निर्मला कपिला 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निर्मला कपिला 20 Jul 2017 · 1 min read खुशी से जिसे था गले से लगाया। गजल । खुशी से जिसे था गले से लगाया उसी ने मुझे दर्द दे कर रुलाया बहे अश्क तो भी सभी से छुपाए धुंएं का तो उनसे बहाना बनाया भले आजमा ले... Hindi · कविता 7 7 1k Share निर्मला कपिला 20 Jul 2017 · 1 min read गज़ल खुशी से जिसे था गले से लगाया उसी ने मुझे दर्द दे कर रुलाया बहे अश्क तो भी सभी से छुपाए धुंएं का तो उनसे बहाना बनाया भले आजमा ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 664 Share निर्मला कपिला 24 Sep 2016 · 1 min read खुद को चोट लगाये कौन ------ गज़ल खुद को चोट लगाये कौन पत्थर से टकराये कौन दिल ये नित नित मांगे और इस दिल को समझाये कौन सब अपनी दुनिया मे मस्त इक दूजे के जाये कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 5 881 Share निर्मला कपिला 20 Sep 2016 · 1 min read कमी हिम्मत में कुछ रखती नहीं मैं------- गज़ल कमी हिम्मत में कुछ रखती नहीं मैं बहुत टूटी मगर बिखरी नहीं मैं बड़े दुख दर्द झेले जिंदगी में मैं थकती हूँ मगर रुकती नहीं मैं खरीदारों की कोई है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 706 Share निर्मला कपिला 14 Sep 2016 · 1 min read सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल--- दोहे सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल कहमे से पहले मगर शब्दों मे रस घोल रिश्ते नातों को छोड कर चलता बना विदेश डालर देख ललक बढी फिर भूला... Hindi · दोहा 1 3k Share निर्मला कपिला 14 Sep 2016 · 1 min read जीवन में कुछ खोया भी ----- गज़ल जीवन में कुछ खोया भी लेकिन ज्यादा पाया भी नफरत की चिंगारी फेंक लोगों ने भड़काया भी उसके शिकवे सुन कर कुछ अपना दर्द सुनाया भी मुझ को डमरू समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 517 Share निर्मला कपिला 6 Sep 2016 · 21 min read दोहरे मापदंड --कहानी--- निर्मला कपिला दोहरे मापदंड --कहानी *देख कैसी बेशर्म है? टुकर टुकर जवाब दिये जा रही है।भगवान का शुक्र नहीं करती कि किसी शरीफ आदमी ने इसे ब्याह लिया है। छ: महीने मे... Hindi · कहानी 1 2 856 Share निर्मला कपिला 3 Sep 2016 · 1 min read देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया --- गज़ल देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया अब लौट कर न आएगा कहकर चला गया कैसे पकड़ सके जिसे रब ने बचा लिया पैकान से परिंदा जो उड... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 7 863 Share निर्मला कपिला 30 Aug 2016 · 1 min read अगरचे मैला साधू संत का किरदार हो जाये---- गज़ल अगरचे मैला साधू संत का किरदार हो जाये तो मजहब धर्म सब उसके लिये व्यापार हो जाए लडाई हक की जो लडता रहा ताउम्र दुनिया मे वो आने वाली नस्लों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 521 Share निर्मला कपिला 29 Aug 2016 · 9 min read कवच ------कहानी --निर्मला कपिला कवच ------कहानी पडोस के घर के बाहर कोई ऊँचे ऊँचे गालियाँ बक रहा था।मैं बाहर निकली तो देखा उनका दामाद दीपक था जो नशे मे था और उनके दरवाजे के... Hindi · कहानी 764 Share निर्मला कपिला 28 Aug 2016 · 1 min read सजाया ख्वाब काजल सा वो आन्सू बन निकलता है सजाया ख्वाब काजल सा वो आन्सू बन निकलता है उजड जाये अगर गुलशन हमेशा दिल सिसकता है जमाने भर की बातें हैं कई शिकवे गिले दिल के सुनाउं क्या उसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 912 Share निर्मला कपिला 22 Aug 2016 · 1 min read रदीफों की वफा हो हासिलों से---- गज़ल रदीफों की वफा हो हासिलों से गज़ल का नूर होता काफिओं से वही जाते सलामत मंजिलों तक जो करते प्यार हैं अपने परों से न बच्चों को जरा तहज़ीब दें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 727 Share निर्मला कपिला 14 Aug 2016 · 1 min read हाइकु हाईकु साथ जो छूटा आसमान से जैसे तारा हो टूटा खून पसीना बहाता है किसान फिर दे जान? आँगन मे मेरे आया है मधुमास लेकर आस । अगर देगा रिश्तों... Hindi · हाइकु 4 640 Share निर्मला कपिला 13 Aug 2016 · 1 min read रुबाइ गज़ल गुनगुनाने की रातें ----- गज़ल ---- रुबाइ गज़ल गुनगुनाने की रातें उसे हाल दिल का सुनाने की रातें वो छूना छुआना नज़र को बचा कर शरारत अदायें दिखाने की रातें रुहानी मिलन वो जवानी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 530 Share निर्मला कपिला 11 Aug 2016 · 1 min read जीवन में कुछ खोया भी ----- गज़ल जीवन में कुछ खोया भी लेकिन ज्यादा पाया भी नफरत की चिंगारी फेंक लोगों ने भड़काया भी उसके शिकवे सुन कर कुछ अपना दर्द सुनाया भी मुझ को डमरू समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 624 Share निर्मला कपिला 8 Aug 2016 · 1 min read वो बच्चों के लिए खुद का निवाला छोड़ देती है -- गज़ल यशोद्धा खाने को मक्खन का प्याला छोड़ देती है न रूठे शाम, हाथों की वो माला छोड़ देती है छठा सावन की लाती है बहारें,झूमता गुलशन धारा पर रूप अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 720 Share निर्मला कपिला 7 Aug 2016 · 8 min read वक्त के पाँव-------------------- (कहानी ) वक्त के पाँव (कहानी ) गाँव की मिट्टी की सोंधी खुश्बू मे जाने कैसी कशिश थी कि इस बार खुद को अपने गाँव भारत आने से रोक नहीं पाई।