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31 May 2020 · 1 min read

मुक्तक

पलकों तले दबाकर आँसू, ग़म को पीना सीख लिया,
खामोशी के धागे से, होठों को सीना सीख लिया।
टूटे दिल का दर्द जरा भी दिख न पाए चेहरे पे,
सतरंगी दुनिया में हमने ऐसे जीना सीख लिया।।
✍️विपिन शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 218 Views
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