Kanchan Khanna Language: Hindi 163 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 18 Apr 2022 · 1 min read पिता पिताजी, कैसे कह दूँ , कैसे बता दूँ दुनिया को, आपके लिए मैं क्या थी..? आपकी सोन चिरैया मैं, सीने लगाये जिसको, दिखायी दुनिया आपने, दिया था आसमान, भरने को... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 24 965 Share Kanchan Khanna 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत मुश्किल है पहचानना, जिसे फितरत कहते हैं। दुनिया यह वो है हुजूर, जहाँ भेड़ की खाल में, छुपकर भेड़िये रहते हैं। और - जो गलती से, पहचान ही गये इनको,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 359 Share Kanchan Khanna 18 Apr 2022 · 1 min read पापा सारे घर की तुम हो शान, तुमसे ही है मेरी पहचान। आज बहाना नहीं बनाना, पापा जल्दी घर आ जाना। मैं हूँ नटखट और शैतान, करता हूँ तुमको परेशान गुस्सा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 12 523 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read गुरु-पूर्णिमा पर...!! प्रथम नमन प्रभु-चरणों में, जो है जग आधार, द्वितीय नमन माता-पिता, दिखाया यह संसार। वंदन माँ शारदे व गुरुजन, दी शक्ति कलम-अपार, नमस्कार संबंधी, स्नेहीजन, दिया स्नेह-अपार।। रचनाकार :- कंचन... Hindi · कविता 4 784 Share Kanchan Khanna 2 Aug 2022 · 1 min read घर की रानी भैयाजी की बेतुकी हरकतों से, करने को इंसाफ, भाभीजी ने तय किया तुरंत, झाड़ू से ही अब मस्तिष्क, करना होगा साफ। करना होगा साफ, चलेगी न अब कोई मनमानी, जताना... Hindi · कविता · हास्य/हस्य-व्यंग्य 4 390 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत हरे - कँटीले पौधों में, नये - निराले रूपों में, बारिशों की रिमझिम में, पतझड़ की तेज धूपों बीच, ओस की नाजुक बूँदों सँग। रेतीली - कंकरीली मिट्टी, कहीं, यूँहीं... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 441 Share Kanchan Khanna 17 Apr 2022 · 1 min read पिया-मिलन नैनों में लगा के काजल, अधरों पर सजा मुस्कान। पिया-मिलन को चली झूमती, मैं गौरी अल्हड़, नादान।। चंदा सा है रूप सलोना, "कंचन" सी है काया। मेंहदी रची हथेलियों में,... Hindi · कविता 3 2 771 Share Kanchan Khanna 21 Apr 2022 · 4 min read महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण) महाकवि नीरज नहीं रहे। उनसे कोई व्यक्तिगत परिचय नहीं था, परंतु लेखन में रूचि और साहित्य से बचपन से ही गहरा लगाव होने के कारण उनका जाना मन में एक... Hindi · संस्मरण 3 2 311 Share Kanchan Khanna 3 Jun 2022 · 3 min read मेरी गुड़िया (संस्मरण) बचपन की अपनी एक दुनिया होती है। इस दुनिया में मित्रों से अधिक प्रिय खिलौने और उनसे जुड़े खेल होते हैं। कोई व्यक्ति जब बच्चा होता है तो उसे कोई... Hindi · संस्मरण 3 4 1k Share Kanchan Khanna 8 Jul 2022 · 1 min read समाजसेवा "सुनो, कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। कुछ परिवार की भी चिन्ता है या बस समाजसेवा में ही लगे रहोगे।" चुनाव - रैली से लौट कर घर पहुँचे, नेताजी... Hindi · कहानी 3 239 Share Kanchan Khanna 6 Aug 2022 · 1 min read गजल सी रचना वैसे तो हम अक्सर खामोश रहते हैं। सुनते हैं ज्यादा अपनी कम कहते हैं।। हम उन बादलों से नहीं ऐ दोस्त, जो। बरसते कम गरजते ज्यादा रहते हैं।। आते ही... Hindi · कविता 3 2 539 Share Kanchan Khanna 13 Oct 2022 · 1 min read बालगीत :- चाँद के चर्चे चर्चे हैं चाँद के, आजकल गली-गली। बड़े तो बड़े, बच्चों में भी बात चली।। मम्मी ने व्रत रखा हुआ है, चुन्नू-मुन्नू देखें, चाँद बिना व्रत कैसे खोलें, दोनों बैठे सोचें।... Hindi · कविता · बालगीत 3 215 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read