Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2018 · 1 min read

“कटु सत्य”

जीवन के कटु सत्यों ने बहुत तड़पाया है….
सोचती हूँ तो रूह काँप सी जाती है…
सांसें सीने में घुट जाती है…
जब भी याद आतें हैं वो पल बीते हुए…
चारों ओर सऩ्नाटे पसर जाते हैं…
कितना दर्द कितनी घुटन…
दिल में बेबस अरमान कसक जाते हैं …
जीवनयापन को मजबूर जिंदगी…
टीसते जख्म सी रिस रही है…
कभी बुझती कभी जलती पेट की आग करूण सिसक रही है…
थक गया है जिस्म “दोहरी जिंदगी”
जीते जीते ..
.तन्हा अश्क पीते पीते …
अपनों के बोझिल चेहरों की मुस्कुराहटें मैं कैसे वापिस लाऊँ …तूही बता जिंदगी…
किस तरह मैं उनका सुख लौटाऊँ….?

Language: Hindi
619 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ कविता
■ कविता
*Author प्रणय प्रभात*
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
पूर्वार्थ
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
★बादल★
★बादल★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
अबोध प्रेम
अबोध प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
घरौंदा
घरौंदा
Madhavi Srivastava
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2393.पूर्णिका
2393.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
चाय में इलायची सा है आपकी
चाय में इलायची सा है आपकी
शेखर सिंह
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
ruby kumari
पहाड़ों की हंसी ठिठोली
पहाड़ों की हंसी ठिठोली
Shankar N aanjna
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
*सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)*
*सुंदर दिखना अगर चाहते, भजो राम का नाम (गीत)*
Ravi Prakash
मुक्तक... छंद मनमोहन
मुक्तक... छंद मनमोहन
डॉ.सीमा अग्रवाल
सुप्रभात
सुप्रभात
Arun B Jain
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
बदलने को तो इन आंखों ने मंजर ही बदल डाले
हरवंश हृदय
मुस्कुराकर देखिए /
मुस्कुराकर देखिए /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
एक साँझ
एक साँझ
Dr.Pratibha Prakash
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
हिंदी पखवाडा
हिंदी पखवाडा
Shashi Dhar Kumar
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
Sandeep Pande
तारीफ....... तुम्हारी
तारीफ....... तुम्हारी
Neeraj Agarwal
आजादी विचारों से होनी चाहिये
आजादी विचारों से होनी चाहिये
Radhakishan R. Mundhra
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...