Johnny Ahmed 'क़ैस' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Johnny Ahmed 'क़ैस' 10 May 2022 · 1 min read दिल हमारा टूटने पर क्या किसी को ग़म हुआ दिल हमारा टूटने पर क्या किसी को ग़म हुआ कौन रोया साथ अपने कौन कब मरहम हुआ। हम बिना सुर-ताल ही हर राग को गाते रहे रूह ने जब तार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 466 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Apr 2022 · 1 min read हमें जिनसे मोहब्बत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है हमें जिनसे मोहब्बत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है बड़ी जिसकी ज़रूरत है वही हमसे खफ़ा क्यूँ है हमें तो बात भी करनी नहीं आती किसी से पर करे जिनसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 218 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2022 · 1 min read गर किसी मोड़ पर हम कभी फिर मिले गर किसी मोड़ पर हम कभी फिर मिले देख कर हम खुशी से गले फिर मिले बैठ कर फिर बहुत देर तक यूँ रहे जिस तरह से सफ़र में मुसाफ़िर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 166 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Apr 2022 · 1 min read तिरी बारहा याद आए मुझे तिरी बारहा याद आए मुझे तिरी याद हर पल सताए मुझे। हमेशा तिरी बात करते हुए पुराना ज़माना रुलाए मुझे। सभी को पता है मिरे हाल का ज़रा कोई अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 156 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Mar 2022 · 1 min read उसे आज हम से मोहब्बत नहीं है उसे आज हम से मोहब्बत नहीं है उसे आज अपनी ज़रूरत नहीं है। यकीं सब हमारे बिखरने लगे है मगर मेरे होंठों पे तोहमत नहीं है मुझे ग़म भी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 172 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 30 Jan 2022 · 1 min read कितना बदल गया हूँ मैं कहते हैं लोग सब कितना बदल गया हूँ मैं कहते हैं लोग सब कितनों ने मुझे बदला मतलब बिना मतलब। पैरों के महंगे जूतें दिखते हैं अब सभी को थे नंगें मेरे पाँव जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 530 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 20 Jan 2022 · 1 min read दुनियावाली जिसको अपनी दुनिया समझा वो तो दुनियावाली निकली। उसका हर एक वादा झूठा उसकी बातें जाली निकली। चेहरा उसका चाँद से गौरा नज़रें लेकिन काली निकली। उसका मेरे दिल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Nov 2021 · 1 min read गुमान सर पे जब भी किसीके बड़ी पगड़ियाँ दिखी ज़माने को उनकी ख़ामियों में खूबियाँ दिखी l फ़लक-बोस इमारतों के शहर से जब गुज़रा हर गली के मोड़ पर टूटी हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 514 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Jul 2021 · 1 min read महसूस किया करना मेरे आग़ोश की गर्मी को महसूस किया करना तुम मेरी तरफ़ से अपने होंठ चूम लिया करना। हवा के झोंकों पे मैं हाल-ए-दिल लिखूँगा तुम्हें तुम अपनी साँसों से मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 395 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 May 2021 · 1 min read हर रात की बेचैनी हर रात की बेचैनी हमने अकेले जीनी। तुमने रिश्ता तोड़के हमसे साँसे छीनी। और ना आँसू पीने हमने ज़हर है पीनी। उफ़ ज़हर है कड़वा ज़रा डाल दो चीनी। इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 528 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 May 2021 · 1 min read ग़म बढ़ जाता है पेड़ भला कब अपना फल खा पाता है भेड़ भला कभी ऊनी मफ़लर लगाता है। बच्चों जैसी हरकते करता है वो इंसान झगड़ा होने पर जो एहसान गिनाता है। ख़ुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 366 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 May 2021 · 1 min read बद्दुआ तू जब भी बगीचों में गुल निहारने लगे तुझको हर मर्तबा नुकीले काँटे ही चुभे। कभी अगर जो लगाए फलों के पौधे तू वहाँ पे फल नहीं सिर्फ़ कैक्टस ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 490 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Mar 2021 · 1 min read कौन करेगा पुरानी बीमारियों की नई दवा कौन करेगा गर माँ ना हो तो बोलो दुआ कौन करेगा बच्चे तो हर एक मर्तबा ज़िद करते रहेंगे वालिद ना अगर हो तो मना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 402 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 29 Dec 2020 · 1 min read हुक्मनामा हुक्मनामे पर आया है हुक्म मुस्कुराने का कोई पूछे हाल तो सब है भला बताने का। हुक्म है बच्चों को नया इतिहास पढ़ाने का हुक्म है हुक़ूमत के सामने सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 340 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Sep 2020 · 1 min read कभी वो दुआ तो कभी दवा दे गया कभी वो दुआ तो कभी दवा दे गया घुटन की हालत में मुझे हवा दे गया। दुश्मनों की भीड़ ने जब भी घेरा मुझे हिफ़ाज़त का एक नया रास्तां दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 485 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Sep 2020 · 1 min read ख़ुशी भी ढूँढू तो ख़ुशी भी ढूँढू तो बस दर्द का सामान मिले मुझे जो लोग मिले मुझसे परेशान मिले मैं अपने शहर का मुआइना जब करने लगा मुझे तो हर जगह सोते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 566 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Sep 2020 · 1 min read नया वादा नया वादा आख़िर कैसे नए वादों पर ए'तिबार किया जाए पुरानी साज़िशों को कैसे दरकिनार किया जाए। क़ातिल क़त्ल की ताक़ में ज़मानों से सोया नहीं आख़िर सोए हुओं को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 462 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 1 Sep 2020 · 1 min read साफ़ साफ़ लिखा था सफ़्हे के हर सफ़ में साफ़ साफ़ लिखा था वो ना-तमाम किस्सा साफ़ साफ़ लिखा था। भले उल्फ़त में हमें बदनामी के दाग धब्बे मिले हमने नाम तुम्हारा पाक साफ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 435 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Aug 2020 · 1 min read ये कुत्ते हमारी कहानी हैं कहते ये आवारा बीमार राहों के कुत्ते आपस में लड़ते झगड़ते ये कुत्ते एक हड्डी की ख़ातिर हो पागल ये कुत्ते कहीं भी उठाले जो एक टांग कुत्ते ये कुत्ते हमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 486 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Aug 2020 · 1 min read वो ग़ज़ल सबके सामने कभी गाता नहीं हूँ वो ग़ज़ल सबके सामने कभी गाता नहीं हूँ जो सुनाई थी तुम्हें सबको सुनाता नहीं हूँ। दरिया के ठीक किनारे पे बना है मेरा घर मगर मैं तेरे ख़त उसमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 392 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 3 Aug 2020 · 1 min read भूल जाता हूँ फ़िक्र-ए-फ़र्दा में लुत्फ़-ए-आज भूल जाता हूँ ख़स्ता-हाली में अपना मिज़ाज भूल जाता हूँ। यूँ तो तबीब मुझसे बेहतर कोई नहीं ज़माने में बस एक अपनी अना का इलाज भूल जाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 10 346 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Jul 2020 · 1 min read चलते-चलते आख़िर चलते-चलते आख़िर ठहर जाना पड़ता है बहुत जी लेने के बाद मर जाना पड़ता है। जो बिला वजह भटक रहे हैं कह दो उनसे रात होने से पहले हमें घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 6 290 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Jun 2020 · 1 min read कितना आसान है कितना आसान है दुनिया में दिखावा करना किसी की ख़ुदकुशी पे कोई भी दावा करना। जब तलक़ ज़िन्दा थे न था कोई रिश्ता उनसे सबको यहाँ आता हैं मातम पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 428 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 13 Jun 2020 · 1 min read उससे चाहत की चाह रखी तो उससे चाहत की चाह रखी तो आह मिली हमें दोबारा फिर इश्क़ न करना ये सलाह मिली हमें। हमने ख़ुशी की चौखट पर रात भर अश्क़ बहाए सुबह हुई तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 573 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 May 2020 · 1 min read पास से वो गुज़र गए पास से वो गुज़र गए देखकर हम बिखर गए हम रोते रह गए राह में वो हँसते हँसते घर गए। इस बात से गमगीन हुए छोड़कर वो किधर गए। हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 267 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 May 2020 · 1 min read बेहद अज़ीब उसका हर ख़याल था बे-हद अजीब उसका हर ख़याल था उसके हर जवाब में एक सवाल था। बड़ी देर तक वो साँस रोक लेता था घुटन से उसका मर जाना कमाल था। सूरज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 278 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read पतझड़ भरी दोपहर में मुझ पर अँधेरा छा गया जैसे मौसम-ए-बहार में ही पतझड़ आ गया जैसे। ज़िन्दग़ी की शाख़ पर दो पत्ते थे बाकी एक बे-रहम झोंका शाख़ हिला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 501 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read ऐसा क्या हुआ ऐसा क्या हुआ कि आख़िर दुनिया इतनी बदल गई अच्छाईयाँ हारी बुरी तरह बुराईयाँ आगे निकल गई। झूठ के फ़लक़-बोस इमारतों में हर कोई रहने लगा देखो मकाँ-ए-सच को