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14 Dec 2018 · 1 min read

रात से

जिंदगी रात से भतर हो गई
आंखो चिराग बूझ जाते ही

प्यार जल्दी कभी नही मिलता
क्यू न करे टूटे तारे विनते ही

हो कही आइना ऐसा भी एक
चेहरे सच्चे बता दे देखते ही

क्या हमारा चुकाएगा कोई
निमटा जाते सब कमाते ही

ख्वाब मे उन्हे हम भुला लेते है
रात मे आंखो को झपकते ही

जिद मेरी सभी पूरी हो गई
रहम मुझ पर खुदा के आते ही

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