Kanchan Khanna Tag: कविता 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read न जाने क्यों ... ... ??? कभी - कभी बहुत सी बातें कहनी होती हैं पर साथी साथ नहीं होते और कभी साथी साथ होते हैं पर दिल में कोई बात नहीं होती कभी - कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read चिड़िया नन्हें - नन्हें परों से अपने आसमान की ऊँचाई को तोल रही है चिड़िया । मुँडेर पर छत की सुबह - शाम जाने गीत कौन सा गा रही है चिड़िया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read बच्चे वे दोनों बच्चे थे एक आइसक्रीम बेच रहा था दूसरा आइसक्रीम खरीद रहा था एक पैसे दे रहा था दूसरा पैसे ले रहा था एक के चेहरे पर मुस्कान थी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 19 Share Kanchan Khanna 4 May 2024 · 1 min read प्यार प्यार अक्सर सुनती हूँ तुम्हारे बारे में लोग करते हैं मीठी - मीठी बातें बड़े - बड़े दावे देखते हैं तुम्हें लेकर कितने ही दिलकश, सुहाने सपने। और मैं झूठ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 26 Share Kanchan Khanna 3 May 2024 · 1 min read बिखरे सपने महीने की पहली तारीख उसे तनख्वाह मिली थी तेजी से कदम बढ़ाता वह सोचता चला जा रहा था माँ की दवा और फल बिट्टू के लिए चाकलेट मुनिया के लिए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 25 Share Kanchan Khanna 3 May 2024 · 1 min read तस्वीरें कभी देखा है तस्वीरों को दीवार पर टँगी तस्वीरें सिर्फ तस्वीरें नहीं महत्वपूर्ण हिस्सा हैं हमारे जीवन का करती हैं बात हमसे हमारी तन्हाई में दिलाती हैं याद हमें भूले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 28 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read मन चाहे कुछ कहना .. .. !! मन चाहे कुछ कहना फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना। देख - देखकर आज की दुनिया के हालात मन में उठते रहते अनगिनत झँझावात कभी लगे जरूरी इन्हें रूप शब्दों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 25 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read बचपन ढूँढ रही हूँ बचपन प्यारा, था वो नटखट बड़ा दुलारा। दादा शाम को घर आते थे, थैले में फल भरकर लाते थे। मिलकर हम सब भाई - बहन, बाँट -... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 26 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read जून की दोपहर जल रही तवे सी, जून की दोपहर, बरस रहा हर तरफ, मानो सूरज का कहर, टपक रहीं माथे से, टप - टप पसीने की बूँदे, हुए सभी घर के कैदी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 22 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read नया सपना आँखों में चमक चेहरे पर मुस्कान घर से निकले सपना पूरा करने जिंदगी की क्रूर कड़वाहटों तले सपना रौंदा गया घर भी पीछे छूटा सोच रहे - रूकें, ठहरकर किरची... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 21 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read हौसले हमारे ....!!! खड़े हैं जिन हालात में अटल चट्टान बनकर हम यकीनन आप उन हालात में टूटकर बिखर गये होते। मंजिलें मिलती नहीं अक्सर जिंदगी के उस छोर तक लम्बे सफर के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 20 Share Kanchan Khanna 2 May 2024 · 1 min read मंजिल रास्ते सी जिंदगी अनगिनत मोड़ घुमाव लिए रास्ते में जगह-जगह मिलती भीड़ यहाँ - वहाँ खड़े दिखते झुँड दूर कहीं पड़ाव या मंजिल चलना है तय करना है आप भीड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read भारत माँ के वीर सपूत शत्रु-दल पर टूट पड़ेंगे, पर्वत-पर्वत विजय करेंगे। बाधाएँ हँस पार करेंगे, तान के सीना डटे रहेंगे।। सौगंध हमें है माटी की, दुश्मन को धूल चटायेंगे। भारत माँ के वीर सपूत,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 23 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read गुरु पूर्णिमा पर ....!!! प्रथम नमन प्रभु-चरणों में, जो है जग आधार, द्वितीय नमन माता-पिता, दिखाया यह संसार। वंदन माँ शारदे व गुरुजन, दी शक्ति कलम-अपार, नमस्कार संबंधी, स्नेहीजन, दिया स्नेह-अपार।। दिनांक :- २५/०६/२०१७. Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 26 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read गर्म चाय ओढ़ी धूप ने कोहरे की चादर, पहाड़ी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं। झीलों का पानी जम सा गया, बूंदें ओस की फूलों पर ठहरी हैं। पंरिदें लताओं में दुबके हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 30 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read गिलहरी सामने वाली दीवार, पर दो पाँव पर बैठी, सूखी रोटी का टुकड़ा, कुतरती नन्हीं गिलहरी। उभर आई अनायास, स्मृति में महादेवी वर्मा, की "गिल्लू" वाली छवि, और लेखनी मचल उठी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 23 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read इंतहा कैसे-कैसे काँटों से गुजर कर, गुलशन तक पहुँचे, इंतहा तब हुई जब गुलशन ने कहा फूलों का मौसम निकल गया। कैसे-कैसे रास्तों से गुजर कर, मंजिल तक पहुँचे, इंतहा तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 24 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read किताबों वाले दिन अच्छे होते थे स्कूल - कॉलेज वाले दिन कापी - किताबों के बीच एक अजब सी बेफिक्री रहती थी दिलों में कहीं कुछ नहीं सूझा बस एक किताब ली और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 28 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read कफन हम तो जमाने के हर रंग में रंग गये। जैसा उसने बनाया वैसे ही बन गये।। हम तो चाहते थे चैन और अमन का माहौल। दोनों तरफ ही तीर मगर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गजल सी रचना 2 27 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read प्रतीक्षा धरती सी मैं करूँ प्रतीक्षा, मेघा बन तुम आ बरसो। नदिया सी मैं बहती जाऊँ, तुम सागर बन आन मिलो। रोम - रोम है मेरा प्यासा, जीवन बना एक अभिलाषा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 22 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read कुछ लिखूँ.....!!! समय के उस पार बहुत सी स्मृतियाँ हैं कलम भी हाथ में है सोचती हूँ ~ उन पर कुछ लिखूँ शब्दों का रूप दूँ मगर किस - किस पर क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 21 Share Kanchan Khanna 1 May 2024 · 1 min read भोर रात्रि के वैभव के बाद चन्द्र मलिन हो गया। सूर्य से पराजित हो मुँह छिपा कहीं सो गया। संग अपने स्वामी के तारे भी धूमिल हो गये। जगमगाते थे रात... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 27 Share Kanchan Khanna 23 Mar 2024 · 1 min read कुछ लिखूँ ....!!! समय के उस पार बहुत सी स्मृतियाँ हैं कलम भी हाथ में है सोचती हूँ ~ उन पर कुछ लिखूँ शब्दों का रूप दूँ मगर किस - किस पर क्या... Hindi · कविता 37 Share Kanchan Khanna 15 Mar 2024 · 1 min read श्रीमान - श्रीमती अब तक किये सारे गुनाहों का हिसाब लगवा रही हैं। श्रीमतीजी झाड़ू उठाये श्रीमानजी के पीछे आ रही हैं।। दफ्तर में अपने श्रीमानजी हरदम रौब - अकड़ दिखाते, कभी बाबू,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · हास्य-व्यंग्य 41 Share Kanchan Khanna 6 Mar 2024 · 1 min read प्रतीक्षा धरती सी मैं करूँ प्रतीक्षा, मेघा बन तुम आ बरसो। नदिया सी मैं बहती जाऊँ, तुम सागर बन आन मिलो। रोम - रोम है मेरा प्यासा, जीवन बना एक अभिलाषा... Hindi · कविता 43 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 1 min read एहसास मौसम भी दो तरह का होता है बाहर का मौसम भीतर का मौसम बाहर का मौसम यानि - हवा, पानी, बादल बरसात, पंछी और बहुत कुछ भीतर का मौसम यानि... