ख़ाली मन
खाली ख्याल, कैसे मचे फ़िर बवाल। वन-उपवन,जल-थल,गृह-नभ और कुंठित मन, जीवन, शोक और बस सवाल।। कंपित मन, मैला जीवन, छाया अंधियारा चहुं ओर, किसकी कहनी, कैसे सुनते, मन निकला कायल,...
Poetry Writing Challenge-3 · *खुद की खोज* · 25 कविताएं · ख़ाली मन · ज्वाला