कवि विपिन शर्मा Language: Hindi 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि विपिन शर्मा 10 Aug 2021 · 1 min read कैसे भूलूं, बता! मैं खताएं तेरी.... कैसे भूलूं, बता! मैं खताएं तेरी। पास आने को दिल, चाहता ही नहीं।। आयी दीपावली, सज गई हर गली। घर सजाने को दिल, चाहता ही नहीं।। घाव बंदूक के भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 237 Share कवि विपिन शर्मा 14 Jul 2021 · 1 min read ...कि दिन ज्यादा अच्छे ही आने लगे हैं गजल हमें अब ये जुमले, डराने लगे हैं। कि दिन ज्यादा अच्छे ही आने लगे हैं।। बड़े नेकदिल सबको लगते थे लेकिन। वही, आज-कल, बरगलाने लगे हैं।। है लगता बड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 258 Share कवि विपिन शर्मा 13 Jun 2021 · 1 min read सुख को देखे हुए इक जमाना हुआ अच्छे दिन का शुरू जब से गाना हुआ, तब से महंगा बहुत आबोदाना हुआ! मेरी बस्ती का हर शख्स कहता है अब, सुख को देखे हुए इक जमाना हुआ!! दाल... Hindi · गीत 2 2 410 Share कवि विपिन शर्मा 30 May 2021 · 1 min read गीत खुली पुस्तिका से जीवन को, काश! किसी ने जाना होता। मुझको भी पहचाना होता।। मुझको भी...... न जाने कितनी रातों को जगकर कितने सपने बोये, दिन होने पर उन सपनो... Hindi · गीत 2 1 514 Share कवि विपिन शर्मा 27 Dec 2020 · 1 min read गीत किसान आंदोलन पर गीत जो मॉर्निंग वाक को ही समझें, लो हो गई सैर बागानों की। वे क्या समझेंगे क्या पीड़ा होती है यार किसानों की।। जो मॉर्निंग वाक को-------... Hindi · गीत 3 1 334 Share कवि विपिन शर्मा 27 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक दो दिल के दरमियान ये नफरत ही मिलाते, मजहब के नाम पर हमें आपस में लड़ाते। मक्कार बड़े हैं सफेदपोश वतन के, ये जब भी चाहें बस्तियों में आग लगाते।।... Hindi · मुक्तक 1 307 Share कवि विपिन शर्मा 4 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक मन को मायूस अपने ना करना कभी, राह मुश्किल भले हो, ना डरना कभी। ये हकीकत में तब्दील हो जाएंगे, खाब आंखों से ओझल ना करना कभी।। ✍️विपिन शर्मा Hindi · मुक्तक 1 302 Share कवि विपिन शर्मा 31 May 2020 · 1 min read मुक्तक भगत सिंह से तेवर लेकर, कदम बढ़ाना ही होगा, छोड़ अहिंसा, हिंसा का पथ, अब अपनाना ही होगा। वर्ना चायना सहनशीलता, को कायरता समझेगा, हम हैं कितने ताकतवर, उसको समझाना... Hindi · मुक्तक 2 269 Share कवि विपिन शर्मा 31 May 2020 · 1 min read मुक्तक पलकों तले दबाकर आँसू, ग़म को पीना सीख लिया, खामोशी के धागे से, होठों को सीना सीख लिया। टूटे दिल का दर्द जरा भी दिख न पाए चेहरे पे, सतरंगी... Hindi · मुक्तक 2 260 Share कवि विपिन शर्मा 27 May 2020 · 1 min read मुक्तक कर्म प्रधान जगत में केवल, कर्म ही करते जाओगे, गीता का है सार यही, जो बोओगे, वह पाओगे। उसने मंजिल कब पायी, जो बंधा भाग्य की सांकल से, कर्तव्यों के... Hindi · मुक्तक 1 426 Share कवि विपिन शर्मा 14 Jan 2020 · 1 min read गीत-समय बड़ा बलवान वक्त के हाथों जीवन के कमान की। जय बोलो, बोलो समय बलवान की।। तुमको आज सुनाएं किस्सा, जो है आंखों देखा। जीवन था निर्वाध,नहीं थी कोई लक्ष्मण रेखा।। जब जो... Hindi · गीत 1 422 Share कवि विपिन शर्मा 23 Jan 2019 · 1 min read नेताजी सुभाष चन्द्र बोष की जयंती पर.... तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जोश भरे ऐसे उदघोष को प्रणाम है। दिल में भवानी और खून में जवानी दिखे, वतनपरस्ती वाले जोश को प्रणाम है। देश... Hindi · घनाक्षरी 2 1 308 Share कवि विपिन शर्मा 24 Nov 2018 · 1 min read गजल दिन