Kumar Kalhans Tag: ग़ज़ल 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read बन गई हो एक नगमा। बन गईं हो एक नगमा गुनगुनाता है कोई। अपनी ख़ामोशी में भी तुझको बुलाता है कोई। तुम जहां पर पांव रखती हो वहाँ की धूल को। अपने हाथों से उठा... Hindi · ग़ज़ल 89 Share Kumar Kalhans 30 Jun 2024 · 1 min read वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं। वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं। वक्त भर देगा हर एक घाव जरूरी तो नहीं। तमाम उम्र तपिश में ही गुजर सकती है। बुझेगा वक्त का अलाव जरूरी... Hindi · ग़ज़ल 57 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कैसे परहेजगार होते हैं। कैसे परहेज़गार होते हैं। हम तो पीकर बीमार होते हैं। **** कौन उनके गुनाह गिनवाए। पाक सब पहरेदार होते हैं। **** जिस्म-ए-मुद्दा एक हो लेकिन। उसके चेहरे हज़ार होते हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 76 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूँगा आज़ाद हो जाउंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाउँगा ये सच है। ज़माना आएगा समझाएगा देगा तसल्ली पर। मैं तन्हाई में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 42 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती। पुर शाम की तन्हाईयाँ जीने नहीं देती। उस पर ये सितम वह मुझे पीने नहीं देती। मैं जानता हूँ जख़्म सब नासूर बनेगें। पर लरज़ती यादें इन्हें सीने नहीं देती।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 51 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। पर खुद को ही गांठ बनाए बैठे हो। कैसे आगे बढ़कर तुमसे गले मिलें। हाथों में हथियार उठाए बैठे हो। गुल कैसे खिल पाएं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 40 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 35 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read गर तू गैरों का मुंह ताकेगा। अपनी ताकत भूल के गर तू गैरों का मुंह ताकेगा। इस दर से उस दर तक पूरी उम्र तू पतरी चाटेगा। ***** कई पीढियां गुजर चुकी हैं लापरवाही झेल रहा।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 31 Share Kumar Kalhans 27 Apr 2024 · 1 min read कैसे एतबार करें। एक ही गलती बार बार करें। कैसे हम तुझपे एतबार करें। .. लुत्फ इसमें भी खूब आता है। मुसलसल तेरा इंतजार करें। .. चाशनी बन लिपट के वार करें। एक... Hindi · ग़ज़ल 37 Share Kumar Kalhans 16 Apr 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Hindi · ग़ज़ल 54 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2024 · 1 min read छिप न पाती तेरी ऐयारी है। छिप न पाती तेरी ऐयारी है। मुझको भाती ये अदाकारी है। आपके बिन भी जिंदगी हमने। आपके साथ ही गुज़ारी है। मेरी नजरों में जो खुमारी है। तेरी नजरों का... Hindi · ग़ज़ल 85 Share Kumar Kalhans 20 Jan 2024 · 1 min read हवस का सूरज। हवस का सूरज जला देगा तेरे परवाज़ को। अंजाम में तब्दील कर देगा तेरे आगाज़ को। ***** क्यों ज़िबह करते नहीं हो नफरतों के मामले। क्यों लिए बैठे हो दिल... Hindi · ग़ज़ल 88 Share Kumar Kalhans 17 Jan 2024 · 1 min read बस यूं ही कुछ हो गया था। बस यूंही कुछ हो गया था। वह मिले मैं खो गया था। नींद सदियों से रुकी थी। गोद पाई सो गया था। मैं समझ लूं तो बताऊं। क्या से क्या... Hindi · ग़ज़ल 1 198 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read कलम ठहर न जाए देखो। कलम ठहर न पाए देखो। स्याही सूख न जाए देखो। ..... दो पैरों पर चलने वाले। कितने हैं चौपाये देखो। ..... इक दूजे के पागलपन से। दोनों ही पगलाए देखो।... Hindi · ग़ज़ल 117 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे। जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी नज़र को समझोगे। तुम मेरी नज़र से बाहर रह क्या मेरे दहर को समझोगे। ..... हंसते चेहरों की चांदी में रोते चेहरों की... Hindi · ग़ज़ल 186 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read जोर जवानी चुटकी में। जोर जवानी चुटकी