Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2018 · 1 min read

मैं नहीं भटकती

मैं नही भटकती
मेरे अरमान भटकते हैं…
नियति की स्याह चादर ओड़े
दर्द में देखो कितना तड़पते हैं
भयावह अँधेरी रातों में
मरहम तो सिर्फ तेरी यादें हैं
मैं कलुषित अभागी विषैली नागिन हूँ
दूर रहो मुझसे कि कहीं
डस ना लूँ तुमको प्रिय
खुशियाँ दूर बस गम ही तो
मेरी तन्हाई भाँपते हैं
ग्रसित शापित मैं हूँ कि
देखो सपने भी दूर कितना भागते हैं
चुरा तो लाई हूँ किस्मत से तुम्हें
अजब एक कंपन है सीने में …
मैं तरसन हूँ एक तड़पन हूँ खुद में
मेरी अपनी परछाई से सहमें
ना जाने कितने अक्स काँपते हैं
खूब दिखाया है आईना हकीकत तूने…
भ्रम जो पाले थे टूट कर बिखरे और
अश्रुओं ने सम्हाले हैं।

Language: Hindi
223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरा तोता
मेरा तोता
Kanchan Khanna
*किसी को राय शुभ देना भी आफत मोल लेना है (मुक्तक)*
*किसी को राय शुभ देना भी आफत मोल लेना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
" भूलने में उसे तो ज़माने लगे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
फितरत दुनिया की...
फितरत दुनिया की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )-
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )- " साये में धूप "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बिन मौसम के ये बरसात कैसी
बिन मौसम के ये बरसात कैसी
Ram Krishan Rastogi
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
बादल को रास्ता भी दिखाती हैं हवाएँ
Mahendra Narayan
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
Shivkumar barman
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा
लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
कवि दीपक बवेजा
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
✍️ शेखर सिंह
✍️ शेखर सिंह
शेखर सिंह
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
देखिए खूबसूरत हुई भोर है।
देखिए खूबसूरत हुई भोर है।
surenderpal vaidya
गीता, कुरान ,बाईबल, गुरु ग्रंथ साहिब
गीता, कुरान ,बाईबल, गुरु ग्रंथ साहिब
Harminder Kaur
10 Habits of Mentally Strong People
10 Habits of Mentally Strong People
पूर्वार्थ
■ उलाहना
■ उलाहना
*Author प्रणय प्रभात*
2458.पूर्णिका
2458.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
काम से राम के ओर।
काम से राम के ओर।
Acharya Rama Nand Mandal
जो जिस चीज़ को तरसा है,
जो जिस चीज़ को तरसा है,
Pramila sultan
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...