Comments (5)
26 Oct 2016 07:03 PM
बहुत ख़ूब
9 Aug 2016 05:46 PM
वाह्ह्ह्ह् बहुत उम्दा । नमन ।
8 Aug 2016 06:32 PM
VAvah khub
8 Aug 2016 04:56 PM
सहो चाहे जमाने भर के ताने भी मगर फिर भी
कही अपनों की चुभती बात छाला छोड़ देती है
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वाह वाहहहहहहहहहहहहहहहहहहह
बेहद उम्दा
अनुपम चिंतन,,,, लेखनी को नमन !!
वाह ।