Ram Krishan Rastogi Tag: कविता 621 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ram Krishan Rastogi 26 Sep 2018 · 1 min read एक बड़े राजा का बेटा--आर के रस्तोगी एक बड़े राजा का बेटा दो दिन से मुर्दा सा लेटा तीन महात्मा सुन कर आये चार दवा के टुकड़े लाये पांच मिनिट घिस गर्म कराई छ: छ: घंटे बाद... Hindi · कविता · बाल कविता 4 3 8k Share Ram Krishan Rastogi 15 Dec 2020 · 1 min read मत पूछो यारो,कोरोना में दिन कैसे काट रहा हूँ मत पूछो यारो मुझसे,कोरोना में दिन कैसे मै काट रहा हूँ | अपने मन की बाते करके तुमसे,अपना दुःख मै बाँट रहा हूँ || हो गई पढाई ऑनलाइन पर,बच्चो के... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 123 165 5k Share Ram Krishan Rastogi 1 Nov 2018 · 1 min read माँ --आर के रस्तोगी माँ पहली शिक्षक है,वह ही मात भाषा सिखाती है वह भले गीले में सोये,बच्चे को सूखे में सुलाती है माँ नौ मास कोख में रखती है प्रसव पीड़ा भी सहती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 158 4k Share Ram Krishan Rastogi 27 Aug 2022 · 1 min read अगर तुम्हे कुछ बनना है अगर तुम्हे कुछ बनना है, परिश्रम तुम्हे करना होगा। सूरज की तरह ही तुमको, निरन्तर तुम्हे चलना होगा।। कहा है कृष्ण ने गीता में, कर्म तुम्हारा जीवन होगा। अच्छे कर्म... Hindi · कविता 2 3 2k Share Ram Krishan Rastogi 1 Feb 2021 · 1 min read लिखता रहा इश्क भरे खत लिखता रहा इश्क भरे खत ********************* लिखता रहा इश्क भरे खत पर मैं उनको जलाता रहा, इस तरह मोहब्बत के सबूत मै हमेशा मिटाता रहा। चलता रहा ये सिलसिला उसकी... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 53 95 2k Share Ram Krishan Rastogi 2 Apr 2018 · 1 min read दुश्मन को कभी मित्र न मानो -रस्तोगी मिली कहीं तुलसी की माला लेकर उसे गले में डाला तन में अपने राख लगाई बैरागी सा रूप बनाया | माथे पर टीका लगाया चंदन से उसको सजाया जैसे बनी... Hindi · कविता 2k Share Ram Krishan Rastogi 11 Mar 2022 · 1 min read पति पत्नी की नोक झोंक पर हास्य व्यंग मै सीधी सादी गैया हूं, तुम मरखने सांड प्रिय। मै किसी बगिया की कोयल हूं, तुम किसी दरबार के भांड प्रिय।। मै सुबह सुबह उठती हूं तुम सोने मे कुंभकर्ण... Hindi · कविता 5 5 2k Share Ram Krishan Rastogi 7 Jun 2022 · 1 min read मर्द व नामर्द की पहचान डट जाए जो युद्ध के मैदान में,उसे मर्द कहते है। पीठ दिखाकर जो भाग आए,उसे नामर्द कहते है।। होता है जिसके दिल में दर्द,उसे मर्द कहते है। दिल होते हुए... Hindi · कविता 4 7 2k Share Ram Krishan Rastogi 18 May 2021 · 1 min read न भूलेंगे हम वो बरसात की रात न भूलेंगे हम वो बरसात की रात ************************ न भूलेंगे हम वो बरसात की रात, जिनसे हुई मेरी पहली मुलाकात। घनघोर घटाएं घिर रही थी गगन मे, दामिनी भी दमक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 63 58 1k Share Ram Krishan Rastogi 28 May 2022 · 1 min read मां बाप की दुआओं का असर ले लो दुवाये अपने मां बाप की, इससे बड़ी दौलत न है आप की। जो जीवन में इससे बंछित हो पाया, उसने जीवन में कभी सुख न पाया।। जैसा बोओगे,वैसा... Hindi · कविता 4 8 2k Share Ram Krishan Rastogi 23 May 2021 · 1 min read साजन सजनी की बरसात कर रही है कुछ इशारे,ये बे मौसम बरसात, सजनी साजन से मिले,कह रही ये बरसात। अबकी बार हो रही ,हरेक घर में बरसात, न जाने कब होगी, मेरे घर में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 70 41 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read गरीब के हालात कोई नही जाना चाहता है,गरीब के करीब। ये फितरत देखी इस जमाने की अज़ीब।। कहते हैं नेता कोई न रहेगा देश में गरीब। सच्चाई को बताओ जाकर