वक़्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 419 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी एहतियात से हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे हम पर किसी की उधारी है ज़िन्दगी। बारहा क़िस्मत ने ऐसे सवाल हम पर दागे खिलती धुप में जैसे बर्फ़-बारी है ज़िन्दगी। कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 431 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read सनोबर के तले सनोबर के तले बैठा मुसाफ़िर सोचता रहता था सफ़र की दूरी कम न हो दुआएँ माँगता रहता था। रतजगी उसकी आँखों की नींदे नींद माँगती थी दिन को भी लेकिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 245 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read तुम मेरे ख़्वाबों में न और अब से आया करो तुम मेरे ख़्वाबों में न और अब से आया करो अपनी रातों को अपने महल में बिताया करो। मेरे कमरे की छत से आसमान दिखता है मेरे बदहाल घर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 303 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read हम न कह पाए बात इतनी सी थी पर बात हम न कह पाए उससे मिलने को मुलाक़ात हम न कह पाए। खुदकों इतना था भिगोया अश्क़ों से हमने तेज़ बारिश को भी बरसात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 614 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read तू तिलिस्म गहरा रुख़ तेरा मह-पारा मैं लापता बंजारा तू तिलिस्म गहरा मैं अभिमन्यु बेचारा मोम से दो हाथ मेरे जिस्म तेरा अंगारा एक बार देख लूं तुझे ख़ुशी से मरूं आवारा देखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 463 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read इन्सान सरल सी बात को इतना कठिन तुम क्यों बनाते हो किसी मुफ़लिस को डाट में अंग्रेज़ी क्यों सुनाते हो। तुम्हारी है ज़मीं और ये आसमाँ भी तुम्हारा है हमें मालूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 500 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read एक सूखा सहरा है अब वहाँ एक सूखा सहरा है अब वहाँ एक घना दश्त था कभी जहाँ। क्यों हो गया बंजर ये शहर और खो गई हर छत-ए-मकाँ। अब छोड़कर ये मुर्दार ज़मीं हम जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 253 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read कमज़ोरियाँ भरी दोपहर में मुझ पर अँधेरा छा गया जैसे मौसम-ए-बहार में ही पतझड़ आ गया जैसे। ज़िन्दग़ी की शाख़ पर दो पत्ते थे बाकी एक बे-रहम झोंका शाख़ हिला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 376 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read हो जाए बदनाम चलो ऐसा काम करते हैं हो जाए बदनाम चलो ऐसा काम करते है उसूलों को बेचकर खुदकों नीलाम करते है। ख़बर झूठी हो मगर सबको बड़ी सच्ची लगे चलो अफ़वाह फ़ैलाने का इंतिज़ाम करते है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 519 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read याद नहीं आता शायद उनको अब अपना ठिकाना याद नहीं आता वो तमाम पँछी जिन्हें चहचहाना याद नहीं आता। किससे उम्मीद-ए-वफ़ा तूने लगा रखी है मेरे दोस्त जिसे महफ़िल में भी छाती छुपाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 304 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read मैं हक़ीक़त में था उसके मैं हक़ीक़त में था उसके या था उसके ख़्वाब में आग़ाज़ से ही कमज़ोर था मैं दिल के हिसाब में। यूँ तो हर बात में उसकी कोई एक बात होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read हम न कह पाए हम न कह पाए बात इतनी सी थी पर बात हम न कह पाए उससे मिलने को मुलाक़ात हम न कह पाए। खुदकों इतना था भिगोया अश्क़ों से हमने तेज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 236 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read उजाले की हिमायत में बरसों से उजाले की हिमायत में खड़े हैं मेरे सारे बुज़ुर्ग मेरी हिदायत में खड़े हैं। मैं जब तलक़ चुप था सब को सुकूँ था ज़ुबान खोली सब शिकायत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 438 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read आज भी आज भी बट्वे में तेरी एक तस्वीर है तू नहीं सचमें मेरे संग ये मेरी ताज़ीर है राह-ए-उन्स की हर सम्त पहचानता था हिज़्र का असर देखो हम खोए रहगीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 410 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read पास से वो गुज़र गए पास से वो गुज़र गए देखकर हम बिखर गए हम रोते रह गए राह में वो हँसते हँसते घर गए। इस बात से गमगीन हुए छोड़कर वो किधर गए हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 442 Share