शादी के... Hindi · कहानी 2 1k Share निर्मला कपिला 28 Jul 2016 · 1 min read मिड -डे मील ------ कविता मिड -डे मील पुराने फटे से टाट पर स्कूल के पेड के नीचे बैठे हैं कुछ गरीब बस्ती के बच्चे कपडों के नाम पर पहने हैं बनियान और मैली सी... Hindi · कविता 1 2 1k Share निर्मला कपिला 27 Jul 2016 · 6 min read हवा का झोँका - (कहानी ) एक सत्य कथा पर आधारित जो आज भी जीवित हैं लेकिन आज के समय मे ऎसे व्यक्तित्व दुर्लभ मिलेंगे 1 हवा का झोँका - (कहानी ) सोचती हूँ कि लिखने... Hindi · कहानी 5 898 Share निर्मला कपिला 26 Jul 2016 · 12 min read आस्तित्व ------ कहानी --- निर्मला कपिला आस्तित्व कागज़ का एक टुकडा क्या इतना स़क्षम हो सकता है कि एक पल में किसी के जीवन भर की आस्था को खत्म कर दे1मेरे सामने पडे कागज़् की काली... Hindi · कहानी 3 915 Share निर्मला कपिला 24 Jul 2016 · 1 min read गज़ल गुलकन्द सी मीठी लगे अन्दाज प्यारा है ---- गज़ल गज़ल गुलकन्द सी मीठी लगे अन्दाज प्यारा है अदावत है लियाकत है मुहब्बत से सँवारा है हमारी प्यास ढूंढे रोज सागर प्यार के गहरे मुशक्कत रूह की कितनी नदारद पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 758 Share निर्मला कपिला 24 Jul 2016 · 2 min read भूख ---- लघु कथा भूख लघु कथा मनूर जैसा काला, तमतमाया चेहरा,धूँयाँ सी मटमैली आँखें,पीडे हुये गन्ने जैसा सूखा शरीर ,साथ मे पतले से बीमार बच्चे का हाथ पकडे वो सरकारी अस्पताल मे डाक्टर... Hindi · लघु कथा 2 1k Share निर्मला कपिला 22 Jul 2016 · 1 min read देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया --- गज़ल देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया अब लौट कर न आएगा कहकर चला गया कैसे पकड़ सके जिसे रब ने बचा लिया पैकान से परिंदा जो उड... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 830 Share निर्मला कपिला 21 Jul 2016 · 1 min read ज़िन्दगी को मनाओ खुशी की तरह--- गज़ल ज़िन्दगी को मनाओ खुशी की तरह झेलो' गम को जरा दिल्लगी की तरह कुछ इनायते' मिली कुछ जलालत सही वक्त आया गया रोशनी की तरह रोज चलता रहा बोझ ढोता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 731 Share निर्मला कपिला 20 Jul 2016 · 1 min read मैं नेता बनूंगा -- कविता--- हास्य व्यंग मैं नेता बनूंगा एक दिन बेटे से पूछा ;बेटा क्या बनोगे?: कौन सा प्रोफेश्न अपनाओगे,किस राह पर जाओगे वह थोडा हिचकिचाया,फिर मुस्कराया और बोला मैं नेता बनूंगा मैं हुआ हैरान... Hindi · कविता 7 9 22k Share निर्मला कपिला 19 Jul 2016 · 1 min read निकल कर कहां से ये आई खबर---- गज़ल निकल कर कहां से ये आई खबर मै ज़िन्दा हूँ किस ने उडाई खबर हवा मे हैं सरगोशियां चार सू न दे पर किसी को दिखाई खबर किसी के यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 946 Share निर्मला कपिला 18 Jul 2016 · 2 min read माँ की संदूकची -----कविता माँ की संदूकची माँ तेरी सीख की संदूकची, कितना कुछ होता था इस मे तेरे आँचल की छाँव की कुछ कतलियाँ ममता से भरी कुछ किरणे दुख दर्द के दिनों... Hindi · कविता 3 1k Share निर्मला कपिला 18 Jul 2016 · 1 min read दोहे सब धर्मों से ही बडा देश प्रेम को मान सोने की चिडिया बने भारत देश महान । शाम तुझे पुकार रही सखियाँ करें विलाप पूछ रही रो रो सभी कहाँ... Hindi · दोहा 1 3 847 Share निर्मला कपिला 16 Jul 2016 · 4 min read व्यंग -- बुढापे की चिन्ता समाप्त ये व्यंग 3 /10/10 का है लेकिन इस बार फिर उम्मीद जगी है[ कल सपना जो आया! व्यंग -- बुढापे की चिन्ता समाप्त आज कल मुझे अपने भविष्य की चिन्ता फिर से सताने लगी है। पहले 20 के बाद माँ बाप ने कहा अब जाओ ससुराल। हम... Hindi · कविता 3 3 700 Share निर्मला कपिला 16 Jul 2016 · 12 min read दिल से एक पन्ना------------- संस्मरण दिल से एक पन्ना------------- संस्मरण एक दिन अपनी एमरजेन्सी ड्यूटी पर् थी सुबह से कोई केस नहीं आया था ऐसे मे मैं किताबें पढती रहती या किसी मरीज के रिश्तेदार... Hindi · कविता 1 884 Share Page 1 Next