इनके करीब।। चिनते... Hindi · कविता 4 6 1k Share Ram Krishan Rastogi 4 Aug 2019 · 1 min read इस जीवन की चादर में ,साँसों के ताने-बाने है ---आर के रस्तोगी इस जीवन की चादर में, साँसों के ताने -बाने है | दुःख की थोड़ी सी सलवट है , सुख के कुछ फूल सुहाने है || क्यों सोचते ,आगे क्या होगा... Hindi · कविता 2 1 1k Share Ram Krishan Rastogi 15 Apr 2022 · 1 min read मै हूं एक मिट्टी का घड़ा मै हूं एक मिट्टी का घड़ा, सड़क किनारे मै हूं पड़ा। बुझाता हूं मै सबकी प्यास, कुम्हार मुझे लिए है खड़ा।। खुदाने से खोदकर मिट्टी लाता है, तब कहीं कुम्हार... Hindi · कविता 1 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 15 May 2022 · 1 min read माँ बाप का बटवारा सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में । माँ ने पूछा, मै आई किसके हिस्से में ? कहते है सभी लोग आज माँ का दिन है। मै कहता हूँ,कौन सा... Hindi · कविता 3 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 Feb 2019 · 1 min read प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये हुए है --आर के रस्तोगी प्रेम गीत कैसे लिखू,जब चारो तरफ गम के बादल छाये है | नमन है मेरा उन शहीदों को,जो तिरंगा ओढ़ कर आये है || चारो तरफ शोक लहर है,जनता में... Hindi · कविता 3 1 1k Share Ram Krishan Rastogi 20 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं बुढ़ापे में अभी भी जवानी के मजे लेता हूं। रसीले आम को अभी भी मै चूस लेता हूं।। बुढ़ापे में भले ही मेरे सारे दांत टूट गए है। फिर भी... Hindi · कविता 8 12 1k Share Ram Krishan Rastogi 25 Mar 2018 · 1 min read सेक्स मंडी पहले ये कोठो में लगती थी अब ये कोठियो में लगती है पहले ये छिप कर लगती थी अब ये सरे आम लगती है पहले ये शहर से बाहर लगती... Hindi · कविता 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता बाहर कड़ी धूप में जलता है। तब कही घर में चूल्हा जलता है।। पिता एक उम्मीद है एक आस है। परिवार की हिम्मत व विश्वाश है।। पिता बाहर से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 40 75 1k Share Ram Krishan Rastogi 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून की रोटी दो जून की रोटी,प्रभु सबको मिल जाए। छोटी हो या मोटी,ये सबको मिल जाए।। दो जून की रोटी,बड़ी किस्मत से है मिलती। मेहनत करता है मजदूर तब कही ये मिलती।।... Hindi · कविता 7 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 4 Jun 2021 · 1 min read ग्रुप का अर्थ ग्रुप का अर्थ ********* बनाए जाते है जो ग्रुप,उनमें मन मिलाए जाते है। बिखरे हुए जो मोती,उन्हे माला में पिरोए जाते है।। टूट जाता है जब एक मोती बडा दुःख... Hindi · कविता 1 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read झरने और कवि का वार्तालाप पर्वतो की गोद से निकल, एक झरना ये सोचने लगा। पता नही मेरे भाग्य में क्या लिखा, क्यू मै पर्वतों से अब बिछड़ने लगा।। सोचते सोचते वह आगे बढ़ा, पर्वतों... Hindi · कविता 6 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 25 Jan 2022 · 1 min read डोली व अर्थी में वार्तालाप डोली व अर्थी में वार्तालाप ******************** एक डोली चली,एक अर्थी चली, दोनो में इस तरह कुछ बाते चली। अर्थी बोली डोली से, तू पिया के घर चली, मै प्रभु के... Hindi · कविता 3 2 903 Share Ram Krishan Rastogi 13 May 2022 · 1 min read आदमी कितना नादान है आदमी स्वयं ही बुरा है, दूसरो को बुरा बताता है। वह अपने स्वार्थ के लिए, दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है, मंदिर में शंख घंटा बजाता है।... Hindi · कविता 7 9 994 Share Ram Krishan Rastogi 17 May 2022 · 2 min read पति पत्नी की नोक झोंक (हास्य