Kanchan Khanna Tag: कविता 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kanchan Khanna 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत हरे - कँटीले पौधों में, नये - निराले रूपों में, बारिशों की रिमझिम में, पतझड़ की तेज धूपों बीच, ओस की नाजुक बूँदों सँग। रेतीली - कंकरीली मिट्टी, कहीं, यूँहीं... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 501 Share Kanchan Khanna 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत मुश्किल है पहचानना, जिसे फितरत कहते हैं। दुनिया यह वो है हुजूर, जहाँ भेड़ की खाल में, छुपकर भेड़िये रहते हैं। और - जो गलती से, पहचान ही गये इनको,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 415 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read एक दिन का बचपन एक दिन का बचपन जो फिर से मिल जाए, मेरा मन झील के ताजा कमल सा खिल जाए। धूप की चिन्ता न बारिश की परवाह, लू लगने से बुखार भी... Hindi · कविता · बाल कविता 3 623 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read नारी जागरूकता बताया जा रहा है, जताया जा रहा है, बार-बार लगातार, दोहराया जा रहा है, परिवार द्वारा बेटी, कर ली गयी स्वीकार, समाज द्वारा बेटी को, दिये जा रहे अधिकार, संगठनों... Hindi · कविता 3 2 514 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read जानते वो भी हैं...!! बदला मौसम बदले हैं नजारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं। कहाँ मिले नदी के दो किनारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।। एक है आशियाँ... Hindi · कविता 478 Share Kanchan Khanna 6 Jun 2023 · 1 min read उसने कहा....!! उसने कहा....!! उसने कहा तुमसे मिलने आऊँगी, मेरी आँखें खुशी से चमकने लगी। उसने कहा भैया के साथ आऊँगी, मेरे दिल की धड़कनें डूबने लगी।। उसने कहा तुमसे मोहब्बत करती... Hindi · कविता 1 506 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read गर्म चाय ओढ़ी धूप ने कोहरे की चादर, पहाड़ी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं। झीलों का पानी जम सा गया, बूँदें ओस की फूलों पर ठहरी हैं। पंरिदें लताओं में दुबके हैं... Hindi · कविता 1 581 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read पेड़ पेड़ अब पेड़ नहीं रहा, कभी वह पेड़ था, हरा-भरा था, अनगिनत टहनियाँ, टहनियों पर पत्ते थे, समयानुसार फल-फूल भी आते थे, रंगबिरंगे चहचहाते पंछियों का बसेरा था, आते-जाते राहगीरों... Hindi · कविता 3 574 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read लटकते ताले बहुत कुछ कहते हैं, घर के बाहर लटके ताले, घर के बाहर लगी स्लिप, मालिक घर पर नहीं है, किराये हेतु खाली है, बिकाऊ है घर, झगड़े का है घर,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 474 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read तोंदू भाई, तोंदू भाई..!! तोंदू भाई, तोंदू भाई, काहे इतनी तोंद बढ़ायी..? मूँछें ठीक-ठाक सी दिखतीं, दाढ़ी काहे न बनवायी..? मूँछों संग तुम अच्छे लगते, सीधे-सादे बच्चे लगते, क्यों चेहरे की वाट लगायी..? तोंदू... Poetry Writing Challenge · कविता 638 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read ढोंगी बाबा माना हमने कलयुगी बाबा, ढोंगी है, बलात्कारी है, दुराचारी है, पर यह तो बताइये जनाब, इस सबके पीछे किसकी जवाबदेही है, जिम्मेदारी है? किसी के दोषी साबित होने पर, उसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 585 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read पत्रकार हर बात की खबर रखते हैं, हर घटना पर नजर रखते हैं, रखवाले हम सजग ऐसे हैं, हर हाल में जो, सच पर नजर रखते हैं, दुश्मन सरहद पर हो,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 303 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read मेरी गुड़िया मेरी गुड़िया गोरी - गोरी। है अलबेली शहरी छोरी।। जींस टाॅप संग हाई हील, कंधों पर घुंघराले बाल। अंग्रेजी में कविता बोलती, मस्तानी है उसकी चाल।। बाँधे मुझसे प्रीत की... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 1 687 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read कभी मिलो...!!! सुनो, कभी मिलो नुक्कड़ वाले उसी पुराने ढाबे पर यूं ही किसी हल्की-फुल्की सी गपशप का इरादा लिए कुछ भूली-बिसरी यादें ताजा करने को ज्यादा नहीं, बस एक प्याली चाय... Poetry Writing Challenge · कविता 2 844 Share Kanchan Khanna 22 May 2023 · 1 min read होली कान्हा संग मन-आंगन गोकुल-वृन्दावन बनाइये, होली कान्हा-ग्वालों संग झूमकर मनाइये। हृदय-चुनरी भक्ति-प्रेम रंग में डुबाइये, होली राधा-सखियों संग नृत्य कर मनाइये। तान मुरली की मधुर गूजेंगी कानों में, जग भूल राधेश्याम की... Poetry Writing Challenge · कविता 315 Share Kanchan Khanna 22 May 2023 · 1 min read नववर्ष-अभिनंदन उमंग संग आस लिए, ईश्वर में विश्वास लिए, नववर्ष आगमन हो ! कुसुमों में पराग लिए, हृदय में अनुराग लिए, नववर्ष अभिनंदन हो ! श्वांसों में नवगति लिए, जीवन में... Poetry Writing Challenge · कविता 208 Share Kanchan Khanna 20 May 2023 · 1 min read पर्यावरण-संरक्षण सह-सह अत्याचार मनुष्य के हुई धरा बेहाल, यहाँ-वहाँ पर आ रहे नित्य नये भूचाल, नित्य नये भूचाल हिमालय डोल रहा है, प्रकृति पर मानव-अत्याचार की परतें खोल रहा है, भागीरथी... Poetry Writing Challenge · कविता 307 Share Kanchan Khanna 18 May 2023 · 1 min read अस्तित्व की पहचान लेखिका नहीं हूँ मैं जो लिखूँ कहानी या लेख में अपने मन की बात कवियत्री भी नहीं हूँ मैं जो कविता या गीत के माध्यम से प्रस्तुत करूँ आस-पास के... Poetry Writing Challenge · कविता 382 Share Kanchan Khanna 18 May 2023 · 1 min read माँ शारदे-लीला कन्या रूप ले माँ शारदे, वेदों का अध्ययन करतीं। कानन कुण्डल, कंठ-हार, बालिके अम्बे हिय हरतीं।। माँ शारदे.....!! उत्सुक नैना, छवि मनोहारी, अधर मंद मुस्कान लिए, ज्ञानदायिनी ज्ञान बांच रहीं,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 844 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read गज़ल सी कविता कुछ लम्हे जो तेरे संग बिताये थे। मेरी जिंदगी के कीमती सरमाये थे। मौसम सुहाना खुशरंग वादियां थीं। दिन हसीं मदहोश रातों के साये थे। आज सोचें तो अश्क भर... Poetry Writing Challenge · कविता 417 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read होली होली है भई होली है, रंग-रंगीली होली है। कुछ महकी, कुछ बहकी-बहकी, हवा फागुनी हो ली है। गुलाल, अबीर उड़ रहे गगन में, धरा रंगीली हो ली है। गलियन-गलियन धूम... Poetry Writing Challenge · कविता 208 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read चूहा और बिल्ली बिल्ली बोली नन्हें चूहे से, मैंने तुझको पकड़ लिया है। खाऊँगी तुझे बड़े मजे से, पंजों में अब जकड़ लिया है। चूहा बोला - बिल्ली मौसी, एक नहीं मैं, हम... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 392 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read बेटी पढ़ायें, बेटी बचायें मुनिया हो या रजिया, वही शिकारी, वही जाल, फँसी दंरिदों में बुलबुल, सोच रहे मां - बाप, कैसे बचायें लाडली अपनी, कैसे बदलें यह हालात.... ....??? इसका है बस इतना... Poetry Writing Challenge · कविता 341 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read भ्रम कल रात अनोखा, एक स्वप्न मुझे आया। सोयी हुई थी मैं, उसने मुझे जगाया। जगाया कुछ इस तरह, फिर नींद ही न आयी।। नींद ही न आयी, और