Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 83 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 15 Nov 2024 · 1 min read !! जगमंत्र !! अक्सर गलती से कही ज्यादा गलतफहमी करती है नुकसान। गलती बंद करती बस खिड़की गलतफहमी करती सारा मकान। अक्सर बोल से ज्यादा यहां विचार कर देते हैं बड़ा घाॅव। कोई... Hindi · कविता 19 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 3 Nov 2024 · 1 min read प्रदूषण रुपी खर-दूषण वो गंदगी का साथ निभाता चला गया हर फिक्र को धुएं में उडा़ता चला गया वो गंदगी का साथ निभाता चला गया... बर्बादीयों का शोर मचाना फिजूल था वो प्रदूषण... Hindi · कविता 26 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 26 Oct 2024 · 2 min read लिखना चाहता हूं... जो बस ठहर सी गई हो चेहरे पर और रह गई हो आवाज से तन्हा उन ऑखों में पढ़ी जा सकती हो जहां पर छिपा हो एक संदेश नन्हा मैं... Hindi · कविता 1 25 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 22 Oct 2024 · 2 min read राहत भरी चाहत ना आसमानों को छूने की हसरत। ना ही तारे तोड़ लाने की चाहत।। खिसकती जमीन पर खड़ा रहना। आज की ये ही सबसे बड़ी राहत।। कई बार चाहा नदी बन... Hindi · कविता 21 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 2 Oct 2024 · 1 min read गॉधी शरणम् गच्छामि जब हिसां से जनमानस, कॉप-सिहर हैं जाता। हल गॉधी सिद्धांत अहिसां ही नजर है आता।। जब कही मलिन,दूषित,गन्दा हर मंजर हैं आता। हल गॉधीजी का ही स्वच्छता शुभंकर है आता।।... Hindi · कविता 35 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 29 Sep 2024 · 2 min read !! पर्यावरणीय पहल !! जले जंगल गले ग्लेशियर हिम के पर्वत पिघले। निर्जल नदियां तपते ताल सिंधु सागर भी हैं उबले।। कही आंधी-तूफान तो कहीं फट रहें हैं बादल। नदी-नाले बन रही सड़कें शहर... Hindi · कविता 48 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 15 Sep 2024 · 2 min read ! विकसित भारत !! बात कहूंगा कांटे की करना इस पर गौर है। वो वक्त कुछ और था ये वक्त कुछ और है।। कभी पूंजी,समर्थन-साझेदारी को मोहताज। मांगते रहते थें अस्त्र-शस्त्र,तकनीक अनाज।। आज नई... Hindi · कविता 57 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 14 Sep 2024 · 1 min read प्रिय हिंदी प्रिय तुम कभी ना पास होती कभी ना ये मन की बात होती! यदि कभी कह भी देता पर वो बात बिना बिसात होती!! भर देता भाव भाषा में जब... Hindi · कविता 54 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 19 Aug 2024 · 1 min read रक्षाबंधन का बंधन राखी है त्योहार अनोखा भाई-बहन का। स्नेह का प्रेम का और रक्षा के बंधन का।। एक रेशमी डोर रिश्तों के विश्वास की। ये एक अटूट बंधन रक्षा के आस की।।... Hindi · कविता 56 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 15 Aug 2024 · 2 min read !! स्वर्णिम भारत !! वे कोहिनूर ले गए तख्ते ताऊस ले गए। सजे-धजे सिंहासन झूमर-फानूस ले गए।। हजारों मूर्तियों के संग वे नटराज ले गए। सोना-चांदी मोती पन्ना पुखराज ले गए।। वे हीरे-जवाहरात मणि-माणिक्य... Hindi · कविता 79 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 14 Jul 2024 · 1 min read सफरसाज जिंदगी के इस सफर में न तो मंजिल का है पता। मुकाम क्या है ये सफर का ना ही जिंदगी देती है बता।। हालात तो मिलते ही हैं पर मिलते... Hindi · कविता 109 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 6 Jul 2024 · 1 min read !! आराम से राम तक !! जब भी मुसीबतें पैरों में मारती ठोकरें मैं मुसीबतों को ही ठोकर मारता चला गया। जब भी ऑधी-तूफानों ने उड़ाना चाहा मैं भगौड़ी हस्ती की हंसी उड़ाता चला गया। जब... Hindi · कविता 1 77 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read नववर्ष नैवेद्यम कुंज-कली-कपोल किसलय कलरव। नव पुष्प नव पराग नव पीयूष पल्लव।। नव वन-उपवन वाटिका नवआभा बसंत। नवनीत नव परिधान ये धरती धरे अनंत।। मधुमास मधुर-मनमयूर मचल मांगे मकरंद। पशु-पक्षी, पादप पाये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 