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 62 Share Kanchan Khanna 19 Feb 2024 · 1 min read जानते वो भी हैं...!!! बदला मौसम बदले हैं नजारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं। कहाँ मिले नदी के दो किनारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।। एक है आशियाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 52 Share Kanchan Khanna 13 Feb 2024 · 1 min read चाँद से मुलाकात पहले चाँद आता था छत पर हर रात साथ लिए झिलमिल तारों की बारात होती थी कभी गंभीर कभी छुटपुट सी बात। कभी अचानक से यूं ही दिखता था आँगन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 85 Share Kanchan Khanna 13 Feb 2024 · 1 min read अधूरा घर वह एक घर था उसमें खिड़कियाँ थीं ताजी हवा आने के लिए उसमें सभी सुख - सुविधाएँ थीं मन बहलाने के लिए उसमें कुछ दरवाजे थे बाहर - भीतर आने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share Kanchan Khanna 10 Feb 2024 · 1 min read पगली मैले - कुचले कटे - फटे थे वस्त्र मासूम सा चेहरा डरी - सहमी निगाहें अजीब सी वहशत से दो - चार थी। बेवजह हँसती, बार - बार इधर -... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 98 Share Kanchan Khanna 8 Feb 2024 · 1 min read चिड़िया मैं एक ऐसी चिड़िया हूँ, जिसे पर काटकर, उड़ने की आजादी दी गयी है, मेरे सामने दूर तक फैला, खुला नीला आसमान है, उड़ने के लिए, और है एक पूरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 84 Share Kanchan Khanna 8 Feb 2024 · 1 min read नयी सुबह रोज सुबह ही अपनी किरणों के, दल - बल सहित, पूर्व दिशा से आ जाता है सूरज, सब कहते हैं नयी सुबह हो गयी, मैं इधर - उधर देखती, तलाश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 87 Share Kanchan Khanna 8 Feb 2024 · 1 min read अरमान पंछियों सी चहचहाना चाहती हूँ गीत कोई नया गुनगुनाना चाहती हूँ जिंदगी तू अगर दे दे मौका थोड़ा सा हँसना मुस्कुराना चाहती हूँ पकड़ लूँ रंग - बिरंगी किसी तितली... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 103 Share Kanchan Khanna 4 Feb 2024 · 1 min read चाँद और इन्सान फलक पर मुस्कुरा, रहा था चाँद, अपनी तन्हाई के साथ, हमने पूछा - ऐ चाँद, क्यों हो इस कदर उदास? तुम्हारी इस खामोश तन्हाई, का कुछ तो होगा राज, कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Kanchan Khanna 3 Feb 2024 · 1 min read माॅर्डन आशिक हाथ में मोबाइल जींस-शर्ट का पहनावा बाईक की सवारी आंखों पर चश्मा जिंदगी के हर मोड़ पर साथ जीने-मरने की कसमें खाते बात - बात पर 'आई लव यू' के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share Kanchan Khanna 3 Feb 2024 · 1 min read नींद साँझ ढलते ही पलकों की दहलीज पर, आ जाती है नींद। संग अपने ख्वाब सुहाने अनगिनत, ले आती है नींद। हो जाता है अपना जब दूर कोई हमसे, रूठकर पलकों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 71 Share Kanchan Khanna 3 Feb 2024 · 1 min read बच्चे कहाँ सोयेंगे...??? माँ ! माँ ! आसमान में काले बादल आ गये अब तेज बारिश होगी हम पानी में नाव चलायेंगे शोर मचाते हुए बच्चे कागज की नाव बनाने लगे और माँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 96 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read खामोश जीवन की राहों में यूँ ही चलते ~ चलते हम मिले मैंने उसे देखा उसने मुझे देखा मैंने सोचा वह कुछ कहेगा उसने