सुबह जब... Poetry Writing Challenge · कविता 323 Share Kanchan Khanna 13 Oct 2022 · 1 min read बालगीत :- चाँद के चर्चे चर्चे हैं चाँद के, आजकल गली-गली। बड़े तो बड़े, बच्चों में भी बात चली।। मम्मी ने व्रत रखा हुआ है, चुन्नू-मुन्नू देखें, चाँद बिना व्रत कैसे खोलें, दोनों बैठे सोचें।... Hindi · कविता · बालगीत 3 258 Share Kanchan Khanna 4 Sep 2022 · 1 min read गज़ल सी कविता कुछ लम्हें जो तेरे साथ बिताये थे। मेरी जिंदगी के कीमती सरमाये थे।। मौसम सुहाना खुशरंग वादियाँ थीं। दिन हसीं मदहोश रातों के साये थे।। आज सोचें तो अश्क भर... Hindi · कविता · गजल सी रचना 255 Share Kanchan Khanna 23 Aug 2022 · 1 min read एक तुम्हारे होने से...!! पवन सुहानी लगती है, एक तुम्हारे होने से...!! ऋतु मस्तानी लगती है, एक तुम्हारे होने से...!! पुष्प हृदय में खिलते हैं, एक तुम्हारे होने से...! चंद मधुर पल मिलते हैं,... Hindi · कविता 1 612 Share Kanchan Khanna 6 Aug 2022 · 1 min read गजल सी रचना वैसे तो हम अक्सर खामोश रहते हैं। सुनते हैं ज्यादा अपनी कम कहते हैं।। हम उन बादलों से नहीं ऐ दोस्त, जो। बरसते कम गरजते ज्यादा रहते हैं।। आते ही... Hindi · कविता 3 2 589 Share Kanchan Khanna 3 Aug 2022 · 1 min read जश्न आजादी का जश्न आजादी का अबके, कुछ ऐसे मनाना है! तिरंगा मात्र घरों पर नहीं, दिलों में फहराना है! जश्न आजादी का .......!! मतवाला है देश हमारा, मस्ताने हैं सब मौसम, झूम... Hindi · कविता 349 Share Kanchan Khanna 2 Aug 2022 · 1 min read घर की रानी भैयाजी की बेतुकी हरकतों से, करने को इंसाफ, भाभीजी ने तय किया तुरंत, झाड़ू से ही अब मस्तिष्क, करना होगा साफ। करना होगा साफ, चलेगी न अब कोई मनमानी, जताना... Hindi · कविता · हास्य/हस्य-व्यंग्य 4 446 Share Kanchan Khanna 1 Aug 2022 · 1 min read नया सपना आंखों में चमक चेहरे पर मुस्कान घर से निकले सपना पूरा करने जिंदगी की क्रूर कड़वाहटों तले सपना रौंदा गया घर भी पीछे छूटा सोच रहे - रूकें, ठहरकर किरची... Hindi · कविता 2 2 698 Share Kanchan Khanna 31 Jul 2022 · 1 min read पिया मिलन की आस कंचन सी कोमल काया, कंचन रहा सजाये। रूप अपना देखकर, गौरी रही लजाये। पिया-मिलन की आस में, मन ही मन सकुचाये। अधरों पर मुस्कान सजी, पलकें रही झुकाये। - -... Hindi · कविता 2 578 Share Kanchan Khanna 31 Jul 2022 · 1 min read गज़ल सी रचना गम को भी सीने से ऐसे से लगाया है, जैसे मुस्कान को लबों पर सजाया है। नन्हें नाजुक परों की तान कर चादर, पंछी ने तूफां में अपना नीड़ बचाया... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 2 642 Share Kanchan Khanna 29 Jul 2022 · 1 min read बिल्ले राम बिल्ली से शादी करने को, बिल्ले राम बने जब दूल्हा। सोच रहे थे मन ही मन में, बिल्ली करेगी चौका-चूल्हा। दुल्हन बन बिल्ली घर आई, खाती जी भर दूध -... Hindi · कविता · बाल कविता 2 851 Share Kanchan Khanna 24 Jul 2022 · 1 min read मन चाहे कुछ कहना....! मन चाहे कुछ कहना, फिर सोचूँ अच्छा है चुप रहना, देख - देखकर आज की दुनिया के हालात, मन में उठते रहते अनगिनत झँझावात, कभी लगे जरूरी इन्हें रूप शब्दों... Hindi · कविता 1 353 Share Kanchan Khanna 23 Jul 2022 · 1 min read कोरोना - इफेक्ट अति सूक्ष्म एक जीव है, मचाये सकल जगत उत्पात। विपरीत हैं परिस्थितियाँ, किन्तु हास्य के हैं हालात। माहौल था कोरोना का, चढ़ी एक दूल्हे की बारात। मास्क लगा दूल्हे के... Hindi · कविता 1 305 Share Kanchan Khanna 21 Jul 2022 · 1 min read सावन आया झूम के .....!!! गाँवों की बारिश, उफनती नदियाँ, पानी से भरे खेत, बहते जीव - जन्तु , टपकते, सरकते छप्पर, बेघर - बेबस परिवार, बदहाल किसान, बाढ़ का साम्राज्य, सावन आया झूम के... Hindi · कविता 1 423 Share Kanchan Khanna 