व्यंग) मेरी पत्नी सुबह सुबह रामायण पढ़ती है। फिर तो सारे दिन वह महाभारत करती है।। वैसे तो रामायण पढ़कर, राम राम करती है। फिर तो सारे दिन गाली की बौछार... Hindi · कविता 9 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 19 Mar 2022 · 1 min read घमंडी का सिर नीचा इतनी जरा सी बात,समंदर को भी खल गई। एक कागज की नाव,मुझ पर कैसे चल गई।। बड़ी बड़ी नदियां मुझ में डूब कर लुप्त हो गई। छोटी सी चिड़िया,मुझमें डुबकी... Hindi · कविता 2 3 954 Share Ram Krishan Rastogi 19 May 2021 · 1 min read धन दौलत पर न कर इतना गुमान धन दौलत पर न कर इतना गुमान ************************** धन दौलत पर न कर इतना गुमान ये हाथ का मैल है धुल ही जाएगा। न कुछ लाया था न कुछ ले... Hindi · कविता 4 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 25 Apr 2022 · 1 min read गुलमोहर जब तुम यौवन पर होते हो, सारा जग भी खिल जाता है। तुम्हारा ऐसा दर्श देखकर तो, युवती यौवन भी शर्मा जाता है।। जेष्ठ आषाढ़ की तेज गर्मी में, तुम... Hindi · कविता 3 5 961 Share Ram Krishan Rastogi 24 Apr 2022 · 1 min read छीन लिए है जब हक़ सारे तुमने छीन लिए है जब हक़ सारे तुमने, फिर बार बार क्यों तुम आते हो। दरवाजे सारे बंद हो चुके है अब, फिर बार बार क्यों खटकाते हो।। होता है प्रेम... Hindi · कविता 7 11 898 Share Ram Krishan Rastogi 16 Dec 2021 · 1 min read बुढ़ापे का सहारा बुढ़ापे में एक दूजे के सहारा होंगे ************************* बुढ़ापे में एक दूजे के साथ हम ही देंगे। देगा कोई और नही साथ हम ही देंगे। घुटने नही चलेंगे दर्द घुटनों... Hindi · कविता 3 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 5 Apr 2022 · 1 min read मै पैसा हूं दोस्तो मेरे रूप बने है अनेक मै पैसा हूं दोस्तो मेरे रूप बने है अनेक। हर स्थान में नाम बदलू रूप न मेरा एक। मै पैसा हूं,मेरे रूप बदलते रहते है हर दम। नेता मेरे आगे... Hindi · कविता 8 10 921 Share Ram Krishan Rastogi 20 Apr 2022 · 1 min read मेरे पिता मेरे पिता थे हृदय विशाल, वे मुझ पर प्यार लुटाते थे। कर संकू ना वर्णन शब्दो में, वे देव तुल्य पिता कहलाते थे।। मेरे पिता प्यार के सागर थे, उनके... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 19 33 895 Share Ram Krishan Rastogi 25 May 2022 · 1 min read दाने दाने पर नाम लिखा है दाने दाने पर नाम लिखा है जिसने जिसको खाया है। हर दाने पर मोहर लगी है जिसने जिसको उगाया है।। खाने वाले करोड़ों मिलेगे देने वाला बस एक ही राम।... Hindi · कविता 3 3 989 Share Ram Krishan Rastogi 12 Apr 2022 · 1 min read कलयुग की पहचान दिखाओ कुछ करो कुछ,यही कलयुग की है पहचान। काले कारनामे करते रहे,यही नेक इंसान की पहचान।। सत्ता को हासिल करने के लिए बेचो धर्म ईमान। यही प्रजातंत्र में है,अच्छे नेता... Hindi · कविता 2 3 905 Share Ram Krishan Rastogi 31 May 2022 · 1 min read पति पत्नी पर हास्य व्यंग जब से तुम मायके गई हो,मन लगता नही। शाम सूनी सी लगती है रात तो कटती नहीं।। डाक्टर फोन पर पूछते है अब आते क्यो नही। शुगर व बी पी... Hindi · कविता 1 1 985 Share Ram Krishan Rastogi 22 Apr 2022 · 1 min read विरह की पीड़ा जब लगी मुझे सताने विरह की पीड़ा जब लगी मुझे सताने। लगने लगे अपने प्रिय भी मुझे बिराने।। जो लगती थी,मुझे तरु की शीतल छाया। वो अब जला रही है मेरी निर्मल काया।। खुली... Hindi · कविता 3 4 803 Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2022 · 1 min read एक पनिहारिन की वेदना सुन सखा,मेरे कृष्ण कन्हैया, पूछ रही है मेरी सभी सखियां। कैसे फूटी तेरी जल की गगरिया, क्यो भीगी तेरी लाल चुनररिया। कर रही है सभी सखि ठिठोली, इन सबके पीछे... Hindi · कविता 6 8 836 Share