निधि मुकेश भार्गव Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निधि मुकेश भार्गव 20 Jul 2018 · 1 min read कालू मामा मोटी मोटी तोंद को पकड़े कालू मामा कितने तगड़े ताव मुछों को देते रहते बिन बात पर कैसे बिगड़े मामी पर गुर्राते रहते मामी भागी आतीं लेकर आलू गोभी के... Hindi · कविता · बाल कविता 2 437 Share निधि मुकेश भार्गव 18 Jul 2018 · 1 min read माँ **** सुखद और सुंदर एहसासों की जीती जागती तस्वीर है माँ " कितना पवित्र और पाक .. .सा रिश्ता...है ना . माँ और उसके अंश का.. ...."माँ"होना..माँ बनना कोमल नन्हें... Hindi · कविता 4 3 530 Share निधि मुकेश भार्गव 18 Jul 2018 · 1 min read नमी बेबसी की आँखों में नमीं बेबसी की है या .. कमीं तेरी चाहत की है... यूँ लम्हा लम्हा पिघल कर हम... ... खामोश जिए जाते हैं.... लगी दिल की जीने नहीं देती..... Hindi · कविता 1 1 500 Share निधि मुकेश भार्गव 15 Jul 2018 · 1 min read तुम आ जाओ कभी ऐसा ना हो अजनबी राहों में कहीं खो जाओ। मुकद्दर से चुराया है तुम्हें.. अनजान किस्से सा भूलकर समय सा न कहीं हो जाओ। अँधेरा बहुत है थमी सी... Hindi · कविता 252 Share निधि मुकेश भार्गव 15 Jul 2018 · 1 min read आशीष आशीष माँ तेरा ही था.. लेखनी को जो मेरी बल मिला.... अल्फाज उभरे जेहन में ऐसे.... नित नया आयाम मिला ... सम्बल मिला....ऐसा मुझे.. कि हर हालात में संवर गई......... Hindi · कविता 291 Share निधि मुकेश भार्गव 15 Jul 2018 · 1 min read पेड़ मत छीनों मुझसे हरियाली मेरी छाया सबको प्यारी रो रो कर मैं रूदन हूँ करता वार कुल्हाड़ी का जब पड़ता मेरे कष्ट का मर्म भी समझो इस तरह मत काटो... Hindi · कविता 278 Share निधि मुकेश भार्गव 4 Jul 2018 · 1 min read कविता रात के कदमों में झाँझर मत बाँधना दबे पांव आने दो नींद में जो खोए हैं ना ख्वाब मेरे रूनझुन से उनकी कहीं जाग ना जाएं मन अवचेतन संजो रहा... Hindi · कविता 381 Share निधि मुकेश भार्गव 3 Jul 2018 · 1 min read "मैं तुम्हारी हूँ" कभी मेरी खातिर कितने स्वप्न पलकों की गलियों में संजोए थे तुमने वो स्वर्णिम एहसास कि..तुम मेरे हो,और मैं तुम्हारी,कितने ही सुखद स्वप्नों की जीती जागती तस्वीर बन गए थे....हम,तुम... Hindi · कविता 233 Share निधि मुकेश भार्गव 27 Jun 2018 · 1 min read अक्स अक्स तेरा मुझे जानिब तेरी यूँ करता है। तीरगी चीर के जैसे उजाला बिखरता है। मेरे नैना तेरी तस्वीर को तरसते हैं। मेरे जज़्बात तेरी चाह को मचलते हैं। है... Hindi · कविता 1 292 Share निधि मुकेश भार्गव 24 Jun 2018 · 1 min read देह हूँ मैं हाँ देह हूँ मैं.... मुझे भी लगती है भूख औ प्यास... जली हूँ कभी मैं... विरह अगन में.. कभी शीतल ब्यार मुझे डसती है...... बड़ी खूबसूरत मैं हूँ काया... मुझपे... Hindi · कविता 1 358 Share निधि मुकेश भार्गव 21 Jun 2018 · 1 min read दर्द के हिस्से दर्द के भी अनगिनत हिस्से होते हैं... जाने कितने दबे सहमें किस्से होते हैं दिल में यादों का तूफान लिए कितनी ही मुस्कुराहटें छुपकर मुँह फुलाए बैठी रहती हैं गुजर... Hindi · कविता 2 359 Share निधि मुकेश भार्गव 21 Jun 2018 · 1 min read लफ्ज़ों की गहराई लफ्ज़ों की गहराई में जाना कभी.. लाखों उम्मीदें और भावनाएँ मिलेंगी मरी... सोच से परे होंगे ख्याल...