96 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य खोजने जो चला मैं शास्त्रों में। सत्य जीतने की शक्ति ढूंढू शस्त्रों में।। कभी सत्य ढूंढ़ता ये मुख मुद्राओं में। कभी ढूंढ़ता द्रव्य,मणियों-मुद्राओं में।। कभी ढूंढ़ता हूं गुरुओं की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 60 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 2 min read ‘सच’ का सच वत्स- सच-सच बताओं ‘सच’ तुम सामने क्यों नही आते? ढूंढ़ते ही रह जाते तुम्हें पता नही तुम कहाँ छुप जाते। धरा-आकाश-पाताल ब्रह्मांड ढूँढ़ते पता नही तुम कहा समा जाते। पॉलीग्राफ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 52 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read नववर्ष सुस्वागतम् ‘जीवन’ के नव वर्ष यह सजे हैं स्वपनिल परिधानों से। करो सुस्वागत तुम इसका अपनी मधुर मुस्कानों से।। नई उम्मीदें, नई आशाएं भरे हैं नये अरमानों से। करो संकल्प सच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 56 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 3 min read नव निवेदन मंजिल ना सही कोई मुकाम तो दे दो… इन भागते पैरों को थोड़ा विराम तो दे दो… कभी भी कैसे भी एक अदद मदद नही गिनके तिनके बराबर का सहारा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 85 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read ! नारीशक्ति वंदन ! जब आधी है आबादी और पूरी है जिम्मेदारी फिर भी एक-तिहाई ही क्यों है ये भागीदारी ? महिला शक्ति भी सीमित सशक्तिकरण भी सीमित जब दायित्व है असीमित तब क्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 67 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read ! हिंदी दिवस ! जिसमें मिठास-माधुर्य का घुला रस है आज वही हिंदी का “हिंदी दिवस” है ! जिसने बोल, लिख-पढ़ आगे बढ़ाई है वो हिंदी प्रेमियों, भाषियों को बधाई है ! घर-गॉव, देश-परदेश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 46 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read चंद्रयान-३ शाबाश बिक्रम ! शाबाश प्रज्ञान ! शाबाश वैज्ञानिक शाबाश विज्ञान ! शाबाश ही इसरो शाबाश चंद्रयान ! शाबाश शाबाश भारत देश महान ! चाँद तुम पहले-दूसरे आसमान पर ! हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 78 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read घर-घर तिरंगा ऑगन से लेकर अंतरिक्ष तक आगाज से लेकर लक्ष तक ये प्यारा तिरंगा लहराना है घर-घर तिरंगा फहराना है धरती से लेकर मंगल तक खेलकूद से लेकर दंगल तक तिरंगा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 77 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 2 min read चन्द्रयान मिशन धरती मॉ :- बेटा चॉद! ऐसे क्यों तू रूठ गया दर पे तेरे सम्पर्क क्यों टूट गया । कवि तो कब के पहुंचे तेरे दर पर विज्ञान को भी आने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 63 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read फितरते फतह ये फितरत की कुदरत पर क्यों हजार परत है चढ़ती । ये भोली-भाली सूरत पर क्यों हजार सूरत है गढ़ती ।। ऐसे ही नही बदलती ये फितरत और ये सूरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 31 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 2 min read फितरती फलसफा जैसी दिखती है ये दुनिया….. दुनिया की फितरत तो नही ! दुनिया बहाए प्रेम दिलों में ऐसी उफनती नफरत तो नही ! लिखती कामयाबी सबकी इक तेरी ही हसरत तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 42 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read सवालिया जिंदगी मेरी मंजिल मुझे मुक्कमल पर जिंदगी तेरा मुकाम क्या है मेरा तो मर्ज इश्क-ए-हकीकी पर तेरा ये इश्किया जुकाम क्या है? इस गुमनाम सी जिंदगी में भूल चुका हूं कि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 37 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read कीचड़ से कंचन फैला कीचड़ सब तरफ एक-दूसरे पर ही उछालते रहे। जब सोच बन गई हो कीचड़ तब कौन