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1 Feb 2018 · 1 min read

मुक्तक

गीता में जीवन जीने की, यही रीत मिलती है,
मन न करो उदास, हार के बाद जीत मिलती है।
प्रेम में मीरा को मोहन, शवरी को राम मिलते हैं,
मन आशिक हो तो बाबा को हनी प्रीत मिलती है।।
-विपिन शर्मा

Language: Hindi
337 Views
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