Kumar Kalhans 168 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Kumar Kalhans 16 Jun 2021 · 1 min read पिता। बहुत पहले श्रीमद्भागवत सुनते समय वाचक के श्रीमुख से एक कथा सुनी थी कि एक जगह एक कुएं से पानी निकल रहा था और वह चार कुओं को लबाबब भर... Hindi · तेवरी 9 354 Share Kumar Kalhans 6 May 2021 · 1 min read खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 3 301 Share Kumar Kalhans 31 May 2021 · 1 min read दर्द को आंसूं बना कर देख लो। दर्द को आसूं बना कर देख लो। दुनियां है कैसी पिला कर देख लो। ये जहां कितना तमाशाबीन है। आप अपना घर जला कर देख लो। जान देने की कसम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 460 Share Kumar Kalhans 2 Jun 2021 · 1 min read कितने ग़मगीन हैं जमाने में। कितने ग़मगीन हैं जमाने में। देखिये जा सुरूर खाने में। एक सच हम नहीं बता पाते। जिंदगी बीतती बहाने में। खुद ही बनते हैं खोटा सिक्का हम। और फिर गर्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 190 Share Kumar Kalhans 7 Jun 2021 · 1 min read विश्वासों ने पार उतारा। विश्वासों ने पार उतारा। संदेहों के सागर गहरे विश्वासों की नाव हठीली, विचलित किया बहुत लहरों नें लेकिन अपनी राह न भूली, मधुर पलों के टापू आये समय सिंधु था... Hindi · गीत 8 386 Share Kumar Kalhans 9 Jun 2021 · 1 min read आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। हर जगह आपकी दरकार जरूरी तो नहीं। और भी खूब तरीके हैं फतह करने के। आपके हाथ में तलवार जरूरी तो नहीं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 262 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read सब ऋतुओं की रानी हो तुम , बरखा अमर जवानी हो तुम। सब ऋतुओं की रानी हो तुम। बरखा अमर जवानी हो तुम। तुमसे धरा हुल्लसित होती , पुष्पित और पल्लवित होती, बांझ नहीं ये साबित होता, तेरे वीर्य से गर्वित होती,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 3 467 Share Kumar Kalhans 18 Jun 2021 · 1 min read खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में। खो गया हूँ मैं ख़यालों के जहाँ में। बेख़ुदी झलकेगी अब मेरे बयां में। ***** आपकी सोहबत में शाईर बन गया हूँ। आपसे आया हुनर मेरी जुबाँ में। ***** आपकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 2 558 Share Kumar Kalhans 14 Jun 2021 · 1 min read आत्महंता। एक ही पल होता है टूटने का , एक ही छण होता है बिखरने का, और ये एक ही पल , एक ही छण, अचानक ही नहीं आ जाता, इसके... Hindi · कविता 6 2 410 Share Kumar Kalhans 19 Jun 2021 · 1 min read चाइना का टिकाऊ माल। खूब शोर मचाते थे कि चाइना का माल सस्ता और टिकाऊ नहीं होता। आज इस सामान का बहिष्कार करो कल उसका। चले तो चाँद तो न चल3 तो खराब हो... Hindi · तेवरी 6 500 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 10 min read चप्पल बुआ। चप्पल बुआ ! कितना अजीब नाम है। है ना ? पर इसमें बड़ी बात क्या है। ये पूरी दुनिया ही अजीबोगरीब चीज़ो से भरी पड़ी है। अजीब लोग , अजीब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 602 Share Kumar Kalhans 22 Jun 2021 · 1 min read संग मेला कोई नहीं लाया। संग मेला कोई नहीं लाया। मुझ्को तन्हाइयों ने सिखलाया। मैं कभी था नहीं बुरा इतना। मुझको मेरी हवस ने फुसलाया। मैं किसी दूसरे पते पर था। जब भी ख़त का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 382 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 3 min read नाक। बनारस की एक गली में लोगों की भीड़ जमा थी। भीड़ कौतूहल से गली के एक कोने में पड़ी वस्तु की तरफ देख रही थी। पर उसके करीब कोई डर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 593 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 2 min read खोटा भाई और उनकी फाइल। गंभीर माहौल है। दो महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों के लिए सीट शेयरिंग की बात चल रही है। मसला लगभग तय हो चुका है बस कुछेक सीटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा चल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 431 Share Kumar Kalhans 1 Jul 2021 · 3 min read खान साहब। एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 580 Share Kumar Kalhans 3 Jul 2021 · 1 min read जहां इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों। जहां फूलों की शक्लों में कभी काटें न उगते हों। जहां रिश्तों के आईने न पल भर में चटकते हों। ऐ मेरे दिल कहीं पर हो अगर ऐसी जगह तो... Hindi · मुक्तक 3 1 467 Share Kumar