Mohan Bamniya Language: Hindi 139 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mohan Bamniya 29 Dec 2018 · 1 min read सोचता रह गया समझ कुछ आऐ न सोचता रह गया आपको देखकर देखता रह गया जिंदगी कोसता मै तुझे ही रहा हाथ से वक्त मेरे छूटता रह गया वक्त पर तेरी चाहत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share Mohan Bamniya 26 Dec 2018 · 1 min read जुदाई न दे खुदा जिदंगी मे जुदाई न दे मुहोबत से हमे रिहाई न दे मुहोबत है उनसे बहुत हमे पर क्यू उनको मुहोबत दिखाई न दे वो समझते नही है बाते हमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 281 Share Mohan Bamniya 23 Dec 2018 · 1 min read भाग दौड मे भाग दौड मे भुले सबको ही अपनी भी कोई खबर नही मिल जाए राहत जिंदगी को कुछ पल वक्त रूके तो सही छोटी सी ये जिदंगी देखो जो कितनी व्यस्त... Hindi · कुण्डलिया 381 Share Mohan Bamniya 23 Dec 2018 · 1 min read मै फिर कभी मै फिर कभी तेरी नगरी मे अगर आया देख तुम जरा सा मुझको मुसकुरा देना तुम धार जो बहती रहे मै शांत किनारा हूँ है वक्त पे निर्भर जुदा करे... Hindi · कुण्डलिया 297 Share Mohan Bamniya 21 Dec 2018 · 1 min read इबादत क्या करू ठेस पहुंचे किसी को ऐसी हिमाकत क्या करू गम मिले है जो मुझे उसकी शिकायत क्या करू जिदंगी कागज के नोट कमाने मे गुजार दी हमने आज महसुस हुआ जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Mohan Bamniya 20 Dec 2018 · 1 min read मुहब्बत मे कैद खुद को हम आजमाना चाहते है मुहब्बत मे कैद पाना चाहते है नजर से नजर के इशारे समझे हम प्यार की नाव चलाना चाहते है जरूरतो ने किया दूर दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share Mohan Bamniya 20 Dec 2018 · 1 min read खंजर हो न हो दिल की मेरे तू कभी तो पूछ ले बात हमारी फिर मिलकर हो न हो हो सके तो याद हमको कर लेना फिर कभी आना तेरे शहर हो न हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share Mohan Bamniya 20 Dec 2018 · 1 min read कुछ खता कुछ खता हमसे भी होती ही रही जान वो सब ओर अनजानी रही पतंग भुले छोड दी तूफान मे भुल कर हमे मस्त वो उडती रही मिले उनको इक जमाना... Hindi · मुक्तक 220 Share Mohan Bamniya 19 Dec 2018 · 1 min read मौत के घर से आज है साथ जो मेरे वक्त बिताने से मिले था समझाया भी अकल ठोकर खाने से मिले सफलता मिलनी होती है कहा इतनी आसां हौसला केवल कठिनाई को हराने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share Mohan Bamniya 18 Dec 2018 · 1 min read लुटी जिंदगानी प्यार की राहो मे लुटी जिंदगानी है बहुत इश्क पर लिखी गई मिली कहानी है बहुत जिंदगी को आज मैंने धुआं धुआं उठते देखा मिल गया मिट्टी मै आपकी मेहरबानी... Hindi · मुक्तक 497 Share Mohan Bamniya 18 Dec 2018 · 1 min read हुस्न तेरा तू जयादा न इतना सरिंगार कर है उम्र तेरी यौवन की बेकार कर मतलबी है जमाना तू है बेखबर यूं जयादा न इतना तू एतबार कर हुस्न तेरा है जलवा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share Mohan Bamniya 18 Dec 2018 · 1 min read वादा दिले घाव अब भर गया चलो कुछ ऐसा करे कयो ना दोनो अजनबी बन जाए तुम मुझे देखो मै तुमहे देखा करे आओ मिलकर दोनो फिर से प्यार को अपने... Hindi · कविता 387 Share Mohan Bamniya 18 Dec 2018 · 1 min read किस्मत कभी खाली हाथ नही बैठा तेरे भरोसे ऐ किस्मत जो चाहा वो मैंने सब पाया मेहनत से ऐ किस्मत मुसीबत कितनी भी आई नही कोई दोष लगाया हौसला मैंने हर... Hindi · मुक्तक 268 Share Mohan Bamniya 16 Dec 2018 · 1 min read बिना मेहनत नशीबे ना तो फिर वो हमारा हो नही सकता बिना मेहनत किये फिर यूँ गुजारा हो नही सकता चलाकी लाख करले हम भले खुदी को समझा ले भले चाहे मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 354 Share Mohan Bamniya 16 Dec 2018 · 1 min read इतवार जिंदगी ऐसी हो गई हमारी किसी को बता भी नही सकते एक इतवार मिलता है सप्ताह मे उसको को भी खाली रह नही सकते भाग दौड इतनी है जीवन मे... Hindi · कविता 303 Share Mohan Bamniya 15 Dec 2018 · 1 min read मै मौन रहूं मै मौन रहू ये सबके लिए ही अच्छा है । जब ये मुख खुलता है । बहुत कुछ बोलता है । जो हो रहा ओर जिसके आसार है । सब... Hindi · कविता 281 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read बिन मुस्कान बिन मुस्कान चेहरा खिलता नही दिल हर किसी पे यूँ आता नही हाथ थामा हमने जो कैसे छोड दे