किसको क्या कहे।। ये कीचड़ से भरे रास्ते पार तो करने ही थें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 76 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read परिणय प्रनय कभी क्षणिक अति अवसाद में सोचता था ये जीवन व्यर्थ मिला ! पर जब तुम आयी जीवन में ‘जीवन’ को एक नया अर्थ मिला !! इस थमे हुए जीवन पथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 32 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read सियाचिनी सैनिक दुनिया जहॉ मौत देखती हम वहॉ खेल लेते है ! बस तिरंगे की शान में हर मुश्किल झेल लेते हैं ! दुनिया की सबसे ऊंची ये सियाचिन की है चौकी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 42 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 2 min read चेहरे ही चेहरे चेहरे ही चेहरे चहकते हैं आसपास फिर भी ये दुनिया है क्यों हताश । चेहरा जो मुखौटा जैसा दिखता हो मुझे भी है एक ऐसे चेहरे की तलाश…. ये बदलते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 90 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 May 2024 · 1 min read बस मिट्टी ही मिट्टी इंसान और घड़ा दोनों एक से लगते माटी से बनते माटी में ही जा मिलते ! संवरते दोनों जब अंदर से सहारा पाये और थपकियाँ दे बाहर थोड़ा मारा जाये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 32 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 11 May 2024 · 1 min read रुकता समय जब जिंदगी से आगे समय पाता हूं। भागते समय साथ मैं भाग जाता हूं।। फिलहाल जब गांव अपने जाता हूं। ये समय वहीं पर ही रुका पाता हूं।। वही मिट्टी-गारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 47 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 11 May 2024 · 1 min read चलता समय समय? हां समय कभी रुकता नहीं। कही भी, कभी भी ये ठहरता नहीं।। 'थोड़ा रुको' समय कभी कहता नहीं। किसी के लिए भी खड़ा रहता नहीं।। चाहे सारी दुनिया में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 66 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 11 May 2024 · 1 min read तय हो, तय हो तय हो....तय हो... तय हो....तय हो... ये ओहदेदारों की जवाबदारी। सिपहसालारों की जिम्मेदारी।। ये कर्णधारों की नई तैयारी। ये अग्रदूतों की नई सवारी।। तय हो....तय हो... ये बाबूओं की कार्यप्रणाली।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 40 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 11 May 2024 · 1 min read आकाशवाणी: अंतरिक्षवाणी आदमी- हैलो एलियन कैसे हो? मैं...मैं...आदमी..जी हां दूर पृथ्वी से आया हूं मैं सबसे आगे निकल तुमसे पूछने आया हूं मैं तो ढूंढते थक गया तुम बता दो एलियन क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 44 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 10 May 2024 · 1 min read वीरों की बानगी प्राची में प्राचीर बना कर क्या रोक सकोगें रश्मि रथ को। कांटों की जंजीर बना कर क्या रोक सकोगें वीरों के पथ को।। ये कटार-तलवार चला कर उतार सकोगें पद्मावतीयों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 101 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 10 May 2024 · 1 min read कलम का कमाल अपनी खुशी लिखने में ना कि दरबारों में दिखने में। उठाई है कलम बांचने में ना कि बाजारों में बिकने में।। तूफानी इरादे चलने में ना कि थोड़ा भी रुकने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 46 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 10 May 2024 · 1 min read चुनावों का चाव मेरे चचा सयाने को भी चुनावों का बड़ा चाव है। जब बात हो वोटर की मूंछों को अपनी देते ताव है।। चचा सयाने ताकत जाने मत की जो ला सके... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 111 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 9 Apr 2024 · 1 min read !! नववर्ष नैवेद्यम !! कुंज-कली-कपोल किसलय कलरव नव पुष्प नव पराग नव पीयूष पल्लव! नव वन-उपवन वाटिका नवआभा बसंत नवनीत नव परिधान ये धरती धरे अनंत! मधुमास मधुर-मनमयूर मचल मांगे मकरंद पशु-पक्षी, पादप पाये... Hindi · कविता 2 52 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 8 Apr 2024 · 3 min read गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं गरीबी की सरल परिभाषा है किसी व्यक्ति के जीवनयापन के लिए मूलभूत आवश्यकताओं का अभाव होना। गरीबी के कारण व्यक्ति अभावग्रस्त रह कर समुचित विकास नहीं कर पाता है और... Hindi · लेख 147 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 19 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य खोजने जो चला मैं शास्त्रों में सत्य जीतने की शक्ति ढूंढू शस्त्रों में कभी सत्य ढूंढता ये मुखमुद्राओं में कभी ढूंढता द्रव्य मणि मुद्राओं में कभी ढूंढता हूं गुरु... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 99 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 18 Mar 2024 · 2 min read सच, सच-सच बताना 'सच' का सच वत्स- सच-सच बताओं 'सच' तुम सामने क्यों नही आते। ढूंढते ही रह जाते तुम्हें पता नही तुम कहाँ छुप जाते। धरा-आकाश-पाताल ब्रह्मांड ढूँढते पता नही तुम कहा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 82 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jan 2024 · 1 min read नववर्ष नवशुभकामनाएं 'जीवन' के नव वर्ष यह सजे हैं स्वपनिल परिधानों से। करो सुस्वागत तुम इसका अपनी मधुर मुस्कानों से।। नई उम्मीदें, नई आशाएं भरे हैं नये अरमानों से। करो संकल्प सच... Hindi · कविता 1 173 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 15 Dec 2023 · 3 min read नव-निवेदन मंजिल ना सही कोई मुकाम तो दे दो... इन भागते पैरों को थोड़ा विराम तो दे दो... कभी भी कैसे भी एक अदद मदद नही गिनके तिनके बराबर का सहारा... Hindi · कविता 2 237 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 21 Sep 2023 · 1 min read नारी शक्ति वंदन !! नारी शक्ति वंदन !! जब आधी है आबादी और पूरी है जिम्मेदारी फिर भी एक-तिहाई ही क्यों है ये भागीदारी ? महिला शक्ति भी सीमित सशक्तिकरण भी सीमित जब... Hindi · कविता 3 389 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 14 Sep 2023 · 1 min read हिंदी दिवस !! हिंदी दिवस !! जिसमें मिठास-माधुर्य का घुला रस है आज वही हिंदी का "हिंदी दिवस" है ! जिसने बोल, लिख-पढ़ आगे बढ़ाई है वो हिंदी प्रेमियों, भाषियों को बधाई... Hindi · कविता 2 3 160 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 12 Sep 2023 · 2 min read भारती-विश्व-भारती भारती-विश्व-भारती भारत- एक प्राचीन नाम, एक प्राचीन संस्कृति, एक प्राचीन देश, एक प्राचीन संदेश (भा=प्रकाश, ज्ञान में, रत=लगा हुआ)। आज भारत- पुन: एक अर्वाचीन नाम, नवअवतीर्ण देश, अभ्युदय वेश,अदम्य परिवेश,... Hindi · लेख 2 148 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 4 Sep 2023 · 4 min read सम्पूर्ण सनातन . सम्पूर्ण सनातन- सनातन का शाब्दिक अर्थ है सतत्, शाश्वत, सदैव, नित्य, चिरपर्यंत रहने वाला। जिसका न आदि हो न अंत। जो कभी समाप्त न हो वही सनातन। सनातन शब्द... Hindi · लेख 1 1 312 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 24 Aug 2023 · 1 min read शाबाश चंद्रयान-३ शाबाश बिक्रम ! शाबाश प्रज्ञान ! शाबाश वैज्ञानिक शाबाश विज्ञान ! शाबाश ही इसरो शाबाश चंद्रयान ! शाबाश शाबाश भारत देश महान ! चाँद तुम पहले-दूसरे आसमान पर ! हम... Hindi · कविता 464 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 15 Aug 2023 · 1 min read घर-घर तिरंगा ऑगन से लेकर अंतरिक्ष तक आगाज से लेकर लक्ष तक ये प्यारा तिरंगा लहराना है घर-घर तिरंगा फहराना है धरती से लेकर मंगल तक खेलकूद से लेकर दंगल तक तिरंगा... Hindi · कविता 227 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 16 Jul 2023 · 2 min read चंद्रयान-२ और ३ मिशन चन्द्रयान-२ ******* धरती मॉ :- बेटा चॉद! ऐसे क्यों तू रूठ गया दर पे तेरे सम्पर्क क्यों टूट गया । कवि तो कब के पहुंचे तेरे दर पर विज्ञान को... Hindi · कविता 1 295 Share Page 1 Next