Ram Krishan Rastogi 18 Jun 2022 · 1 min read भगवान की तलाश में इंसान ढूंढ रहा है जंगल जंगल,मृग अपनी कस्तूरी को। देख पाया न अपनी नाभि,छिपी हुई कस्तूरी को।। ढूंढ रहा है मंदिर मंदिर,भक्त अपने भगवान को। मिल न पाया भगवान उसे इस... Hindi · कविता 3 10 867 Share Ram Krishan Rastogi 27 Apr 2022 · 1 min read गुजर रही है जिंदगी अब ऐसे मुकाम से गुजर रही है जिंदगी अब ऐसे मुकाम से, अपने भी दूर हो गए जरा से जुखाम से। पास रहकर भी हम ,कितने दूर हो गए, इस महामारी से हम सब... Hindi · कविता 3 3 788 Share Ram Krishan Rastogi 13 Feb 2022 · 1 min read हिज़ाब पर बबाल हिज़ाब पर बबाल ************** हिज़ाब पर आजकल,मच रहा है बड़ा बबाल। नेता इस पर उठा रहे,भांति भांति के सवाल।। हिज़ाब की आड मे, चल रहे है धार्मिक मतभेद। इसके पीछे... Hindi · कविता 4 10 696 Share Ram Krishan Rastogi 1 Dec 2020 · 1 min read सास बहू का झगड़ा घी बनाए खाचिडी, नाम बहू का होय, इसी बात पर सास बहू का झगड़ा होय। कौन करे इनका फैसला,जो दोनो ही सहमत होय, दोनों को समझने पर,दोनों में से कोई... Hindi · कविता 751 Share Ram Krishan Rastogi 20 Jun 2023 · 1 min read बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग) बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं *********************** बुढ़ापे में अभी भी जवानी के मजे लेता हूं। रसीले आम को अभी भी मै चूस लेता हूं।। बुढ़ापे में भले ही... Hindi · कविता 3 7 977 Share Ram Krishan Rastogi 22 May 2022 · 1 min read बताओ तो जाने जो कल थी,पर आज नही रहेगी, जो आज हैं, पर कल नही रहेगी। जो कल आयेगी वह परसो न आयेगी, पर दीवार पर टंगी सब घर मिल जायेगी। टर टर... Hindi · कविता 7 11 695 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jun 2023 · 1 min read दो जून की रोटी दो जून की रोटी,प्रभु सबको मिल जाए। छोटी हो या मोटी,ये सबको मिल जाए।। दो जून की रोटी,बड़ी किस्मत से है मिलती। मेहनत करता है मजदूर तब कही ये मिलती।।... Hindi · कविता 3 3 790 Share Ram Krishan Rastogi 3 Jun 2023 · 1 min read वो इश्क किस काम का वो इश्क है किस काम का, जो सोए जज्बात ना जगाए। वो हुस्न है किस काम का, जो जिस्म में आग ना लगाए, अगर हुस्न को इश्क हो जाए, फिर... Hindi · कविता 4 9 837 Share Ram Krishan Rastogi 13 Apr 2022 · 1 min read मै जलियांवाला बाग बोल रहा हूं मै जलियाँ वाला बाग बोल रहा हूँ,जालिम डायर की कहानी सुनाता हूँ | निहत्थो पर गोली चलाई थी,मरने वालो की चीखे सुनाता हूँ || चश्मदीद गवाह था मै यह सब... Hindi · कविता 3 3 755 Share Ram Krishan Rastogi 8 Aug 2022 · 2 min read जीवन संगनी की विदाई छोड़ कर जा रही हूं तुम्हें,मुझे याद मत करना। जाना है सबको संसार से 1 दिन सबको मरना।। जन्म हुआ है जिसका,मृत्यु भी उसकी एक दिन होगी। ये क्रम चलता... Hindi · कविता 8 15 706 Share Ram Krishan Rastogi 23 Jun 2021 · 1 min read सुंदर नारी की उपमाएं एक नायिका के अंगो की उपमाएं ************************* ये यौवन क्या है तुम्हारा, उमड़ता हुआ है समंदर। डर लगता है इससे मुझको, कहीं डूब न जाऊं मै अंदर।। ये काली जुल्फे... Hindi · कविता 3 2 705 Share Ram Krishan Rastogi 5 Jan 2022 · 1 min read बरसात में साजन और सजनी बरसात,साजन व सजनी ******************* आह ! लगी है आज बरसात, जैसे दिन में हो गई हो रात। फोन साजन को लगा रही हूं, हो रही नही उनसे मेरी बात।। चल... Hindi · कविता 1 1 631 Share Ram Krishan Rastogi 5 May 2022 · 1 min read बुढ़ापे का दर्द आज अपने ही घर से,बे घर हो गए। जो कभी अपने थे,वे पराए हो गए।। अपना घर होते हुए,वृद्धाश्रम चले गए। कोई नही पूछता,वे वृद्ध कहां चले गए।। जो जिगर... Hindi · कविता 4 8 1k Share Page 1 Next