और सिर्फ अंदर तक होगी नमी ही नमी ... यूंही नहीं निकल जाती वेदना... Hindi · कविता 259 Share निधि मुकेश भार्गव 20 Jun 2018 · 1 min read मानवता भाव नि:स्वार्थ दिलों में लेकर... करो सेवा मानवता की दीन हीन को ना कभी धिक्कारो प्रतिपल है उन्हें आवश्यकता भी ... दोगे जो, वो ही पाओगे.. स्नेहसिक्त आशिर्वाद की। पल्लवित... Hindi · कविता 380 Share निधि मुकेश भार्गव 20 Jun 2018 · 1 min read गुफ्तगू वो रात की गुफ्तगू वो रात की पहली मुलाकात की छुअन वो हवाओं की मधुर तेरे साथ की बेसाख्ता पुकारतीं रहीं मुझे वो एक आस सी वो वादियाँ गुलाब की मोहब्बतों की छाँव... Hindi · कविता 455 Share निधि मुकेश भार्गव 20 Jun 2018 · 1 min read यादें आजकल ना जाने क्यूँ तुम्हारी कमी खलती है बहुत... बंद दरवाज़ो में तुम्हारी यादें सिसकती है बहुत... ख्वाहिश हैं मेरी , मैं बनूँ मुकद्दर तुम्हारा... टूटे दिल की दीवारें दर्द... Hindi · कविता 411 Share निधि मुकेश भार्गव 20 Jun 2018 · 1 min read मनमानियाँ इश्क की उफ्फ ये मनमानियाँ इश्क की... तुझसे ही मिली रूमानियाँ इश्क की.... तेरी खुमारी के साए में जीती हूँ... उफ्फ ये बेकरारियाँ इश्क की.... महफिलों में भी आलम तन्हाईंयों का... ऐसी... Hindi · कविता 443 Share निधि मुकेश भार्गव 20 Jun 2018 · 1 min read मैं नहीं भटकती मैं नही भटकती मेरे अरमान भटकते हैं... नियति की स्याह चादर ओड़े दर्द में देखो कितना तड़पते हैं भयावह अँधेरी रातों में मरहम तो सिर्फ तेरी यादें हैं मैं कलुषित... Hindi · कविता 227 Share निधि मुकेश भार्गव 19 Jun 2018 · 1 min read आभासी दुनियाँ ये सच है.... तुम हो.... मुझमें कहीं... यथार्थ से , आभासी दुनियाँ का द्वंद झेला है मैंने.... लगातार कितने दिनों उलझते प्रश्नों का बोझ उद्वेलित करता रहा मुझे। ना जाने... Hindi · कविता 380 Share निधि मुकेश भार्गव 19 Jun 2018 · 1 min read थोड़ा सा दिन थोड़ा सा दिन बचा कर रखा है तुम्हारे लिए.... आओगे न तुम? खुले किवाड़ को तकती मेरी व्याकुल निगाहें आतुर हैं वो पदचाप सुनने के लिए सुनकर जिसे मायूस मन,... Hindi · कविता 270 Share निधि मुकेश भार्गव 19 Jun 2018 · 1 min read "पीली सी धूप" पीली सी धूप पहनकर जो इठलाई थी मन के आँगन में वो तुम ही थी न? मेरे कानों में गूँजते तुम्हारी झाँझर के स्वरों ने देखो कितने ही गीत गड... Hindi · कविता 1 624 Share निधि मुकेश भार्गव 19 Jun 2018 · 1 min read "कटु सत्य" जीवन के कटु सत्यों ने बहुत तड़पाया है.... सोचती हूँ तो रूह काँप सी जाती है... सांसें सीने में घुट जाती है... जब भी याद आतें हैं वो पल बीते... Hindi · कविता 650 Share