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83 posts
दशहरा
दशहरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तितली के तेरे पंख
तितली के तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
काश वो होते मेरे अंगना में
काश वो होते मेरे अंगना में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जीवन हमारा रैन बसेरा
जीवन हमारा रैन बसेरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
अतीत के सपनों का देखा
अतीत के सपनों का देखा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रिम झिम रिम झिम वर्षा आई…
रिम झिम रिम झिम वर्षा आई…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम मेरी क्या हो ?
तुम मेरी क्या हो ?
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आया मौसम बरसात का
आया मौसम बरसात का
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा
निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सजना मेरे आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम
तुम
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कभी कम न हो…
कभी कम न हो…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रूठी प्रियसी
रूठी प्रियसी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हारा विश्वास न था
तुम्हारा विश्वास न था
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
नया वर्ष
नया वर्ष
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मेरे पापा…
मेरे पापा…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सपनों का महल
सपनों का महल
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
गीत की लय…
गीत की लय…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा
फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
पर्यावरण और मानव
पर्यावरण और मानव
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…
बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मधुमास बना जीवन
मधुमास बना जीवन
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सजना मेरे आजा रे…
सजना मेरे आजा रे…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
चली रे चली मेरी पतंग चली…
चली रे चली मेरी पतंग चली…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
बम्बई नगरिया
बम्बई नगरिया
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
वर्षा
वर्षा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
माटी है मेरे देश की चंदन
माटी है मेरे देश की चंदन
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
भजन
भजन
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
ज्ञान का दीप जलाओ
ज्ञान का दीप जलाओ
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सुहावना समय
सुहावना समय
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आकाश के नीचे
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जीवन की अभिव्यक्ति
जीवन की अभिव्यक्ति
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
काली सी बदरिया छाई रे
काली सी बदरिया छाई रे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
निरक्षता
निरक्षता
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आकाश के नीचे
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा
फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
हम देखते ही रह गये
हम देखते ही रह गये
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जीवन जीने की कला का नाम है
जीवन जीने की कला का नाम है
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मेरी क्यारी फूल भरी
मेरी क्यारी फूल भरी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
लड़ाकू विमान और बेटियां
लड़ाकू विमान और बेटियां
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आंखों के दपर्ण में
आंखों के दपर्ण में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
चुहिया रानी
चुहिया रानी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
स्वच्छता
स्वच्छता
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
नजर
नजर
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कवि और चितेरा
कवि और चितेरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तितली तेरे पंख
तितली तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
काली सी बदरिया छाई...
काली सी बदरिया छाई...
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
समाज का दर्पण और मानव की सोच
समाज का दर्पण और मानव की सोच
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
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