नारी जागरूकता बताया जा रहा है, जताया जा रहा है, बार-बार लगातार, दोहराया जा रहा है, परिवार द्वारा बेटी, कर ली गयी स्वीकार, समाज द्वारा बेटी को, दिये जा रहे अधिकार, संगठनों... Hindi · कविता 3 2 477 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read एक दिन का बचपन एक दिन का बचपन जो फिर से मिल जाए, मेरा मन झील के ताजा कमल सा खिल जाए। धूप की चिन्ता न बारिश की परवाह, लू लगने से बुखार भी... Hindi · कविता · बाल कविता 3 575 Share Kanchan Khanna 2 May 2022 · 1 min read औरतें काम पर जाती हैं औरतें, दफ़्तरों से अस्पतालों तक, स्कूलों से काॅलजों तक, बिल्डिंग से पुल बनाने तक, खेती से कामवाली बाई तक, हर स्थान पर अनेक रूपों में, काम... Hindi · कविता 2 615 Share Kanchan Khanna 22 May 2022 · 1 min read चाय-दोस्ती - कविता सर्दी बहुत बढ़ गयी है, आखिर जनवरी का महीना है, रेस्तरां में खड़े यूंही, किसी ने कहा, हम भी मुस्कुरा दिये, चाय हो जाये एक प्याली, साथ बैठे, चाय पी,... Hindi · कविता 2 2 732 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read मोरे मन-मंदिर....। मोरे मन-मंदिर में कभी यूं भी आओ कान्हा । गूंजे धुन मधुर तुम बांसुरी बजाओ कान्हा ।। हाथ जोड़ चरणों में बैठूँ, मन भक्ति में रम जाये । तेरे बिन... Hindi · गीत 2 484 Share Kanchan Khanna 17 Jul 2022 · 1 min read भारत माँ के वीर सपूत शत्रु-दल पर टूट पड़ेंगे, पर्वत-पर्वत विजय करेंगे। बाधाएँ हँस पार करेंगे, तान के सीना डटे रहेंगे।। सौगंध हमें है माटी की, दुश्मन को धूल चटायेंगे। भारत माँ के वीर सपूत,... Hindi · कविता 2 860 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read प्रेम सुनो जरा, सुन रहे हो ना, एक बात कहनी है, बहुत सिंपल सी बात है, प्रेम हो गया है। पूछोगे; क्यों, कब, किससे, कहाँ...? कुछ पता नहीं; सच में पता... Hindi · कविता 2 4 608 Share Kanchan Khanna 20 Jul 2022 · 1 min read भीगे-भीगे मौसम में.....!! भीगे-भीगे मौसम में थोड़ी बेईमानी हो जाए, आ लौट चलें फिर बचपन में थोड़ी शैतानी हो जाए। भीगे-भीगे मौसम में.......!! रिमझिम-रिमझिम पड़े फुहार मनवा गाए राग-मल्हार, क्यों न ऐसे मौसम... Hindi · गीत 2 2 264 Share Kanchan Khanna 31 Jul 2022 · 1 min read पिया मिलन की आस कंचन सी कोमल काया, कंचन रहा सजाये। रूप अपना देखकर, गौरी रही लजाये। पिया-मिलन की आस में, मन ही मन सकुचाये। अधरों पर मुस्कान सजी, पलकें रही झुकाये। - -... Hindi · कविता 2 494 Share Kanchan Khanna 1 Aug 2022 · 1 min read नया सपना आंखों में चमक चेहरे पर मुस्कान घर से निकले सपना पूरा करने जिंदगी की क्रूर कड़वाहटों तले सपना रौंदा गया घर भी पीछे छूटा सोच रहे - रूकें, ठहरकर किरची... Hindi · कविता 2 2 608 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read कभी मिलो...!!! सुनो, कभी मिलो नुक्कड़ वाले उसी पुराने ढाबे पर यूं ही किसी हल्की-फुल्की सी गपशप का इरादा लिए कुछ भूली-बिसरी यादें ताजा करने को ज्यादा नहीं, बस एक प्याली चाय... Poetry Writing Challenge · कविता 2 771 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read लव यू इंडिया मस्त हवा के संग तिरंगा जब-जब भी लहराता है। मन मेरा मतवाला होकर, लव यू इंडिया गाता है। भारत माता की जय का, कोई जयघोष लगाता है। मन मेरा मतवाला...... Poetry Writing Challenge · गीत · देश भक्ति 2 2 332 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read बापू तेरे देश में...!! हो रहे जगह जगह दंगे फसाद बापू तेरे देश में अमन चैन लुट गये हैं आज बापू तेरे देश में। खुलेआम होता गुनाह सत्याग्रह की भूले राह चल पड़ा है... Poetry Writing Challenge · गीत 2 2 283 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read