बुरे हों, या हों अच्छे, वो ढल ही जाएंगे। यकीन मानिए, इक दिन बदल ही जाएंगे।। आत्मविश्वास में ताकत है गजब की यारो। ठान लोगे तो ये पत्थर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 251 Share कवि विपिन शर्मा 29 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक कुछ साँप आस्तीन में पलते ही रहे हैं, जब भी मिला मौका, हमें छलते ही रहे हैं। फिर भी बुझा पाईं नहीं नफरत की हवाएं, उम्मीद के दीपक सदा जलते... Hindi · मुक्तक 1 298 Share कवि विपिन शर्मा 29 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक बेशक, तमाम मुश्किलों का हल नहीं पाया, फिर भी निराश भाव कभी पल नहीं पाया। मजबूत बहुत है मेरी उम्मीद का सूरज, जो भी रहे हालात मगर ढल नहीं पाया।।... Hindi · मुक्तक 317 Share कवि विपिन शर्मा 29 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक जख्मों को छुपाया और मरहम छुपा लिया, पलकों से अपनी आँख का शबनम छुपा लिया। तुम रोके भी गम अपना जरा कम न कर सके, हमने हंसी की आड़ में... Hindi · मुक्तक 639 Share कवि विपिन शर्मा 12 Oct 2018 · 1 min read मीटू अभियान पर मेरी ताजा रचना..... देखो तो कुछ विष कन्याएं ज्ञान बांटने निकली हैं। मीटू को हथियार बनाकर गला काटने निकली हैं।। जुल्फों की लट से, नयनों से, यौवन के अंगारों से। तरह-तरह के स्वप्न... Hindi · कविता 371 Share कवि विपिन शर्मा 27 Sep 2018 · 1 min read गजल मुश्किल हालात में भी फूल सा खिलकर रहिए। बनकर सूरज, हरेक भोर निकलकर रहिए।। वक्त के साथ बुरे दिन भी बदल जाते हैं। होकर मायूस यूं ना शाम सा ढलकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 326 Share कवि विपिन शर्मा 22 Aug 2018 · 2 min read एक गीत स्वच्छता के नाम गीत नहीं, गाथा है ये, स्वच्छ भारत अभियान की। बनें जागरूक, जानें हम सब, महिमा कूड़ेदान की।। ये कूड़ा-कचरा ही तो सब बीमारी का वाहक है। मच्छर जनित रोग फैलाने... Hindi · गीत 513 Share कवि विपिन शर्मा 21 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक मिला बचपन में जो तुमको वही अधिकार दे देना, इन्हें तुम जिंदगी जीने का कुछ आधार दे देना। ये बूढ़े हो चले तो क्या हुआ मां बाप हैं आखिर, बुढ़ापे... Hindi · मुक्तक 494 Share कवि विपिन शर्मा 10 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक जो भी एहसास के शोलों पे मचल जाएंगे वे हवाओं के इक झोंके से ही जल जाएंगे। अपना दिल मोम सरीखा तो बनाकर देखो है ये दावा, दिल-ए-पत्थर भी पिघल... Hindi · मुक्तक 227 Share कवि विपिन शर्मा 9 Aug 2018 · 1 min read काकोरी कांड के बलिदानियों को नमन---- नौ अगस्त 1925 में जो गढ़ी कहानी। युगों-युगों तक याद करेगी माटी हिन्दुस्तानी। काकोरी स्टेशन पर डाला ऐतिहासिक डाका, अंग्रेजों का लूट खजाना, हुए अमर बलिदानी।। -विपिन शर्मा रामपुर (यू.पी) Hindi · मुक्तक 441 Share कवि विपिन शर्मा 9 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक बहू-बेटी, बहू-बेटी है, मेरी हो, तुम्हारी हो, इन्हें सम्मान से देखें, नजर ऐसी हमारी हो। निगाहें जो बुरी डाले, उसे फांसी पे लटका दो, वो चाहे मौलवी हो या किसी... Hindi · मुक्तक 236 Share कवि विपिन शर्मा 23 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल तलब उठी है, फिर खून से नहाने की। होने लगी है तैयारी, नए बहाने की।। जहर मजहब का घोलने की सुगबुगाहट है। साजिशें रच रहे हैं, बस्तियां जलाने की।। रहनुमा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 445 Share कवि विपिन शर्मा 22 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक दबी