी शक्ति है चमत्कारी; सदैव शुभ फल देनेवाली , माता 'शुभंकारी' भक्त-जन पूजे तुमको, सदा दिन और रात्रि;... Hindi · कविता 5 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 11 Oct 2021 · 1 min read 🙏मॉं कात्यायनी🙏 "मॉं कात्यायनी" *****🙏***** जय जय जगकल्याणी , जय जय नारायणी; तू है , नवदुर्गा की षष्ठी रूप मां 'कात्यायनी'; महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया तूने, मां; भगवती रूप धारण... Hindi · कविता 5 2 1k Share Previous Page 2 Next