21 Jul 2022 · 1 min read फोन विनती चरणों में प्रभु करते हैं करबद्ध, रहें कुशल सदा सभी साथियों के फोन। बिन मोबाइल न मिले खबर किसी की, पसरा रहे रिश्तों-सम्बन्धों के मध्य मौन। रिशतों के मध्य... Hindi · कविता 1 468 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read विशेष दिन (महिला दिवस पर) दिन तो सभी एक से होते हैं, फिर क्यों किसी एक दिन को, बना दिया जाता है विशेष, सजा दिये जाते हैं मंच, की जाती हैं चर्चाऐं, प्रदान किये जाते... Hindi · कविता 793 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read होली कान्हा संग मन-आंगन गोकुल-वृन्दावन बनाइये, होली कान्हा-ग्वालों संग झूमकर मनाइये। हृदय-चुनरी भक्ति-प्रेम रंग में डुबाइये, होली राधा-सखियों संग नृत्य कर मनाइये। तान मुरली की मधुर गूजेंगी कानों में, जग भूल राधेश्याम की... Hindi · कविता 1 426 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read प्रेम सुनो जरा, सुन रहे हो ना, एक बात कहनी है, बहुत सिंपल सी बात है, प्रेम हो गया है। पूछोगे; क्यों, कब, किससे, कहाँ...? कुछ पता नहीं; सच में पता... Hindi · कविता 2 4 669 Share Kanchan Khanna 17 Jul 2022 · 1 min read भारत माँ के वीर सपूत शत्रु-दल पर टूट पड़ेंगे, पर्वत-पर्वत विजय करेंगे। बाधाएँ हँस पार करेंगे, तान के सीना डटे रहेंगे।। सौगंध हमें है माटी की, दुश्मन को धूल चटायेंगे। भारत माँ के वीर सपूत,... Hindi · कविता 2 1k Share Kanchan Khanna 15 Jul 2022 · 1 min read मिसाल खेल रही हूँ जिंदगी का खेल, जानते हुए भी; कि - जीत अनिश्चित है और, हार खड़ी रहती है मुँह बायें, देखकर मुस्कुराती है, उपहास करती प्रतीत होती है, खेल... Hindi · कविता 1 2 557 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read गुरु-पूर्णिमा पर...!! प्रथम नमन प्रभु-चरणों में, जो है जग आधार, द्वितीय नमन माता-पिता, दिखाया यह संसार। वंदन माँ शारदे व गुरुजन, दी शक्ति कलम-अपार, नमस्कार संबंधी, स्नेहीजन, दिया स्नेह-अपार।। रचनाकार :- कंचन... Hindi · कविता 4 940 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read आरजू अब क्या कहें किसी से, तू ही बता ऐ दिल। हमको तो राहे जिंदगी, तन्हा बना गई ॥ सोचा था दो घड़ी , हँस के गुजार लें। चाहा जो मुस्कराना,... Hindi · कविता 1 2 538 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read मंजिल रास्ते सी जिंदगी अनगिनत मोड़ घुमाव लिए रास्ते में जगह-जगह मिलती भीड़ यहाँ-वहाँ खड़े दिखते झुंड दूर कहीं पड़ाव या मंजिल चलना है तय करना है आप भीड़ में शामिल... Hindi · कविता 571 Share Kanchan Khanna 12 Jul 2022 · 1 min read शमा से...!!! शमा से हौले-हौले पिघल रहे हैं, महफिल आबाद है, जल रहे हैं ! सजा रखी है लबों पर मुस्कराहट, आँसू हैं जो आँखों में मचल रहे हैं !! वो जिन्हें... Hindi · कविता 1 2 449 Share Kanchan Khanna 8 Jul 2022 · 1 min read नन्हीं बाल-कविताएँ (१) बिल्ली बोली म्याऊँ-म्याऊँ, आ चूहे तुझे पकड़ मैं खाऊँ। चूहा कहता कोशिश कर ले, मौसी मैं तेरे हाथ न आऊँ।। (२) कौआ बोले काँव-काँव, ढूँढे पेड़ों की ठण्डी छाँव।... Hindi · कविता 670 Share Kanchan Khanna 8 Jul 2022 · 1 min read पैसा पैसे ने इंसान को, कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया, कभी जिंदगी से दूर किया, कभी पास ला दिया, फुटपाथ पर गरीब पैसे के लिए रोता है, महल में अमीर भी... Hindi · कविता 1 2 561 Share Kanchan Khanna 19 Jun 2022 · 1 min read दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!! देश में हमारे दिवस नहीं मनाये जाते हैं। पितृ दिवस, मातृ दिवस, शिक्षक दिवस, संस्कारों में हमारे यहाँ, सिखाये जाते हैं। देश में हमारे दिवस नहीं मनाये जाते हैं, बात... Hindi · कविता 1 4 358 Share Previous Page 2 Next