सोचा मैं कुछ कहूँगी दोनों अपनी-अपनी जगह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 105 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read चप्पलें सुबह - शाम, सर्दी - गर्मी, हर मौसम में, सुख में, दुख में, जिन्दगी की भाग - दौड़ में, देती हैं वो मेरा साथ, कदम - कदम पर चुपचाप, बिना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 80 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read भोर रात्रि के वैभव के बाद चन्द्र मलिन हो गया। सूर्य से पराजित हो मुँह छिपा कहीं सो गया।। संग अपने स्वामी के तारे भी धूमिल हो गये। जगमगाते थे रात... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 62 Share Kanchan Khanna 2 Feb 2024 · 1 min read छोटी सी बात हम अक्सर बड़ी - बड़ी बातें करते हैं। बड़ी समस्याओं के विषय में सोचते हैं। और - नकार देते हैं छोटी - छोटी बातों छोटी - छोटी चीजों को सिरे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 54 Share Kanchan Khanna 28 Jan 2024 · 1 min read क्या लिखूँ....??? क्या लिखूँ...??? कुछ समझ न पाऊँ। शब्द दिख रहे, खोए-खोए।। जग में कितनी पीड़ाऐं हैं..!! आखिर कोई कितना रोए...??? मानव ही जब मानव हृदय की व्यथा समझ न पाता है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 94 Share Kanchan Khanna 27 Jan 2024 · 1 min read आदमी और मच्छर मुझे ~ आदमी और मच्छर में, कोई फर्क नजर नहीं आता है, क्योंकि ~ दोनों ही खून पसन्द करते हैं। लेकिन नैतिकता की दृष्टि से, देखा जाए तो, दोनों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 40 Share Kanchan Khanna 27 Jan 2024 · 1 min read मतदान आइये हम सब करें मतदान, जनतंत्र का हो फिर सम्मान। बेमतलब की सुस्ती त्यागें, एक - एक मत की कड़ी जोड़ें, सही व्यक्ति को चुनकर लायें, दूसरों पर जिम्मेदारी न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 46 Share Kanchan Khanna 24 Jan 2024 · 1 min read याद रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन, पल-पल, पल-पल बहके यह मन। कुहू-कुहू कोयल गाये, कोई मीठा गीत सुनाये। दूर कहीं पर बोले पपीहा, बार-बार डोले फिर जिया। धीमे-धीमे बजती पायल, नाचे मन मयूर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 76 Share Kanchan Khanna 23 Jan 2024 · 1 min read विनती पथ प्रदर्शित करें सियाराम, माँ भवानी अपनी शक्ति दें। तन, मन दोनों हों समर्पित, प्रभु अपनी पावन भक्ति दें।। अवगुणों के असुर नष्ट हों, जीवन के सभी क्लेश कटें। रोम-रोम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 97 Share Kanchan Khanna 21 Jan 2024 · 1 min read विनती पथ प्रदर्शित करें सियराम, माँ भवानी अपनी शक्ति दें। तन, मन दोनों हों समर्पित, प्रभु अपनी पावन भक्ति दें। अवगुणों के असुर नष्ट हों, जीवन के सभी क्लेश कटें। रोम-रोम... Hindi · कविता 199 Share Kanchan Khanna 14 Dec 2023 · 1 min read चाँद से मुलाकात पहले चाँद आता था छत पर हर रात साथ लिए झिलमिल तारों की बारात होती थी कभी गंभीर कभी छुटपुट सी बात। कभी अचानक से यूं ही दिखता था आँगन... Hindi · कविता 2 2 458 Share Kanchan Khanna 10 Aug 2023 · 1 min read याद रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन, पल-पल, पल-पल बहके यह मन। कुहू-कुहू कोयल गाये, कोई मीठा गीत सुनाये। दूर कहीं पर बोले पपीहा, बार-बार डोले फिर जिया। धीमे-धीमे बजती पायल, नाचे मन मयूर... Hindi · कंचनी ~ बयार (१) · कविता 710 Share Kanchan Khanna 6 Aug 2023 · 1 min read मित्रता-दिवस जीवन का पथ हो सरल, न आये दुःख की शाम। सुग्रीव से विनीत बनें हम, और मित्र मिलें श्रीराम।। कष्ट - क्लेश मिट जायें, मन प्रभु-चरणनं जोड़। सखा कान्हा से... Hindi · कविता 327 Share Page 1 Next