लटकते ताले बहुत कुछ कहते हैं, घर के बाहर लटके ताले, घर के बाहर लगी स्लिप, मालिक घर पर नहीं है, किराये हेतु खाली है, बिकाऊ है घर, झगड़े का है घर,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 413 Share Kanchan Khanna 14 Jun 2023 · 5 min read पिया घर बरखा कल शाम से ही मौसम बदला हुआ था। आसमान में बादलों की आवाजाही जारी थी। रह - रह कर बौछार होने लगती, फिर थम जाती। कुल मिलाकर मौसम खुशगवार था।... Hindi · कंचनी कलम से (कहानी संग्रह) · कहानी 2 373 Share Kanchan Khanna 14 Dec 2023 · 1 min read चाँद से मुलाकात पहले चाँद आता था छत पर हर रात साथ लिए झिलमिल तारों की बारात होती थी कभी गंभीर कभी छुटपुट सी बात। कभी अचानक से यूं ही दिखता था आँगन... Hindi · कविता 2 2 458 Share Kanchan Khanna 19 Feb 2024 · 1 min read जानते वो भी हैं...!!! बदला मौसम बदले हैं नजारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं। कहाँ मिले नदी के दो किनारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।। एक है आशियाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 52 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read कुछ लिखूँ.....!!! समय के उस पार बहुत सी स्मृतियाँ हैं कलम भी हाथ में है सोचती हूँ ~ उन पर कुछ लिखूँ शब्दों का रूप दूँ मगर किस - किस पर क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 21 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read कफन हम तो जमाने के हर रंग में रंग गये। जैसा उसने बनाया वैसे ही बन गये।। हम तो चाहते थे चैन और अमन का माहौल। दोनों तरफ ही तीर मगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गजल सी रचना 2 28 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read मन चाहे कुछ कहना .. .. !! मन चाहे कुछ कहना फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना। देख - देखकर आज की दुनिया के हालात मन में उठते रहते अनगिनत झँझावात कभी लगे जरूरी इन्हें रूप शब्दों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 26 Share Kanchan Khanna 3 May 2024 · 1 min read बिखरे सपने महीने की पहली तारीख उसे तनख्वाह मिली थी तेजी से कदम बढ़ाता वह सोचता चला जा रहा था माँ की दवा और फल बिट्टू के लिए चाकलेट मुनिया के लिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 26 Share Kanchan Khanna 19 Apr 2022 · 1 min read पेड़ - बाल कविता हरे - भरे से रहते खड़े, हठ अपनी पर वो अड़े। आँधी, वर्षा या तूफान, सबके समक्ष सीना तान।। दूर गगन से करते बातें, धरती में हैं जड़ें जमाते। देते... Hindi · कविता 1 6 950 Share Kanchan Khanna 19 Jun 2022 · 1 min read दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!! देश में हमारे दिवस नहीं मनाये जाते हैं। पितृ दिवस, मातृ दिवस, शिक्षक दिवस, संस्कारों में हमारे यहाँ, सिखाये जाते हैं। देश में हमारे दिवस नहीं मनाये जाते हैं, बात... Hindi · कविता 1 4 317 Share Kanchan Khanna 8 Jul 2022 · 1 min read पैसा पैसे ने इंसान को, कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया, कभी जिंदगी से दूर किया, कभी पास ला दिया, फुटपाथ पर गरीब पैसे के लिए रोता है, महल में अमीर भी... Hindi · कविता 1 2 467 Share Kanchan Khanna 12 Jul 2022 · 1 min read शमा से...!!! शमा से हौले-हौले पिघल रहे हैं, महफिल आबाद है, जल रहे हैं ! सजा रखी है लबों पर मुस्कराहट, आँसू हैं जो आँखों में मचल रहे हैं !! वो जिन्हें... Hindi · कविता 1 2 400 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read आरजू अब क्या कहें किसी से, तू ही बता ऐ दिल। हमको तो राहे जिंदगी, तन्हा बना गई ॥ सोचा था दो घड़ी , हँस के गुजार लें। चाहा जो मुस्कराना,... Hindi · कविता 1 2 465 Share Kanchan Khanna 15 Jul 2022 · 1 min read मिसाल खेल रही हूँ जिंदगी का खेल, जानते हुए भी; कि - जीत अनिश्चित है और, हार खड़ी रहती है मुँह बायें, देखकर मुस्कुराती है, उपहास करती प्रतीत होती है, खेल... Hindi · कविता 1 2 501 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read होली कान्हा संग मन-आंगन गोकुल-वृन्दावन बनाइये, होली कान्हा-ग्वालों संग झूमकर मनाइये। हृदय-चुनरी भक्ति-प्रेम रंग में डुबाइये, होली राधा-सखियों संग नृत्य कर मनाइये। तान मुरली की मधुर गूजेंगी कानों में, जग भूल राधेश्याम की... Hindi · कविता 1 373 Share Kanchan Khanna 21 Jul 2022 · 1 min read फोन विनती चरणों में प्रभु करते हैं करबद्ध, रहें कुशल सदा सभी साथियों के फोन। बिन मोबाइल न मिले खबर किसी की, पसरा रहे रिश्तों-सम्बन्धों के मध्य मौन। रिशतों के मध्य... Hindi · कविता 1 403 Share Kanchan Khanna 21 Jul 2022 · 1 min read सावन आया झूम के .....!!! गाँवों की बारिश, उफनती नदियाँ, पानी से भरे खेत, बहते जीव - जन्तु , टपकते, सरकते छप्पर, बेघर - बेबस परिवार, बदहाल किसान, बाढ़ का साम्राज्य, सावन आया झूम के... Hindi · कविता 1 378 Share Kanchan Khanna 23 Jul 2022 · 1 min read कोरोना - इफेक्ट अति सूक्ष्म एक जीव है, मचाये सकल जगत उत्पात। विपरीत हैं परिस्थितियाँ, किन्तु हास्य के हैं हालात। माहौल था कोरोना का, चढ़ी एक दूल्हे की बारात। मास्क लगा दूल्हे के... Hindi · कविता 1 263 Share Kanchan Khanna 24 Jul 2022 · 1 min read मन चाहे कुछ कहना....! मन चाहे कुछ कहना, फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना, देख - देखकर आज की दुनिया के हालात, मन में उठते रहते अनगिनत झँझावात, कभी लगे जरूरी इन्हें रूप शब्दों... Hindi · कविता 1 277 Share Kanchan Khanna 31 Jul 2022 · 1 min read गज़ल सी रचना गम को भी सीने से ऐसे से लगाया है, जैसे मुस्कान को लबों पर सजाया है। नन्हें नाजुक परों की तान कर चादर, पंछी ने तूफां में अपना नीड़ बचाया... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 2 589 Share Kanchan Khanna 23 Aug 2022 · 1 min read एक तुम्हारे होने से...!! पवन सुहानी लगती है, एक तुम्हारे होने से...!! ऋतु मस्तानी लगती है, एक तुम्हारे होने से...!! पुष्प हृदय में खिलते हैं, एक तुम्हारे होने से...! चंद मधुर पल मिलते हैं,... Hindi · कविता 1 535 Share Kanchan Khanna 18 May 2023 · 1 min read माँ शारदे-लीला कन्या रूप ले माँ शारदे, वेदों का अध्ययन करतीं। कानन कुण्डल, कंठ-हार, बालिके अम्बे हिय हरतीं।। माँ शारदे.....!! उत्सुक नैना, छवि मनोहारी, अधर मंद मुस्कान लिए, ज्ञानदायिनी ज्ञान बांच रहीं,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 758 Share Kanchan Khanna 18 May 2023 · 1 min read माँ भारती वंदन वंदन, वंदन, वंदन हे माँ भारती, वंदन हे माँ भारती। श्वास-श्वास न्यौछावर तुझपे, रोम-रोम करे आरती। वंदन, वंदन, वंदन हे माँ भारती। वंदन हे माँ भारती!!! शीश मुकुट हिमालय शोभित,... Poetry Writing Challenge · गीत 1 562 Share Kanchan Khanna 21 May 2023 · 1 min read प्रिय-प्रतीक्षा अप्सरा सी सजती, संवरती हूँ, आइना देखा करती हूँ । सीमा के तुम प्रहरी प्रियतम, राह निहारा करती हूँ । अप्सरा सी ... ......!! माथे का झूमर, कानों का झुमका,... Poetry Writing Challenge · गीत 1 313 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read मेरी गुड़िया मेरी गुड़िया गोरी - गोरी। है अलबेली शहरी छोरी।। जींस टाॅप संग हाई हील, कंधों पर घुंघराले बाल। अंग्रेजी में कविता बोलती, मस्तानी है उसकी चाल।। बाँधे मुझसे प्रीत की... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 1 529 Share Page 1 Next