पल मे नाता कोई यूँ टूटता नही झूठ पर टिकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read रात से जिंदगी रात से भतर हो गई आंखो चिराग बूझ जाते ही प्यार जल्दी कभी नही मिलता क्यू न करे टूटे तारे विनते ही हो कही आइना ऐसा भी एक चेहरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read अरदास कुछ करे पर पहले तो अरदास होना चाहिए कामयाबी के लिए विश्वास होना चाहिए Hindi · मुक्तक 575 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read स्वार्थ देखो वो आये आज मुझे मिलने जो मुसीबत मे साथ ना चलते उनको अब माने हम कैसे अपने स्वार्थ देखकर जो नाम है जपते प्यार उनसे होगा भी कैसे सच्चा... Hindi · कविता 454 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read जुल्फे उनकी दरवाजे हमारे जब उन्होने खटखटाये उनको सामने पाकर हम फुले न समाये जो नजरो से उनकी हमने नजरे मिलाई थे होश मे पर जुबां हमारी लड़खड़ाये जिसे खुदा ने बनाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 324 Share Mohan Bamniya 14 Dec 2018 · 1 min read मरहम कोई दिल का हमको मरहम बताये मुहोबत के इस रोग से हमको बचाये जो नजरो मे उनकी ये नजरे मिलाई तभी से यूं बैठे है ------नींदे उठाये हुआ नजरो का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 458 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read दर्द गहरा बहुत है उन आंखो मे दर्द गहरा बहुत है। समंदर है मगर प्यासा बहुत है। दो ही रंग होते है गौरा व काला देखो तो देखो दिल प्यारा बहुत है। वो शख्स... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read किसी के ख्वाब मे किसी के ख्वाब मे मेरा भी घर हो किसी के होठो पर मेरा भी जिकर हो मै शबर कर लुगा इतने मे ही बस किसी गर्ल कालेज मे मेरी लहर... Hindi · मुक्तक 284 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read अपनी जगह सिख का वो ही है हिंदू का वही सबका है एक कोई चर्च मे कोई मस्जिद मे है ढूंढी अपनी जगह जिसे अपना मान बैठे वो नही अपना रहा है... Hindi · मुक्तक 1 210 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read हिचकीयां याद हर पल ही करोगी देखना हिचकियाँ आती रहेगी देखना प्यार तुमसे कितना करता हूॅ मै दिल मे फोटो दिखेगी देखना वक्त की नाराजगी शायद अभी फिर कल हमे ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 459 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read दिले साहिल प्यार से तू यू ही बचेगा क्या हमसे मिलन कभी भी होगा क्या दिल की जान के करेगा क्या बात सच भी तू सुन लेगा क्या दिले साहिल जो ये... Hindi · मुक्तक 266 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read नजरो से तेरी नजरो से तेरी हम पर नशा हो गया प्यार जिससे हुआ बेवफा हो गया दिल का रोग ऐसा कया हो गया जिसको भी लगा बावरा हो गया वक्त भी हमसे... Hindi · कुण्डलिया 257 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read होश न खुद का डुब गए हम इश्क मे इस तरह होश न खुद का भुल जाना खुद को हमे आज सब अच्छा लगा जिंदगी मे आज देखो मोड आया है कैसा महफिलो मे... Hindi · मुक्तक 243 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read हारी बाजी हारी बाजी भी जीत डाली है लड़की जो हौसले ये वाली है गुनगुनाने लगे है सब साथ मे गाई हमने ऐसी कवाली है मस्त रहते है खुद मे ही हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share Mohan Bamniya 13 Dec 2018 · 1 min read माँ ही पाव जब माँ के छुकर जाएगा खुश रहे जिस डगर जाएगा शौहरत क्या है ये आती जाती रिश्ते जब निंभेगे घर जाएगा जिदंगी दौड ये जब तक सांसे खत्म होगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share Mohan Bamniya 12 Dec 2018 · 1 min read मेरी माँ उसका बखान करू भी कैसे जिसके लिए पूर्ण शब्द श्रृंखला ही कम अपेक्षा तो क्या कर पाऊंगा किससे क्योंकि वो विधाता भी कम है विधाता तो कभी दिखाई ही नही... Hindi · कविता 298 Share Mohan Bamniya 12 Dec 2018 · 1 min read जताना दोस्तो ऐतबारे न सब जताना दोस्तो दिले घावों ना दिखाना दोस्तो क्यू करो हां खुद पर इतना गुरुर क्या है तेरा हमे बताना दोस्तो है गमो घिरा ये सारा ही जहां... Hindi · मुक्तक 234 Share Mohan Bamniya 12 Dec 2018 · 1 min read बढ़ते चले ओ मंजिल की ओर बढ़ते चले हमे आगे है बढना बढते चले जो पीछे रहे वो है उनका कर्म हमे आगे है बढना बढते रहे जो उंचाईयों पर पहुंचे अकेले... Hindi · कविता 222 Share Mohan Bamniya 12 Dec 2018 · 1 min read घायल वही आज भी दिल देखो है घायल वही दर्द के छा गये फिर से बादल वही बदल लिया है उसने देखो रूप ये दिल था जिसका ऐसे कायल वही सबकी नजरो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 417 Share Mohan Bamniya 11 Dec 2018 · 1 min read किसके लिए आज किया जो सिंगार किसके लिए सच बताओ ये है प्यार किसके लिए हल्की सी मुस्कुराहट है जो चेहरे पर बाल लहराते हरबार किसके लिए आज बेसब्री है आंखो मे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share Mohan Bamniya 11 Dec 2018 · 1 min read भटकती जिंदगी मे होंठो पर है कर्ज कोई इसे खुशी कैसे कहे जिदंगी केसी है ये इसे जिदंगी कैसे कहे लम्हे बिताने के बाहाने हो गये पुराने सब दिल से जामाने वो बीते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 393 Share Mohan Bamniya 11 Dec 2018 · 1 min read प्यार नही होगा अब दिले खजाने का हकदार नही होगा हर बार किसी से भी यू प्यार नही होगा घर से तो है निकले पर रास्ता तो वही होगा चाहने से किसी पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share Mohan Bamniya 11 Dec 2018 · 1 min read आसार होंगे दशा देश की सुधरे आसार होगे जो मारे फिरे बेरोजगार होगे पडी सबको यहाँ अपनी ही अपनी कहो ऐसे मे कहीं सुधार होगे अगर अपनी सभी दे भागीदारी खडे क्यूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share Mohan Bamniya 10 Dec 2018 · 1 min read आंखे शर्माई हुई नजर से नजर की जब मिलाई हुई शुरुआती प्यार की ये लडाई हुई लगी ख्वाहिशे उडने हवा मे अब दुनिया से रूह की जैसे रिहाई हुई दो जिस्म ओर एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share Mohan Bamniya 10 Dec 2018 · 1 min read खुराफात करती है पहले तो दिल दुखाया वो अब नही बात करती है बढाए दूरी पहले वो ----- फिर मुलाकात करती है कभी पास ही न बैठे जो हमारे कुछ पल ही सही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 464 Share Mohan Bamniya 10 Dec 2018 · 1 min read ए खुदा ए खुदा तूने मुझे हर पल सताया है जिंदगी का तुमने मजाक बनाया है मै अपनी नेकी पर हर पल चला हूॅ तुमने मुझे जब भी आजमाया है कभी भुले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share Mohan Bamniya 10 Dec 2018 · 1 min read नजरो ने उनकी नजरो ने हमारी नजरो को नजरो से बहकाया है इल्जाम मुहोबत का बाद मे हम पर ही देखो आया है सहारा हमेशा ही हमने मयखाने का हर पल पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read जी चाहता है बहकने मचलने को जी चाहता है । सभी ख्यालो मे बसने को जी चाहता है। मै मर के भी जी जाउ ऐसा नशीब हो । इतिहास बनने को जी चाहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 183 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read फैलाने मे बात महफूज थी इशारे मे उनको आता मजा सताने मे जिंदगी छोटी सी बिताने मे खोओ ना इस को गिडगिडाने मे कर लो मां बाप की सेवा मन से रब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 481 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read उची उडान उंची उड़ान आसमान मे सम्भल के भरीए ठिकाना नही रूकने का ये ख्याल रखिए आसमा मे जो जितना ज्यादा ऊंचा उडता है उतना ज्यादा खुला आसमा उसी का होता है... Hindi · कुण्डलिया 615 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read जिदंगी अपनी आज दुश्मन है जिदंगी अपनी खुशी ज्यादा कहां रही अपनी जरूरतो के सफर मे रहा हमेशा कट गई यूं ही जिंदगी अपनी भूल जाता हूँ सभी उदासियों को यादे हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read प्यार के चक्कर तुझे किस बात का इतना गुमां है । फना को भी होना यहां फना है। कभी ना किसी का दिल दुखाया तो फिर ये कैसी मिली हमे सजा है। वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 678 Share Mohan Bamniya 9 Dec 2018 · 1 min read दर्द के बाजार दर्द के बाजार मे निकला था मै भी पहली ही दूकान पर मुझसे ज्यादा दर्द देख रहा हूँ। बस देखा न गया मुझसे दर्द उनका उनको देकर अपने दर्द की... Hindi · कविता 315 Share Mohan Bamniya 8 Dec 2018 · 1 min read छुप छुप के वो हमे अपनो मे कहता है मगर छुप छुप के मिलता है हर पल डर है उसे किसका पूछे जो फिर बहाने बनाता है वो हमारे पास रहना भी चाहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share Previous Page 2 Next