में। खतम कहानी चुटकी में। .. अमर बेल सी लगती जो। दुनियां फानी चुटकी में। .. कंकर पत्थर बनते हैं। राजा रानी चुटकी में .. ऊंचा खड़ा... Hindi · ग़ज़ल 81 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read राह चलने से ही कटती है चला करते हैं। राह चलने से ही कटती है चला करते हैं। बेख़बर हैं वही दूरी का गिला करते हैं। ***** इनके ऊपर नहीं मौसम की हुकूमत चलती। ख़्वाब वो फूल हैं हर... Hindi · ग़ज़ल 63 Share Kumar Kalhans 15 May 2023 · 1 min read बेहयाई हया का नया नाम है। बेहयाई हया का नया नाम है। मामला अब यहां सब सरेआम है। खूब जोड़ी हमारी बड़ा नाम है। मैं भी बदनाम हूं वह भी बदनाम है। बेवफा ने दिया मुझको... Hindi · ग़ज़ल 324 Share Kumar Kalhans 3 Mar 2023 · 1 min read मान लें। मान लें गुस्ताखियां तो पाक हो जाते हैं लोग। रौशनी पहलू में ले शफ़्फ़ाक हो जाते हैं लोग। ***** कई सदियाँ लगती हैं नज़रों में आने के लिये। एक लम्हे... Hindi · ग़ज़ल 192 Share Kumar Kalhans 14 Jan 2023 · 1 min read तेरी गुस्ताख निगाहों में हया देखी है। तेरी गुस्ताख़ निगाहों में हया देखी है तेरी बेलौस अदाओं में वफ़ा देखी है ------ बात मेहर की करूँ लफ्ज़ नहीं आएँगे तेरी ज़ुल्मत में भी जब हमने शिफा देखी... Hindi · ग़ज़ल 199 Share Kumar Kalhans 13 Jan 2023 · 1 min read कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिए। कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिये। इंसान की सदियों से जीने की तैयारी देखिये। ***** इतने पैगम्बर जहाँ में आय लेकिन क्या हुआ। हो रही है पर बशर की आंख... Hindi · ग़ज़ल 102 Share Kumar Kalhans 14 Nov 2022 · 1 min read खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। खूब इस दुनियां में हमने है तमाशा देखा। पेड़ जलते हुए नदियों को है प्यासा देखा। .... जान आती नहीं कितने भी शानदार बनें। बुत बनाएं हैं पत्थरों को तराशा... Hindi · ग़ज़ल 2 2 163 Share Kumar Kalhans 13 Nov 2022 · 1 min read तासीर है मेरी अच्छा भी हूं बुरा हूं। तासीर है ये मेरी अच्छा भी हूँ बुरा हूँ। ये मैंने कब कहा है मैं आपसे खरा हूँ। क्यों जाने लोग फिर भी रखते है साथ अपने। जबकि है राय... Hindi · ग़ज़ल 110 Share Kumar Kalhans 30 Oct 2022 · 1 min read बेरुखी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। बेरुख़ी के पल टहलते जर्द हर अहसास है। अब मेरे दिल में न दरिया है न कोई प्यास है। *** किसपे रख दूँ उंगली अपनी दोस्त दुश्मन कौन है। तेरी... Hindi · ग़ज़ल 1 2 166 Share Kumar Kalhans 4 Oct 2022 · 1 min read हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। हो जाओ होशियार फिर मक्कार आ गए। लाशों को नोंचते हैं वो बदकार आ गए। ***** सीरत है गिरगिटों की वे करते हुंआ हुंआ। खुद को समझते शेर वे सियार... Hindi · ग़ज़ल 2 2 105 Share Kumar Kalhans 28 Sep 2022 · 1 min read कोई शौक नहीं मेरी ज़रूरत है शायरी। रौशन करे उस नूर की सूरत है शायरी। कोई शौक नहीं मेरी जरुरत है शायरी। .................... ये साथ न देती तो उनमें डूब ही जाता। ज़ज़्बात बह निकलने की सूरत... Hindi · ग़ज़ल 1 2 263 Share Kumar Kalhans 27 Sep 2022 · 1 min read आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। मतला। आकर नहीं जाते हैं ये मेहमान कसम से। निकले बहुत बाकी हैं पर अरमान कसम से। ** जीना नहीं अब रह गया आसान कसम से। इंसानियत से दूर है... Hindi · ग़ज़ल 1 140 Share Kumar Kalhans 6 Sep 2022 · 1 min read सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। बहुत नुकसान है उतने में गर मुस्कां नहीं सकते। सुंकू वह चीज है हर पल जिसे हम पा नहीं सकते। ** बहल जाते थे बहलाने से हम तुम दौर दूजा... Hindi · ग़ज़ल 2 1 170 Share Kumar Kalhans 26 Aug 2022 · 1 min read सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। मतला: सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। लेकिन उनमें लोग अकेले देखे हैं। ** गर्द उड़ाती भीड़ के रेले देखे हैं। सच कहता हूं मैंने मेले देखे हैं। **... Hindi · ग़ज़ल 2 1 269 Share