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गर तुम हो
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
दशहरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कुछ ही लोगों का जन्म दुनियां को संवारने के लिए होता है। अधिक
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तितली के तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
काश वो होते मेरे अंगना में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जीवन हमारा रैन बसेरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
अतीत के सपनों का देखा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रिम झिम रिम झिम वर्षा आई…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम मेरी क्या हो ?
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आया मौसम बरसात का
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सजना मेरे आजा रे…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कभी कम न हो…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
रूठी प्रियसी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हारा विश्वास न था
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
नया वर्ष
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मेरे पापा…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सपनों का महल
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
गीत की लय…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
पर्यावरण और मानव
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मधुमास बना जीवन
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सजना मेरे आजा रे…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
चली रे चली मेरी पतंग चली…
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
बम्बई नगरिया
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
वर्षा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
माटी है मेरे देश की चंदन
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
भजन
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
ज्ञान का दीप जलाओ
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
सुहावना समय
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जीवन की अभिव्यक्ति
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
काली सी बदरिया छाई रे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
निरक्षता
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
हम देखते ही रह गये
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जीवन जीने की कला का नाम है
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मेरी क्यारी फूल भरी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
लड़ाकू विमान और बेटियां
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
आंखों के दपर्ण में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
चुहिया रानी
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
स्वच्छता
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
नजर
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
कवि और चितेरा
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
तितली तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
काली सी बदरिया छाई...
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'