Kalhans 19 Jul 2021 · 7 min read घोसडी वाले। "घोसडी वाले" शुभम काफी देर से चैट कर रहा था। चैट करते करते उसकी उंगलियां और आंख दोनों थक गए तो उसने सेलफोन को किनारे रख दिया और कमरे को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 317 Share Kumar Kalhans 24 Jul 2021 · 1 min read तुम्हारे साथ की गई चैट। मैंने तुम्हारे साथ की हुई चैट का एक एक शब्द, ओस की बूंदों की तरह संभाल कर रखा है, उन्हें विस्मृतियों के सूरज की तपन से बचा कर रखा है,... Hindi · मुक्तक 3 314 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2021 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 409 Share Kumar Kalhans 1 Aug 2021 · 1 min read ज़हर देकर जो मुस्काए उसे सरकार कहते हैं। ज़हर पीकर जो मुस्काये उसे फनकार कहते है। ज़हर देकर जो मुस्काये उसे सरकार कहते हैं। ---- हमें सुनना है ग़र जो वह कहे तो वह सयाना है। वगरना सूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 8 401 Share Kumar Kalhans 4 Nov 2022 · 1 min read नेता जी का जूता। नेताजी हैरान थे, जूता बदलते बदलते , परेशान थे, किसी भी कंपनी का , कैसा भी जूता , मंगाया जाता था, नेता जी का पैर, जरूर घायल हो जाता था,... Hindi · हास्य-व्यंग्य 3 4 109 Share Kumar Kalhans 28 Jun 2021 · 1 min read मां और पिता के आंसू। मां और पिता के आंसू, क्या सयाने हो चुके बच्चों में, उतनी मार्मिकता उगा पाते हैं, जितना वे , माता पिता का ह्रदय गलाकर बाहर आते हैं, उत्तर पाने के... Hindi · कविता 2 355 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 1 min read पानी की तरह बनना सीखो। पानी की तरह बनना सीखो। जैसा निसर्ग देता अवसर वैसा व्यवहार यह करता है, जैसी स्थितियों से मिलता अनुरुप उन्हीं के रहता है, अन्यायी पर जल प्रलय बनो जब प्रेम... Hindi · गीत 2 225 Share Kumar Kalhans 20 Jul 2021 · 1 min read राजनेता। "राजनेता" यह एक उपाधि नहीं बल्कि उपाधियों का पिटारा है। मसलन जननेता , जाति नेता, प्रदेश नेता, देश नेता, धन नेता, पशु नेता, चोर नेता, शाह नेता , सुलह नेता... Hindi · तेवरी 2 479 Share Kumar Kalhans 30 Jul 2021 · 1 min read इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को। ज़ुर्म में शिरकत किया तो उम्र भर ढोना पड़ा। खून से अपने ही अपनी रूह को धोना पड़ा। -– तख़्त ताजों की हवस में बन गए शैतान हो। और क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 206 Share Kumar Kalhans 26 Aug 2022 · 1 min read सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। मतला: सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। लेकिन उनमें लोग अकेले देखे हैं। ** गर्द उड़ाती भीड़ के रेले देखे हैं। सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। **... Hindi · ग़ज़ल 2 1 217 Share Kumar Kalhans 6 Sep 2022 · 1 min read सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। बहुत नुकसान है उतने में गर मुस्कां नहीं सकते। सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। ** बहल जाते थे बहलाने से हम तुम दौर दूजा... Hindi · ग़ज़ल 2 1 129 Share Kumar Kalhans 4 Oct 2022 · 1 min read हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। लाशों को नोंचते हैं वो बदकार आ गए। ***** सीरत है गिरगिटों की वे करते हुंआ हुंआ। खुद को समझते शेर वे सियार... Hindi · ग़ज़ल 2 2 79 Share Kumar Kalhans 9 Nov 2022 · 1 min read मुझको मुस्काने का हक है। मुझको मुस्काने का हक है। मैं फूल बन चुका हूं पहले मेरे सपने छूकर देखो। मुझमें पराग उत्पन्न हुआ मेरे अपने होकर देखो। मैं मानव हूँ इतने से ही मुझको... Hindi · गीत 2 2 61 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। पेड़ जलते हुए नदियों को है प्यासा देखा। .... जान आती नहीं कितने भी शानदार बनें। बुत बनाएं हैं पत्थरों को तराशा... Hindi · ग़ज़ल 2 2 141 Share Kumar Kalhans 13 Jul 2021 · 1 min read वो इक पूजनीय हैं। उनका बहुत है नाम वो इक पूजनीय हैं। उनको करो प्रणाम वो इक पूजनीय हैं। ***** उनका जो जपो नाम हर बाधाएं दूर हों। करवाएंगे सब काम वो इक पूजनीय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2022 · 1 min read किसी की आंख का आंसू। किसी की आंख का आंसू किसी की आंख में देखा। तड़पती कामनाओ को सुलगती राख में देखा। किसे झर जाना कहते हैं किसे मिट जाना कहते हैं। बिखरती कलियों को... Hindi · मुक्तक 1 155 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2022 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 271 Share Kumar Kalhans 23 Sep 2022 · 1 min read महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। सारी ही गलतियां मेरी तुमको पता नहीं। महबूब मेरा करता है कोई खता नहीं। ** मसरूफ़ सभी लोग घरों के हैं इस तरह। अब कोई आए जाए किसी को पता... Hindi 1 2 138 Share Kumar Kalhans 27 Sep 2022 · 1 min read आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। मतला। आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। निकले बहुत बाकी हैं पर अरमान कसम से। ** जीना नहीं अब रह गया आसान कसम से। इंसानियत से दूर है... Hindi · ग़ज़ल 1 115 Share Kumar Kalhans 28 Sep 2022 · 1 min read कोई शौक नहीं मेरी ज़रूरत है शायरी। रौशन करे उस नूर की सूरत है शायरी। कोई शौक नहीं मेरी जरुरत है शायरी। .................... ये साथ न देती तो उनमें डूब ही जाता। ज़ज़्बात बह निकलने की सूरत... Hindi · ग़ज़ल 1 2 191 Share Kumar Kalhans 8 Oct 2022 · 1 min read जैसी भी वैसी ही बनी रहना। क्या लिखूं , कैसे लिखूं, शब्द कहते हैं, हममें सामर्थ्य नहीं, उपमाएं कहती हैं, हम में उपयुक्तता नहीं, धरती कहती है , मुझमें इतना धैर्य नहीं, हवाएं कहती हैं, हममे... Hindi · कविता 1 2 108 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read बेरुखी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। बेरुख़ी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। अब मेरे दिल में न दरिया है न कोई प्यास है। *** किसपे रख दूँ उंगली अपनी दोस्त दुश्मन कौन है। तेरी... Hindi · ग़ज़ल 1 2 136 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · गीतिका 1 1 153 Share Kumar Kalhans 28 Nov 2022 · 4 min read दो दोस्त। दो दोस्त और शराब। लॉक डाउन में सबको समस्या हुई थी सो हमको भी हुई। हम दोनों दोस्तों ने अपने परिवारों को गांव में भेज दिया ताकि वे वँहा सुरक्षित... Hindi · कहानी 1 118 Share Kumar Kalhans 19 Jan 2023 · 1 min read किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। किसी ने पूजा मुझे अपना मुकद्दर समझा। मुझे परवाह नहीं तुमने जो पत्थर समझा। ** अलहदा नजरें हैं सबका अलग नजरिया है। किसी ने बूंद को ही पूरा समंदर समझा।... Hindi · गजल 1 2 234 Share Kumar Kalhans 19 Apr 2023 · 3 min read अंगवस्त्र एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... Hindi · कहानी 1 193 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read नदी आप नदी को चाहे जितना सिकोड़ सकते हैं, मन भर निचोड़ सकते हैं, क्योंकि नदी अपने प्रेमी के बल से बल पाती है, उसी के बरसते स्नेह के बल पर... Hindi 1 218 Share Kumar Kalhans 6 Aug 2023 · 1 min read घन घटाओं के जैसा कोई मीत हो। घन घटाओं के जैसा कोई मीत हो। तेज चलने लगे धूप की आरियां, सूखने जब लगे चैन की क्यारियां, सब्र की जब जमा पूंजी घटने लगे, जब लगे कम सभी... Hindi · कविता 1 96 Share Kumar Kalhans 17 Jan 2024 · 1 min read बस यूं ही कुछ हो गया था। बस यूंही कुछ हो गया था। वह मिले मैं खो गया था। नींद सदियों से रुकी थी। गोद पाई सो गया था। मैं समझ लूं तो बताऊं। क्या से क्या... Hindi · ग़ज़ल 1 115 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। पर खुद को ही गांठ बनाए बैठे हो। कैसे आगे बढ़कर तुमसे गले मिलें। हाथों में हथियार उठाए बैठे हो। गुल कैसे खिल पाएं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 13 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती। पुर शाम की तन्हाईयाँ जीने नहीं देती। उस पर ये सितम वह मुझे पीने नहीं देती। मैं जानता हूँ जख़्म सब नासूर बनेगें। पर लरज़ती यादें इन्हें सीने नहीं देती।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 15 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूँगा आज़ाद हो जाउंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाउँगा ये सच है। ज़माना आएगा समझाएगा देगा तसल्ली पर। मैं तन्हाई में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 14 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कैसे परहेजगार होते हैं। कैसे परहेज़गार होते हैं। हम तो पीकर बीमार होते हैं। **** कौन उनके गुनाह गिनवाए। पाक सब पहरेदार होते हैं। **** जिस्म-ए-मुद्दा एक हो लेकिन। उसके चेहरे हज़ार होते हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 13 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए। कर्ज़ जिसका है वही ढोये उठाये। देवकी के अश्रु से गोकुल क्यों भीगे, क्यों यशोदा की व्यथा हो देवकी की, गोपियों के प्रेम को मथुरा क्यों समझे, जान क्यों पाए... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 15 Share Previous Page 2 Next