सी भावनाओं को मेरी आकार दे देना, सिकुड़ती जिंदगानी को जरा विस्तार दे देना। तुम्हारी भांति मैं भी मन की बातें कर सकूं खुलकर, मुझे भी बोलने का तुम... Hindi · मुक्तक 231 Share कवि विपिन शर्मा 21 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक जीवन को महकाने वाले, इत्र कहां मिलते हैं, प्रीत हो जिससे रेखांकित, वे चित्र कहां मिलते हैं। बदल रहे परिवेश में केवल स्वार्थ निहित रिश्ते हैं, कृष्ण-सुदामा के जैसे अब... Hindi · मुक्तक 253 Share कवि विपिन शर्मा 18 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल ठोंकरें खाके जो राहों में संभल जाते हैं। ऐसे ही लोग बहुत दूर निकल जाते हैं।। सैंकड़ों में से कोई एक बुझाता है शमआं। बाकी परवाने तो शमआं से ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 568 Share कवि विपिन शर्मा 14 Jul 2018 · 1 min read गजल खुद से खुद को बचाना, ठीक नहीं। दूर अपनों से जाना, ठीक नहीं।। है खतरनाक, मौसम-ए-बारिश। इस तरहा भींग जाना, ठीक नहीं।। हैं चांद के भी, यहां पर दुश्मन। तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share कवि विपिन शर्मा 11 Jul 2018 · 1 min read गजल दो दिल के दरमियां गर, तकरार नहीं होती। आंगन में फिर खड़ीं यूं, दीवार नहीं होती।। अब तो जमाने भर की, हैं ठोंकरे उसी को। जिसकी समय के जैसी, रफ्तार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 380 Share कवि विपिन शर्मा 5 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल रंजो-गम अपना, छुपाना आ गया है। हां, मुझे भी मुस्कुराना आ गया है।। अब न रुसवा कर सकेंगे अश्क मुझको। आंख में उनको दबाना आ गया है।। जो निगाहें सामने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share कवि विपिन शर्मा 14 Jun 2018 · 1 min read गजल इस मशीनी दौर में क्या हो रहा है आदमी। खा नशे की गोलियों को सो रहा है आदमी।। छा रही है हर तरफ, मतलबपरस्ती इस कदर। स्वार्थमय रिश्तों को केवल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share कवि विपिन शर्मा 6 Jun 2018 · 1 min read भारत माँ से प्यार करो जिस धरती पर जन्म लिया है, उस भू का आभार करो, रोम-रोम आनंदमयी हो, मन का वह श्रृंगार करो। प्रेयसी से ये नैनमटक्का, क्षणिक स्वर्ग है जीवन का, करना ही... Hindi · मुक्तक 1 452 Share कवि विपिन शर्मा 27 May 2018 · 1 min read मुक्तक खुदा के रूप का सम्मान कम होने नहीं देना, बुढ़ापे में इन्हें तुम कोई गम होने नहीं देना। यकीं मानों तुम्हें मिल जाएंगी, खुशियां जहां भर की, कभी माँ-बाप की... Hindi · मुक्तक 571 Share कवि विपिन शर्मा 21 May 2018 · 1 min read मेरा प्रेम अटल है तन मेरा हरिद्वार सरीखा, दिल में गंगाजल है, होंठों पर अमृतधारा सा, निश्छल प्रेम अटल है। सुंदरवन की परियां भी, ना मुझे लुभा सकती हैं, मेरे घर में चलता-फिरता, जिंदा... Hindi · मुक्तक 1 309 Share कवि विपिन शर्मा 10 May 2018 · 1 min read मुक्तक जो सरे बज़्म है, मैं उसको छुपाऊं कैसे, एक चेहरे पे कई चेहरे लगाऊँ कैसे। मैं आम आदमी हूँ, मैं कोई सियासींदा नहीं, तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आऊँ कैसे।।... Hindi · मुक्तक 495 Share कवि विपिन शर्मा 10 May 2018 · 1 min read आँखें हर रिश्ते का भाव, तोल देती हैं आँखें, क्या है मन में बात, बोल देती हैं आँखें। होंठ-ज़ुबां का तालमेल, जो चाहे कह दे, सच व झूठ का राज खोल... Hindi · मुक्तक 432 Share कवि विपिन शर्मा 1 May 2018 · 1 min read बदलाव सूरज को भी उगते, ढलते देखा है, बंजर भू को फूलो, फलते देखा है। सदा एक सा कभी, किसी का रहा नहीं, हमने सबका वक़्त, बदलते देखा है।। #विपिन_शर्मा Hindi · मुक्तक 414 Share कवि विपिन शर्मा 30 Apr 2018 · 1 min read सियासत तन भी भगवा, मन भी भगवा, कण-कण भगवाधारी है, यूपी में यह रंग गेरुआ, हुआ आज सरकारी है। जाति-धर्म में बँटे हुए थे, अब रंगों में बाँट दिए, राजनीति में... Hindi · मुक्तक 230 Share कवि विपिन शर्मा 30 Apr 2018 · 1 min read बेटी बचाओ बेटी बचाने की मुहिम जो चलाई, उस अभियान को सार्थक भी बनाइए, नीति राजनीति की बदलिए हुज़ूर, त्राहि-त्राहि करे देश इस देश को बचाइए। रोज़ गुनाहगार, कर रहे बलात्कार, देश... Hindi · घनाक्षरी 400 Share कवि विपिन शर्मा 30 Apr 2018 · 1 min read सियासत रंगों पर सियासत है, दिन मुश्किल के हैं, रंग बने पहचान कि हम किस दल के हैं। कल तक जिनको डरते देखा रंगों से, वे ही अब गिरगिट सा रंग... Hindi · मुक्तक 245 Share कवि विपिन शर्मा 30 Apr 2018 · 1 min read पर्यावरण सोचो जब भी सूरज चाचा आग बबूला हो जाएंगे, तपिश भरी तब होगी धरती, जीव-जन्तु न बच पाएंगे। तब धरती को एक सहारा केवल वृक्षों का ही होगा, वे ही... Hindi · मुक्तक 248 Share कवि विपिन शर्मा 30 Apr 2018 · 1 min read आसाराम करे चिंता जहां भर की, वही भगवान बनता है, दया-आदर हो मन में तब, मनुज इंसान बनता है। रति के पति को जो पूजे, बसाए वासना मन में। तो ऐसा... Hindi · मुक्तक 1 473 Share कवि विपिन शर्मा 30 Apr 2018 · 1 min read जीवन कहीं प्रतिबंध है जीवन, कहीं अनुबंध है जीवन, कहीं पर राग है जीवन, कहीं पर द्वंद्व है जीवन। कहीं ठहराव सागर सा, कहीं उन्मुक्त अंबर सा, कहीं लगता है कि... Hindi · मुक्तक 592 Share कवि विपिन शर्मा 14 Feb 2018 · 1 min read वेलेंटाइन डे पर ख़ास... जिनसे जीवन पाया आओ गीत उन्हीं के गाएं, उनको खुशियां देकर अपना जीवन धन्य बनाएं! इनसे बढ़कर नहीं है कोई पूंजी इस जीवन की, मात-पिता के चरण चूमकर वैलेन्टाइन मनायें!!... Hindi · मुक्तक 276 Share कवि विपिन शर्मा 1 Feb 2018 · 1 min read बजट वाह रे, वित्त मंत्री! तुमने कैसा बजट बनाया, आम आदमी की कराह पर कतई तरस न खाया। थी उम्मीद मिलेगी अबकी आयकर में कुछ राहत, कमरतोड़ पहले ही था, अब... Hindi · मुक्तक 421 Share कवि विपिन शर्मा 1 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक होंठो पर मुस्कान नहीं है, नम आँखें हैं, बस क्रन्दन है, ह्रदय द्रवित है हर मानव का, कराह रहा उर स्पंदन है। कई गुना बेहतर था वह कल, जिसमें हर... Hindi · मुक्तक 335 Share कवि विपिन शर्मा 1 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक गीता में जीवन जीने की, यही रीत मिलती है, मन न करो उदास, हार के बाद जीत मिलती है। प्रेम में मीरा को मोहन, शवरी को राम मिलते हैं, मन... Hindi · मुक्तक 385 Share कवि विपिन शर्मा 22 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक मदमस्त गज की तरह देखो झूम रहे है, डाकू, लुटेरे आज खुले घूम रहे है! नेताजी बने जब से भाग्य ही बदल गया, कानून के रक्षक भी कदम चूम रहे... Hindi · मुक्तक 499 Share कवि विपिन शर्मा 22 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक दृढ़ निश्चय कर लो फिर कोई कदम रोक न पाता है, चट्टानें ढह जाती हैं पर्वत भी शीश झुकाता है! शिलालेख वे ही लिख पाते हैं जिनमें कुछ साहस हो,... Hindi · मुक्तक 250 Share कवि विपिन शर्मा 20 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक संगत का असर आता तो हालात बदलते, विषधर ना विष उगलते, वे चंदन सा महकते। फूलों के साथी चुभते नहीं पाँव में कभी, ये शूल भी फूलों की कभी राह... Hindi · मुक्तक 263 Share Page 1 Next